दुनियाभर में हर सैकेंड कुछ ऐसा घटित होता है, जो तारीख़ों में ऐतिहासिक रूप से दर्ज हो जाता है. कुछ महत्वपूर्ण फैसले या किसी टीम की जीत इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखी जाती है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए यादगार हो जाती है.
डे हिस्ट्री की इस कड़ी में हम 2 अप्रैल को घटित इतिहास की कुछ ऐसी ही विशेष व प्रसिद्ध ऐतिहासिक घटनाओं पर बात करेंगे, जिनकी गूंज सालों बाद भी सुनाई देती है.
तो चलिए देखते हैं 2 अप्रैल के ऐतिहासिक किस्से –
भारतीय क्रिकेट टीम ने जीता वर्ल्ड कप
भारत के लिए ख़ासकर भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है. 2 अप्रैल 2011 को भारतीय क्रिकेट टीम ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में 50 ओवर के खेल में अपना दूसरा वर्ल्ड कप जीत कर इतिहास रच दिया था.
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने रोमांचक मुकाबले में श्रीलंकाई टीम को 6 विकेट से हरा दिया था.
श्रीलंका का स्कोर इतना ज्यादा नहीं था कि मैच को जीता न जा सके, लेकिन एक समय पर लगा कि भारत इस मैच को हार जाएगा. हालांकि भारत की ओर से एम एस धोनी और युवराज सिंह की पारी ने ये जीत अपनी झोली में डाल ली. इसी जीत के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के विकेट कीपर बल्लेबाज़ महेंद्र सिंह धोनी कपिल देव के बाद भारत को क्रिकेट में वर्ल्ड कप दिलाने वाले दूसरे कप्तान बने थे. इससे पहले कपिल देव की कप्तानी में भारत ने साल 1983 में वेस्टइंडीज़ को लंदन में हराकर अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था.
रोचक बात यह है कि 2011 के वर्ल्ड कप के बाद सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और ज़हीर खान जैसे भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ियों ने सन्यास ले लिया था. इस जीत के साथ ही महेंद्र सिंह धोनी भारत के पहले एकमात्र ऐसे कप्तान बने, जिन्होंने भारत क्रिकेट टीम को दो वर्ल्ड कप जिताये. धोनी की कप्तानी में ही भारत ने साल 2007 में पहले टी-20 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान को हराकर जीत दर्ज की थी.
Sachin Tendulkar with ICC World Cup Trophy. (Pic: espncricinfo)
अंतरिक्ष में पहुंचने वाले राकेश शर्मा बने पहले भारतीय
भारत द्वारा सन 1983 में पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने के एक साल बाद ही, भारत के स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री बने थे. 2 अप्रैल सन 1984 को उन्होंने अंतरिक्ष पर पहुंचकर भारत का कद दुनिया में बढ़ा दिया था.
भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन लीडर रहते हुए वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और सोवियत इंटरकोस्मोस अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष में गए थे. राकेश शर्मा मिशन सोयूज टी-11 के अतंर्गत अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने थे. राकेश शर्मा 20 सितंबर 1 982 को भारत-सोवियत के संयुक्त अंतरिक्ष मिशन के एक हिस्सा के रूप में एक अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुने गए. राकेश शर्मा अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कुल आठ दिन अंतरिक्ष में सैल्यूत 7 स्पेश स्टेशन में रहे.
विंग कमांडर राकेश शर्मा ने अपनी सैन्य करियर का शुरुआती प्रशिक्षण एनडीए में ही पूरा किया था. साल 1966 में एनडीए में प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद वह हैदराबाद में इंडियन एयरफोर्स एकादमी में चले गए थे. राकेश शर्मा के इस कीर्तिमान के लिए एनडीए में राकेश शर्मा ब्लॉक की स्थापना भी की गई है.
Space Hero Rakesh Sharma. (Pic: indianairforce)
जयसूर्या ने लगाया वनडे का सबसे तेज शतक
श्रीलंका के विस्फोटक बल्लेबाज ने पाकिस्तान के गेंदबाज़ो की बखिया उधाड़ते हुए क्रिकेट इतिहास में एकदिवसीय मैचों में पचास गेंदों से भी कम में सबसे तेज़ पहला शतक लगाया था. 2 अप्रैल 1996 को एक वर्ल्ड कप मैच के दौरान श्रीलंकाई ओपनर सनथ जयसूर्या ने धुआंधार पारी खेलते हुए महज़ 48 गेंदों में शतक ठोक दिया था.
श्रीलंका की टीम ने जयसूर्या की धमाकेदार पारी की बदौलत 349 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य खड़ा किया था. जिसका पीछा करते हुए पाकिस्तान की टीम 315 पर ऑलआउट हो गई. इससे पहले यह रिकॉर्ड भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़रुद्दीन के नाम था. उन्होंने 62 गेंदों का सामना करते हुए शतक ठोका था. वर्ल्ड कप के इस मैच में जयसूर्या की धमाकेदार पारी की बदौलत श्रीलंका ने पाकिस्तान को बुरी तरह से हराया था.
जयसूर्या को वनडे इतिहास में पचास गेंदों के भीतर शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज़ के रूप में गिना जाता है. हालांकि जयसूर्या का यह रिकार्ड कुछ समय बाद टूट गया, जब पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज़ शाहिद आफरीदी ने महज़ 37 गेंदों में शतक ठोककर एक नया रिकार्ड स्थापित कर दिया.
फिर भी आज तक उनके रिकॉर्ड को तोड़ने का प्रयास क्रिकेटरों द्वारा किया जाता है. कई साल पहले क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास ले चुके श्रीलंका के लीजेंड क्रिकेटर सनथ जयसूर्या को वनडे क्रिकेट में पहला सबसे तेज़ शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ के रूप में याद किया जाता है.
Sanath Jayasuriya. (Pic: Zimbio)
अमेरिका में खुला पहला मोशन पिक्चर थियेटर
अपनी दमदार हॉलीवुड फिल्मों के लिए विख्यात अमेरिका भले ही दुनियाभर में जाना जाता हो, आपको जानकर ताज्जुब होगा कि बहुत साल पहले तक वहां फिल्मों के लिए कोई मोशन थियेटर नहीं था, इस लिहाज से आज का दिन अमेरिकी फिल्म जगत के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
2 अप्रैल 1902 ई. को अमेरिका में स्थायी रूप से पहला मोशन पिक्चर थियेटर खोला गया था. इससे पहले अमेरिका में इलैक्ट्रोनिक थियेटर नहीं होते थे क्योंकि यह वह दौर था जब फिल्मी दुनिया से लोग बिल्कुल परिचित नहीं थे और अमेरिका आधुनिक युग में धीरे-धीरे शामिल हो रहा था. इस थियेटर में दर्शकों ने ‘कैप्चर ऑफ ब्रिडल ब्रदर्स’ और ‘न्यूयॉर्क इन ब्रिलीज़र्ड’ फिल्में देखी थीं.
इस पहले मोशन पिक्चर थियेटर में फिल्म देखना लोगों के लिए काफी हैरानी भरा था. लॉज एंजेल्स में खुले इस पहले मोशन थियेटर का नाम टेली इलेक्ट्रिक थियेटर था, जिससे अमेरिका में इलेक्ट्रोनिक थियेटर युग की शुरुआत हुई.
Tally’s electric theatre Los Angeles. (Pic: ijustreadaboutthat)
अमेरिकी राष्ट्रपति ने जर्मनी पर आक्रमण की अनुमति मांगी
2 अप्रैल 1917 को अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने अमेरिकी संसद (कांग्रेस) से जर्मनी पर हमला करने की इजाजत मांगी थी. हमला करने के लिए उन्होंने अपनी दलील में कहा था कि “लोकतंत्र के लिए विश्व को सुरक्षित करना होगा.”
इसके चार दिन बाद ही कांग्रेस ने अप्रत्याशित वोट देकर राष्ट्रपति को आक्रमण करने के लिए अपनी सहमति प्रदान कर दी.
हालांकि जब राष्ट्रपति ने अपनी संसद से इजाजत मांगी, तब तक जर्मनी ने ब्रिटेन, रूस और फ्रांस पर आक्रमण कर दिया था. जिससे अमेरिका को भविष्य में जर्मनी से युद्ध होने का ख़तरा था. इसको देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने अपनी सरकार से जर्मनी पर हमला करने की अनुमति मांगी.
सन 1914 में प्रथम विश्व युद्ध की शुरूआत से ही अमेरिका इसमें शामिल होने से बचता आ रहा था, लेकिन इसके ढाई साल बाद अमेरिका को एक जर्मन पनडुब्बी के आक्रमण ने आक्रामक कर दिया और उसे मजबूरन इस युद्ध में कूदना पड़ा. जिसके बाद लाखों की संख्या में अमेरिकी सैनिकों ने जर्मनी की तरफ कूच कर दिया. हालांकि साल 1919 में दोनों देशों के राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद युद्ध पर विराम लगाया गया था.
American President Woodrow Wilson. (Pic: history)
तो यह थीं 2 अप्रैल से जुड़ी दुनियाभर की प्रमुख घटनाएं. अगर आप भी इस दिन के बारे में कोई विशेष घटना जानते हैं, तो कृपया कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.
Web Title: Important Historical Events of 2nd April, Hindi Article
Featured Image Credit: dontgiveupworld