जो आज वर्तमान है, वह भविष्य में इतिहास बनेगा और हो सकता है कि इस दिन घटित किस्से ऐतिहासिक बन जाएं.
इसी प्रकार दीवारों पर टंगे कैलेंडर की हर तारीख़ के पीछे एक इतिहास छिपा है और उसके आगे एक कहानी है! इस तरह इतिहास के पन्नों में हज़ारों तारीख़ें दर्ज हैं, जो हमें दुनिया की प्रसिद्ध घटनाओं के बारे में बताती हैं.
हर साल आने वाली ये तारीखें, इतिहास को हमारे सामने जीवंत कर देती हैं.
इसी कड़ी में आज हम 7 अप्रैल को घटित इतिहास की कुछ ऐसी ही ‘विशेष’ व प्रसिद्ध घटनाओं पर बात करेंगे –
रवांडा में गृहयुद्ध की शुरूआत
7 अप्रैल 1994 को रवांडा में नरसंहार के बाद बिगड़े हालातों पर काबू पाने आए अंतरराष्ट्रीय शांति सैनिकों की हत्या कर दी गई. रवांडा की सेना ने 10 बेल्जियन शांति सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस मामले से दूरी बना ले.
असल में हूतु चरमपंथियों ने लगभग 5 से 10 लाख मासूम नागरिकों का कत्लेआम कर दिया था. इस नरसंहार की शुरूआत होती है 1990 से, जब राष्ट्रपति जुवेनाल हबियारिमाना ने तुत्सी विरोधी बयानबाजी कर हूतुस के बीच अपनी शक्ति को मजबूत किया. इससे हूतुस लोगों को और बल मिला और उन्होंने तुत्सी लोगों का नरसंहार करना शुरू कर दिया.
वहां की सेना ने भी तुत्सीयों को समाप्त करने के लिए हूतुस को हथियार दिए. 1994 में रवांडा में संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना ने बड़े पैमाने पर नरसंहार के लिए चेतावनी दी. और इसी बीच 6 अप्रैल 1994 को एक यात्रा के दौरान रवांडा के राष्ट्रपति हेबिअरिमाना की तुत्सी सेना ने हत्या कर दी.
इससे मामला और बिगड़ गया और रवांडा गृह युद्ध की आग में झुलसने लगा.
Civil war erupts in Rwanda. (Pic: PROOF)
पहले अश्वेत के नाम से जारी हुआ डाक टिकट
अमेरिका में नस्लभेद के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाले मार्टिन लूथर किंग को कौन नहीं जानता. अफ्रीकी अमेरिकी लोगों के हक के लिए मार्टिन लूथर किंग ने एक लंबी लड़ाई लड़ी थी.
इस लिहाज से आज का दिन अमेरिका में रह रहे अफ्रीकी-अमेरिकी लोगों के लिए काफी खास है. 7 अप्रैल 1940 को अमेरिकी डाक सेवा विभाग ने अश्वेत समुदाय के प्रमुख नेता बुकर टी वाशिंगटन की तस्वीर अमेरिकी डाक टिकट पर छापी थी.
बुकर टी वाशिंगटन को अमेरिका में शिक्षक, लेखक, वक्ता के रूप में जाना जाता है. वाशिंगटन अमेरिका के अलबामा राज्य में शिक्षण संस्थान की नींव रखने के लिए भी प्रसिद्ध हैं. डाक टिकट पर अश्वेत व्यक्ति के छपने के बाद अमेरिका में रह रहे इनके समर्थकों ने खुशी जाहिर की थी.
अमेरिका में किए गए बेहतरीन कार्यों के लिए वहां की सरकार ने उनकी तस्वीर डाक टिकट पर छापकर उनके योगदान का लोहा माना था.
Booker T. Washington. (Pic: Famous Biographies)
पहली बार माचिस की ब्रिकी शुरू हुई
आज ही के दिन छोटी सी ज्वलनशील वस्तु की बिक्री शुरू की गई थी, जिसे अब अपनी जेब में आसानी से रखा जा सकता था. 7 अप्रैल 1827 में जॉन वॉकर ने आधिकारिक रूप से माचिस की ब्रिकी शुरू की थी. हालांकि सन 1826 में ही रसायन विशेषज्ञ और ड्रगिस्ट जॉन वॉकर ने माचिस का आविष्कार कर लिया था.
पहली माचिस की ब्रिकी के दौरान एक माचिस की कीमत एक शिलिंग रखी गई थी. माचिस के डिब्बे में इग्निट पेपर रखा हुआ था. जिसमें तीलियां घिसने के बाद उन्हें जलाया जा सकता था.
जॉन वॉकर ने माचिस के डिब्बे को कॉनग्रेव्स का नाम दिया था. ब्रिटिश मूल के विलियम कॉनग्रेव ने रॉकेट बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. यही कारण था कि जॉन वॉकर ने अपनी पहली माचिस का नाम विलियम कॉनग्रेव के नाम पर रखा था.
Match Box Selling Started Today. (Pic: madmatchboxcollector)
इटली ने अल्बानिया पर कब्जा किया
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इटली की फौज ने अल्बानिया पर चढ़ाई कर उस पर अपना कब्ज़ा जमा लिया था. विश्व युद्ध के दौर में हिटलर की नाज़ी सेना के साथ मिलकर इटली ने यूरोप पर कब्जा करने की कोशिश के तहत ही इस देश पर हमला किया था.
इटली के प्रधानमंत्री बेनिटो मुसोलिनी ने युद्ध से पहले जर्मन तानाशाह हिटलर से मुलाकात भी की थी, जिसमें उन्होंने युद्ध में जर्मनी का साथ देने की बात कही थी. 7 अप्रैल 1939 को इटली ने अल्बानिया पर चढ़ाई शुरू कर दी. हालांकि अल्बानिया पर कब्ज़ा जमाने की तैयारी इटली पहले से ही कर चुका था. इस हमले का एक कारण यह भी था कि अल्बानिया पूरी तरह से इटली पर ही निर्भर था और उसकी अर्थव्यवस्था इटली पर टिकी हुई थी.
वहीं, इटली को भविष्य में अल्बानिया के पड़ोसी देशों से उस पर कब्ज़ा करने का ख़तरा था. इसलिए इससे पहले कि अन्य देश अल्बानिया पर कब्ज़ा करते इटली ने उस पर हमला कर दिया और अपना वर्चस्व जमाए रखने के लिए अल्बानिया पर पूरी तरह से कब्ज़ा कर लिया.
Benito Mussolini inspecting Army. (Pic: flowvella)
विश्व स्वास्थ्य संगठन की शुरूआत
आज का दिन विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इसी के साथ कई देशों में स्वस्थ रहने के लिए मैराथन का आयोजन भी किया जाता है.
लेकिन क्या आपको पता है कि विश्व स्वास्थ्य दिवस के लिये ही आज ही का दिन क्यों चुना गया..?
7 अप्रैल 1948 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की नींव रखी गई थी. यही कारण है कि दुनियाभर में आज का दिन विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है. मौजूदा समय में 150 देशों में कार्यरत ये स्वास्थ्य संगठन, वहां स्वास्थ्य सुविधाओं और उनके बारे में लोगों को जागरुक कर रहा है. डब्ल्यूएचओ के कर्मचारी सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य के उत्तम स्तर को सुनिश्चित करने के लिए सरकारों और अन्य भागीदारों के साथ मिलकर काम करते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का काम पिछड़े देशों में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों को दवाईयां मुहैया कराना, ख़तरनाक वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण कार्यक्रम चलाना और दुनियाभर में विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे लोगों का सर्वे आदि करना है. वहीं डब्लूएचओ स्वास्थ्य प्रणाली, स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, गैर-संचारी रोग/संचारी रोग, कॉर्पोरेट सेवाएं तैयार करना, निगरानी और प्रतिक्रिया आदि पर भी काम करती है.
World Health Organization working on Ebola. (Pic: worldbulletin)
तो यह थीं 7 अप्रैल से जुड़ी दुनियाभर की प्रमुख घटनाएं. अगर आप भी इस दिन के बारे में कोई विशेष घटना जानते हैं, तो कृपया कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.
Web Title: Important Historical Events of 7th April, Hindi Article
Featured Image Credit: campaigningforarealchildhood