बात है 4 मार्च 1934 की. पूरे अमेरिका में शोर मचा हुआ था. पुलिस शर्मसार हो गई थी. एफबीआई का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी जॉन डिलिंजर लेक काउंटी जेल से लकड़ी की बंदूक का इस्तेमाल करके भाग निकला था!
आम लोग पुलिस की इस चूक पर हंस रहे थे. वहीं दूसरी ओर प्रशासन जेल के अफसरों को खरी-खोटी सुनने में लगे थे. हर कोई हैरान था कि आखिर कैसे कोई टाइट सेक्योरिटी वाली जेल से इतनी आसानी से भाग सकता है?
हालांकि इस खबर से वो लोग बिलकुल भी अचंभित नहीं थे, जो लोग जॉन को जानते थे. जॉन इससे पहले भी जेल भाग चुका था. डिलिंजर एक शातिर अपराधी था. उसके मरने के बाद तक आज भी उसके कारनामों को लोग किस्सों की तरह याद रखते हैं.
तो आइये जानते हैं कैसे जॉन कई बार जेल से भागा और क्यों हुआ वह मरने के बाद और भी ज्यादा मशहूर–
जेल के अंदर शुरू की अपनी गैंग!
डिलिंजर काफी कम उम्र से ही जुर्म करने लगा था. पहली बार जब उसे सजा हुई थी, तो वो एक किराने की दुकान को लूटने के लिए अपराधी साबित हुआ था. माना जाता है कि उस वक्त उसकी उम्र केवल 20 साल की थी. 20 साल की उम्र में डिलिंजर को 10 साल की सजा हो गई थी. हालांकि डिलिंजर को केवल साढ़े 8 साल के बाद ही पेरोल मिल गया था. उसके बाद वो कभी उस जेल में लौट कर नहीं आया.
डिलिंजर शूरू से ही शातिर और आपराधिक किस्म का इंसान था. जेल में बिताए समय ने उसे और शातिर बना दिया था. उसकी बड़े बड़े अपराधियों से दोस्ती हो गई थी. जेल में सुधरने की बजाए उसने जेल में अपना खुद का गैंग बना लिया था... गैंग बनाने के बाद उसने खुद को पूरी तरह से जुर्म की दुनिया से जोड़ दिया.
अब उसने बैंक लूटने का प्लान बना लिया था. 22 मई सन 1933 को जेल से बाहर आने के महज तीन महिनों के भीतर ही जॉन ने 3 बैंकों को लूट लिया. कहते हैं कि उस समय के हिसाब से जॉन ने करीब 40,000 डॉलर लुटे थे. उस वक़्त ये रकम बहुत ही ज्यादा थी. इसके बाद तो जॉन की गैंग का नाम पूरे अमेरिका में प्रसिद्ध हो गया.
पुलिस और जुर्म की दुनिया के बड़े लोग हर कोई जॉन के नाम से परिचित हो गया. बैंक डकैतियों के बाद डिलिंजर और पुलिस का खेल शुरू हो गया. पुलिस पीछे डिलिंजर आगे. हालांकि ये खेल ज्यादा दिनों तक चल नहीं सका और 25 सितंबर 1933 को पुलिस ने डिलिंजर को उसके साथियों के साथ पकड़ लिया.
जेल तोड़कर वहां से भागा जॉन...
तीन बैंकों को लूटने के आरोप में जॉन को उसके साथियों के साथ पुलिस ने पकड़ा और लिमा, ओहियो जेल में उसे रखा गया. पकड़े जाने के कुछ ही दिन बाद ओहियो जेल में डिलिंजर के पुरानी जेल के पुलिसकर्मी पहुंच गए.
उन्होंने जेल में घुसने के बाद जेलर से बात करी और बताया कि वो पिछली जेल से आए हैं और वहां की सजा अभी ज़ॉन ने पूरी नहीं करी है. इसलिए वह सजा पूरी करने के लिए उसे वापस पिछली जेल में जाना पड़ेगा. इस बात पर जेलर को थोड़ा शक हुआ. उसने जैसे ही पुलिस हेडक्वार्टर में फोन करना चाहा वैसे ही उन पुलिस कर्मियों ने अपने हथियार बाहर निकाले और जेलर पर हमला कर दिय़ा!
वो कोई पुलिस वाले नहीं थे. वह जॉन के दोस्त थे, जो उसे छुड़ाने के लिए नकली पुलिसकर्मी बनकर आए थे. इसके बाद उन्होंने जॉन को ढूँढा और उसे अपने साथ ले जाने लगे. इसी बीच असली पुलिस और जॉन के साथियों के बीच जड़प हो गई. उस जेल ब्रेक के दौरान ही जॉन के हाथों एक पुलिसकर्मी की भी मौत हो गई थी.
जेल से भागने के बाद जॉन पर डकैती के साथ मर्डर औऱ जेल से भागने का भी मुक्दमा चलने लगा. जेल से भागने के बाद डिलिंजर ने अपने गिरोह के साथ मिलकर इंडियाना और विस्कॉन्सिन में डाका डाला. डाका डालने के बाद सारे पैसों को लेकर वह अपने गिरोह के साथ दक्षिण फ्लोरिडा रवाना हो गया.
बैंक लूटने के बाद जॉन को पूरे अमेरिका में पुलिस ढूँढ़ने लगी थी. इलसिए वो किसी एक जगह पर ज्यादा दिन तक नहीं रुक रहा था. पुलिस की लिस्ट में उसका नाम काफी उपर आ गया था. फ्लोरिडा के बाद वो टेक्सस गया. वहां से फिर एरिजोना लेकिन उसे एरिजोना की स्थानिय पुलिस ने पहचान लिआ और पकड़ लिया. एक बार फिर डिलिंजर सलाखों के पीछे था.
लकड़ी की बंदूक दिखा बनाया पागल!
जॉन को पुलिस ने इंडियाना भेज दिया जहां उसे क्राउन पॉइंट जेल में रखा गया. यही वो जेल थी जहां से जॉन डिलिंजर ने इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया. यहाँ पर ही उसने वह कारनामा किया जिसने पूरे अमेरिका में उसका नाम फैला दिया.
इस जेल में आने के कुछ ही दिनों के भीतर उसने सोच लिया था उसे कैसे इस जेल से भागना है. उसने एक लकड़ी के टुक़ड़े को दाढ़ी बनाने वाली बलेड से खरोंचना शूरू कर दिया औऱ खरोंच मार- मार कर एक बंदूक का रूप दे दिया.
जब वो लकड़ी की बंदूक की तरह आकर में आ गई, तो उसने जूते पॉलिश करने वाले पॉलिश से उसे काला कर दिया. सब तैयारी होने के बाद वो अपने कमरे में बैठ गया. हर रोज उसके कमरे में चेकिंग के लिए जेल का स्टाफ आता था.
उस दिन भी स्टाफ आया और जॉन ने फूर्ती दिखाते हुए नकली पिस्तौल एक पुलिसकर्मी के गले पर लगा दी. वह पुलिसकर्मी को बंदी बनाकर जेलक के कमरे तक निकल गया. वहां से फिर उसने 2 मशीन गन चुराई और जेल की पार्किंग से जेलर की ही गाड़ी लेकर वहां से भाग गया.
जॉन के इस कारनामे ने उसे अमेरिकी पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड क्रिमिनल बना दिया. हालांकि कहते हैं कि जॉन एक तरह से आम लोगों के बीच प्रसिद्ध हो गया था. किसी सेलेब्रिटी की तरह अब लोग उसकी ख़बरें पढ़ने लगे थे. माना जाए तो जॉन एक स्टार बन चुका था.
उभरता चेहरा बना मौत का कारण
डिलिंजर का डकैती का तरीका लोगों को पसंद आने लगा था. धारणाओं की माने, तो जॉन को लोग रोबिन हुड मानने लगे थे. ऐसा इसलिए क्योंकि वह अक्सर उन बैंकों को अपना शिकार बनाता था जिसमें अमीरों के खाते होते थे. हालांकि वह रोबिन हुड की तरह पैसों को गरीबों में नहीं बांटता था.
जेल से भागने के बाद से जॉन बहुत ही ज्यादा डकैतियां करने लगा. धीरे-धीरे इसकी वजह से उसका चेहरा आम लोगों के बीच आम हो गया था. हालांकि मशहूर होना ही उसकी मौत की वजह बन गया क्योंकि डिलिंजर का चेहरा अब अंजान नहीं रह गया था. जॉन का इस तरह आम लोगों में प्रसिद्ध होना उसके और उसके साथियों के लिए एक बड़ा खतरा था. इसकी वजह से पुलिस उनतक पहुँच सकती थी.
इस बात का अंदाजा जैसे ही जॉन के साथियों को हुआ उन्होंने जॉन को खुद से दूर करना शुरू कर दिया. कोई भी जॉन के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं था. इस कारण उसे न तो अब गुनाह करने के लिए लोग मिल रहें थे औऱ न ही छिपने के लिए जगह. इस बात का पता पुलिस को चल गया. इसके बाद उन्होंने जॉन की खोज करनी शुरू कर दी.
जॉन बहुत बार पुलिस को चकमा दे चुका था मगर उसका अंत नजदीक आ रहा था. पुलिस को उसकी लोकेशन का पता चल गया. आखिर में डिलिंजर को पुलिस ने एक सिनेमा घर के बाहर गोली मार दी और उसकी वहीं पर मौत हो गई.
जॉन डिलिंजर का अंत ठीक उसी तरह हुआ जैसे किसी कुख्यात अपराधी का होता है. ऐसे अपराधी या तो सलाकों के पीछे जाते हैं या फिर पुलिस की गोली का शिकार बनते हैं.
डिलिंजर की लोकप्रियता मरने के बाद औऱ भी ज्यादा बढ़ गई. ऐसा इसलिए क्योंकि उसपर हॉलीवुड में 'पब्लिक एनेमीज़' नामक फिल्म बन गई. इस फिल्म के बाद लोगों को पता चल जॉन के बारे में और यह भी कि आखिर वह कितना शातिर अपराधी था.
Web Title: John Dillinger Most Wanted Criminal, Hindi Article