हर दिन कुछ न कुछ घटता है और उसमें से कुछ इतिहास में अमर हो जाता है.
इसी क्रम में आने वाली पीढ़ियां देखती हैं कि हमारे अतीत में क्या-क्या हुआ है. वो इससे सीखती हैं और आगे बढ़ती हैं.
'डे' इन हिस्ट्री की कड़ी में अाज हम 5 जुलाई को घटित महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में पढ़ेंगे.
तो आइए जानते हैं, 11 जून के नाम इतिहास में क्या दर्ज है –
बीबीसी ने प्रसारित किया टीवी न्यूज़ बुलेटिन
5 जुलाई 1954 के दिन बीबीसी ने अपना पहला टेलीवजन न्यूज बुलेटिन प्रसारित किया. यह बुलेटिन 20 मिनट का था. इसे रिचर्ड बेकर ने प्रस्तुत किया. इसमें तब देश और विदेश की घटनाओं के अलावा फिल्म जगत से जुड़ी खबरें शामिल थीं.
इससे पहले भी बुलेटिन प्रसारित होते थे.
किन्तु, वे बुलेटिन काफी पुराने होते थे. यह बुलेटिन पहले की अपेक्षा ज्यादा अप-टू-डेट था. इस बुलेटिन के प्रसारित होने के बाद बीबीसी के महानिदेशक सर इआन जैकब ने कहा कि यह अभी छोटी सी शुरुआत है, हम भविष्य में इससे कहीं अधिक बेहतर करने की योजना बना रहे हैं.
इस बुलेटिन की खास बात यह थी कि जब इसमें एंकर खबर पढ़ रहा होता था, तो स्क्रीन पर साथ-साथ हेडलाइन और तस्वीरें चलती थीं. लेकिन इसके साथ एक दिक्कत भी थी. असल में कुछ बहुत महत्वपूर्ण ख़बरों के विजुअल की गुणवत्ता अच्छी नहीं मिलती थी.
इसलिए उन खबरों को इस बुलेटिन में जगह नहीं मिल पाती थी. इसलिए बीबीसी ने इसका फॉर्मेट बदलने की योजना भी बनाई थी. आगे बीबीसी ने इसका फॉर्मेट बदला भी और भविष्य में इसकी गुणवत्ता लगातार अच्छी होती चली गई.
किरण बेदी को मिला मैगसेसे पुरस्कार
5 जुलाई 1994 के दिन किरण बेदी को प्रतिष्ठित मैगसेसे पुरस्कार से नवाजा गया. किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा में थीं.
किरण बेदी का जन्म 9 जून 1949 के दिन अमृतसर में हुआ था. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक किया. इसके बाद वे दिल्ली आयीं और दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ में डिग्री हासिल की.
इसके अलावा उन्होंने भारतीय तकनीकी संस्थान (दिल्ली) से सामाजिक विज्ञान में पी. एचडी भी की.
आगे उन्होंने अमृतसर के खालसा कॉलेज में पढ़ाना शुरू किया. जल्द ही उन्होंने पढ़ाना छोड़ दिया और भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती हो गईं. वह इस सेवा में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला थीं. यहां उन्होंने कुछ बहुत महत्वपूर्ण कार्य किए. वे आगे संयुक्त राष्ट्र में भी शामिल हुईं.
वो दिल्ली विधानसभा चुनाव-2015 में वे भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार बनीं. हालाँकि, वह जीत दर्ज नहीं कर सकीं थीं.
प्रतिष्ठित मैगसेसे पुरस्कार के अलावा उन्हें ‘प्रेसिडेंट गैलेंटरी अवार्ड’, विमेन ऑफ़ दि इयर अवार्ड’ और ‘यूनाइटेड नेशंस मेडल’ अवार्ड से भी नवाजा गया. इन सबके अलावा किरण बेदी ने एक टीवी शो भी होस्ट किया. इस शो का नाम ‘आपकी कचहरी किरण बेदी के साथ’ था.
किरण बेदी के जीवन पर एक फिल्म भी बनी है. इस फिल्म का नाम है, ‘ एस मैडम, सर’. इसे एक ऑस्ट्रेलियाई निर्माता ने बनाया.
ऑर्थर बने विंबलडन जीतने वाले पहले काले खिलाड़ी
5 जुलाई 1975 के दिन अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी ऑर्थर एशे ने प्रतिष्ठित विंबलडन प्रतियोगिता जीत ली. इस प्रकार वे यह प्रतियोगिता जीतने वाले पहले काले आदमी बने. अंतिम मुकाबले में उन्होंने जिमी कोनर्स को हराया.
ऑर्थर ने बचपन से ही टेनिस खेलना शुरू कर दिया था. जल्द ही उन्हें एक टेनिस स्कालरशिप मिली. इस स्कालरशिप ने उन्हें निपुड टेनिस खिलाड़ी बना दिया. आगे 1968 में उन्होंने यू.एस. ओपन जीता. इसे जीतने वाले वे पहले काले खिलाड़ी बने. इसके दो साल बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई ओपन जीता.
अगले सात सालों में वे छोटे-मोटे टूर्नामेंट्स जीतते रहे, लेकिन कोई बड़ा ख़िताब उनके हाथ नहीं लगा. इस कारण वे काफी निराश हो गए.
आगे 1975 के विंबलडन फाइनल में वे अच्छा प्रदर्शन करते हुए पहुंचे. यहां उनका सामना डिफेंडिंग चैंपियन जिमी कोनर्स से होना था. जिमी ने इससे पहले ऑर्थर को तीन बार बहुत आसानी से हरा दिया था, इसलिए सबका मानना था कि जिमी एक बार फिर से यह मुकाबला जीत जाएँगे.
पर फाइनल में कुछ और ही हुआ. तीन सेट तक चले इस मुकाबले को ऑर्थर ने जीत लिया. इस प्रकार वह विंबलडन प्रतियोगिता जीतने वाले पहले काले खिलाड़ी बने. आगे हृदयघात की वजह से उन्होंने 1980 में सन्यास ले लिया.
उन्होंने अपने पूरे कैरियर में कुल मिलाकर 52 टूर्नामेंट जीते. आगे 1993 में एड्स से उनकी मृत्यु हो गई.
विमान दुर्घटना में मारे गए 108 लोग
5 जुलाई 1970 के दिन कनाडा का एक यात्री विमान टोरंटो एयरपोर्ट पर लैंडिंग करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस दुर्घटना में 108 लोग मारे गए. इस दुर्घटना के दो ही दिन पहले स्पेन में भी एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था. इसमें भी 100 लोग मारे गए थे.
जब इस दुर्घटना की जांच हुई, तो पता चला कि जहाज के चालक और उप-चालक के बीच अक्सर विवाद रहता था.
यह विवाद ही इस दुर्घटना का कारण बना. विवाद का विषय लैंडिंग के समय विंग स्पोइलर प्रयोग था. हम आपको बता दे कि विंग स्पोइलर का प्रयोग लैंडिग के बाद जहाज में ब्रेक लगाने के लिए किया जाता है.
जहाज के पाइलट ने दुर्घटना के दिन विंग स्पोइलर को 2,000 फीट की उंचाई पर ही एक्टिव कर दिया था. हालाँकि, ऐसा करना कम्पनी की पालिसी के खिलाफ जबकि उप-चालक इसे लैंडिंग के बस थोड़े पहले ही एक्टिव करने की बात कर रहे थे.
आगे स्पोइलर के जल्दी एक्टिव हो जाने के कारण लैंडिंग के वक्त जहाज का दायाँ डैना असंतुलित हो गया. इसकी वजह से जहाज का दायाँ इंजन जमीन पर गिर गया. आगे जहाज का वजन कम हो जाने की वजह से जहाज वापस हवा में उड़ने लगा.
चालक ने इसे नियंत्रित करने का भरकस प्रयास किया. लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ. इसी बीच जहाज का दायाँ हिस्सा पूरी तरह से जहाज से अलग हट गया. आगे हवा में ही जहाज में विस्फोट हो गया. उसमें उपस्थित सभी 108 लोग मारे गए.
तो ये थीं 5 जुलाई के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना की जानकारी हो तो हमें कमेन्ट बॉक्स में बताएं.
Web Title: Day In History 5 July, Hindi Article
Feature Image Credit: pikspost