ईसाई धर्म में ईसा मसीह की अहमियत सबसे ज्यादा है. ईसा मसीह के आखिरी दिन के बारे में तो हर कोई जानता है, लेकिन वह कैसे एक बच्चे से ईश्वर बने यह जानना दिलचस्प रहेगा. तो चलिए जानते हैं ईसा मसीह की जिंदगी के बारे में, तस्वीरों के माध्यम से–
माना जाता है कि ईसा मसीह का जन्म 6 ईसा पूर्व में बेथलेहेम में हुआ था (Pic: valerietarico)
यह भविष्यवाणी हुई थी कि धरती पर सुख शांति लाने के लिए एक बच्चा पैदा हुआ है. इसकी जानकारी पाने के बाद उस समय का राजा हेरोड़ डर गया और उसने 2 साल से कम के सभी बच्चों को मारने का हुकुम दे दिया (Pic: ThoughtCo)
इस बात की जानकारी पाकर ईसा मसीह के पिता उन्हें और उनकी माँ को लेके ईजिप्ट चले गए और हेरोड़ की मृत्यु होने तक वहीं रहे. (Pic: pinterest)
ईसा मसीह की शुरूआती जिंदगी की के बारे में बहुत कम जानकारी पाई गई है, लेकिन कहते हैं कि वह 12 साल की उम्र में ही संत बनने निकल पड़े थे. उन्होंने पूजा-स्थल जाकर दूसरे पुजारियों के साथ समय बिताना शुरू कर दिया था (Pic: epicpew)
30 साल की उम्र तक वह एक कारपेंटर का काम करते रहे और साथ ही में ईश्वर की साधना में भी डूबे रहे (Pic: lds)
मन की शांति पाने के लिए एक बार ईसा मसीह 40 दिन तक बिना खाए पिए ध्यान लगाते रहे. कहते हैं कि इस दौरान उन्हें एक शैतान ने तीन बार लालच देकर उनका ध्यान भटकाने की कोशिश की, लेकिन ईसा मसीह टस से मस न हुए. (Pic: pinterest)
कहते हैं कि ईसा मसीह एक शादी में थे जहां अचानक ही वाइन खत्म हो गई. और वाइन कहाँ से आएगी कोई नहीं जनता था. तभी ईसा मसीह ने अपने शिष्यों से बहुत सारा पानी लाने के लिए कहा. कुछ ही पलों में उन्होंने पानी को वाइन में बदल दिया. यह पहला किस्सा माना जाता है जब लोगों ने ईसा मसीह की शक्ति देखी (Pic: pinterest)
ईसा मसीह ने अपनी एक मिशनरी शुरू की जिसका काम था लोगों की भलाई करना. इसके लिए वह जगह-जगह जाते और बीमारों को अपनी शक्तियों से ठीक करते. जब लोगों ने उन्हें ऐसा करते देखा तो वह उनके भक्त बनने लगे (Pic: pinterest)
जब एक बड़ी मात्रा में ईसा मसीह के साथ लोग जुड़ गए तो उन्होंने लोगों को आस्था, प्यार और इंसानियत के पाठ पढ़ाने शुरू कर दिए. इसकी वजह से लोगों ने उन्हें मसीहा मानना शुरू कर दिया (Pic: wikipedia)
यह बात जब फरीसियों को पता चली तो उन्होंने ईसा मसीह को धोखेबाज बता कर कहा कि वह किसी मसीहा नहीं… बल्कि शैतान की शक्ति लिए हुए हैं. (Pic: lionofthelord)
ईसा मसीह ने अपने शिष्यों से पुछा कि आखिर वह क्या हैं? यह सुन सभी हैरत में आ गए. तभी एक शिष्य ने कहा कि आप ‘क्राइस्ट’ और ‘भगवान के पुत्र’ हैं. यह सुन ईसा मसीह ने अपने शिष्य को आशीर्वाद दिया और उनका दिया नाम ‘क्राइस्ट’ अपना लिया (Pic: lds)
माना जाता है कि एक बार ईसा मसीह अपने कुछ शिष्यों के साथ पहाड़ों पर ध्यान लगाने गए थे. तभी उनके एक शिष्य ने देखा कि उनके चेहरे पर सूरज सा जगमग तेज आ गया था और पूरा शरीर सफेद रौशनी में ढक गया. (Pic: principles…)
जैसे-जैसे ईसा मसीह की लोकप्रियता बढ़ने लगी फरीसियों को उनसे खतरा लगाने लगा. ईसा मसीह ने थोड़े समय बाद भविष्यवाणी भी करनी शुरू कर दी. इसके बाद तो फरीसियों ने उन पर कई इल्जाम लगाए ताकि लोग उनकी तरफ आकर्षित न हों (Pic: imagefully)
माना जाता है कि ईसा मसीह को पहले से ही आभास हो गया था कि उनकी मृत्यु होने वाली है… इसलिए उन्होंने एक आखिरी बार अपने 12 शिष्यों के साथ भोजन करने की व्यवस्था की (Pic: wikipedia)
खाने के टेबल पर उन्होंने बताया कि भविष्य में उनका ही एक शिष्य उनके खिलाफ हो जाएगा. जैसे-जैसे भोजन चला ईसा मसीह ने अपने शिष्यों को ईसाई धर्म, भगवान और मनुष्य के बीच के रिश्ते के बारे में एक आखिरी बार सारी बातें बताई (Pic: lds)
भोजन के बाद ईसा मसीह और उनके शिष्य सभी भगवान की प्रार्थना करने चले गए. वहां पर ईसा मसीह ने भगवान से आने वाली सभी मुसीबतों को अपने ऊपर डालने के लिए दुआ मांगी (Pic: tes)
प्रार्थना करते हुए सभी शिष्य सो गए और तभी ईसा मसीह का एक शिष्य कुछ सैनिकों के साथ आया… उन्हें हिरासत में लेने के लिए. उन्होंने किसी को नहीं रोका और धोखाधड़ी के आरोप को अपनाते हुए सैनिकों को खुद को हिरासत में लेने दिया (Pic: lds)
ईसा मसीह को अदालत में पेश किया गया और उनपर कई अत्याचार भी किए गए. ईसा मसीह के कहने पर उनके किसी भी शिष्य ने अदालत में उन्हें पहचानने से मना कर दिया. अदालत को यकीन हो गया कि ईसा मसीह एक झूठे व्यक्ति हैं… इसलिए उन्होंने उन्हें मौत की सजा सुना दी. (Pic: seetheartinme)
सैनिकों ने उन्हें खूब मारा और उनके सिर पर कांटों भरा ताज पहनाया. एक क्रॉस पर उन्हें जबरन लटकाया गया और लोगों के सामने उनकी मौत का एक तमाशा बनाया गया. कहते हैं कि उनकी मौत के समय आसमान में अंधेरा छा गया और भूकंप आने लगा था.(Pic: alphacoders)
ईसा मसीह की मौत के साथ सब शांत हो गया. उन्हें क्रॉस से नीच उतारा गया और उनकी लाश को एक कब्र में दफना दिया गया. तीन दिन बाद जब उनकी कब्र की जांच की गई तो वह उसमें नहीं थे. वह मौत से जाग चुके थे. (Pic: thoughtco)
मौत से जागने के बाद ईसा मसीह अपनी माँ और शिष्यों से मिले. उन्होंने उनसे कहा कि वह दुनिया में इंसानियत का पाठ पढ़ाएं. 40 दिन तक ईसा मसीह उनके साथ रहे और उसके बाद उन्होंने जिंदगी त्याग के खुद को ईश्वर के पास भेज दिया (Pic: catholicmannight)
प्रत्येक साल 25 दिसंबर को ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस मनाते हैं क्योंकि माना जाता है कि उस दिन ही ईसा मसीह का जन्म हुआ था. यह दिन ईसा मसीह को याद करने के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है (Pic: irelandsown)
ईसा मसीह की जीवन गाथा वाकई में बेहद दिलचस्प है. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बस लोगों की भलाई करने और उन्हें उनके दुखों से उभारने में ही लगा दी. ऐसा शायद ही कोई आम व्यक्ति कर पाएगा. शायद इसलिए ही उन्हें भगवान माना जाता है.
Web Title: Life Story Of Jesus Christ, Photo Story
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