इसे तीसरे विश्व युद्ध की आहट न कहें, तो और क्या कहें कि वर्तमान समय में अमेरिका के टैंक रूसी सीमा के 700 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच गए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है, जब अमेरिका ने रूस की सीमा के इतने करीब अपने हथियारों की तैनाती की हो.
साफ है कि अमेरिका तीसरे विश्व युद्ध के लिए अपने आप को तैयार रखना चाहता है. वो ये कत्तई नहीं चाहता कि उसे रूस के हाथों मुंह की खानी पड़े. ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिका को रूस के हथियारों और प्लेन्स की जानकारी है.
सही मायनों में आज अगर रूस चर्चा का विषय है, तो अपने हथियार और प्लेन्स के लिए. रूस के पास ऐसे घातक हथियार और प्लेन्स मौजूद हैं, जो किसी भी युद्ध में उसे लंबे वक्त तक मैदान में बनाए रख सकते हैं. ये बात हम ऐसे ही नहीं कह रहे बल्कि इतिहास भी इसी की गवाही देता रहा है.
तो चलिए जानते हैं कि आखिर कौनसे खतरनाक लड़ाकू जहाज हैं रूस के पास–
टी यू 16 (बैजर)
1950 के दशक में इस दो इंजनों से लैस हमलावर प्लेन का निर्माण कार्य वोरोनेज प्रोडक्शन नामक कंपनी ने शुरू किया. 27 अप्रैल 1952 को इस विमान ने अपनी पहली सफल यात्रा पूरी की. 1940 के दशक तक सोवियत संघ के पास अमेरिका से लड़ने के लिए सिर्फ टी यू -4 नाम का हमलावर प्लेन था.
सोवियत संघ को पता था कि आगे हो सकता है कि परिस्थितियां और भी अलग हो. लिहाजा एक ऐसे प्लेन के निर्माण के बारे में सोचा गया जिसकी शक्ति काफी अधिक हो पिछले विमानों के मुकाबले. इसके बाद निर्माण हुआ टी यू 16 (बैजर) जैसे दमदार लड़ाकू जहाज का.
इस विमान की कई ऐसी विशेषताएं हैं, जो इसे दूसरे हमलावर विमानों से अलग करती हैं. लिहाजा इसके पंखों का डिजाइन, इसकी भार उठाने की क्षमता दोनों ही कमाल की हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ये विमान एक साथ कई हथियारों को लेकर 4 हजार किलोमीटर तक यात्रा कर सकता है.
25 अक्टूबर 1968 को टी यू 16 ने ‘नॉर्वेगियन’ नामक समुद्र के पास एक बम गिराया था. इस यात्रा के दौरान किसी भी तरह की दुर्घटना नहीं हुई थी. बताते चलें कि ये विमान मिग-15 फाइटर प्लेन से काफी मिलता जुलता है, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना के खिलाफ किया जा चुका है.
टी यू 95 (बीयर)
वो द्वितीय विश्व युद्ध का वक्त था. सोवियत संघ की तरफ से अमेरिका की बराबरी करने के लिए रूस के रणनीतिकारों ने एक खास तरह का प्लेन तैयार करने की योजना बनाई. वो प्लेन जो भारी भरकम बमों को अपने साथ लेकर 5 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा की दर से उड़ान भर सके. इसी योजना के साथ नींव पड़ी टी यू 95 विमान के निर्माण की!
एन्ड्रे टूपोलेव ने इस विमान का खाका तैयार किया. 1950 में आवेदन मिलने के बाद विमान का निर्माण होने लगा. ये वो विमान था जिसमें 4 भारी भरकम इंजन लगे थे. आप सोच रहे होंगे कि आखिर कोई विमान 5 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की गति कैसे हासिल कर सकता है. इसके पीछे भी एक कारण है. ऐसा इसलिए क्योंकि विमान के पंखों का डिजाइन ही कुछ ऐसा है. विमान के पंख पीछे की तरफ घूमे हुए हैं.
टी यू- 95 नौ हजार किलोमीटर तक की यात्रा सिर्फ विमान के अंदर मौजूद ईंधन की मदद से पूरी कर सकता है. इसके बाद अगर यात्रा के दौरान इसके अंदर और ईंधन भरा गया, तो यात्रा और भी बढ़ाई जा सकती है. ऐसा कम ही विमानों में देखने को मिलता है. कई हमलावर विमानों में भी सिर्फ एक या दो व्यक्ति के बैठने की ही जगह बनाई जाती है. हालांकि इस विमान में 8 लोगों के बैठने की जगह है जिसमें 2 पायलट, 2 नेवीगेटर समेत सेंसर सिस्टम संभालने वाले लोग भी शामिल हैं.
इस विमान की ताकत के बारे में 1961 के दशक में पता चला. तब 30 अक्टूबर 1961 को इसने सर्वरनी आईलैंड पर 50 मेगाटन के भारी भरकम सार बम को गिराया. ऐसा कहा जा रहा था कि विमान इस दौरान दुर्घटना का शिकार हो सकता है. हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. इसी के बाद से सोवियत संघ के पड़ोसी देश इसका लोहा मानने लगे.
टी यू 160 (ब्लैकजैक)
इस हमलावर प्लेन का निर्माण 1980 के दशक में शुरु हुआ. इसे डिजाइन किया रूस की कंपनी टूपोलेव ने! 1987 तक ये विमान सेवा में भी आ गया था. अपनी खासियतों की वजह से मशहूर इस विमान को सन 2000 में रूसी सेना को सौंप दिया गया. अगर बात इसकी विशेषताओं की हो, तो इसका डिजाइन हर मायने में खास है.
विमान के घुमावदार पंख, ताकतवर इंजन और तेज गति इसे दूसरों से अलग बनाते हैं. प्लेन के अंदर 4 (एनके-32) इंजन लगे हैं. यही नहीं इसमें एक दो नहीं बल्कि 4 पायलटों के बैठने की जगह भी बनाई गई है. अगर इसकी गति की बात की जाए, तो विमान अधिकतम 2 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की दर से उड़ान भर सकता है.
यही नहीं युद्ध के वक्त में ये विमान काफी कारगर है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये आंधी-तूफान से लेकर भीषण गर्मी तक को झेलने की ताकत रखता है. किसी भी तरह के भू-भाग में इस विमान को उतारा जा सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी मगर ये सच है कि ये विमान लगातार 15 घंटे तक बिना रूके सेवाएं देनें में सक्षम है.
ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें यात्रा के दौरान भी ईंधन भरा जा सकता है. विमान में एक खास तरह का रडार भी लगाया गया है जिससे हर वक्त लक्ष्य पर नजर रखी जा सकती है. इस प्लेन से परमाणु हथियारों को भी लाया ले जाया जा सकता है. बहुत कम लोग ही जानते हैं कि जून 2010 में दो टी यू 160 विमानों ने 23 घंटे तक लगातार हवा में अपनी गश्त पूरी की.
इस दौरान विमान ने 18 हजार किलोमीटर का सफर तय किया, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. रूस के बॉर्डर से यात्रा की शुरूआत हुई थी और वोल्गा क्षेत्र में यात्रा का अंत! इस विमान को 'सफेद हंस' के नाम से भी जाना जाता है.
बहरहाल आज अगर युद्ध जैसे हालात बनें, तो रूस के पास ऐसे ही प्लेन्स और हथियारों की बड़ी खेप है. यही वो दो चीजें हैं जो उसे रक्षा क्षेत्र में दूसरे देशों से अलग करती है. अगर आप भी रूस के हमलावर प्लेन्स के बारे में कुछ जानते हैं, तो हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए.
Web Title: Most Dangerous Russian Fighter Planes, Hindi Article
Feature Image Credit: defenceindustrydaily