हर दिन कुछ न कुछ घटता है और उसमें से कुछ इतिहास में अमर हो जाता है.
इसी क्रम में आने वाली पीढ़ियां देखती हैं कि हमारे अतीत में क्या-क्या हुआ है. वो इससे सीखती हैं और आगे बढ़ती हैं.
'डे' इन हिस्ट्री की इस कड़ी में अाज हम 3 जुलाई को घटित महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में जानेंगे–
बाल गंगाधर तिलक को 6 साल की कैद
3 जुलाई 1908 के दिन भारतीय स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को राजद्रोह के आरोप में अंग्रेजी सरकार ने गिरफ्तार कर लिया.
तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महारष्ट्र के रत्नागिरी जिले में हुआ. उन्होंने पुणे के डेक्कन कॉलेज से स्नातक किया. इसके बाद वे गणित के अध्यापक बन गए. आगे उन्होंने युवाओं को अच्छी शिक्षा देने के लिए एक संगठन का निर्माण किया. आगे 1890 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बन गए. वे कांग्रेस के नेताओं द्वारा आजादी के लिए अपनाए जा रहे नरमपंथी रवैये से काफी निराश थे.
आगे उन्होंने अपना अखबार निकाला. इस अखबार का नाम केसरी था. इसमें उन्होंने अंग्रेजी सरकार के खिलाफ लगातार लेख लिखे. इसी क्रम में दो अंग्रेजी अधिकारियों का खून हो गया. आगे तिलक को हिंसा भड़काने के आरोप में 18 महीने के लिए जेल में डाल दिया गया. जब वे जेल से बाहर आए तो वे राष्ट्रीय हीरो बन चुके थे.
आगे 1905 में अंग्रेजी सरकार ने बंगाल का विभाजन कर दिया. इसके विरोध में तिलक ने स्वदेशी आन्दोलन चला दिया. अब तिलक अंग्रेजी सरकार की नजर में चढ़ते जा रहे थे. 30 अप्रैल 1908 को दो युवा भारतीय क्रांतिकारियों ने मुजफ्फरपुर में एक अंग्रेजी अधिकारी को मारने के लिए बम फेंका. आगे तिलक ने इन दोनों के समर्थन में अपने अखबार में लेख छाप दिया.
आगे अंग्रेजी सरकार ने उन्हें हिंसा का महिमामंडन और राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. उन्हें 1908 से 1914 तक जेल में रहने की सजा मिली.
1914 में जब वे जेल से बहार आए तो उनका रुख थोडा नरम पड़ गया. जब 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ तो उन्होंने ब्रिटेन के राजा से वादा किया कि वे उनके लिए भारतीय सैनिकों को लड़ाई के लिए तैयार करेंगे. हालांकि, वे गाँधी जी के अहिंसा के मार्ग की हमेशा आलोचना करते रहे.
सर रिचर्ड हैडले का जन्मदिन
3 जुलाई 1951 के दिन क्रिकेट इतिहास में सबसे महानतम गेंदबाजों में शुमार सर रिचर्ड हैडले का जन्म हुआ. वे न्यूजीलैंड की तरफ से खेलते थे. कहा जाता है कि मुथैया मुरलीधरन के बाद वे एकलौते ऐसे गेंदबाज रहे, जिन्होंने एक साधारण सी टीम में रहते हुए भी कमाल का प्रदर्शन किया.
उनका प्रदर्शन समय के साथ निखरता चला गया. तेज गेंदबाजी का ऐसा कोई पहलू नहीं था, जिससे वे वाकिफ ना होंगे. उस समय के बल्लेबाज उनसे खौफ खाते थे. उन्होंने टेस्ट मैच में कुल मिलाकर 431 विकेट लिए. उनके एक प्रदर्शन को हमेशा याद किया जाता है.
1985 से पहले न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया में एक भी टेस्ट मैच नहीं जीता था. इसी साल न्यूजीलैंड ने ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट मैच खेला. इस मैच की पहली पारी में सर रिचर्ड हैडले ने 52 रन देकर 9 विकेट झटके. इस पूरे मैच में उन्होंने 15 विकेट चटकाए.
आगे न्यूजीलैंड ने यह मैच आसानी से जीत लिया. इस मैच में हेडले ने एक शानदार कैच भी पकड़ा था. कहा जाता है कि यदि वे यह कैच ना पकड़ते तो एक पारी में 10 विकेट लेने वाले मात्र दूसरे गेंदबाज बन जाते.
गेंदबाजी के साथ-साथ सर रिचर्ड हैडले निचले क्रम में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी भी करते थे. उन्होंने टेस्ट मैचों में दो शतक भी लगाए थे.
मशहूर गायक जिम मोरिसन का निधन
3 जुलाई 1971 के दिन मशहूर गायक जिम मोरिसन की मृत्य हो गई. उन्होंने रॉक एंड रोल संगीत में नए पैमाने स्थापित किए थे. मृत्यु के समय उनकी उम्र मात्र 27 साल थी. उनकी मृत्यु संदिग्ध परिस्थितयों में हुई.
जिम साठ के दशक में बने ‘दि डोर्स’ के लीड गिटारिस्ट और गायक थे.
उनके लिख गए लिरिक्स और बजाई गई धुनों में एक दार्शनिकता चिप्पी हुई थी. वे नीत्से, ब्लेक और हौक्स्ले जैसे दार्शनिकों से ख़ासा प्रभावित थे. कहा जाता है कि वे बहुत नशा करते थे और हमेशा नशे में ही डूबे रहते थे. लोगों का यह भी मानना है कि अत्यधिक नशा करने के कारण ही उनकी मृत्यु हुई.
बहरहाल, पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में उनकी मौत की वजह हृदयघात बताई गई. उनका शव पेरिस स्थित उनके अपार्टमेंट के बाथटब में मिला था. इस अपार्टमेन्ट में वे अपनी गर्लफ्रेंड पामेला कार्सन के साथ रह रहे थे.
आगे उनकी जीवनी लिखने वाले जेरी होपकिंस ने दावा किया जिम की मृत्यु हेरोइन के ओवरडोज से हुई थी.
ऑपरेशन कैटापुल्ट हुआ लांच
3 जुलाई 1940 के दिन ब्रिटेन के नौसैनिकों ने अल्जीरिया के एक बंदरगाह में खड़े फ्रांस के युद्धक जहाजों को नष्ट कर दिया.
ब्रिटेन और फ़्रांस द्वितीय विश्व युद्ध में साथ-साथ लड़ रहे थे. ब्रिटेन ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि जर्मनी फ्रांस के इन जहाजों पर कब्जा जमाकर उसके ऊपर हमला करने वाला था. ब्रिटेन में इसे ‘ऑपरेशन कैटापुल्ट’ का नाम दिया था.
असल में फ्रांस को हराने के बाद जर्मनी ब्रिटेन से बस कुछ कदम की ही दूरी पर रह गया था. जर्मनी ब्रिटेन के ऊपर आक्रमण करने के लिए फ़्रांस के जहाजों का प्रयोग करने की योजना बना रहा था. ऐसे में जरूरी हो गया था कि ब्रिटेन फ्रांस के जहाज़ों को नष्ट कर दे.
ब्रिटेन ने फ्रांस के जहाजों के सामने चार विकल्प रखे थे. पहला, उन जहाजों को ब्रिटेन के हवाले कर दिया जाए. दूसरा, ब्रिटेन के नेतृत्व में इन जहाजों का प्रयोग जर्मनी के खिलाफ युद्ध में हो. तीसरा, जहाजों का निशस्त्रीकरण कर दिया जाए और चौथा कि उन्हें नष्ट कर दिया जाए.
आगे फ़्रांस ने इन चारों विकल्पों को मानने से मना कर दिया. इसके बाद ब्रिटेन ने इन जहाजों को घेरकर नष्ट कर दिया. इस हमले में 1250 फ्रांसीसी सैनिक मारे गए. इसी क्रम में 5 जुलाई को फ़्रांस ने ब्रिटेन से अपने सभी कूटनीतिक रिश्ते तोड़ लिए.
तो ये थीं 3 जुलाई के दिन इतिहास में घटीं कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना की जानकारी हो तो हमें कमेन्ट बॉक्स में बताएं.
Web Title: Day In History 3 July: Operation Catapult Was Launched, Hindi Article
Feature Image Credit: HindGrapha