दुनियाभर का इतिहास अगर हम देखें, तो उसमें वीरता, कायरता, हैरतंगेज कारनामों के साथ ही साजिशपूर्ण घटनाएं भी हैं.
साजिश की घटनाओं पर अगर गौर करें, तो उनके प्लॉट से लेकर उन्हें अंजाम तक पहुंचाने के तरीके किसी फिल्मी कथानक की तरह ही लगते हैं. साजिश की एक ऐसी ही घटना जर्मनी में 20 जुलाई 1944 में हुई थी. तानाशाह एडोल्फ हिटलर के खिलाफ.
दिलचस्प बात तो यह थी कि इस घटना को अंजाम देने वाला जर्मन सेना का ही एक कर्नल था. नाम था क्लॉज वॉन स्टॉफनबर्ग, जिसकी एक आंख युद्ध में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी.
तो आइए, जानने की कोशिश करते हैं उस पूरे घटनाक्रम को-
जर्मनी की हार और हिटलर का उदय
एडॉल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल 1889 को ऑस्ट्रिया में हुआ. उसके पिता सरकारी मुलाजिम थे, मगर हिटलर को सरकारी नौकरी से नफरत थी. उसे पेंटर बनने का शौक था.
उसने महज 14 साल की उम्र में अपने पिता को खो दिया और 17 साल का हुआ, तो सिर से मां का साया उठ गया. अब हिटलर अकेला था. वह ऑस्ट्रिया से वियना चला गया और पेंटिंग्स बेचकर किसी तरह दिन गुजारने लगा. वियना में रहते हुए सियासत की तरफ उसका रुझान बढ़ा और उसने नाजी विचारधारा तैयार कर ली.
इसी बीच पहला विश्वयुद्ध शुरू हो गया. यह साल 1913 था. वह जर्मनी के म्यूनिख चला गया और बराविया के राजा से अपील की कि उसे रिजर्व इनफैंट्री रेजिमेंट की सेवा का मौका दिया जाए.
पहले विश्वयुद्ध में हिटलर ने अपनी दिलेरी से सबको खुश कर दिया. लेकिन, उसकी दिलेरी काम न आ सकी और जर्मनी की शर्मनाक हार हुई. इस हार ने जर्मनों के भीतर यह सुबहा भर दिया कि उनकी हार देश के भीतर बैठे यहूदी ‘देशद्रोहियों’ के कारण हुई.
हिटलर की भी ऐसी ही सोच थी. यही सोच नाजी पार्टी के उदय की नींव बनी.
पहले विश्वयुद्ध के बाद जर्मन वर्कर्स पार्टी का गठन हुआ. यह पार्टी यहूदी विरोधी, राष्ट्रवादी और दक्षिणपंथी विचाराधारा की पोषक थी. हिटलर ने खुद को इस विचारधारा के करीब पाया और उसने पार्टी ज्वाइन कर ली.
चूंकि, हिटलर एक अच्छा वक्ता था इसलिए उसके समर्थकों की संख्या बढ़ती गई और पार्टी में उसका ओहदा भी. अब तक हिटलर ने पूरे जर्मनी पर राज करने का मन बना लिया था. उसने सबसे पहले जर्मन वर्कर्स पार्टी का नाम बदलकर नेशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी किया और सत्ता तक पहुंचने का हथियार प्रॉपगेंडा को बनाया.
…और आखिरकार सन 1933 में जर्मनी की गद्दी पर काबिज हो गया.
जर्मनी का शासक बनने के बाद उसने महज 6 साल में 60 लाख यहूदियों की हत्या कराई. हिटलर की तानाशाही ने कई दुश्मन पैदा किए. इन्हीं में एक क्लॉज वॉन स्टॉफनबर्ग भी था. स्टॉफनबर्ग जर्मन सेना में कर्नल था.
Adolf Hitler with his Army (Pic: Rolling Stone)
पहले भी हुई थीं हिटलर की हत्या की कोशिशें
ऐसा नहीं है कि स्टॉफनबर्ग वह पहला शख्स था, जिसने हिटलर की हत्या की साजिश रची थी. उससे पहले भी हिटलर की हत्या की योजनाएं बनाई गईं, लेकिन इनका पर्दाफाश शुरू में ही कर दिया गया. ऐसी ही एक योजना सन 1938 में बनी थी.
एक स्विस छात्र हिटलर को ‘शैतान’ मानता था और वह उसकी हत्या करने के लिए पिस्तौल लेकर 9 नवंबर 1938 को बीयर हॉल पहुंच गया. वह जेब से पिस्तौल निकालकर ट्रिगर दबाता कि ऐन वक्त हिटलर को सैल्यूट करने के लिए हजारों हाथ उठ गए और हिटलर कहीं गुम हो गया. बाद में उस छात्र ने हिटलर की हत्या का इरादा छोड़ दिया.
हालांकि, एक दिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया और उसकी तलाशी ली गयी तो उसके पास से पिस्तौल व नक्शा मिला. पूछताछ में उसने हिटलर की हत्या की साजिश के बारे में भी बताया. मई 1941 में उस छात्र को सजा-ए-मौत मिली. सन 1939 और फिर सन 1943 में भी हिटलर की हत्या की योजना बनाई गई, लेकिन वे योजनाएं भी बुरी तरह फेल हो गईं.
इससे पहले जब हिटलर एक गुमनाम व्यक्ति था, तब भी एक बार उसे मारने की योजना तैयार की गई थी. लेकिन, वह बच गया.
नाजी समर्थक ही बन गया हिटलर का दुश्मन
स्टॉफनबर्ग का जन्म 15 नवंबर 1907 में बराविया में हुआ था. महज 19 साल की उम्र में वह जर्मन सेना में भर्ती हो गया. वह एक जांबाज सिपाही साबित हुआ और कई सम्मान भी मिले. युद्ध के वक्त कई महत्वपूर्ण मोर्चे पर उसकी तैनाती की गई.
स्टॉफनबर्ग वैसे तो नाजी नीतियों का समर्थक था. लेकिन, समय गुजरने के साथ जिस तरह जर्मनी में अत्याचार को सरकारी शह मिलने लगी थी, उससे वह बेहद परेशान हो गया था. उसे यह भी अहसास होने लगा था कि हिटलर को जैसा समझता था, हिटलर वैसा नहीं था.
उसका यह अविश्वास दिनों-दिन बढ़ता गया.
इस बीच उसकी तैनाती नॉर्थ अफ्रीकी कैंपेन में हो गई. वहां वह आयुध यूनिट देखता था. अप्रैल 1943 में युद्ध में लड़ते हुए उसे एक आंख और एक हाथ गंवाने पड़े. युद्ध में जख्मी होने के कारण काफी समय उसे बिस्तर पर बिताना पड़ा. उन्हीं दिनों कुछ लोगों ने उससे मुलाकात की और हिटलर को रास्ते से हटाने की योजना के बारे में बताया.
स्टॉफनबर्ग वैसे ही हिटलर से नफरत करता था, इसलिए जब उसके पास हिटलर की हत्या की योजना बना रहे लोग आए, तो वह तुरंत इसके लिए तैयार हो गया.
Schenk von Stauffenberg (Pic: WW2 Gravestone)
हिटलर के करीब विस्फोट हुआ और वह…
स्टॉफनबर्ग व कुछ अन्य लोगों ने मिलकर हिटलर की हत्या की योजना बना ली और उसका नाम दिया गया ‘ऑपरेशन वाल्कैरी’. वाल्कैरी का अर्थ होता है हंता का चयनकर्ता. खैर, योजना तो बन गई थी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल था कि उस योजना को अमलीजामा कौन पहनाएगा ?
स्टॉफनबर्ग ने यह जिम्मेवारी अपने ऊपर ले ली. स्टॉफनबर्ग जिस योजना पर काम कर रहा था उसके लिए जरूरी था कि वह हिटलर के आसपास रहे! इसी क्रम में सन 1944 में स्टॉफनबर्ग ने किसी तरह जर्मनी रिप्लेसमेंट आर्मी के कमांडर का पद हासिल कर लिया. यह पद मिलने से उसे यह अधिकार भी मिल गया कि वह हिटलर के पास आ-जा सके.
20 जुलाई 1944 का दिन था. इसी दिन हिटलर की हत्या की जानी थी. मौका था वोल्फ्स लायर के अंडरग्राउंड रूम में हिटलर का कॉन्फ्रेंस. कॉन्फ्रेंस सेना के जवानों के साथ था.
चूंकि, उस दिन भीषण गर्मी पड़ रही थी, तो हिटलर ने आखिरी वक्त में अंडरग्राउंड रूम की जगह ऊपर के कमरे में कॉन्फ्रेंस करने का इरादा कर लिया. हिटलर की हत्या की योजना को अंतिम रूप देने में जुटे स्टॉफनबर्ग के प्लान को इस निर्णय से झटका लगा.
लेकिन, उसने इरादा कर रखा था कि वह अपनी योजना को हर सूरत में अंजाम तक पहुंचाएगा.
अतः हिटलर के आने से पहले ही स्टॉफनबर्ग ने हिटलर के बैठने की जगह के करीब बम से भरा ब्रीफकेस कॉन्फ्रेंस रूम के टेबुल के नीचे छिपाकर रख दिया. हिटलर कॉन्फ्रेंस हॉल में पहुंचा और बोलना शुरू किया.
कुछ मिनट उसने बोला होगा कि बहाना कर स्टॉफनबर्ग कमरे से बाहर निकल गया. उसके निकलने के कुछ देर बाद ही कमरे में जोरदार विस्फोट हुआ, जिसमें तीन लोग मारे गए, लेकिन संयोग से हिटलर बच निकला. हां, उसे मामूली चोट जरूर आई.
दरअसल, बीफ्रेकस रखने के बाद जब वह बाहर निकला तो हिटलर के करीब बैठे एक अन्य सैन्य अफसर ने ब्रीफकेस को साइड में सरका दिया था. यही वजह थी कि हिटलर बच गया.
The Trousers Hitler Was Wearing When the Bomb Exploded (Pic: bbc.com)
इस साजिश का बहुत जल्दी ही पर्दाफाश कर दिया गया. स्टॉफनबर्ग समेत दूसरे साजिशकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए और बतौर सजा गोलियों से भून दिया गया.
Web Title: Operation Valkyrie, A Plot to assassinate Adolf Hitler, Hindi Article
Feature Image Credit: allthatsinteresting