भारत में ढ़ेर सारे मंदिर मौजूद हैं, जो अपनी-अपनी विशेषता और आकर्षण के लिए विश्व विख्यात हैं. हाल ही में यूनेस्को द्वारा एशिया पेसिफिक अवॉर्ड ऑफ मेरिट 2017 के लिए तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में मौजूद रंगनाथस्वामी मंदिर को चुना जाना इस बात को प्रमाणित करता है कि भारतीय मंदिरों की ख्याति हजारों सालों बाद भी बनी हुई है.
बताते चलें कि इस पुरस्कार के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र के 10 देशों से कई धरोहरों के नाम आए थे. रंगनाथस्वामी मंदिर के अलावा इस प्रतियोगिता में भारत से ताजमहल भी शामिल था, किन्तु, रंगनाथस्वामी के सामने वह भी नहीं टिक सका.
तो आईये दुनिया को दीवाना बना देने वाले इस भारतीय मंदिर को तस्वीरों के माध्यम से जानने की कोशिश करते हैं–
रंगनाथस्वामी को ‘तिरुवरंगम तिरुपति’ और ‘पेरियाकोइल’ के नाम से भी जाना जाता है (Pic: naanushande)
यह लगभग 156 एकड़ के क्षेत्र में फैला यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा एक्टिव मंदिर माना जाता है. (Pic: tamilwin)
मान्यता के अनुसार चोल वंश के एक राजा को यहां मौजूद भगवान विष्णु की मूर्ति घने जंगल में एक तोते का पीछा करते हुए मिली थी, और उन्होंने ही इसका निर्माण कराया था (Pic: wikipedia)
वहीं दूसरी तरफ मंदिर में मौजूद शिलालेखों में चोल, पाण्ड्य, होयसल और विजयनगर राजवंशों के समय की छटा देखने को मिलती है. (Pic: Colourbox)
यह मंदिर इतना बड़ा है कि आप अपना पूरा दिन यहां बिता सकते हैं. यह 21 गोपुरमों से मिलकर बना हुआ है (Pic: anudinam)
यहां मौजूद 236 फ़ीट ऊंचा मंदिर का मुख्य गोपुरम आकर्षण का केंद्र माना जाता है. इसे ‘राजगोपुरम’ कहा जाता है. (Pic: Wikimedia)
मंदिर में आपको भगवान विष्णु की अद्भुत मूर्ति देखने को मिलेगी. वह शयन की मुद्रा में है. उनके इस स्वरूप को ही ‘श्री रंगनाथ’ के नाम से पूजा जाता है. (Pic: exploremytrip)
इसके अलावा यहां आपको अन्य देवी-देवताओं को समर्पित देवालय भी देखने का मिलेंगे (Pic: hiveminer)
वास्तु कला की बात की जाये तो यहां आपको तमिल शैली बहुतायत में देखने को मिलेगी. (Pic: hiveminer)
चूंकि यह मंदिर मैसूर से ज्यादा दूर नहीं है, इसलिए कहा जाता है कि टीपू सुल्तान की भी इस मंदिर के प्रति अपनी रुचि थी. (Pic: arjuna)
यह तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में स्थित बेस्ट टूरिस्ट स्पॉट में से एक है. (Pic: cullensindia)
यहां भगवान रंगनाथ के दर्शन के लिए देशभर से ही नहीं, बल्कि विश्व के कोने-कोने से एक बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं (Pic: tirthayatra)
इस मंदिर का हर एक भाग भारतीय संस्कृति का एक नायाब उदाहरण है, जिसकी जितनी बात की जाये उतना कम होगा. निश्चित रुप से इसे यूनेस्को द्वारा ‘एशिया पेसिफिक अवॉर्ड ऑफ मेरिट 2017’ से सम्मानित किया जाना भारत के लिए गौरव की बात है.
Web Title: Ranganathaswamy Temple Won Unesco Asia Pacific Award, Photo Story
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