इतिहास एक ऐसा समंदर है, जिसकी गहराई का अंदाजा लगा पाना नामुमकिन है.
अगर चीन की बात की जाए तो उसका इतिहास भी काफी पुराना रहा है. चीनी इतिहास में इतनी सभ्यताएं आईं, इतने राजा आए कि उन सब के बारे में जान पाना किसी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं है.
इन राजाओं ने अपने समय में खुद को इतिहास में अमर बनाने के मकसद से कई कार्य किए, उन्हीं में से एक थी चीन की महान दीवार, और एक है टेराकोटा वॉरियर की कब्रगाह.
टेराकोटा सेना के गुप्त बूत चीनी शासक किन शी हुआंग की कब्र के साथ जमीन में दफन किए गए थे. ऐसा किस लिए किया गया, इस लेख में हम ये जानने की कोशिश करेंगे.
तो चलिए इतिहास के पन्नों को पलटते हैं और जानते हैं चीन के पहले सम्राट किन शी हुआंग के मकबरे के बारे में –
जमीन में दफन है 2200 साल पुराना इतिहास
बात लगभग 250 ईसा पूर्व की है, जब चीन के शानक्सी प्रांत में तेरह साल की उम्र में एक युवा राजा यिंग झेंग ने अपना मकबरा बनाने का हुक्म दिया.
38 साल की उम्र में किंग झेंग सभी युद्धरत राज्यों को एकजुट करने में सफल रहे और चीन के पहले सम्राट किन शी हुआंग बने.
सम्राट किन शी हुआंग ने 221-207 ईसा पूर्व तक चीन पर शासन किया था. चीन की महान दीवार का निर्माण भी हुआंग ने कराया था.
जैसे जैसे सम्राट की शक्ति और साम्राज्य बढ़ता गया, धन की वर्षा भी होने लगी. और सम्राट अपनी मौत के बाद होने वाली संभावित नीरसता को लेकर चिंतित होने लगा.
इसलिए उसने आदेश जारी किए कि उसका एक आलीशान मकबरा तैयार किया जाए. यह मकबरा जमीन के नीचे होना चाहिए और वहां पर उसकी पूरी सेना के मिट्टी के पुतले बनाए जाएं.
इससे पहले धरती पर इतना बड़ा मकबरा कभी नहीं बनाया गया था.
Terracotta Army was built between 221 BC to 208 BC. (Pic The New York Times)
खुदाई में मिले 8000 सिपाहियों के बुत
इसके बाद राजा के आदेश की तामील हुई और इस मकबरे के लिए शिआन शहर के उत्तरी पहाड़ों के पार रेगिस्तान जैसी जगह को चुना गया. जहां जमीन के नीचे खुदाई कर राजा की कब्र बनाई गई और उसके साथ उनकी टेराकोटा आर्मी के योद्धाओं व उनके घोड़ों तक के पुतले बनाए गए.
इस काम के बाद कब्र को मिट्टी से ढंक दिया गया और पूरे 2200 साल तक यह इंसानी नजरों से छिपी रही.
साल 1974 को जब एक किसान इसी स्थान पर कुआं बनाने के लिए खुदाई कर रहा था तो उसकी नजर जमीन में दफन इस कब्र पर पड़ी और चीन के इतिहास का ये बेशकिमती खजाना उनके हाथ लगा.
इसके बाद अगले दस सालों तक पुरातत्व विभाग के लोगों ने इस स्थान व इसके आसपास के काफी बड़े क्षेत्र में खुदाई की.
इस दौरान लगभग 8000 के करीब सिपाहियों के पुतले मिले, जिन्हें बेहद खूबसूरती व सफाई से पेंट किया गया था. इस खुदाई को जब और आगे बढ़ाया गया तो पता चला कि सम्राट की मौत के बाद उनके शव को भी यहीं दफना दिया गया था.
हुआंग के 38 वर्ग मील में फैले इस मकबरे में सम्राट के शानदार जीवन का हर एक पहलू शामिल किया गया था. टेराकोटा सेना का निर्माण चीन के पहले सम्राट की कब्र को सुरक्षा देने के लिए गार्ड के रूप में किया गया था.
ये प्रतिमाएं सन 476-221 ईसा पूर्व के युद्ध के समय की एकजुट चीन सेना का प्रतिनिधित्व करती हैं. इन्हें अलग-अलग हिस्सों में बनाया गया है, फिर उन भागों को आपस में जोड़कर इन पर रंग किया गया है.
Chinese Archaeologist found Terracotta Warriors. (Pic: figuresarquivosdoinsolito)
प्राकृतिक आपदा से मची तबाही
इस अद्भुत मकबरे के बनने के समय को लेकर इतिहासकारों में बहस रही है. अधिकतर विशेषज्ञ मानते हैं कि इस मकबरे को बनने में लगभग 40 साल का समय लगा था, जबकि कुछ का कहना है कि इसे बनने में 10 साल का समय लगा.
उनके मुताबिक जब 221 बीसी में राजा किन शी हुआंग ने बाकी के सभी राज्यों को हराकर एक संयुक्त चीन बनाया तो उस समय उसने इसका निर्माण कार्य शुरू कराया था और 209 में इसे रुकवा दिया गया.
इस मकबरे में मिले पुतलों की जांच में पाया गया कि टेराकोटा योद्धाओं के इन बुतों ने बहुत सी चीजों का सामना किया, जैसे कि बाढ़ इत्यादि. जांच में पुतलों पर मौजूद क्षति के निशान इसका प्रमाण देते हैं.
पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार, मकबरे के निर्माण के दौरान इस गड्डे के चारों ओर 3.5 मीटर मोटी दीवार भी थी, लेकिन बाढ़ के कारण यह केवल 1.7 मीटर ही रह गई, जिसके चलते इन बुतों पर बाढ़ का कहर बरपा.
Natural Disaster broke many of Terracotta Army Statue. (Pic: 2 Travel Dads)
मकबरे को खत्म करना चाहता था शिआंग यू
इतिहासकारों के मुताबिक, इस मकबरे को क्षति पहुंचाने की एक और कोशिश पश्चिमी क्षेत्र के अधिपति चू शिआंग यू द्वारा की गई थी. इसका प्रमाण खुदाई के दौरान मिले योद्धाओं के हथियार बयान करते है.
माना जाता है कि इस कोशिश के पीछे का मकसद मकबरे में मौजूद तांबे की तलवारें व अन्य हथियार हथियाने की लालसा रही होगी.
खुदाई में जांच कर रहे लोगों ने जली हुई मिट्टी के कुछ अवशेष भी पाए, साथ ही बहुत सी जली हुई लकड़ियां भी. इससे पता लगा कि टेराकोटा आर्मी के इन बुतों को खत्म करने के लिए इन्हें जलाने का प्रयास भी किया गया था.
इस कार्य को कौन कर सकता है, इसकी जानकारी प्राचीन चीनी ऐतिहासिक हस्त लेखों में मिलती है. जिनके मुताबिक किन शी हुआंग ने चू राज्य को तबाह कर दिया था और शिआंग यू के परिवार को भी मरवा दिया गया था.
यह एक बड़ा कारण है कि शिआंग यू किन शी हुआंग के मकबरे को तबाह करने की ऐसी कोई कोशिश करता रहा.
Archaeologist found Horses and Chariots along with Terracotta Worriers. (Pic: kitskinny)
यूनेस्को ने बनाया विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल
कुछ समय बाद इस मकबरे को राज्य की निजी संपत्ति घोषित कर दिया गया और साल 2005 में चीन की सरकार ने इसे अपने अधीन करते हुए इसकी सारी देखभाल की जिम्मेदारी अपने सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण विभाग को सौंप दी.
इससे पहले इस प्राचीन पुरातात्विक स्थल को 1987 में यूनेस्को ने विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल घाषित कर दिया था.
इस मकबरे की सही देखरेख के लिए चीन में किन शी हुआंग नाम से एक विभाग बना दिया गया है. साल 2009 में इस मकबरे को एक म्यूजियम बना दिया गया. जहां पर टेराकोटा आर्मी के अवशेष और साबुत पुतलों को लोगों के समक्ष प्रदर्शित किया गया.
बहरहाल चीनी इतिहास को दर्शाता यह मकबरा आज दुनिया भर के लोगों के लिए ऐतिहासिक पर्यटन स्थल बन चुका है. हर साल हजारों पर्यटक इस मकबरे को निहारने व इसके निर्माण से जुड़ी कहानी को जानने के लिए यहां आते हैं.
क्या आप भी इस अद्भुत जगह को देखना चाहेंगे… कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Terracotta Army: Guarding the Mausoleum of the First Qin Emperor Qin Shi Huang, Hindi Article
Featured Image Credit: Broad Street Review