ट्रोजन युद्ध की कहानी, जिसे लोग सदियों से सुनते आ रहे है और लगातार इस युद्ध की रोचकता से प्रभावित भी होते आये हैं. इस युद्ध की कहानी ने लोगों को अपना इस कद्र दीवाना बना दिया है कि, जिस पर अनगिनत विद्वानों के लेख और किताबों के साथ ही पुरातात्विक खुदाई, महाकाव्य फ़िल्में, मंच नाटकों, मूर्तिकला और डॉक्यूमेंटरी बनाई जा चुकी है. यही नहीं इस युद्ध की जगह ट्रॉय नाम से संयुक्त राज्य अमेरिका में शहरों के नाम भी रखे गए हैं.
हों भी क्यूँ न जब कहानी ही इतनी रोचक हो कि एक रानी जिसकी ख़ूबसूरती पर एक राजकुमार इस कद्र फ़िदा हो गया कि रानी की शादी होने के बावजूद उसको पाने की चाहत रखने लगा, जिसके लिए उसने रानी का अपहरण कर लिया.
ऐसे में इस अपमान का बदला लेने और अपनी रानी को छुड़ाने के लिए राजा लगातार 10 साल तक युद्ध करता रहा, जो कहानी को रोचक बनाती है और पाठकों को अपनी ओर आकर्षित करने का माद्दा रखती है.
दिलचस्प यह है कि यह युद्ध एक तरफ जहां यूनानियों की बहादुरी और संघर्ष का उल्लेख करती है, वहीं दूसरी तरफ इस युद्ध की सच्चाई पर सवाल भी उठता रहा है.
दरअसल, प्राचीन ग्रीस के इतिहास और पौराणिक कथाओं में ट्रोजन युद्ध का ज़िक्र मिलता है. इतने पुराने युद्ध को यूनानियों के प्रसिद्ध लेखकों में से एक होमर ने अपनी किताब ‘इलियड’ में वर्णन किया है.
जैसे भारत में महाभारत की कथाओं के बिना सब कुछ अधुरा सा लगता है ठीक उसी तरह होमर द्वारा रचित इलियड भी यूनानियों के काफी करीब मानी जाती है, लेकिन इस युद्ध का अभी तक कोई प्रमाण नहीं मिल पाया है. इस वजह से कई लेखकों समेत इस पर मतभेद भी रहे है कि ट्रोजन युद्ध सच है या एक मिथ्य.
होमर की इन कृतियों पर सवाल उठना संभव है कि इन्होंने अपनी किताब में सच्चे युद्ध का ज़िक्र किया है या सिर्फ अपने यूनानी योद्धाओं की बहादुरी की काल्पनिक कथा को दर्शाया है.
खैर, जो भी हो मगर ऐसे में ट्रोजन युद्ध के बारे में जानना हमारे लिए दिलचस्प होगा, तो चलिए जानते है ट्रोजन युद्ध से जुड़े कुछ रोचक और दिलचस्प बातों के बारे में….
जब हेलेन की पेशकश राजकुमार पेरिस को दी गई और...
होमर की इलियड के अनुसार, देवताओं के देवता ज़ीउस ने पेलेस और थिटिस का विवाह कराया, जिसमें संघर्ष की देवी एरिस को छोड़कर सभी देवताओं को निमंत्रण दिया गया था. ऐसे में देवी ने मेहमानों के बीच एक गोल्डन ऐप्पल फेंक दिया. जिस पर "सबसे पहले" शब्दों को अंकित किया गया था.
ऐसे में हेरा, एथेना और एफ़्रोडाइट देवियों में झगड़ा शुरू हो गया कि, सेब कौन खायेगा. इसका फैसला इन्होने ज़ीउस पर छोड़ दिया. ज़ीउस जानता था कि, अगर उसने किसी एक को चुना तो कोई दो नाराज हो जायेगी. ऐसी परिस्थिति में उन्होंने पेरिस के युवा राजकुमार पेरिस को न्यायाधीश के रूप में चुना.
पेरिस नग्न तीन देवियों को देखने के बाद भी निर्णय नहीं ले सका, इसलिए उन्होंने उसे रिश्वत देना शुरू कर दिया. हेरा ने कहा कि उन्हें राजनीतिक शक्ति मिलेगी और एशिया के महाद्वीप का शासक होगा. एथेना उसे युद्ध में ज्ञान और महान कौशल देगी और एफ़्रोडाइट ने उसे दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला स्पार्टा की राजकुमारी हेलेन की पेशकश की. पेरिस ने सेब को एफ़्रोडाइट को दिया और ट्रॉय लौट आया.
आगे पेलेस और थीटिस को एक बेटा हुआ, जिसका नाम एचिलीस था, जिनके बारे में दो भविष्यवाणियां की गई थीं पहला यह कि वह एक गौरवशाली युद्ध का नेतृत्व करेंगे, लेकिन युद्ध में मारे जांयेंगे दूसरा, उनकी मदद के बिना, ट्रॉय शहर कभी नहीं जीता जा सकता। अपने बेटे के जीवन के लिए डरते हुए, थीटिस ने उन्हें अमरता प्रदान करने का फैसला किया था.
इसी कड़ी में आपको बताते चले कि एचिलिस यूनानियों के सबसे महान योद्धाओं में से एक माने जाते हैं.
पेरिस ने रानी हेलेन का किया अपहरण
इसी बीच दुनिया की सबसे खूबसूरत महिला राजकुमारी हेलेन, जो स्पार्टा के किंग टिंडारेस की बेटी थीं. इनसे शादी करने के लिए कई महान योद्धाओं ने हामी भरी, लेकिन सभी राजकुमारों को यह डर था, कि इनकी ख़ूबसूरती कहीं युद्ध का कारण न बने और वो स्पार्टा राजाओं की बहादुरी से डरते भी थे.
ऐसे में राजा टिंडारेस को डर सताने लगा कि कहीं सभी के बीच एक तनाव की स्थिति न पैदा हो जाए और वो राजकुमारी को लेकर परेशान रहने लगे. इसी बीच ओडिसीस (यूनानी योद्धाओं में से एक) इस समस्या को हल करने के लिए मदद की पेशकश की, जिसकी बातों से टिंडारेस सहमत हुए.
ओडिसीस ने कहा कि सभी ग्रीक योद्धाओं ने शपथ ली है कि, वे जोड़े की रक्षा करेंगे चाहे दूल्हा कोई भी हो. शपथ लेने के बाद, टिंडारेस ने राजकुमारी हेलेन का विवाह राजकुमार मैनिलौस से कर दिया.
आगे, वादे के मुताबिक एफ़्रोडाइट ने पेरिस को हेलेन का दिल जीतने में मदद करने का फैसला किया. उसने एक योजना बनाई और पेरिस को राजनयिक अनुयायी के रूप में स्पार्टा बुलाया जहां हेलेन ने उसका स्वागत किया, क्योंकि उसका पति अपने मृत चाचा को दफनाने के लिए दूर किसी स्थान पर गया हुआ था.
राजकुमार पेरिस ने जब हेलेन को देखा तो उसकी ख़ूबसूरती ने उसको दीवाना बना लिया था, फिर पेरिस ने किसी तरह हेलेन का अपहरण करके अपने नगर ट्रॉय ले आया.
ग्रीक के सभी राजा ट्रॉय से युद्ध करने निकल पड़े
मैनिलौस को जब इसका पता चला तो वह बड़ा दुखी हुआ, हालांकि सभी ग्रीक राजाओं ने वादा किया था, तो ऐसे में ओडिसिस ने सभी राजाओं को इकठ्ठा किया और ग्रीक का अपमान और रानी को वापस लाने के लिए ट्रॉय नगर की तरफ निकल पड़ा.
हालांकि उन्हें एचिलिस की भी आवश्यकता थी, क्योंकि उन्हें भविष्यवाणी के बारे में पता था कि ट्रॉय को उनकी मदद के बिना नहीं हराया जा सकता. ऐसे में एचिलिस को भी साथ लिया गया.
औलिस के बंदरगाह पर सभी इकट्ठे हुए। इसके बाद ग्रीक के सभी राजाओं के साथ एक बड़ा बड़ा ट्रॉय पहुंचा.
9 साल बीत गया, मगर…...
जब बेड़े ट्रॉय पहुंचा, तो वे सभी उतरने के लिए अनिच्छुक थे, क्योंकि एक भविष्यवाणी के अनुसार, ट्रोजन की धरती पर कदम रखने वाला पहला ग्रीक युद्ध में मरने वाला पहला व्यक्ति होगा.
अंत में ओडिसीस ने पहले उतरने का फैसला किया, हालांकि उन्होंने जमीन पर अपनी ढाल फेंक दिया और फिर उस पर अपना कदम रखा, जबकि प्रोटीलॉस जो उसके पीछे थे, जमीन पर पहले उतरे। इस प्रकार यह प्रोटीलॉस था जो कि ट्रोजन राजकुमार हेक्टर के हाथों सबसे पहले मारा गया था।
खैर, ट्रॉय किले की दीवारें इतनी मजबूत थी कि उसको गिराना आसान नहीं था. शायद यही वजह थी कि 9 साल बीत चुके थे लेकिन ग्रीक के राजाओं ने ट्रॉय पर जीत हासिल नहीं कर पाए थे.
ऐसे में नौवें वर्ष के अंत में ग्रीक सेना ने विद्रोह किया और मांग की कि वे घर लौट जाएंगे, क्योंकि एक लंबा अरसा बीत चुका था, लेकिन एचिलिस ने उन्हें समझाया और ग्रीक के अपमान का बदला लेने और अपनी शपथों को याद दिलाया.
हालांकि इसके बाद सेनाओं ने रुकने का फैसला किया और वे युद्ध करते रहे. दसवें साल के अंत में ट्रोजन ने लगभग सभी यूनानी जहाजों को आग लगा दिया था.
एचिलिस के मरने से ग्रीक सेनाओं का टूटा मनोबल
इसी बीच उनका महान सिपाही एचिलिस ट्रॉय के राजा हेक्टर को मारने में कामयाब रहा. उसने हेक्टर के शरीर को दफनाने से इनकार कर दिया और उसने इसके मृत शरीर को अपने रथ से शहर के दीवारों के सामने खींचकर इसे अपमानित भी किया.
हालांकि, ट्रॉय के राजा प्रियम (पेरिस और हेक्टर के पिता) के बड़ी विनती के बाद उनके बेटे के शव को उनके हवाले किया गया था. इसके बाद एचिलिस राजकुमार पेरिस के हाथों मारा गया.
इसके बाद ग्रीक सेनाओं का मनोबल टूट चुका था, परन्तु उनके पास उनका योद्धा ओडिसीस मौजूद था.
ट्रोजन घोड़े की मदद से ग्रीक की हुई जीत
ओडिसीस ने अपने सिपाहियों के अंदर हिम्मत बनाई रखी और युद्ध करने के लिए जोश भरता रहा.
आगे, ओडिसीस ने एक योजना बनाई, जिसके तहत एक लकड़ी का घोड़ा बनाया गया,जो अंदर से खोखला था.
उस लकड़ी के घोड़े के अंदर ग्रीक सिपाही छिपे हुए थे, फिर इस घोड़े को शहर के द्वार के सामने लाया गया. जिससे ट्रोजन को ये लगे कि ये उनके लिए एक उपहार है और ग्रीक राजाओं ने हार मानकर वापस अपने देश चले गए है.
ऐसा भ्रमातामिक संदेश ट्रोजनों को दिया गया. इसी घोड़े को ट्रोजन हॉर्स के नाम से भी जाना जाता है. ट्रॉय नगर के राजा ने घोड़े को शहर के अंदर लाने का हुक्म दिया और फिर घोड़े को ट्रॉय नगर में लाया गया.
ट्रॉय वासियों ने जीत की खुशी में जोरदार जश्न मनाया.
फिर रात के दौरान, ग्रीक सैनिक घोड़े से बाहर आ गए और नशे में धुत ट्रोजनों को मारना शुरू कर दिया। युद्ध के बाद बड़ी संख्या में सैनिकों की मृत्यु हो गई थी, लेकिन आखिरकार यूनानियों ने ट्रॉय को हरा दिया.
इस शहर को भी जला दिया गया. इसमें कई मंदिरें और पवित्र इमारतें भी नष्ट हो गईं. बाद में एक बड़ा तूफ़ान आया, जिसमें अधिकांश ग्रीक नायक और सैनिक मारे गए.
जबकि, कुछ बड़ी परेशानियों के बाद घर लौट पाए थे, क्योंकि देवताओं को गुस्सा आ गया था.
ट्रोजन युद्ध की सच्चाई पर उठता रहा है सवालिया निशान
इस तरह लगभग 10 साल तक यह युद्ध चला, जिसके बाद ही ग्रीक नायकों ने अपनी रानी हेलेन को आज़ाद करा पाने के कामयाब हो पाए थे. यह इतिहास की सबसे लंबी लड़ाइयों में से एक है.
इस युद्ध की कहानी इतनी दिलचस्प है कि हर कोई इसको पढ़ना चाहता है, मगर कुछ इतिहासकारों की माने तो यह एक मात्र मिथ्या है, वहीं पुरातत्व विभाग की खुदाई के बाद मिस्र में ट्रॉय शहर के कुछ प्रमाण मिले हैं.
मगर ट्रोजन युद्ध के कोई भी निशान अभी तक नहीं मिल पायें है.
खैर, जो भी हो ये कहानी यूनानियों के लिए प्रेरणादायक है, जो हम सब को आज भी आनंदित कर रही हैं.
क्यों सही कहा ना?
Web Title: The Longest Battle in History After the Abduction of Sparta Queen Helen, Hindi Article
Feature Image Credit: Patheos