इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन हर दिन इतिहास के बनने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
22 जुलाई के इतिहास के लिए भी यही मायने हैं. इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं.
तो आईए नज़र डालते हैं, इस दिन भारतीय इतिहास में घटीं कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
पहले भूस्थिर उपग्रह ने काम करना शुरू किया
22 जुलाई 1981 के दिन भारत के पहले भूस्थिर उपग्रह ने काम करना शुरू किया. इसका नाम एप्पल था. इसे 19 जुलाई को लांच किया गया था. इसकी निगरानी इसरो ने की थी.
इस उपग्रह को एरियन नाम के लांच वेहिकल से लांच किया था. यह वेहिकल फ्रांस में बनाया गया था.
इस उपग्रह को लांच करने के बाद भारत उन देशों की श्रेणी में शामिल हो गया, जिनके पास अपना खुद का तीन अक्षीय भूस्थिर उपग्रह था. इस उपग्रह का वजन 673 किलो था. इसका व्यास 1200 मिलीमीटर और लम्बाई 1985 मिलीमीटर थी.
इसका डिजाइन बैंगलोर केंद्र में किया था. यह केंद्र पूरी तरह से इसरो की निगरानी में था. इस केंद्र के पास उपग्रह की थर्मल पॉवर, टीटीसी और सेंसर की निगरानी की भी जिम्मेदारी थी.
लांच से पहले इसकी क्षमता और गुणवत्ता की जांच के लिए इसे फ़्रांस भेजा गया था. टेस्ट में पास होने के बाद इसे वापस भारत लाया गया. आगे आन्ध्र प्रदेश में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे लांच किया गया.
यह उपग्रह मुखता टेलीविजन और रेडिओ के क्षेत्र में नए प्रयोग करने के उद्देश्य से लांच किया गया था. यह पूरे दो साल तक अपनी कक्षा में रहा. सितम्बर 1983 में इसे निष्क्रिय कर दिया गया.
इसके लांच होने के एक साल पूरे होने के उपलक्ष में भारतीय डाक सेवा ने डाक टिकट भी जारी किया.
अस्तित्व में आया भारत का राष्ट्रीय ध्वज
22 जुलाई 1947 के दिन वर्तमान तिरंगे झंडे को राष्ट्रीय ध्वज घोषित किया गया. हमारे राष्ट्रीय झंडे में तीन रंग हैं. इन तीनों का अलग-अलग महत्त्व है.
सबसे ऊपर वाली पट्टी केसरिया रंग की है. यह बलिदान का प्रतीक है. बीच में सफेद रंग की पट्टी है. यह शांति की प्रतीक है. सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी है. यह खुशहाली की प्रतीक है.
सफेद रंग की पट्टी के बीचोंबीच नीले रंग का का अशोक चक्र है. यह प्रगति और कानून का प्रतीक है.
इससे पहले 1921 में गांधी जी ने देश के सबसे पहले झंडे की पेशकश की थी. इस झंडे में दो रंग थे. लाल रंग हिन्दू समुदाय का और हरा रंग मुस्लिम समुदाय का प्रतीक था. इसके बीचोंबीच गाँधी जी का चरखा था, जो इस बात का प्रतीक था की झंडा देश के कपड़े से बना है.
इस झंडे को मछलीपट्टनम के पिंगली वैंकेया ने बनाया था.
इसके बाद खिलाफत आन्दोलन के दौरान मोतीलाल नेहरु के नेतृत्व में तीन रंगों के झंडे का प्रयोग हुआ.
आगे फ्लैग कोड ऑफ़ इंडिया के तहत झंडे के प्रयोग के लिए नियम-कानून बनाए गए. इसमें यह निर्धारित किया गया कि केवल गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के दिन ही इसका प्रयोग किया जाएगा.
आगे 2002 में नवीन जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई. इस याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया कि झंडे का प्रयोग किसी दिन भी किया जा सकता है. आगे 2005 में इस ओर कुछ और सुधार हुए. इन सुधारों के तहत कुछ परिधानों में भी झंडे के प्रयोग को वैध कर दिया गया.
प्रणब मुखर्जी बने भारत के नए राष्ट्रपति
22 जुलाई 2012 के दिन प्रणब मुखर्जी को भारतीय गणराज्य का नया राष्ट्रपति चुना गया. इस प्रकार वे देश के बार्हंवें राष्ट्रपति बने. इस चुनाव में वे सत्तासीन कांग्रेस पार्टी की तरफ से खड़े हुए थे. उनसे पहले प्रतिभा पाटिल देश की राष्ट्रपति थीं.
इस चुनाव में उनके विरुद्ध पूर्णो संगमा को खड़ा किया गया था. संगमा को भारतीय जनता पार्टी का समर्थन प्राप्त था.
राष्ट्रपति चुने जाने से पहले प्रणब मुखर्जी ने अपने राजनीतिक और प्रशासनिक कैरियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं थीं. विदेश और रक्षा मंत्री इनमें से प्रमुख जिम्मेदारियां थीं.
प्रणब मुखर्जी जब चुनाव जीते थे, तब कांग्रेस पार्टी के ऊपर लगातर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे. ऐसे में उनका चुनाव जीतना कांग्रेस पार्टी के लिए राहत भरी सांस लेने के बराबर था.
भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को कुछ बहुत ज्यादा शक्तियां नहीं दी गयी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने की स्थिति में राष्ट्रपति सरकार बनवाने में अग्रणी भूमिका निभाता है.
इसके अलावा विधानसभा में भी ऐसी स्थिति होने पर उसका महत्त्व बढ़ जाता है, तब राज्य का गवर्नर राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देता है.
शिवाजी ने जीता वेल्लोर का किला
22 जुलाई 1678 के दिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने वेल्लोर का किला जीत लिया.
5 जून 1674 को शिवाजी ने राजकाज संभाला था. इसके तुरंत बाद ही उन्होंने अपने राज्य को दक्षिण की तरफ फ़ैलाने की योजना बनाई थी. वेल्लोर के किले की यह जीत इसी योजना का परिणाम थी.
जनवरी 1677 में शिवाजी ने कर्णाटक की ओर रुख किया और क़ुतुब शाह के साथ संधि की. इस संधि के बाद वे अपनी बड़ी सेना के साथ मद्रास पहुंचे. यहाँ पर उन्होंने नादिर मोहम्मद शाह के झिंजी किले को अपने कब्जे में ले लिया.
असल में इस झिंजी के किले को हासिल करने के लिए शिवाजी को खून खराबा नहीं करना पड़ा था. नादिर मोहम्मद शाह ने शिवाजी की शक्ति देखकर ही समर्पण कर दिया था.
हालाँकि, वेल्लोर के किले में ऐसा नहीं हुआ. इसे जीतने के लिए शिवाजी को खूनी संघर्ष करना पडा. इस किले पर अपना कब्जा जमाने के लिए शिवाजी के सामने शेर खान लोदी और अब्दुल खान थे.
हर बार की तरह इस बार भी शिवाजी ने अपने विरोधियों को आत्मसमर्पण करने का मौका दिया, लेकिन वे दोनों नहीं माने. इसके बाद शिवाजी ने उनके ऊपर आक्रमण कर दिया और वेल्लोर के किले को जीत लिया.
तो ये थीं 22 जुलाई के दिन भारतीय इतिहास में घटीं कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी ऐसी ही कोई महत्वपूर्ण घटना हो तो हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day In Indian History 22 July: Indian Flag Came To Existence, Hindi Article
Feature Image Credit: GTA5