आज का दिन इतिहास में बेहद महत्वपूर्ण है. इस दिन घटी बहुत सी घटनाएं इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गईं.
अगर आज की तारीख पर नजर डालें तो पता चलता है कि आज ही के दिन सन 1947 में हैदराबाद का भारत में विलय हुआ था. वहीं, 1589 को मॉरिशस की खोज की गई. इसके अलावा सितंबर 1949 में सीएन अन्नादुरई ने अपनी पार्टी डीएमके की शुरूआत किया था. 2017 में पहली भारतीय महिला पीबी सिंधु ने शटलर का खिताब अपने नाम किया.
आइए, ऐसी ही देश-विदेश की अन्य घटनाओं के लिए 17 सितंबर की ऐतिहासिक घटनाओं पर नज़र डालते हैं –
हैदराबाद रियासत का भारत में विलय
15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ था, तो भारत के समक्ष एक बहुत बड़ी चुनौती थी रजवाड़ों का भारत में विलय.
रजवाड़ों के पास तीन विकल्प थे. पहला कि वे भारत में शामिल हो जाएं. दूसरा कि वे पाकिस्तान में शामिल हो जाएं और तीसरा विकल्प था स्वतंत्र रहें.
लिहाजा इतने कम समय में सभी रजवाड़ों को विलय कराने का बीड़ा सरदार पटेल ने उठाया. उस समय 562 रजवाड़े हुआ करते थे. पटेल के नेतृत्व में अधिकतर रजवाड़े भारत में शामिल हो गए.
बावजूद इसके 3 ऐसी रियासतें थीं, जो कोई भी फैसला नहीं कर पा रही थीं कि वह पाकिस्तान में शामिल हों या हिंदुस्तान में.
वे 3 रियासतें थीं, जम्मू-कश्मीर, जूनागढ़ और हैदराबाद.
जम्मू-कश्मीर और जूनागढ़ रियासतें बाद में विलय के लिए तैयार हो गईं, लेकिन हैदराबाद कोई फैसला नहीं कर पा रहा था. हैदराबाद रियासत का बूढ़ा तानाशाह चाहता था कि वह स्वतंत्र रहे. यह बात भारत को गवारा नहीं थी. 12 सितंबर 1948 को एक कैबिनेट बैठक बुलाई गई, जिसमें सेना के बड़े अधिकारी मौजूद थे.
इस कैबिनेट में सरदार पटेल ने कहा कि हैदराबाद भारत के पेट में मौजूद एक कैंसर का रूप ले रहा है, यदि उसकी जल्दी ही सर्जरी नहीं की तो भारत के लिए घातक परिणाम सिद्ध होगा.
सरदार पटेल हैदराबाद रियासत के विलय ना होने से बहुत ही नाराज थे. उन्होंने हैदराबाद में सेना भेजने का निर्णय लिया. इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन कैटरपिलर रखा गया. यह सैन्य कार्रवाई 5 दिनों तक चली, जिसमें 2000 लोगों की जान गई और कई लोग घायल हुए.
बाद में कासिम रिजवी को जिंदा गिरफ्तार किया गया और हैदराबाद समझ चुका था कि यदि उसका भारत में विलय ना हुआ तो उसकी खैर नहीं. बाद में उसने 17 सितंबर 1947 को भारत में विलय होने का निर्णय कर लिया.
मॉरिशस गणराज्य की खोज
विश्व के मानचित्र पर अफ्रिका के पूर्व और भारत के सुदूर दक्षिण में स्थित मॉरिशस बेहद ही निराली है. इसके खान-पान, वेश-भूषा, संस्कृति और व्यवसाय अन्य देशों की तुलना में अलग हैं. दक्षिण अफ्रीका के दक्षिण-पूर्व में स्थित मॉरीशस गणराज्य एक द्वीपीय देश है और इसके पश्चिम में मेडागास्कर द्वीप है.
मॉरिशस गणराज्य की खोज आज ही के दिन 17 सितंबर 1598 को की गई थी. इसे नीदरलैंड के नाविकों द्वारा खोजा गया था. इसकी खोज को लेकर एक अन्य कहानी प्रचलित है. माना जाता है कि सन 1598 में हॉलैंड के 3 जहाज आयरलैंड की यात्रा पर निकले थे, वह रास्ता भटक कर मॉरिशस पहुंच गए. वहां पहुंचकर उन्होंने अपने देश के युवराज मोरिस के सम्मान में उस द्वीप का नामकरण मॉरीशस कर दिया.
1638 ई. में डच लोगों ने यहां पहली स्थायी बस्ती बसाई.
वहीं बता दें कि मॉरिशस 1715 में फ्रांस का उपनिवेश भी रहा है. फ्रांस द्वारा इसे उपनिवेश बनाने के बाद इसका नाम आईल दे फ्रांस रख दिया गया. उपनिवेश के कुछ सालों के पश्चात इसे स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया गया.
मॉरिशस क्षेत्रफल के लिहाज से 2040 वर्ग किमी में फैला हुआ है, वर्ल्ड बैंक के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 12.6 लाख है, द्वीपीय देश होने के कारण यह पर्यटन केंद्र भी है. इसकी मुद्रा मॉरिशियाई रुपया है. इस देश में हर धर्म समूह के लोग रहते हैं.
यहां हिन्दू बहुसंख्यक हैं, लेकिन यहां की सरकार सर्व-संभाव को ज्यादा महत्व देती है. यहां हिंदी, अंग्रेजी और मॉरीश भाषा बहुत बोली जाती है.
द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक) की स्थापना
सामाजिक संघर्ष और जातीय न्याय की कवायद का परिणाम है द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (द्रमुक). इस पार्टी की नींव पेरियार ने रखी थी, जो दक्षिण भारत में एक महान चिंतक माने जाते हैं. पेरियार जातीयता के आधार पर होने वाले भेदभाव के ख़िलाफ थे.
पेरियार ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत एक आंदोलनकारी के रूप में की.
पेरियार 1938-44 साउथ इंडियन लिबरल फेडरेशन पार्टी के अध्यक्ष रहे. पेरियार के साथ अन्नादुरई भी पार्टी के कार्य में शामिल थे. फिर बाद में पेरियार के करीबी रहे सीएन अन्नादुरई में विवाद हुआ.
विवाद के कारण 17 सितंबर 1949 को सीएन अन्नादुरई ने अपनी पार्टी (डीएमके) की शुरूआत की. बाद में यह पार्टी दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आई.
पीवी सिंधु ने रचा इतिहास
बैडमिंटन की बेताज बादशाह पीवी सिंधु ने 17 सितंबर 2017 को एक नया इतिहास रचा था. उन्होंने कोरिया ओपन सुपर सीरीज पर कब्जा कर एक नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया.
1991 में इस टूनामेंट की शुरूआत हुई थी. इससे पहले 26 साल के इतिहास में किसी भारतीय ने शटलर का खिताब पाने में सफलता नहीं पाई थी.
पीवी सिंधु वह पहली भारतीय महिला बनीं, जिन्होंने यह ख़िताब अपने नाम किया. शटलर के ख़िताब से नवाजे जाने के बाद भारत सरकार की ओर से भी उन्हें राष्ट्रीय सम्मान दिया गया. महज 22 साल की उम्र में उन्होंने इस खेल में रिकॉर्ड बनाया.
पीवी सिंधु ने 17 सितंबर 2017 को कोरिया ओपन सुपर सीरिज़ (22-20, 21-11, 21-18) अपने नाम कर ली. 24 मिनट तक चलने वाले इस मुकाबले में सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराया था.
तो ये थीं 17 सितंबर के दिन इतिहास में घटी कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण घटना की जानकारी है, तो कृपया हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Day In History 17 September, Hindi Article
Feature Image Credit: The Quint