अमरीश पुरी, नाम तो ही सुना होगा!
हिंदी सिनेमा का एक ऐसा विलेन जिसकी आवाज सुनते ही लोगों के शरीर में सिरहन होने लगती थी. बॉलीवुड के इस एक्टर की ख़ासियत ये है कि इसने जितने उम्दा तरीके से रुपहले पर्दे पर बैड मैन का रोल निभाया, उतनी ही शिद्दत से गुड मैन का.
पुरी साहब ने अपने जीवन के चौथे दशक में हिंदी सिनेमा का रुख किया था. इसके बावजूद उन्हें ऐसे एक्टर के तौर पर सदियों के लिए याद किया जाता रहेगा, जो एक पल में नफरत भर देने वाले विलन और दूजे में एक टिपिकल इंडियन बाप का रोल बड़ी ही सहजता से कर लेते थे.
ऐसा करना हर एक्टर के बस की बात नहीं. अमरीश पुरी की डायलॉग डिलीवरी भी कमाल की थी. चलिए एक नज़र डालते हैं पुरी साहब के कुछ दमदार डायलॉग्स पर जिन्होंने उन्हें द अमरीश पुरी की उपाधि दिलाई.
मिस्टर इंडिया
“मोगैंबो खुश हुआ”
मिस्टर इंडिया का मोगैंबो किसे याद नहीं? भारत के इस दुश्मन का मकसद देश पर कब्जा कर उस पर राज करना था. इस मोगैंबो को यादगार बनाया था अमरीश पुरी ने, जिसका आदेश सुनने के बाद उसके नुमाइंदे खौलते पानी में भी कूदने को तैयार हो जाते थे.
निर्देशक शेखर कपूर कि इस फिल्म को मिस्टर इंडिया बने अनिल कपूर और श्रीदेवी के अलावा पुरी साहब के रौबदार विलेन वाले किरदार के लिए आज भी छोटे पर्दे पर देखने के लिए लोग उत्सुक रहते हैं. मोगैंबो खुश हुआ ये डायलॉग इतना मशहूर हुआ कि यही अमरीश की पहचान बन गया.
साथ ही इसने बॉलीवुड में पुरी साहब को सबसे बड़े खलनायक के रूप में पहचान दिलाई.
दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे
“जा सिमरन जी ले अपने हिस्से की जिंदगी.”
1995 में रिलीज हुई फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ में अमरीश ने पिता का सकारात्मक किरदार निभाया था. एक ऐसा पिता जो रहता तो अमेरिका में है, लेकिन उसे रह रह कर अपने वतन की याद आती है. इसलिए वो अपनी बेटी की शादी अपने पिंड में करवाना चाहता है.
इस फिल्म के आखिर में अमरीश पुरी द्वारा बोला गया डायलॉग ‘जा सिमरन जी ले अपने हिस्से की जिंदगी’ लोगों को रट गया है. आज भी वो गाहे-बगाहे इसका इस्तेमाल करते दिखते हैं. यही वो फिल्म थी जिसके बाद से बॉलीवुड फिल्मों में बाप के किरदार को एक नए रूप में पेश किया जाने लगा था.
घायल
“जो जिंदगी मुझसे टकराती है वो सिसक सिसक कर दम तोड़ती है.”
‘घायल’ फिल्म को भले ही आप सनी देओल के दमदार रोल के लिए याद करते हों, लेकिन अगर इस फिल्म में अमरीश पुरी का कपटी वकील बलवंत राय का किरदार न होता तो शायद ही ये फिल्म यादगार बनती.
भले ही सनी देओल ने बलवंत राय और उसके कुत्तों को जमकर धोया था, मगर हर किसी के ज़ेहन में बलवंत राय का आज भी ज़िंदा है.
दीवाना
“यह दौलत भी क्या चीज़ है, जिसके पास जितनी भी आती है कम ही लगती है.”
बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख को इस फिल्म से ही शोहरत हासिल हुई थी. पर इस फिल्म का एक संवाद आज हर भारतीय शख़्स बोलचाल में इस्तेमाल करता दिखता है. ऊपर लिखे इस डायलॉग को नशे की हालत में अमरीश ने बड़े ही सधे हुए अंदाज़ में बोला था.
पुरी साहब ने इसमें ‘धीरेंद्र प्रताप’ का किरदार निभाया था.
करण अर्जुन
“मैं तो समझता था कि दुनिया में मुझसे बड़ा कमीना कोई नहीं है, लेकिन तुमने ऐन मौके पर ऐसा कमीनापन दिखाया कि हम तुम्हारे कमीनेपन के ही गुलाम हो गए.”
साल 1995 में रिलीज हुई थी करण अर्जुन, जिसमें शाहरुख खान और सलमान खान जैसे सुपरस्टार थे. इस फिल्म में अमरीश पुरी ने ठाकुर दुर्जन सिंह का नेगेटिव रोल किया था. इसमें दुर्जन सिंह बने अमरीश पुरी जमीन-जायदाद के चक्कर में राखी के दोनों बेटों को मौत के घाट उतार देता है.
किन्तु, एक मां के विश्वास के आगे ईश्वर को भी हार माननी पड़ती है और उसके बेटे पुनर्जन्म लेकर अपनी मां का बदला लेने आते हैं.
गर्व
“तबादलों से इलाके बदलते हैं, इरादे नहीं.”
साल 2004 में आई फिल्म गर्व में सलमान खान ने एक पुलिस इंस्पेक्टर का रोल निभाया था. एक ऐसा पुलिस अफसर जो अपराधियों को ऑन द स्पॉट सजा देने में विश्वास रखता है. इसी में अमरीश पुरी ने पुलिस कमिश्नर ‘समर सिंह’ की सकारात्मक किरदार निभाया था.
इस छोटे से रोल में भी उनके कई संवाद लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ जाते हैं.
शहंशाह
“टिप बाद में देना तो एक रिवाज है, पहले देना अच्छी सर्विस की गारंटी है”
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन को इस फिल्म के रिलीज होने के बाद से ही इंडस्ट्री का शहंशाह बुलाया जाने लगा था. 1998 में आई इस फिल्म में अमरीश पुरी ने गुनाहों की दुनिया के बेताज बादशाह जेके वर्मा का रोल किया था.
इस रोल के साथ भी अमरीश साहब ने पूरा न्याय किया था.
दामिनी
“ये अदालत है कोई मंदिर या कोई दरगाह नहीं जहां, मन्नतें और मुरादें पूरी होते है. यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं बल्कि ठोस सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं.”
1993 में रिलीज़ हुई इस फिल्म को जितना मीनाक्षी शेषाद्री और सनी देओल के लिए याद किया जाता है, उतना ही इस फिल्म में एक मक्कार वकील इंद्रजीत चड्ढा का रोल करने वाले अमरीश पुरी के लिए भी.
ये इंडस्ट्री पहली ऐसी फिल्म थी, जिसे महिला-प्रधान मूवी होने का तमगा प्राप्त है.
राम लखन
“धंधे और करियर के बारे में भाई भाई से जल सकता है”
इस फिल्म का गाना माई नेम इस लखन… आज भी अकसर शादी-पार्टियों में डीजे पर बजते सुना जाता है. जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर के अलावा इसे अमरीश पुरी के ठाकुर विशम्भर नाथ के नेगेटिव रोल के लिए भी जाना जाता है.
ऊपर लिखा ये डायलॉग अमरीश पुरी तब मारते हैं, जब अनिल कपूर यानि के लखन उसके गोरखधंघों में शामिल हो जाता है. अमरीश पुरी की एक्टिंग के बिना ये फिल्म कभी हिट नहीं होती.
गदर
“इतने टुकड़े करूंगा कि पहचाना नहीं जाएगा”
सनी देओल की सुपरहिट फिल्म गदर में उनके प्यार के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े थे अमरीश पुरी. इसमें उन्होंने सकीना के पिता अशरफ अली का रोल ऐसे निभाया था कि देखने वाले को लगता कि उनकी आंखों से नफरत के शोले बरस रहे हों.
इस फिल्म को सनी देओल के हैंडपंप उखाड़ने वाले सीन और डायलॉग के लिए आज भी याद किया जाता है.
दिलजले
“प्रेमी है पागल है दीवाना है हा हा हा..”
एक दौर था जब भारत में आतंकी गतिविधियां अपने चरम पर थीं, उस वक्त ये फिल्म आई थी. इसमें अमरीश पुरी ने एक आतंकवादी संगठन के सरगना का रोल किया था, जिसका मकसद देश में आतंक फैलाना था. इस फिल्म में अजय देवगन ने एक दिलजले आशिक का किरदार निभाया था, जो भटक कर एक आतंकवादी बन जाता है.
ये फिल्म भी पुरी साहब के बिना कभी हिट नहीं हो सकती थी.
नायक
“जिंदगी में भी वीसीआर की तरह रिवाइंड बटन होता तो कितना अच्छा होता”
ये डायलॉग साल 2001 में रिलीज हुई अनिल कपूर की फिल्म ‘नायक द रियल हीरो’ का है. इसे एक करप्ट चीफ मिनिस्टर बलराज चौहान बने अमरीश पुरी ने बोला था.
उस वक्त ये डायलॉग काफी हिट हुआ था.
एतराज
“आदमी के पास दिमाग हो तो वह अपना दर्द भी बेच सकता है”
अक्षय कुमार और प्रियंका चोपड़ा की सुपरहिट फिल्म एतराज में अमरीश ने एक छोटा सा रोल निभाया था. लेकिन बिजनेसमैन रंजीत राय के इस छोटे से रोल में भी वो दर्शकों को कभी न भूला देने वाला ये डायलॉग बोल कर उनका दिल जीत लिया था.
वर्ष 2005 में अमरीश पुरी इस दुनिया को छोड़ कर चले गए और इसी के साथ भारतीय सिनेमा से उसका सबसे अच्छा विलेन छिन गया.
मगर भारतीय फिल्म जगत में उनके योगदान ऐसा था कि उसे कभी भी भूलाया नहीं जा सकता.
Web Title: Bollywood Actor Amrish Puri Superhit Dialogues, Hindi Article
Feature Image Credit: Upperstall