समय के साथ हम तकनीकी रूप से बढ़ रहे हैं और अब पहले की अपेक्षा काम करना बेहद आसान हो गया है. हालांकि गौर करने वाली बात ये है कि हम बीमारियों से भी पहले की अपेक्षा ज्यादा घिर चुके हैं.
साल 2015 को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पंद्रह सालों में किडनी की बीमारी दोगुना अधिक बढ़ गयी है. भारत में, हर सौ में से 17वां इंसान किडनी की बीमारी से जूझ रहा है!
यह बढ़ती बीमारी चिंता का विषय है. किडनी से जुड़ी समस्याओं के बारे में हमने अक्सर सुना है कि किडनी का फेल होना, डायलिसिस की प्रक्रिया से गुजरना आदि. इसके अलावा, लोगों को लगता है कि एक किडनी के भरोसे ज्यादा दिन तक नहीं जिंदा रहा जा सकता!
यह एक सबसे बड़ी मिथ्या है. आपको बता दें, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पिछले 34 सालों से एक किडनी पर ही जिंदा हैं.
किडनी से जुड़ी समस्याओं के बारे में लोग कम जागरुक होते हैं. अक्सर, बीमारी के पूरी तरह घर करने के बाद लोग इलाज के लिए जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि, कई बार वो शुरुआती लक्षण ही नहीं पहचान पाते.
इसलिए, आज के विषय में हम किडनी से जुड़ी सारी बातों को जानते हैं-
शरीर की देखभाल करती है हमारी किडनी...
बेहद आसान शब्दों में समझें, तो किडनी हमारे बॉडी की सफाई का काम करती है. दरअसल, हमारे शरीर में मौजूद दोनों किडनी में बहुत ही छोटे या मिनी फिल्टर होते हैं. दिलचस्प बात तो ये है कि इनकी संख्या लाखों में होती है. ये मिनी फिल्टर नेफ्रॉन कहलाते हैं. नेफ्रॉन हमारे शरीर के खून को साफ करते हैं.
इसके अलावा, किडनी हमारे शरीर से गंदगी बाहर निकालने में भी मुख्य भूमिका निभाती है. किडनी की इस सफाई की प्रक्रिया में वह यूरिन के रूप में केमिकल्स को हमारी बॉडी से बाहर कर देती है.
बॉडी की सफाई के अलावा, किडनी का एक अहम किरदार और है. इसमें वह रेड ब्लड सेल का निर्माण करती है. साथ ही, शरीर के लिए फायदेमंद हार्मोंस भी रिलीज करती है.
किसी 'बीन' के आकर वाली, ये किडनी बड़े काम की चीज है. बता दें कि, इनके द्वारा रिलीज हार्मोंस से ही हमारी बॉडी का ब्लड प्रेशर कंट्रोल रह पाता है. इन्हीं से हड्डियों के लिए बेहद जरूरी विटामिन डी का भी निर्माण होता है.
किडनी के कामों की फेहरिस्त खत्म ही नहीं होती. हाँ मगर इसकी अहमियत जानने के लिए हमें इसकी कार्य प्रणाली को जानना जरूरी है.
तो, फिलहाल हमने जाना कि कैसे हमारी किडनी काम करती है. इसी क्रम में अब इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में भी जानते हैं.
गलत लाइफस्टाइल है बीमारियों की जड़!
वैसे तो किडनी से जुड़ी समस्याएं बहुत ही आम होती हैं मगर इसका मतलब ये नहीं है कि वह घातक नहीं हैं. कई बार स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि, इससे जुड़ी समस्या मृत्यु शैय्या पर जाकर ही खत्म होती है.
आमतौर पर इससे जुड़ी समस्या के कारण अधिक वजन, अनुवांशिक रोग, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और नशा करना होते हैं. एक अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी किडनी को खराब करने का कारण बन सकती है.
इसलिए कहा जाता है कि हमें हमेशा ही अपना ध्यान रखना चाहिए. आज की इस दौड़-भाग भरी जिंदगी में हमारे पास समय ही नहीं है अपने आप को स्वस्थ रखने का. खाने के मामले में हम पौष्टिक आहार की जगह जंक फूड ज्यादा पसंद करते हैं.
वहीं दूसरी ओर ऐसा खाना खाने के बाद भी हम दिन पर ऑफिस में कुर्सी पर ही बैठे रहते हैं. जबकि बाहर का खाना खाने वालों को तो, काफी फिजिकल एक्टिविटी की जरूरत होती है.
यही छोटी-छोटी गलतियां हैं, जो किडनी की बीमारी को बुलावा देती हैं. किडनी की कोई भी बीमारी होने के कारण व्यक्ति को बहुत कष्ट सहने पड़ते हैं. इन सब में सबसे कॉमन बीमारी है 'किडनी स्टोन'
एक बार किडनी की बीमारी हो जाए, तो लोग जीने तक की उम्मीदें छोड़ देते हैं. हालांकि सच तो यह है कि अगर ठीक से इलाज करवाया जाए तो इसे मात दी जा सकती है. बस जरुरत होती है थोड़े परहेज और नियमित रूप से इलाज की.
किडनी ट्रांसप्लांट और डायलिसिस मददगार साबित होंगे
असली समस्या तब उत्पन्न होती है, जब हमारी किडनी की कार्यक्षमता में कमी आ जाती है. दरअसल, हमारी किडनी जब ठीक तरीके से शरीर के जहरीले पदार्थ को फिल्टर नहीं कर पाती, तब परेशानी खड़ी हो जाती है.
इसकी वजह से शरीर में यूरिया और क्रिएटिनिन जैसे पदार्थों की मात्रा बढ़ जाती है. ये पदार्थ ही किसी व्यक्ति के लिए असली समस्या पैदा करते हैं. लिहाजा, ब्लड को साफ़ या फ़िल्टर करने के लिए मशीन की मदद ली जाती है. इसी प्रक्रिया को डायलिसिस कहते हैं.
हालांकि, डायलिसिस प्रक्रिया से व्यक्ति को सारी जिंदगी जूझना पड़ता है. इसलिए किडनी ट्रांसप्लांट एक बेहतर विकल्प है. इसके जरिए व्यक्ति कुछ ही दिनों में ठीक हो सकता है. इसी क्रम में ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को भी जानते हैं.
आसान शब्दों में कहें, तो किडनी ट्रांसप्लांट एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति की खराब किडनी को निकालकर उसकी जगह एक नयी और स्वस्थ किडनी लगाई जाती है. हालांकि इसकी भी कुछ सीमाएं हैं.
किडनी डोनेट करने से पहले डोनर को काफी चेकअप से गुजारना पड़ता है. कोई भी ऐसे ही अपनी किडनी डोनेट नहीं कर सकता. इसकी सबसे जरूरी बात है कि कोई जीवित व्यक्ति ही ट्रांसप्लांट के लिए अपनी किडनी दे सकता है.
किसी मरे हुए व्यक्ति की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए उचित नहीं मानी जाती है. इसलिए ट्रांसप्लांट के लिए किसी डोनर या फिर दिमागी रूप से मर चुके व्यकित की किडनी ही इस्तेमाल की जाती है.
डोनर और रिसीवर दोनों का ही ब्लड ग्रुप एक होना चाहिए. एक ब्लड ग्रुप होने के कारण रिसीवर की बॉडी बड़ी आसानी से नयी किडनी को अपना लेती है. सिर्फ 18 से 55 की उम्र के व्यक्ति ही अपनी किडनी दान कर सकते हैं.
हालांकि, किडनी ट्रांसप्लांट के बाद डोनर को एक महीने तक डॉक्टरों की सलाह अनुसार अपना जीवन बिताना पड़ता है. कई लोग मानते हैं कि किडनी डोनेट करने के बाद जीवन नहीं जिया जा सकता.
हालांकि यह सिर्फ एक धारणा है. एक किडनी होने पर जीवन थोड़ा मुश्किल जरूर हो जाता है मगर यह खत्म नहीं होता है. एक किडनी के बाद व्यक्ति को अपना ध्यान थोड़ा ज्यादा देने पड़ता है. हाँ अगर वह ऐसा कर लेता है, तो यकीनन वह बिना किसी परेशानी के एक किडनी होने के बाद भी जी सकता है.
क्या वाकई पथरी बीयर से ठीक हो जाती है?
पथरी की बीमारी आज के समय में बहुत आम हो चुकी है. लोग तरह-तरह के उपचार अपनाते हैं इसके खात्मे के लिए. बहुत से उपचार लोगों के बीचे प्रसिद्ध भी हैं. इनमें से ही एक है बीयर से पथरी ठीक होना.
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि बीयर से पथरी होने की संभावना 41% तक कम हो जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीयर पीने से अधिक यूरिन बनता है.
ऐसे में, जब किडनी पर दबाव बनता है, तब यूरीन के साथ पथरी भी बाहर आने लगती है. माना जाता है कि नियमित रूप से इसका सेवन छोटी साइज की पथरी को निकालने के लिए फायदेमंद हो सकता है.
हालांकि, बता दें कि कुछ ऐसे भी अध्ययन हुए हैं जिनसे पता चला कि बीयर से पथरी निकालने से कई तरह की समस्याएं भी आती हैं. जो लोग ज्यादा समय से इससे ग्रस्त हैं अगर वह ज्यादा मात्रा में बीयर पी लेते हैं, तो इसका उल्टा प्रभाव उनपर पड़ता है.
साथ ही, ज्यादा यूरिन से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और यूरीन गाढ़ा होता जाता है. कई बार यही पथरी को कम करने की जगह उसे बढ़ा देता है. इसलिए बीयर से पथरी ठीक होने की बात को अभी भी एक मिथ्या ही माना जाता है.
किडनी इंसानी शरीर का वह अंग है, जिसके बिना जीवन बहुत ही कठिन हो सकता है. इसकी देखभाल खुद हमें ही करनी होती है. यह काम इतना ज्यादा मुश्किल भी नहीं है. थोड़ी सी समझदारी और आप भविष्य में होने वाली किडनी प्रॉब्लम से खुद को बचा सकते हैं.
Web Title: Can Beer Really Cure Kidney Stones, Hindi Article
Feature Image Credit: cratbeer