आज ज्यादा जंक फ़ूड के सेवन, शारीरिक श्रम में कमी और बढ़ते तनाव ने हमारे शरीर को कई बीमारियों से घेर लिया है. गैस्ट्रिक भी ऐसी समस्या है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए परेशानी की वजह बन गई है. आज, गैस्ट्रिटिस को ऐसी बीमारी कहा जा सकता है, जिससे ज्यादातर लोग परेशान हैं.
यह अलग-अलग तरह से लोगों के लिए परेशानी का कारण बना रहता है.
ऐसे में जानना जरूरी होगा कि आखिर यह क्यों होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है-
अच्छा तो ये है गैस्ट्रिटिस की वजह!
गैस्ट्रिटिस वह अवस्था है, जिसमें पेट की परत में सूजन आ जाती है. ये सूजन सामान्य रूप से पेट में अलसर पैदा करने वाले बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है. बेहद आसान शब्दों में इसे समझते हैं.
गैस्ट्रिटिस के दौरान पेट के म्यूकोस में सूजन आ जाती है. म्यूकोस में शामिल सेल एसिड और एंजाइमों का उत्पादन करते हैं. यही एंजाइम और एसिड भोजन को पचाने में मदद करते हैं. ऐसे में, यह लिए गए आहार के बड़े-बड़े अंश को छोटे-छोटे भाग में तोड़ने का काम करते है.
इसके अलावा, यह म्यूकस का उत्पादन भी करता है, जो एसिड की समस्या से बचाता है. ऐसे में अगर यह एसिड, एंजाइमों और म्यूकस के उत्पादन को प्रभावित करने लगता है, तो गैस की समस्या होनी लाजमी है.
यह कई प्रकार का हो सकता है...
इसमें क्रोनिक गैस्ट्रिटिस सबसे खतरनाक या परेशान करने वाला होता है. इसमें पेट में सूजन हो जाती है. साथ ही, इसमें सुरक्षात्मक कोशिकाएं भी खोने लगती हैं. इसमें प्रायः पेट जल्दी भर जाने का आभास होता है. ऐसा लगता है कि थोड़े से खाने में ही कितना पेट भर गया हो!
इसकी पहचान जरूरी है, क्योंकि....
इस समस्या की शिकायत एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी कुछ दवाओं के ज्यादा प्रयोग की वजह से होती है. साथ ही, ज्यादा शराब का सेवन भी इस समस्या को पैदा करता है. इसके होने कि एक वजह आपकी कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है.
ऐसा इसलिए क्योंकि, अगर आप का प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर रहेगा तो गैस ही नहीं, ऐसी दूसरी बीमारी भी प्रभावित कर सकती है.
इसी कड़ी में, जरुरत से ज्यादा तनाव भी इसके होने की संभावना को बढाता है. इन सभी कारणों के अलावा, एच पिलोरी बैक्टीरिया की उपस्थिति भी इसके खतरे को बढ़ाती है. साथ ही, मधुमेह या गुर्दे की विफलता जैसी कुछ बीमारियां भी इसके होने का प्रमुख कारण है.
इस समस्या को समय पर पहचान कर हम इसके इलाज़ को जल्द से जल्द कर सकते हैं. इसके होने की पहचान करने के लिए पहले हमे इसके लक्षणों को जानना पड़ेगा. इस समस्या के शुरू होने का एक लक्षण ऊपरी पेट में दर्द होना है.
इस दौरान, दर्द धीरे-धीरे होकर बढ़ने लगता है. बात अन्य लक्षणों की करें, इस दौरान अपच की भी शिकायत होती है. कुछ खाया-पीया पच ही नहींं पाता, जिसकी वजह से पूरे शरीर में बैचैनी होती है.
इन सबके अलावा, पेट में सूजन, खाना न पच पाने की वजह से उल्टी और दस्त की शिकायत भी होती है. साथ ही, एसिडिटी की वजह से डकार, भूख की कमी और लगातार वजन भी घटने लगता है.
इसलिए उपचार से बेहतर है इलाज़!
कुछ बचाव या सतर्कता बरतकर हम इस तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं. भला फिर क्यों हम इन बीमारियों को न्यौता दें. गैस्ट्रिटिस से बचने के लिए हमारी खाने की आदतों पर ध्यान देना सबसे महत्वपूर्ण है. भोजन की मात्र ज्यादा न हो, इसके लिए हमे उपाय करने चाहिए.
अपने भोजन में तेल और स्टार्च के सेवन को कम से कम ही करना चाहिए. साथ ही, कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन नहींं करना चाहिए. जैसे अत्यधिक खाने से बचने के साथ-साथ टमाटर जैसी चीजों के अधिक उपभोग से भी बचना चाहिए.
इसके अलावा, दही, गाजर, नारियल के पानी, सेब, साथ ही साथ ताजा सब्जियां और फल से इस रोग को नियंत्रित करने की सलाह दी जाती है.
यह भी महत्वपूर्ण है कि अपनी बुरी आदतों को छोड़ दिया जाए. शराब के सेवन से बचने, एलर्जी खाद्य पदार्थों से छुटकारा पाने, चाय पीने, तेल वाले भोजन का कम से कम सेवन और ऐसे ही अन्य खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए. साथ ही, ज्यादा तली और मिर्च मसाले वाली चीज़ का भी कम ही उपभोग करें. अंत में, उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों और अगर आपको इसकी शिकायत है तो उपवास रखने से भी बचना ही चाहिए.
अगर आप सेहतमंद डाइट और योगासनों को जीवनशैली का हिस्सा बनाएंगे तो गैस्ट्रिक की समस्या आप को छूने की कोशिश भी नहींं करेगी.
इसी सन्दर्भ में, आपको रोज सुबह पश्चिमोत्तानासन (जो हलासन के नाम से ज्यादा जाना जाता है) का अभ्यास करना चाहिए. यह आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने में काफी सहायता कर सकता है.
इसी कड़ी में, ज्यादा बेहतर परिणाम के लिए आप किसी अनुभवी प्रशिक्षक के निरीक्षण में यह आसन करें. योगासनों के निरंतर अभ्यास द्वारा यह भी पाया गया है कि यह बीमारी जड़ से ख़त्म हो गयी हो.
इन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप काफी हद तक इस समस्या से खुद को बचा सकते हैं.
तो स्वस्थ्य रहिए और अपना ख्याल रखिए. आपकी सेहत बड़ी अनमोल है!
क्यों सही कहा ना?
Web Title: Easy ways To Prevent from Gastritis, Hindi Article
Feature Image Credit: remedymaster