एक ऐसी दुनिया में इंसान की कल्पना कर पाना मुश्किल है, जहां किताबें और शिक्षा न हो.
यही वजह है कि तेजी से बदल रहे इंसान के व्यवहार ने अब तक अपनी पढ़ने की आदत का त्याग नहीं किया है. तेजी से बदल रही तकनीक और इंटरनेट के आगमन के बावजूद किताबों की अहमियत कम नहीं हुई है.
दुनिया के पहले दार्शनिकों में से एक प्लेटो ने तो शिक्षा को इतना महत्व दे दिया था कि वो एक ऐसे समाज का गठन करना चाहते थे, जिसमें दार्शनिक और अधिक पढ़ने-लिखने वाले लोगों को ही राजा का पद प्राप्त होता.
शिक्षा और पढ़ने को इतनी अहमियत देने वाली दुनिया में इसके फायदे और पढ़ने के तरीकों के बारे में जानना तो इंसान की प्राथमिकता होनी चाहिए...
तो आईए जानते हैं कि किन आदतों को अपना कर आप एक अच्छे पाठक बन सकते हैं और पढ़ाई का इंसान की जिंदगी पर क्या असर हो सकता है-
याददाश्त की बीमारी से बचने में मददगार
अक्सर इस बात का जवाब देना थोड़ा कठिन होता है कि हमें क्यों पढ़ना चाहिए. हालांकि, पढ़ाई की अहमियत को हम भलीभांति जानते हैं, लेकिन बावजूद इसके इस सवाल का जवाब दे पाना थोड़ा कठिन लगता है. इस कारण साइंस कुछ रिसर्च के आधार पर इस सवाल को थोड़ा आसान करने का काम किया है.
किताबें पढ़ने के पीछे, जो सबसे बड़ा तर्क दिया जाता है वो ये है कि ये इंसान को जिंदगी जीने का सबक देती हैं. वो उन्हें सिखाती हैं कि उन्हें दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए, किताबें इंसान की सोच को एक नई दिशा और मकसद देती हैं.
नेशलन एकेडमी ऑफ साइंस द्वारा की गई रिसर्च में ये सामने आया है कि पढ़ने की आदत अलजाइमर यानि की याददाश्त की बीमारी से बचा सकती है. यानि, जो बुजुर्ग लोग ज्यादा पढ़ते हैं उन्हें बुढ़ापे में ये बीमारी होने के चांस आधे हो जाते हैं.
तनाव कम कर सांस्कृतिक बनाती है!
नेशलन एंडोवमेंट फॉर आर्ट्स द्वारा की गई एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग ज्यादा पढ़ते हैं वो अपनी जिम्मेदारियों के प्रति ज्यादा वफादार रहते हैं और दूसरों की तुलना में ज्यादा सांस्कृतिक भी होते हैं.
यही नहीं कुछ भी पढ़ते वक्त आप अपनी जिंदगी की परेशानियों से निकलकर उस किताब की दुनिया में पहुंच जाते हैं, जिससे कुछ समय के लिए आप वो व्यक्ति नहीं होते. 2009 में किए गए एक अध्ययन से ये सामने आया कि केवल 6 मिनट की पढ़ाई आपके 68 प्रतिशत तनाव को दूर कर सकती है.
जिंदगी और काम में सफलता की कुंजी
आपके पढ़ने की आदत का सीधा असर आपके लिखने के तरीके पर पड़ता है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा किए गए अध्ययन से ये सामने आया है कि जब आप कई तरह की किताबें पढ़ते हैं, तो आपके लिखने की कला कई तरह से प्रभावित होती है. उस प्रभाव से पाठक का अपना लिखने का तरीका उभर कर आता है.
वहीं, हॉनर विल्सन जोकि नेशलन ईयर ऑफ रीडिंग के निदेशक हैं का कहना है पढ़ाई जिंदगी के लिए नए रास्ते खोलती है. साथ ही उसे आसान बनाती है, इसलिए इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या पढ़ रहे हैं, जो अहम है वो है आपकी खुशी.
ये तो हुई बात की पढ़ाई जिंदगी में कैसे फायदा पहुंचाती है, अब बात करते हैं पढ़ाई से जुड़ी अच्छी आदतों की...
समय की कमी केवल एक बहाना है!
हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बहुत समय छुपा हुआ होता है, जो हमारी नजर से परे होता है. इस छिपे हुए समय का पता लगाएं. ये छुपा हुए समय ऑफिस ब्रेक के दौरान, या टीवी देखते समय निकाला जा सकता है.
ये आप पर निर्भर करता है यदि आप चाहें तो आप समय निकाल सकते हैं. अमेरिका के बैस्टसैलर लेखक स्टीफन किंग हमेशा यहां तक की बेसबॉल टूर्नामेंट कोर्ट में भी किताब के साथ जाते हैं.
ध्यान भटकाने वाली चीजों से दूर रहें, क्योंकि...
सोशल मीडिया के आने के बाद आप कुछ भी कर रहे हों उस काम में पूरा ध्यान लगाना लगभग नामुमकिन सा हो गया है. इससे दिन भर का काफी वक्त भी जाया होता है.
न सिर्फ सोशल मीडिया, बल्कि वर्तमान समय में मन को भटकाने में कई तरह की चीजें मौजूद हैं. स्मार्टफोन, टीवी, गेम इत्यादि इनके बड़े उदाहरण हैं. किताबे पढ़ने की कोशिश के लिए आपको इन चीजों को हटाना होगा.
अन्यथा, किसी पुस्तक के दो पृष्ठों को पढ़ने के बाद ही मन दूसरी चीजों की ओर दौड़ने लगेगा.
इस संदर्भ में एक मजेदार वैज्ञानिक द्वारा प्रयोग किया गया. वाशिंगटन विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग ने एक परीक्षण आयोजित किया. इस परीक्षा में पहेली को हल करने के लिए दो भूखे लोगों की टीमों को एक पजल सॉल्व करने के लिए दिया गया था. परीक्षण में एक समूह के सामने कुछ बिस्कुट रख दिए गए थे और दूसरों के सामने कुछ नहीं रखा गया.
ऐसे में जिनके सामने बिस्कुट रखे गए, उन्हें हिदायत दी गई कि वो अपनी पहेली को सुलझाने के बिना बिस्कुट नहीं खा सकते हैं. परिणाम का अनुमान लगाना आसान था, जिनके पास कुकीज़ नहीं थी, उन्होंने पहले पहेली को हल किया.
इलेक्ट्रोनिक डिवाइस की बजाए किताब से पढ़ें
स्मार्ट फोन या टैब पर ई-किताबें पढ़ना बुरा नहीं है, बल्कि एक तरफ अच्छा है.
इनकी मदद से आप हजारों किताबों के साथ घूम सकते हैं, लेकिन यदि आपको पुस्तक पढ़ने की आदत नहीं है और आप आदत बनाना चाहते हैं, तो ऐसे में किसी डिवाइस की बजाए पेपर बुक से शुरू करना उचित है.
माना जाता है कि कितनी भी तकनीक आ जाए, पर पेपर की भूमिका और महत्व को कम नहीं किया जा सकता है.
हां, इसके साथ ही अपनी प्राथमिकताओं और दिलचस्पी के आधार पर आप पुस्तकों की एक सूची बनाएं. आप अपनी खुद की रुचि की सामग्री के आधार पर अपनी पुस्तकें पढ़ने की सूची भी बना सकते हैं!
किताबों की लिस्टिंग करने का एक फायदा ये भी है कि ये आपके ध्यान को बार-बार भटकने से रोकेगा.
...इसलिए, न कहने से परहेज न करें
कई लोग ये सोचकर किसी किताब को पढ़ना शुरू ही नहीं करते हैं कि वो उसे पूरी नहीं पढ़ पाएगें और आधी-अधूरी किताब पढ़ने का कोई फायदा नहीं होता. जबकि, ये कोई समस्या नहीं हैं. किताब को पढ़ना शुरू करें. यदि आप किताब को बीच में ही पढ़ना छोड़ देते हैं, तो उससे कोई नुक्सान नहीं होता है.
यदि आप जो पढ़ रहे हो उसका आनंद नहीं ले सकते हैं, तो आप उसे पढ़ना छोड़ दें. अमेरिकी लेखक ग्रेटचेन रूबिन के मुताबिक, अपनी पसंद की किताबें पढ़ने के लिए उन किताबों को छोड़ना बेहतर है, जो आपकी रूची की नहीं है.
कुल मिलाकर किताबें पढ़ने से आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं, काम करने की क्षमता बढ़ा सकते हैं, स्मृति बढ़ा सकते हैं और सबसे अहम अपनी ज्ञान की सीमा बढ़ा सकते हैं!
क्यों सही कहा न?
Web Title: Good Reading Habits for Effective Education, Hindi Article
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