भारतीय सिनेमा लोगों के सपनों का जगत है. यहां पर कई ऐसे सितारे बसते हैं, जिन्हें बड़े पर्दे पर देखने व उनकी मात्र एक झलक पाने के लिए लोग दीवाने नज़र आते हैं.
इन्हीं सितारों में से एक नाम था दिव्या भारती.
शायद ही कोई ऐसा शख्स होगा, जो इस नाम से परिचित नहींं हो. 90 के दशक की इस अभिनेत्री ने मात्र एक साल में इतनी प्रसिद्धी हासिल कर ली थी कि उनका नाम उस दौर की दिग्गज अभिनेत्रियों माधुरी दीक्षित और श्री देवी के साथ लिया जाता था.
अफसोस इस सितारे की चमक ज्यादा देर तक जग को रोशन नहींं कर पाई, क्योंकि अपने करियर की शुरुआत के तीन साल बाद ही महज 19 साल की उम्र में उनकी एक घटना में मौत हो गई थी!
किन्तु जिस तरह से उन्होंने एक आम लड़की से फिल्म जगत की मशहूर अभिनेत्री तक का सफर तय किया वह काबिले तारीफ था.
तो आईए जानने की कोशिश करते हैं कि कैसा रहा उनका सफरनामा-
14 की उम्र में फिल्म जगत में एंट्री
दिव्या भारती का जन्म मुंबई में हुआ था. उनके पिता ओमप्रकाश भारती एक बीमा अधिकारी थे. अपनी शुरुआती शिक्षा दिव्या ने मानेकजी कूपर हाई स्कूल से प्राप्त की.
गौर करने वाली बात तो यह है कि अपने स्कूल के दिनों में दिव्या को सिनेमा से कुछ खास लगाव नहीं था. पर चूंकि उनके पास एक सुंदर चेहरा और दिलकश मुस्कान थी. साथ ही वह कई बार गणपति उत्सव और स्कूल के फैशन शो समारोह में हिस्सा रही, इसलिए लोग अक्सर कह देते थे कि वह बड़ी होकर एक सुपर स्टार बनेगीं.
समय के साथ वह बड़ी हुईं तो कुछ ऐसा ही हुआ. अपनी सुंदरता के कारण वह फिल्म डॉयरेक्टर्स की नजर में आने लगीं. यहां तक कि उनकी तुलना उस समय की सुपरस्टार अभिनेत्री श्रीदेवी से की जाने लगी.
आखिर कार फिल्म निर्माता नंदू तोलानी ने दिव्या को अपनी फिल्म ‘गुनाहों का देवता’ में काम करने का ऑफर दे दिया. शुरुआत में दिव्या इसके लिए तैयार नहीं थी, मगर मां के समझाने पर दिव्या ने फिल्म के लिए हां बोल दिया और अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी. उस समय दिव्या की उम्र सिर्फ 14 साल की रही होगी.
दिव्या के लिए यह एक अच्छा मौका था, किन्तु उनकी किस्मत ने धोखा दे दिया. अंतिम मौके पर उन्हें फिल्म में कोई रोल नहीं मिला.
हाँ, दिव्या फ़िल्मी जगत की ओर अपना कदम जरूर बढ़ा चुकी थीं.
She Seems To Look Like Shridevi (Pic: DNA India)
सफलता पास तो आई पर हाथ न लगी!
इसके कुछ ही समय बाद दिव्या को पता चला कि निर्माता दिलीप शंकर अपनी फिल्म के लिए नए चेहरे की तालाश कर रहे हैं. दिव्या ने देर न करते हुए दिलीप शंकर से मुलाकात की और उनकी दो फिल्में ‘आतंक ही आतंक’ और ‘रुद्रा अवतार’ साइन की.
हालांकि, जितनी आसानी से दिव्या को यह दोनों फिल्में मिली, उतनी ही आसानी से यह उनके हाथ से निकल भी गई.
इसके बाद निर्माता कीर्ति कुमार ने जैसे-तैसे अपनी फिल्म ‘राधा का संगम’ के लिए दिव्या का चयन किया. मगर फिल्म के पहले शार्ट के बाद ही कीर्ति ने अपना इरादा बदल लिया और दिव्या को फिल्म से हटाकर उनकी जगह जूही चावला को ले लिया!
इस वजह से बहुत सी बॉलीवुड पत्रिकाओं ने दिव्या को लेकर कई तरह की बाते लिखीं. इससे कहीं न कहीं दिव्या का नाम इंटस्ट्री में गूंजने लगा.
शायद किस्मत दिव्या का इम्तिहान ले रही थी और यह जल्दी खत्म भी नहीं हुआ.
अगली कड़ी में दिव्या को इंडस्ट्री के बड़े निर्माता बोनी कपूर ने साईन किया, मगर यहां भी दिव्या की किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और 8 दिन बाद उन्हें फिल्म से निकाल कर तब्बू को ले लिया गया.
अभी दिव्या इस झटके से उभर भी नहीं पाई थी कि एक और बड़ा झटका उनके इंतजार में बैठा था. उन्हें निर्देशक सुभाष घई द्वारा फिल्म सौदागर के लिए चुना गया. उनके साथ इस फिल्म में आमिर खान थे, मगर 20 दिन बाद उन्हें और आमिर दोनों को ही फिल्म से अलग कर दिया.
एक के बाद एक नाकामयाबियों से 15 साल की दिव्या बुरी तरह से हताश हो चुकी थी.
Divya Work Harder For Become A Star (Pic: wallpaper hd images)
निर्माता नायडू ने थामा हाथ और…
शायद दिव्या इस बात से अंजान थीं कि सफलता अब खुद उनके दरवाजे पर दस्तक देगी. उनकी सफलता की इस पहली सीढ़ी का नाम था तेलगू फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज निर्माता डी. रामानायडू. उन्होंने दिव्या को अपनी फिल्म बोबिली राजा के लिए साइन किया.
यह फिल्म दिव्या के जीवन की पहली फिल्म थी, जो 1990 में रिलीज हुई.
इस फिल्म को अच्छी खासी सफलता मिली. इसके चलते दिव्या दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री में छा गई. साउथ की सफलता के बाद अब दिव्या का लक्ष्य बॉलीवुड में अपना परचम लहराना था.
विश्वात्मा से हुई ‘बॉलीवुड इंडस्ट्री’ में एंट्री
बॉलीवुड में आने का रास्ता उन्हें राजीव राय की फिल्म विश्वात्मा से मिला.
जब उन्होंने सुना कि राजीव अपनी फिल्म के लिए एक नए चेहरे की तालाश में हैं, तो वह तुरंत ही अपने पोर्टफोलियो के साथ उनके ऑफिस पहुंचीं और इस फिल्म को साइन किया.
इसके बाद मानो दिव्या के पास झोली भर के फिल्मों की ऑफर आने लगे. उन्होंने इसी साल 14 फिल्मों को साइन किया. बॉलीवुड की उनकी पहली फिल्म विश्वात्मा बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस करने में सफल रही.
हालांकि, उनकी दूसरी फिल्म त्रिदेव लोगों के दिलों पर कुछ खास छाप नहीं छोड़ पाई. उनकी अगली कुछ फिल्में भी ऐसी ही रही, जिस कारण दिव्या को लेकर निर्माताओं की रुचि कम होने लगी थी. कुल मिलाकर अभी भी बॉलीवुड में उनके उतार चढ़ाव का सफर जारी था.
मगर गोविंदा के साथ आई उनकी फिल्म ‘शोला और शबनम’ ने दिव्या की सफलता को एक नई उड़ान दी. इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक हिट फिल्में दी. इनमें ‘दीवाना’ एक बड़ी ब्लॉकबस्टर रही.
अब सफलता दिव्या के कदम चूम रही थी. इसी बीच उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता साजिद नाडियाडवाला से हुई और दोनों को प्यार हो गया.
यह प्यार 20 मई 1992 को शादी के बंधन में बंध गया.
In 1992 Divya Got Married With Sajid Nadiawala (Pic: youtube)
आज भी एक राज है दिव्या भारती की मौत!
शादी के शुरूआती समय तक दिव्या की जिंदगी परियों की कहानी से कम नहीं थी. उनके पास वह सब था, जिसकी उन्हें चाहत थी. हालांकि, यह खुशी ज्यादा देर बरकरार नहीं रही.
5 अप्रैल 1993 को वरसोवा स्थित उनके फ्लैट की 5वीं मंजिल से गिरने से उनकी मौत हो गई. इस तरह महज एक रात में बॉलीवुड का एक चमकता सितारा हमेशा के लिए गायब हो गया.
दिव्या की मौत को लेकर आज भी कुछ साफ नहीं है. कुछ मानते हैं कि उन्होंने आत्महत्या की, कुछ इसे हत्या करार देते हैं और कुछ के लिए यह एक हादसा था.
लोगों के इस शायद के बीच दिव्या की मौत का रहस्य दबा का दबा रह गया.
Divya Bharti Death Is Still A Mystery (Pic: pintrest)
दिव्या भारती भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, मगर आज भी वह उनके चाहने वालों के दिलों में जिंदा हैं. आज भी लोगों को उनका मुस्कुराता हुआ चेहरा याद है.
Web Title: How Divya Bharati Became a Star of Cinema, Hindi Article