एक इंसान के अंदर कई तरह के भाव पाए जाते हैं जिनमें सबसे आम है गुस्सा!
कोई बच्चा हो, बड़ा हो या फिर बूढ़ा गुस्सा सबको आता ही है. न जाने कितने ही मौकों पर हम गुस्सा हो जाते हैं, जिससे बाद में हमें दुःख ही होता है.
युवा अवस्था में तो यह और भी ज्यादा होता है. जवानी में तो व्यक्ति कई बार छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा करने लगता है.
कितने ही रिश्ते और दोस्ती बेवजह गुस्से के कारण ही खराब होते हैं. अक्सर लोग गुस्से को काबू में नहीं रख पाते हैं जिसके कारण उन्हें बड़ी परेशानी होती हैं. तो चलिए क्यों न आज जानें कि इस गुस्से के ज्वालामुखी को आखिर कैसे नियंत्रण में रखें–
क्यों आता है हमें गुस्सा?
गुस्से को कैसे शांत करें इसे जानने से पहले हमारा यह जानना जरूरी है कि आखिर हमें गुस्सा आता क्यों है. गुस्सा हमारे अंदर हमेशा होता है, लेकिन उसके बाहर आने की हमें कोई वजह चाहिए होती है.
जब तक कोई चीज हमारे गुस्से को ट्रिगर नहीं करती हमें गुस्सा नहीं आता है. हमारे गुस्से को ट्रिगर करने वाली सबसे पहली चीज है दुख-परेशानी. बचपन में तो हम अपनी परेशानी पर आसानी से रो देते हैं, लेकिन बड़े होने पर ऐसा करना हमें बहुत बचकाना लगता है.
इसलिए अपने दुख को बाकियों से छिपाने के लिए हम अपने चेहरे पर गुस्से का मुखौटा लगा लेते हैं. गुस्सा करके लोग अपने गम से अपना ध्यान तो हटा लेते हैं, लेकिन उससे छुटकारा नहीं पा सकते.
आम तौर पर हमारे गुस्से को कुछ भागों में बांटा जा सकता है. जैसे– अग्रेसिव एंगर, डिफेंसिव एंगर और फ़्रस्ट्रेटेड एंगर…
अग्रेसिव एंगर
अग्रेसिव एंगर में व्यक्ति अपने मन के भाव को गुस्से का रूप दे देता है. उसका गुस्सा करने का एक मात्र उद्देश्य होता है, दूसरे व्यक्ति को हानि पहुंचाना. अग्रेसिव एंगर के समय हम अपने शब्दों से या अपने शरीर से दूसरे को हानि पहुंचाने की कोशिश करते हैं. ऐसा अक्सर मुजरिमों में देखा जाता है क्योंकि वह अपने साथ हुए कुछ बुरे कामों का बदला दूसरों पर ऐसे गुस्सा करके लेते हैं.
डिफेंसिव एंगर
डिफेंसिव एंगर एक बहुत ही स्वाभाविक गुस्सा करने की प्रक्रिया है. डिफेंसिव एंगर हमें तब होता है जब कोई हम पर अचानक से हमला कर दे. यह गुस्सा हम अपने बचाव के लिए करते हैं और दूसरे व्यक्ति को खुद से दूर करने के लिए भी. डिफेंसिव एंगर के दौरान हमारा फाइट करने वाला गुस्सा ट्रिगर हो जाता है. अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए हम गुस्से को बाहर ले आते हैं.
फ़्रस्ट्रेटेड एंगर
फ़्रस्ट्रेटेड एंगर हमें तब होता है जब कोई भी चीज हमारे अनुकूल नहीं होती है. जैसे कि आप ने सोचा हो कि अगर आप कड़ी मेहनत करेंगे तो आपको प्रमोशन मिलेगा. वहीं जब समय आता है तो आपको प्रमोशन नहीं मिलता. ऐसे में आपको अपनी मेहनत व्यर्थ लगती है और गुस्सा आने लगता है. या फिर कई बार कोई ऐसी बात है जो आपको अंदर ही अंदर परेशान कर रही हो. आप मन ही मन बुरा सोचने लगते हैं. हर चीज में आपको बुराई ही दिखाई देती है जिसके कारण आप फ्रस्टेट होने लगते हैं.
इतना ही नहीं क्योंकि आप वह गुस्से को बाहर नहीं निकाल पाते हैं इसलिए वह अंदर रह कर और भी बढ़ जाता है. फ्रस्टेशन आपके अंदर के गुस्से को बढ़ाती जाती है और धीरे-धीरे गुस्सा करना आपके लिए एक आदत बन जाती है.
इसके अलावा भी कई बार मानसिक तनाव और किसी पुराने हादसे के कारण आपको गुस्सा आ सकता है. इन सभी बातों से पता चलता है कि जब हम अपने अंदर दबे असली भावों को सामने नहीं ला पाते हैं तो वह गुस्से का रूप ले लेता है. हमारे वह छिपे भाव ही गुस्से की असली वजह मानी जा सकती है.
You Should Know Why You Get Angry (Pic: confidentman)
इन तरीकों से लगाएं गुस्से पर विराम…
हमें गुस्सा तो किसी भी बात पर आ सकता है, लेकिन उससे हमें कैसे निपटना है यह जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है. बहुत से सरल और छोटे-छोटे तरीके हैं जिनके जरिए आप अपने गुस्से को काबू में रख सकते हैं. चलिए जानते हैं उन तरीकों को.
कसरत है जरूरी
गुस्सा काबू करने के लिए कसरत एक बहुत ही अच्छा उपाय माना जाता है. इसके जरिए न सिर्फ हम अपनी कैलोरी बल्कि अपना गुस्सा भी खत्म करते हैं. कसरत करने के बाद हमारा शरीर काफी हल्का महसूस करने लगता है, जिसके कारण हमारे गुस्सा करने के कम चांस होते जाते हैं. इतना ही नहीं अगर आप ऑफिस में भी थोड़ी बहुत फिजिकल एक्टिविटी करते रहेंगे तो आपको वहां भी गुस्सा कम आएगा.
अपनी सुबह की शुरुआत अगर आप कसरत करने से करते हैं तो आप अपने हाथ से छूटते गुस्से को निश्चय ही एक हद तक काबू में रख पाएंगे.
Daily Exercising Can Reduce Your Anger Level (Pic: wikimedia)
पहले वजह जानें
गुस्से पर काबू करने के लिए आपको उसकी वजह पता होनी चाहिए. आपको ज्ञात होना चाहिए कि क्या बात आपको खल रही है. उस बात को दिल से लगाने की बजाए उसका सामाधान ढूँढना आपके लिए ज्यादा जरूरी है. अगर उस बात को आप खुद से जोड़े रहेंगे तो वह आपको गुस्सा दिलाती रहेगी. इसलिए अपने गुस्से की वजह जानना आपके लिए ज्यादा जरूरी है.
You Should Think What Making Of Angry (Pic: psycom)
योगा से होगा
कई बार हम तनाव में आके भी गुस्सा करते हैं. हमारी जिंदगी इतनी बिजी हो जाती है कि हमारे अंदर चिडचिडापन आ जाता है. छोटी-छोटी बातों पर हमारा सिर गर्म हो जाता है. सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब गुस्सा हमारे अंदर पल रहा हो. अंदर बसा गुस्सा कभी भी बाहर आ सकता है. इन सब से बचने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं बस गहरी साँसें लेनी हैं जैसा कि योगा के दौरान किया जाता है.
जैसे ही हम गहरी सांस लेते हैं हमारे अंदर का गुस्सा शांत होने लगता है. इतना ही नहीं सांस लेने से गुस्से से हमारा ध्यान भी बंट जाता है. योगा के इस छोटे से आसन से आप गुस्से पर अपनी पकड़ बना सकते हैं.
You Can Do Yoga For Anger Control (Pic: taketheleadwomen)
किसी अपने से करें बात
आमतौर पर हमें गुस्सा तब आता है जब हम अपने अंदर चल रहे भावों को किसी के साथ साझा नहीं कर पाते हैं. हमें एक डर सा रहता है किसी को भी अपने दिल की बात बताने का. अपनी परेशानियों को छिपाने के लिए हम गुस्से का प्रयोग करते हैं. इन सब की बजाय अगर आप अपने मन की बात को किसी अपने से कहते हैं तो वह आपके लिए ज्यादा कारगर रहेगा. जब हम गुस्सा करते हैं तो हमारा या किसी और का नुक्सान होना लाजमी है. इसलिए उस नुक्सान से बचने के लिए आपको किसी खास से अपनी सारी परेशानी कह देनी चाहिए ताकि आपके दिल का बोझ कम हो सकें.
हमारे गुस्से के पीछे की असल वजह है नकारात्मक सोच!
हम जितना अपने या किसी और चीज के बारे में नकारात्मक सोचेंगे वह बात हमें उतना ही दुख पहुंचाएगी. इसलिए जितना हो सके… सकारात्मक सोच रखिए और देखिए कि कैसे गुस्सा अपने आप दूर भागता है.
You Should Tell Your Dear One’s About Your Feelings (Pic: goodtherapy)
देखा आपने गुस्से पर नियंत्रण रखना इतना भी मुश्किल नहीं. थोड़ी बहुत मेहनत और आप इसे पूरी तरह अपने काबू में ले सकते हैं.
आप क्या सोचते हैं… क्रोध को काबू में करने के लिए और क्या-क्या किया जाना चाहिए. कृपया कमेन्ट-बॉक्स में अवश्य बताएं. इससे किसी की मदद हो सकती है…
Web Title: How To Control Your Anger, Hindi Article
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