बदलते वक्त के साथ लोगों का रहन-सहन भी तेजी से बदला है. अच्छी शिक्षा, अच्छी नौकरी और अच्छी लाइफ स्टाइल की चाहत में लोग हर रोज हजारों की संख्या में किसी न किसी बड़े शहर की ओर रुख करते हैं.
वहां जाने से पहले उन्हें सब आसान सा लगता है. उन्हें लगता है कि बड़े शहर उनके शहरों जैसे ही होंगे! ज्यादा से ज्यादा वहां की इमारतें बड़ी होंगी और उनके शहरों की तुलना में वहां का जीवन थोड़ा तेज होगा.
किन्तु, जब वह वहां पहुंचते हैं तो तस्वीर कुछ और ही होती है. बड़े शहर उनकी कल्पना से कई गुना ज्यादा अलग होते हैं.
खासकर वहां रहने की जगह ढूंढना तो सबसे मुश्किल होता है!
अगर नहीं मानते तो आईये आपको ले चलते हैं मुंबई की ओर, जहां हर दिन लगभग 30 हजार की संख्या में लोग बाहर से आते हैं:
‘ब्रोकर्स’ का मकड़जाल
कहते हैं कि मुंबई में कोई भूखा नहीं सोता. एक हद तक यह सच भी है. 10-12 रुपये का वड़ा पाव आपकी भूख मिटाने के लिए आसानी से कहीं पर भी मिल जायेगा. किन्तु, अगर कोई कहे कि मुंबई में आने वालों को खुले आसमान के नीचे नहीं सोना पड़ता, तो यह सच नहीं है!
मुंबई में रहने के लिए घर ढूंढना उतना ही मुश्किल है, जितना कि नौकरी खोजना.
घर ढूंढने के लिए आपको मुम्बई में कई तरह के समझौते करने पड़ सकते हैं. शेयरिंग, छोटे से कमरे में एडजस्ट, यहां तक कि कई बार तो छोटे से किसी कोने से आपको काम चलाना पड़ सकता है. इस सबसे से पार पाने के लिए हम अक्सर उन खास लोगों के पास पहुंच जाते हैं, जो मकान दिलाने की मध्यस्थता के लिए मशहूर होते हैं.
आपको अपने पास आता देखकर अक्सर उनकी आंखें चमक उठती हैं. असल में वह आप जैसे ही नये आगुंतकों के इंतजार में अपनी दुकान सजाये बैठे होते हैं. चाय, कॉफी से शुरु हुआ सिलसिला लच्छेदार बातों से होते हुए सीधे आपकी जेब तक पहुंच जाता है.
शायद यही कारण है कि मुंबई के लगभग हर इलाके में ब्रोकर्स का मकड़जाल सा बन चुका है, जिससे बचना छोटे शहरोंं से आये हुए नये लोगों के लिए मुश्किल ही होता है.
Property Dealer Crowd In Mumbai (Pic: Keys90)
‘नो’ की कोई गुंजाइश नहीं !
ब्रोकर्स के माध्यम से जैसे-तैसे आप मकान पाने में सफल हो भी गये, तो आपके आगे कई नई चुनौतियां बाहें फैलाकर खड़ी मिल जाती हैं. इनमें मकान मालिक के हिसाब से एडजस्ट करना सबसे प्रमुख है. ज्यादातर मकान मालिक चाहते हैं कि आप उनके हिसाब से उनके यहां रहें. उन्हें आपकी फीमेल फ्रेन्ड्स से समस्या हो सकती है. देर रात घर आने पर आपको खरी-खोटी सुननी पड़ सकती है.
हां, तेज आवाज में गाने सुनना और दोस्तों के साथ पार्टी करना तो भूल ही जाइये!
इसके अलावा कई सारी ऐसी शर्ते होती हैं, जो आपके ब्रोकर ने आपको बताई तक नहीं होती हैं. उनका पता तो आपको घर शिफ्ट करने के दौरान ही पता चलता है. ऐसी स्थिति में आप कई बार खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं.
अगर आप सबकुछ चुपचाप झेल लेते हैं, तब तो ठीक है. नहीं तो बात पुलिस थाने तक पहुंच जाती है. ऐसे में ज्यादातर आपको ही झुकना पड़ता है. फिर चाहे आप कोई बड़ी हस्ती ही क्योंं न हों!
मुन्ना माइकल जैसी फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाली ‘निधि अग्रवाल’ इसका एक बड़ा उदाहरण हैं. कहते हैं कि स्ट्रगल के दिनों में उन्होंंने बड़ी मुश्किल से एक घर ढूंढ पाया था, लेकिन बाद में मकान मालिक के हिसाब से न चल पाने के कारण उन्हें घर खाली करना पड़ा था. दरअसल, मकान मालिक का कहना था कि वह अविवाहिता हैं. ऐसे में वह उन्हें अपने घर में नहीं रख सकते. इसके अलावा वह एक्ट्रेस थीं, इसलिए उनके यहां लोगों की आवाजाही ज्यादा रहती थी.
Nidhhi Agerwal in ‘Munna Michael’ (Pic: bombaytimes)
‘होमलेस’ में छलका दर्द
मुम्बई में रहने के लिए मकान ढूंढना कितनी बड़ी समस्या है, इसको इसी बात से समझा जा सकता है कि इस पर शार्ट फिल्में तक बनना शुरु हो गई हैं. कुछ वक्त पहले बनी फिल्म ‘होमलेस‘ इसका एक बड़ा उदाहरण है.
इस फिल्म में एक ऐसे युवक को दिखाया गया, जो बैचलर है. वह मुंबई में नौकरी के लिए आया होता है, लेकिन इससे पहले उसे रहने के लिए एक मकान की तलाश होती है. इसके लिए वह एड़ी चोटी का जोर लगा देता है, लेकिन उसे आसानी से अपनी पंसद का घर नहीं मिलता.
बाद में वह मुंबई के रंग को अपना लेता है और यहां के हिसाब से खुद को चेंज कर लेता है.
‘होमलेस’ के आम युवक से इतर अगर मुम्बई में मौजूद नामचीन लोगों पर नज़र डाले तो आपको ढ़ेर सारे ऐसे लोग मिल जायेंगे, जिन्हें मकान के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है.
टीवी शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ के फेम एजाज खान ऐसा ही एक नाम हैं. खबरों की मानें तो इन दिनों मुंबई में घर न मिलने के कारण काफी परेशान हैं. वह बांद्रा में घर लेना चाहते हैं, पर उन्हें सफलता नहीं मिल रही है. वह दावा करते हैं कि उन्हें घर इसलिए नहीं मिल रहा है, क्योंकि वो मुस्लिम हैं.
अब असल वजह क्या है, यह तो वही जानते हैं.
खैर, कारण कुछ भी हो लेकिन इससे यह तो साफ होता ही है कि मुंबई में मकान मिलना आसान नहीं है.
TV Actor Eijaz Khan (Pic: ebharat)
ऐसे में क्या करना लाभदायक?
रेंट ऐग्रीमैंट जरूरी
किराए पर घर लेते हुए जो सबसे महत्त्वपूर्ण चीज होती है, वह होता है रेंट एग्रीमैंट!
असल में यही एक दस्तावेज होता है, जो लिखित तौर पर आपके और मकान मालिक के बीच हुए सभी समझौतों को प्रमाणित करता है. इस एग्रीमैंट में मकान मालिक की सारी शर्तें लिखित रूप में होती हैं, जिस पर मकान मालिक व किराएदार की सहमति के बाद ही दस्तखत होते हैं. बाद में मकान मालिक अगर इसमें से किसी की अनदेखी करता है या फिर कोई मनमानी करता है, तो इसकी मदद से आप पुलिस के पास जा सकते हैं.
अपनों से संवाद करें
परदेस में जाने से पहले आप अपनी जान-पहचान के लोगों से संपर्क जरूर करें. अगर वहां आपका कोई जानकार है तो इससे अच्छी कोई बात नहीं हो सकती.
हां, यदि आप उस शहर में बिल्कुल नये हैं, तो पहुंचने से पहले इंटरनेट आदि के माध्यम से वहां का सारा खाका कच्चे तौर पर जान लें, ताकि जब आप वहां पहुंचे तो आपके पास एक प्लान हो. एक बात और परदेस में कितनी भी बड़ी मुसीबत क्योंं न आ जाये, अपने परिवार से लगातार संवाद करते रहें. भले ही वह आपसे सैकड़ोंं किलोमीटर दूर रहते हों. उनसे बात करते रहने से आपको हमेशा बल मिलता रहेगा.
ब्रोकर के माध्यम से अगर आप कोई मकान ले रहे हैं, तो मकान मालिक से आमने-सामने जरूर बात कर लें, ताकि बाद में कोई समस्या न हो. जरूरत पड़ने पर आप अपने अभिवावक से भी मकान मालिक की बात करा सकते हैं.
पुलिस की सहायता
रेंट पर घर लेते समय अगर आप किसी ब्रोकर का शिकार होते हैं, या फिर मकान मालिक आपके साथ गलत व्यवहार करता है तो पुलिस की मदद लेने से न चूकें. याद हो आपको तो मुंबई में अपने करियर के शुरुआती सफर में कंगना रनौत को भी किराये के घर में काफी दिक्कत झेलनी पड़ी थी.
तब उन्होंने हिम्मत दिखाते हुए पुलिस की सहायता ली. इसका परिणाम यह रहा था कि बड़ी हस्ती तक से वह मुकाबला कर सकीं.
इसलिए, पुलिस की सहायता लेने में ज़रा भी न हिचकें. हाँ, इस दरमियाँ इस प्रक्रिया की जानकारी आपके किसी अपने को जरूर रहे.
Kangana Ranaut (Pic: deccanchronicle)
सोशल लिंक्स, जो हो सकते हैं मददगार!
- Flats and flatmates-mumbai
- Flat and Flatmates (Mumbai Chapter)
- Flats without brokerage
- www.nobroker.in
- www.eezyrent.com
ये कुछ ऑनलाइन माध्यम हैं, जिनकी मदद से आप अपने लिये सस्ता और बेहतर आशियाना ढूंढ सकते हैं.
आपका भी अगर मुंबई जैसे बड़े शहरों में मकान ढूँढने और मकान मालिक के साथ कुछ अच्छा बुरा अनुभव हो तो हमारे साथ अवश्य शेयर करें.
Web Title: Its Not Easy to Stay in Mumbai, Hindi Article
Featured Image Credit: thetravelmagazine