भारतीय सिनेमा के इतिहास में किशोर कुमार के योगदान को चाहकर भी कोई भूला नहीं सकता. वो हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण है, उसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग आज भी उनके द्वारा गाए गए गीतों को सुख हो चाहे दुख गुनगुनाते दिखाई देते हैं.
पूरी दुनिया उन्हें बॉलीवुड के बेस्ट सिंगर के तौर पर जानती है, लेकिन वो एक आला दर्जे के गायक होने के साथ ही बहुत ही बेहतरीन एक्टर भी थे. भले ही किशोर कुमार ने गिनती की फिल्मों में एक्टिंग की, मगर हर बार उन्होंने अपने अभिनय से लोगों का दिल जीतने की भरपूर कोशिश की.
कॉमेडी करने में तो उनका कोई सानी नहीं था!
तो चलिए आज इस लीजेंड्री सिंगर के एक्टिंग करियर पर एक नज़र डालते हैं-
चलती का नाम गाड़ी
किशोर कुमार को 1946 में पहली बार फिल्मों में अभिनय करने का मौका मिला. फिल्म का नाम था शिकारी. इसमें उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने भी उनका साथ दिया था, लेकिन उन्हें बतौर एक्टर वर्ष 1958 में आई फिल्म चलती का नाम गाड़ी से पहली बार नोटिस किया गया था.
ये फिल्म उस वक्त रिलीज हुई थी, जब किशोर कुमार एक सिंगर के रूप में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे थे. यूडलिंग का स्टाइल, जिसके लिए वो बाद में फेमस हुए, तब तक बस उसकी शुरूआत ही हुई थी.
इस फिल्म की खासियत ये थी कि इसमें किशोर के दोनो भाई अशोक कुमार और अनुप कुमार ने भी अभिनय किया था. इसकी कहानी तीन ऐसे भाईयों पर बेस्ड थी, जो महिलाओं से नफरत करते थे और आजीवन ब्रह्मचारी रहने की प्रतिज्ञा कर चुके थे.
किन्तु, एक लड़की यानी के मधुबाला के किशोर कुमार के लाइफ में आने के बाद तीनों की जिंदगी में उथल-पुथल मच जाती है. इस फिल्म को किशोर और मधुबाला की बेहतरीन केमिस्ट्री के लिए भी जाना जाता है.
इसका गाना एक लड़की भीगी-भागी से सुपरहिट हुआ था और आज भी लोग इस गाने को गुनगुनाते दिख जाते हैं.
कहते हैं इस फिल्म से ही किशोर कुमार को एक एक्टर के तौर पर लोग जानने लगे थे.
पड़ोसन
पड़ोसन किशोर कुमार की सबसे पॉपुलर फिल्म थी, जिसने उनके सिंगिंग और एक्टिंग के करियर को एक नई ऊंचाई दी. इस फिल्म में किशोर कुमार ने भोला यानि सुनील दत्त के गुरू/मेंटर का रोल अदा किया था, जिस पर ड्रामा डायरेक्टर बनने का जुनून सवार था.
इस फिल्म में भोला एक कॉलेज गर्ल सायरा बानो के प्यार में पड़ जाता है. मगर उसका दिल तब टूट जाता है, जब उसे पता चलता है कि वो किसी और से प्यार करती है. ऐसे में भोला के गुरू उसे उसके प्यार को हासिल करने में एड़ी चोटी का जोर लगा दते हैं. इस फिल्म को किशोर कुमार और फेमस कॉमेडियन महमूद की गजब की कॉमेडी के लिए जाना जाता है.
किशोर कुमार एक मेंटर के रोल में बहुत ही जच रहे थे.
खासकर उनका अपने चेले भोले को बुलाने का अंदाज, तो लोग आज भी भूला नहीं पाए हैं. अक्सर लोग इसकी नकल करते भी मिल जाते हैं. कॉमेडी के साथ ही इस फिल्म के गाने जैसे मेरे सामने वाली खिड़की और एक चतुर नार बहुत ही फेमस हुए थे.
कॉलेज गोइंग स्टूडेंट तो आज भी इन गीतों के जरिए अपने प्यार को रिझाते दिख जाते हैं.
मिस्टर एक्स इन बॉम्बे
बहुत से लोग मिस्टर इंडिया को बॉलीवुड की पहली साइंस एंड फिक्शन फिल्म कहते हैं.
हालांकि, इससे दो दशक पहले ही किशोर कुमार कि इस फिल्म के जरिए इस तरह की फिल्मों ने भारत में दशतक दे दी थी. इस फिल्म में ऐसे अदृश्य आदमी को दिखाया गया था, जो एक प्रोफेसर द्वारा इजाद की गई दवा की मदद से गायब हो सकता था.
इसमें किशोर कुमार ने एक कवि का रोल अदा किया था. प्रोफेसर के इस फार्मूले की वजह से ही वो बुराई पर विजय और अपने प्यार को पाने में कामयाब होता है. इस फिल्म में भी उनकी एक्टिंग को खूब सराहा गया था. इसका गाना मेरे महबूब कयामत होगी उस जमाने में काफी हिट हुआ था.
हॉफ टिकट
किशोर कुमार और मधुबाला की जोड़ी की बेस्ट कॉमेडी फिल्म मे से एक थी, हॉफ टिकट.
इस फिल्म में किशोर कुमार ने एक बच्चे बनने की एक्टिंग की थी ताकी वो बॉबे तक हॉफ टिकट पर ही सफर कर सकें. इस रोल को उन्होंने इस तरह निभाया था कि फिल्म देखने वाला भी उन्हें बच्चा मानने लगे.
ये एक ऐसी फिल्म मानी जाती है, जिसे आप हर वीकेंड देख सकते हैं.
दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म को बार-बार देखने पर किशोर कुमार का एक नया ही रंग देखने को मिलता है.
दूर का राही
ये वो फिल्म थी, जिसने किशोर कुमार जैसे हंसते-खेलते हुए एक व्यक्ति के जीवन का गंभीर पहलू से लोगों का परिचय कराया था. खास बात ये है कि इस फिल्म को उन्होंने खुद ही डॉयरेक्ट किया था और लिखा भी था.
इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति का रोल अदा किया था, जो मानवता कि भलाई के लिए अपना सब कुछ न्योछावर करने को तत्पर था. वो इसे अपने अस्तित्व से जोड़ता था.
इसके जरिए किशोर की एक्टिंग के क्षेत्र में बहुमुखी प्रतिभा होने के दर्शन हुए थे. इसमें किशोर कुमार अपने बेजोड़ अभिनय से ये साबित कर देते हैं कि वो बेहतरीन एक्टर भी हैं.
बढ़ती का नाम दाढ़ी
ये किशोर कुमार की बतौर एक्टर आखिरी फिल्म थी.
पहले इसका नाम चलती का नाम जिंदगी के नाम से बनाया जाना था, जो उनकी फिल्म चलती का नाम गाड़ी का सिक्वल होती. मगर फिर बाद में हालात कुछ ऐसे हुए की एक नई कहानी के साथ बढ़ती का नाम दाढ़ी को बनाया गया.
इस फिल्म में किशोर कुमार और केएन सिंह ने दो ऐसे इंसानों का किरदार निभाया था, जो ये दावा करते थे कि उनकी दाढ़ी सबसे बड़ी है. इसी को साबित करने के लिए एक अनोखे कॉम्पीटिशन का आयोजन किया जाता है.
इस बीच दोनों मिलकर जैसी कॉमेडी करते हैं उसे देखकर तो हंस-हंस कर लोगों के पेट में दर्द होने लगता है.
किशोर कुमार ने वैसे तो बतौर एक्टर कई फिल्मों में काम किया था, लेकिन ये उनकी कुछ यादगार फिल्में थीं. इन्हें देखने के बाद आप भी इस बात से इंकार नहीं करेंगे कि किशोर कुमार एक आला दर्जे के अभिनेता थे.
वो भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनका अमर संगीत और फिल्में आज भी हमारे बीच उन्हे जिंदा रखे है.
Web Title: Kishore Kumar Movies, Hindi Article
Feature Image Credit: learnharmonium.com