हम सबके पास एक ‘बकेट’ लिस्ट होती है. इसमें हम अपने सारे अधूरे सपनों को संजो कर रखते हैं.
इस लिस्ट में कहीं-न-कहीं लंदन के मैडम तुसाद म्यूजियम जाने का ख्वाब भी शामिल होता है. असल में हम वहां अपने पंसदीदा सेलेब्रिटी के मोम के पुतले के साथ फोटो खिंचवाने के लिए लालायित रहते हैं.
किन्तु, जैसे ही बैंक अकाउंट का बैलेंस याद जाता है, तो सपना दम तोड़ने लगता है!
खैर, अब आपका यह सपना सच हो सकता है. लंदन और दुनिया के दूसरे बड़े शहरों में स्थित ‘मैडम तुसाद म्यूजियम’ अब राजधानी दिल्ली में बनकर तैयार हो चुका है. यह एक दिसबर से आम जनता के लिए खोल दिया गया है.
तो आईये जानते हैं कि यह कैसे है खास और इसका सफर कैसे शुरु हुआ–
‘मैडम तुसाद म्यूजियम’ बनने की कहानी
मैडम तुसाद म्यूजियम का नाम मैरी ग्रोशोल्ज़ के नाम पर पड़ा. मैरी ग्रोशोल्ज़ ही वह शख्सियत थीं, जिन्होंने मोम के इन सजीव दिखने वाले पुतलों को बनाने की शुरुआत की.
मैरी का जन्म सन 1761 में स्ट्रासबर्ग, फ्रांस में हुआ. घर की हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी. ऊपर से पिता की मृत्यु ने कमर तोड़ दी. पिता के जाने के बाद सारा बोझ मां के कंधों पर आ गया, इसलिए उन्होंने एक डॉक्टर के यहां काम करना शुरु कर दिया.
चूंकि मैरी उम्र में बहुत छोटी थीं, इसलिए वह भी मां के साथ जाती थीं. उन्होंने वहां देखा कि उनकी मां के मालिक, डॉक्टर साहब की मोम से आकृति बनाने में खासी दिलचस्पी थी. मैरी को यह काम बड़ा रोचक लगा और उन्होंने इस काम को सीखना शुरु कर दिया. धीरे-धीरे वह इस काम में माहिर हो गयीं.
इतनी माहिर कि महज 17 साल की उम्र में ही उन्होंने फ्रांस के राजा लुई सोलहवें की बहन मैडम एलिज़ाबेथ को यह काम सिखाना भी शुरु कर दिया. इससे उनकी पहचान बनने लगी और उन्होंने उस दौर की कई जानी-मानी शख़्सियतों की मोम की मूर्तियां बनाई. सबसे पहली मूर्ति की बात की जाये तो उन्होंने अपना पहला वैक्स मॉडल सन 1777 में मशहूर लेखक और इतिहासकार वॉल्टेयर के रूप में बनाया था.
Madame Tussauds Museum (Pic: Wikipedia)
जब ‘मैरी ग्रोशोल्ज़’ को मिली कमान
जैसे-जैसे मैरी की उम्र बढ़ रही थी, वैसे-वैसे उनके गुरु डॉक्टर साहब बुजुर्ग होते जा रहे थे. इसी सफर में वह एक दिन हमेशा के लिए चल बसे. बस अच्छा यह हुआ कि मरने से पहले डॉक्टर फिलिप ने अपना म्यूजियम मैरी के नाम कर दिया था. मैरी ने इसको सहजता से स्वीकार किया और अगले कई सालों तक वह अपनी मूर्तियों का संग्रह लेकर देश विदेश घूमती रहीं.
सन 1795 में मैरी ने फ्रांसवा तुसाद नाम के इंजीनियर से शादी कर ली और वो ‘मैडम तुसाद’ के नाम से जानी जाने लगीं. बाद में उनके नाम पर ही म्यूजियम विश्व विख्यात हुआ.
सन 1835 में मैरी लंदन में आ बसीं. उन्होंने ब्रिटेन के अलग-अलग शहरों में अपनी प्रदर्शनी लगाई. इसको लोगों का प्यार मिला तो बाद में उन्होंने लंदन की बेकर स्ट्रीट में अपना पहला स्थाई म्यूजियम खोला. सन 1884 में इस म्यूजियम की जगह बदल दी गई और उनके पोते जोज़फ़ रैंडल उनकी प्रदर्शनी को मैरिलेबोन रोड पर ले आए… जहां आज भी मैडम तुसाद म्यूजियम मौजूद है.
Marie Grosholtz (Pic: deviantart)
इस तरह बनाए जाते हैं मोम के पुतले
मैडम तुसाद डेढ सौ साल से अधिक समय से वैक्स के पुतले बनाती आई हैं. प्रत्येक मास्टरपीस को बनाने में करीब चार महीने का समय और 20 से ज्यादा कलाकारों की टीम लगती है.
मोम का पुतला बनाने से पहले शख्सियत के पोज़ के बारे में विचार-विमर्श होता है. किसी भी सेलिब्रिटी के सबसे ख़ास पोज़ को चुना जाता है. उसके बाद व्यक्ति के सिर से लेकर पांव तक हर एंगल से 200 नाप ली जाती है. अलग-अलग लेंसों की मदद से 180 फोटो लिए जाते हैं. यदि शख्सियत मौजूद नहीं रहता, तो कलाकार सैकड़ों फोटो और कई घंटों तक वीडियो देखकर स्टडी करते हैं.
मोम के पुतले में असली बाल एक-एक करके लगाए जाते हैं. इसके अलावा स्किन टोन तैयार करने के लिए पेंट्स और टिंटस की अनगिनत परतें लगाई जाती हैं. पुतले को असली शख्स से दो प्रतिशत बड़ा बनाया जाता है, क्योकिं वैक्स सिकुड़ता है.
बताते चलें कि दुनिया भर में स्थित मैडम तुसाद म्यूज़ियम के लिए वैक्स के पुतलों को लंदन में बनाया जाता है और ख़ास विमान से भिजवाया जाता है.
Madame Tussauds Museum (Pic: Time Out)
भारतीय हस्तियों का पूरा दबदबा
विश्व प्रसिद्ध इस म्यूजियम में सबसे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपनी जगह बनाई. इसके बाद इंदिरा गांधी, सचिन तेंदुलकर के पुतले ने म्यूजियम में अपनी मौजूदगी दर्ज की.
मैडम तुसाद म्यूजियम में बॉलीवुड की हस्तियां भी पीछे नहीं रही. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन पहले भारतीय अभिनेता थे, जिन्होनें मैडम तुसाद में अपनी जगह बनाई. उनका पुतला साल 2000 में लंदन के म्यूजियम में लगा. इसके बाद रजनीकांत, ऐश्वर्या राय, शाहरुख खान, ऋतिक रोशन, करीना कपूर, कैटरीना कैफ और सलमान खान इस म्यूजियम की शोभा बढ़ा रहे हैं.
वहीं, अभिनेता वरुण धवन का पुतला अगले साल ‘हांग कोंग’ के म्यूजियम में नज़र आएगा. वरुण धवन बॉलीवुड के अभी तक के सबसे कम उम्र के कलाकार हैं, जिनका वैक्स का पुतला बनने जा रहा है. इसके लिए अक्टूबर के महीने में टीम ने उनसे संपर्क किया.
साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला वर्ल्ड लीडर सेक्शन में लंदन, सिंगापुर, हांग कोंग और बैंकॉक में स्थित मैडम तुसाल म्यूजियम में लगा. वहीं, अभिनेता आमिर ख़ान और अक्षय कुमार अपना पुतला बनवाने से इंकार कर चुके हैं.
ऐसा क्यों, यह तो वही बताएँगे 🙂
Indians in Madame Tussauds Museum (Pic: 10EverTop/Youtube)
दिल्ली का ‘मैडम तुसाद म्यूजियम’
विश्व विख्यात मैडम तुसाद के दिल्ली स्थित म्यूजियम से पर्दा दिसंबर में उठ गया है. ऐसे में अपने मनपसंद देशी-विदेशी हस्तियों के हु-ब-हू पुतले को निहारने, उसे छूने और सेल्फी के लिए दर्शक जुटने शुरू हो गए हैं.
कनॉट प्लेस की रीगल बिल्डिंग के दो फ्लोर में बना यह म्यूजियम भारत में पहला मैडम तुसाद म्यूजियम है. लंदन, हॉलीवुड, लॉस वेगस, न्यूयार्क समेत अन्य शहरों में मैडम तुसाद के म्यूजियम है. लंदन स्थित म्यूजियम के मुख्यालय में तो 2000 से अधिक पुतले हैं.
दिल्ली में अब यह 23वां म्यूजियम खुला है, जिसमें देश-विदेश की जानी-मानी 50 हस्तियों के पुतले रखे गए हैं. इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, क्रिकेट के बादशाह सचिन तेंदुलकर, प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय फुटबालर डेविड बेकहम, बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान, हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री मर्लिन मुनरो, एजेंलिना जोली समेत अन्य के पुतले हैं. इन्हें, हेरिटेज, पार्टी, म्यूजिक और स्पोर्ट्स जोन में रखा गया है.
इन सभी हस्तियों के पुतले को उनके सबसे मशहूर पोज़ में दिखाया गया है. दिवंगत अभिनेत्री मधुबाला का पुतला वर्ष 1960 में आई फिल्म ‘मुगल-ए-आज़म’ के अनारकली के किरदार से प्रेरित है.
वहीं, कपिलदेव का बॉलिंग करते हुए पुतला अनायास ही आपको 1983 के विश्व कप याद दिला जाएगा.
Modi in Madame Tussauds Museum (Pic: NewIndianExpress)
कुल मिलाकर अगर आपने कभी मैडम तुसाद म्यूजियम के अंदर अपने चाहने वालों के पुतले देखने का सपना कभी देखा है, तो आप इसको पूरा कर सकते हैं.
और इसके लिया आपको अब विदेश जाने और मोटी रकम खर्च करने की भी आवश्यकता नहीं है.
Web Title: Madame Tussauds Museum in Delhi, Hindi Article
Feature Image Credit: madametussauds