आजकल बॉलीवुड में खान तिकड़ी का ही राज है. विदेशों में बॉलीवुड मतलब सलमान, शाहरुख और आमिर खान हो गया है.
हालांकि, एक दौर था जब हिंदी सिने जगत में कुमार तिकड़ी का एक छत्र राज था. हम बात कर रहे हैं दिलीप कुमार, मनोज कुमार और राजेंद्र कुमार की.
60-80 के दशक में इनकी फिल्मों को देखने के लिए लोग सिनेमाघरों के बाहर लाइन लगाए खड़े रहते थे. इनमें से एक की फिल्में तो कई-कई हफ्तों तक सिनेमाघरों से नहीं उतरती थीं.
इनका नाम है राजेंद्र कुमार, जो कुमार तिकड़ी की ही एक कड़ी हैं. राजेंद्र कुमार अपने समय के बड़े स्टार थे. कितनी ही लड़कियां उनपर मरती थीं मगर, उनका दिल तो सायरा बानो के लिए धड़कता था.
तो चलिए जानते हैं कि आखिर कैसी थी राजेंद्र कुमार की जिंदगी और कैसे हुए उनका और सायरा बनो का मिलन–
राजेंद्र कुमार उर्फ जुबली कुमार...
राजेंद्र कुमार का जन्म 20 जुलाई 1929 को सियालकोट(पाकिस्तान) में हुआ था. उनका असली नाम आर. के. तुली था.
नई पीढ़ी उन्हें संजय दत्त के बहनोई कुमार गौरव के पिता के रूप में भी जानती है. हालांकि, उनका परिचय इससे कहीं बढ़कर है.
वो अपने दौर के सुपरहिट स्टार्स में से एक थे. राजेंद्र कुमार ने कई मल्टी स्टारर फिल्मों में काम किया, लेकिन उनके बीच भी राजेंद्र की उपस्थिति कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता था.
राजेंद्र कुमार ने संजीदगी भरा रोमांस सिल्वर स्क्रीन पर दिखाया और ये अंदाज लोगों को खूब भाया. उनकी एक्टिंग का जलवा ऐसा था कि, क्रिटिक्स ने उन्हें बॉलीवुड का दूसरा ट्रेजडी किंग कहना शुरू कर दिया था.
इससे पहले दिलीप कुमार को यह कहा जाता था.
हिंदी सिनेमा के इतिहास में उनको 'जुबली कुमार' के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि उनकी कई फिल्में सिनेमा हॉल में 25-25 हफ्तों तक लगी रहती थी!
राजेंद्र ने बतौर लीडिंग एक्टर अपने करियर का आगाज 1954 में फिल्म 'वचन' से किया था. देवेंद्र गोयल द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उस दौर की सुपरहिट हिरोइन गीता बाली उनके साथ नजर आई थीं.
इसके बाद आई महबूब खान की सुपरहिट फिल्म 'मदर इंडिया'. इसकी वजह से इंडस्ट्री में राजेंद्र कुमार के चर्चे होने लगे.
तीसरी फिल्म 'गूंज उठी शहनाई' से राजेंद्र ने स्टारडम का स्वाद चखा. अपने 30 साल के करियर में राजेंद्र ने तकरीबन 150 फिल्मों में काम किया.
उनकी सबसे यादगार फिल्मों में 'मदर इंडिया', 'धूल के फूल', 'दिल एक मंदिर', 'ससुराल', 'संगम', 'आरजू' आदि जैसी कई फिल्में हैं.
वैसे तो जुबली कुमार का नाम किसी हिरोइन के साथ विरले ही जोड़ा गया था. मगर, जब भी बात उनके अफेयर की होती है, तो एक ही नाम सामने आता और वो है सायरा बानो.
सायरा बानो और राजेंद्र कुमार ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया था. दोनों ही कलाकारों की गिनती 70-80 के दशक के टॉप स्टार्स में होती है. इनके अफेयर का किस्सा भी काफी दिलचस्प है.
राजेंद्र कुमार और सायरा बानो का सीक्रेट अफेयर
बात 60 के दशक के शुरूआती दौर की है. वर्ष 1961 में एक नौजवान लड़की सायरा बानो, शम्मी कपूर के साथ पर्दे पर आई और रातों-रात स्टार बन गई.
वह फिल्म थी जंगली.
इसके बाद से ही सायरा के पास चारों तरफ से फिल्मों के ऑफर आना शुरू हो गए. ये वो समय था, जब सायरा तब के बड़े-बड़े एक्टर्स के साथ काम कर रही थीं, उन्हीं में से एक थे राजेंद्र कुमार.
सायरा बानो ने उनके साथ आई, मिलन की बेला, झुक गया आसमान और अमन जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में काम किया था. दोनों की जोड़ी दर्शकों को खूब पसंद आ रही थी.
इसी के साथ उनके सीक्रेट अफेयर के भी चर्चे बी-टाउन में होने लगे. ये जानते हुए भी कि राजेंद्र शादीशुदा हैं और उनके बच्चे भी हैं, सायरा खुद को उनसे प्यार करने से न रोक सकीं.
वो हर हाल में उनके साथ रहने को तैयार थीं. कहा जाता है कि राजेंद्र भी उनकी खातिर अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ने को तैयार थे. वह शादी के लिए सायरा को प्रपोज करने ही वाले थे, लेकिन ऐसा हो न सका...
सायरा की मां ने किया दोनों को अलग
सायरा बानो की मां नसीम बानो को यह रिश्ता रास नहीं आया. वजह थी राजेंद्र कुमार का शादीशुदा होना और दूसरे धर्म से ताल्लुक रखना.
इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को इस रिश्ते से बाहर निकालने की कोशिश करनी शुरू कर दी. अपने मंसूबे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए नसीम बानो ने दिलीप कुमार का सहारा लिया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सायरा बानो ने बचपन में दिलीप कुमार की सुपरहिट फिल्म मुगले आजम देखी थी.
इस फिल्म को देखने के बाद से ही सायरा मन ही मन उन्हें चाहने लगी थीं. ये बात नसीम बानो अच्छे से जानती थीं और इसकी का फायदा उन्होंने उठाया.
नसीम ने आर. के. की ओर से सायरा का आकर्षण खत्म करने के लिए दिलीप का सहारा लिया. सायरा की बर्थडे पार्टी में दिलीप साहब को बुलाया गया.
यहां जैसे ही दिलीप कुमार उनके घर में दाखिल होते हैं, वो सायरा को देखते ही उन्हें अपना दिल दे बैठते हैं. हालांकि, वो इससे पहले कई बार सायरा से मिले थे, लेकिन उनके मुताबिक उस दिन सायरा का अंदाज कुछ अलग ही था.
वो खुद को उनके प्यार में गिरफ्तार होने से न रोक पाए. इस बात का जिक्र दिलीप साहब ने अपनी बायोग्राफी 'दिलीप कुमार: द सब्सटेंस एंड द शैडो' में भी किया है.
वैसे भी दिलीप कुमार का दिल उन दिनों ताजा-ताजा टूटा था और इस घड़ी में उन्हें किसी के सहारे की ज़रूरत थी, जो टेक्निकली नसीम ने सायरा बानो के रूप में उनके सामने पेश किया.
कुछ दिनों बाद दिलीप साहब ने नसीम बानो की बात मानते हुए सायरा को प्रपोज़ कर दिया. सायरा की तो खुशी का ठिकाना ही न रहा, उन्हें उनके बचपन के सपनों का राजकुमार जो मिलने वाला था.
सायरा के सिर से राजेंद्र कुमार का नशा काफुर होते देर न लगी. दिलीप और सायरा की स्टोरी, जब राजेंद्र को पता चली, तो उन्होंने सायरा से ब्रेकअप कर लिया.
इसी के साथ ही सायरा और राजेंद्र कुमार का ये किस्सा भी यहीं पर हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दफन हो गया.
दिलीप कुमार के साथ शादी करने के बाद सायरा बानो और राजेंद्र कुमार की कोई खबर सामने नहीं आई. दोनों का रिश्ता हमेशा के लिए खत्म हो गया. इसी के साथ बॉलीवुड में एक और लव स्टोरी का किस्सा जुड़ गया.
Web Title: Rajendra Kumar & Saira Banu Love Story, Hindi Article
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