लगातार बदलती जीवनशैली में भागदौड़ करते हुए लोगों को अक्सर रात को नींद ना आने की शिकायत रहती है. बिस्तर पर लेटने के घंटों बाद भी वह सपनों की दुनिया में खो नहीं पाते. अगर नींद आ भी जाती है, तो बार-बार टूटती रहती है!
यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप अकेले ऐसे शख्स नहीं हैं, जो नींद ना आने की समस्या से जूझ रहे हैं. आपकी तरह ही बहुत से लोग हैं, जो इससे परेशान हैं.
तो आईये इसके पीछे की असल वजह और हल ढूंढने की कोशिश करते हैं–
‘स्लीपिंग डिसऑर्डर’ को ऐसे पहचानें
अगर आपको रात में बिस्तर पर लेटने के बाद भी नींद आने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, तो आप भी अनिद्रा की समस्या के शिकार हो गए हैं. मानव जीवन के इतिहास से ही इसका प्रभाव रहा है, इसलिए इस नींद ना आने की समस्या की बीमारी की खोज किसने की इसका कोई प्रमाण नहीं है. हालांकि, स्लीपिंग डिसऑर्डर के कई स्वरूप जरूर देखने को मिलते हैं, जैसे
- कम नींद आना यानी ‘लैक ऑफ स्लीप’
- ज्यादा नींद आना
- डिस्टर्ब्ड स्लीप: इस स्वरुप में रोगी को नींद तो आती है, लेकिन वह बीच-बीच में टूट जाती है.
A Tired Sleepless Woman Puts The Pillow Over Her Head (Pic: joburgwest)
नींद न आने के बड़े कारण
एक आंकड़े के अनुसार लगभग 25-30 फीसदी लोग नींद ना आने की समस्या से परेशान हैं. जबकि, 10 प्रतिशत लोग अनिद्रा की बीमारी यानी इनसोम्निया के शिकार होते हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऐसे कौन से कारण हो सकते हैं, जिससे आपको नींद नहीं आती!
एक रिपोर्ट की मानें तो मुख्यत: तनाव के कारण लोगों को नींद नहीं आती. है!
असल में अपनी व्यस्त दिनचर्या के कारण व्यक्ति काम के दबाव के कारण अक्सर तनाव में रहता है. इस कारण उसके सोने-जागने के टाइम में अनियमितता बनी रहती है.
बढ़ती उम्र व डिप्रेशन
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, बढ़ती उम्र भी नींद न आने की बड़ी वजह हो सकती है. अगर आपकी उम्र 50 से 60 साल के बीच है, तो आपको नींद न आने की समस्या से दो चार होना ही पड़ेगा. इस उम्र में नींद का कच्चा होना लाजमी है.
इसके साथ डिप्रेशन भी नींद न आने का एक अन्य बड़ा कारण है. डिप्रेशन और नकारात्मक सोच के कारण लोग रातों को जागते रहते हैं. मानसिक और भावनात्मक असुरक्षा भी नींद ना आने की समस्या उत्पन्न करती है.
स्लीप एपनिया
अगर आप रात में सोते समय ज्यादा आवाज यानी… खर्राटे भरते हैं, तो इसका मतलब है कि निद्रा के समय आपको सांस लेने में दिक्कत होती है. नींद के दौरान सांस में किसी तरह की बाधा उत्पन्न होने के कारण आपकी नींद बार-बार टूटती है. इसे स्लीप एपनिया कहते हैं… जो सहीनींद ना आने का एक बड़ा कारण हो सकता है.
फोन की लत और…
देर रात तक टीवी, मोबाईल और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का इस्तेमाल करने से आपकी नींद प्रभावित होती ही है. इनसे निकलने वाली नीली लाइट के कारण नींद आने के लिए आवश्यक मेलाटोनिन हार्मोन का रिसाव नहीं होता और आपको नींद नहीं आती.
वहीं अक्सर लोग सोने से चंद मिनट पहले खाना खाते हैं. इससे उनके खाने को पचाने वाले एसिड्स का रिसाव देर तक होता रहता है. इसकी वजह से भी आपकी नींद पर असर पड़ता है.
Girl Chating in Phone at Night (Pic: Reader’s Digest)
… तो, अच्छी नींद आखिर कैसे आये?
स्लीप एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सही तरह से नींद ना आना कई बीमारियों का कारण बन सकता है. नींद की कमी से आपकी एकाग्रता खत्म होने लगती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है, पेट संबंधी रोग, आंखों के नीचे काले घेरे, उल्टी, चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. ऐसे में एक स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए रात में 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है. अच्छी नींद के लिए ये उपाय मददगार हो सकते हैं–
अनुकूल तापमान
सोते समय अगर आप अपने रूम टेम्परेचर को कम कर देंगे, तो आपको अच्छी नींद आएगी. जानकारों का कहना है कि 72 डिग्री फारेनहाइट से कम तापमान पर लोगों को जल्दी और गहरी नींद आती है. इसके साथ-साथ आपको अपने दिमाग और शरीर का रिलैक्स रखना बहुत जरूरी है. इसके लिए योगा एक कारगार विकल्प हो सकता है.
सोने-जागने का समय
आप जिस वक्त पर सोते हैं उसमें कोई बदलाव ना करें!
एक आम इंसान रात के 9-11 बजे के बीच में थक ही जाता है और इसके बाद उसे बिस्तर पर पहुंच जाना चाहिए. शुरूआत में भले ही आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़े, लेकिन रोज ऐसा करने से आपको इसकी आदत हो जाएगी.
झपकी लेना
अगर आपको दिन में एक झपकी लेने की आदत है, तो इसमें कोई बुराई नहीं है. किन्तु, झपकी लेते समय ये ध्यान रहे कि यह 20 मिनट से ज्यादा की ना हो!
असल में दिन में इससे ज्यादा सोना आपके नियमित सोने और उठने के चक्र को प्रभावित करता है… जबकि झपकी लेने से आपके शरीर को आराम मिल जाता है और रात को अच्छी नींद आती है.
Lack of Proper Sleep (Pic: ViralityToday)
कैफीन से रहें दूर
चाय और कॉफी जैसे पेय पदार्थों में काफी मात्रा में कैफीन होता है. इनका ज्यादा सेवन अनिद्रा का कारण बनता है. बताते चलें कि कैफीन नींद का दुश्मन माना जाता है.
दरअसल, कैफीन नींद को लाने की जगह भगा देता है!
रात में ज्यादा पानी पीने से बचें
रात के वक्त ज्यादा पानी से सोते समय नींद के टूटने के आसार रहते हैं. ज्यादा पानी पीने से आपके शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है, जिसे बाहर निकालने के लिए आपको रात में रेस्ट रूम इस्तेमाल करना पड़ेगा.
किताबों से करें दोस्ती
सोने से पहले अगर आपको अगले दिन की प्लानिंग करनी है, तो उसके लिए आप नोटपैड का इस्तेमाल करें. इससे आपका दिमाग रिलैक्स हो जाता है. इसके साथ ही सोने से पहले कोई मनपसंद किताब पढ़ने से अच्छी नींद आती है.
नियमित व्यायाम जरूरी
नियमित व्यायाम यानी एक्सरसाइज करने से हमारा शरीर स्वस्थ्य रहता है. इससे हमारी मांसपेशियों को आराम मिलता है. हमने दिनभर में खाना खाया होता है उसे पचाने में ये मददगार होता है. इस तरह हमारे शरीर को आराम मिलता है, जो गहरी नींद लाने में मददगार साबित होता है.
वैसे भी सोने के 4 घंटे पहले व्यायाम करना ठीक नहीं माना जाता. कहते हैं कि यह कई बार इससे ‘हार्ट बीट’ बढ़ जाती है, जिसे सामान्य होने में टाइम लगता है.
Yoga Helpful for Better Sleep (Pic: Journalistate)
इस लेख में हमने नींद संबंधी तमाम जानकारी देने की कोशिश की है. अगर फिर भी आपको नींद की कोई समस्या है तो तुरंत आपको ‘स्लीप एक्सपर्ट’ के पास जाना चाहिए. ज्यादा दिनों तक नींद से जुड़ी समस्याओं को इग्नोर करना आपके लिए घातक साबित हो सकता है.
Web Title: Simple Ways to Get a Peaceful Sleep, Hindi Article
Featured Image Credit: Recovery Ranch