भारत शायद इकलौता ऐसा देश है जहां पर अधिकांश लोग बालों में साधारण तेल ही लगाया करते थे. हालाँकि, समय के साथ यह ट्रेंड बदला और इस ट्रेंड-बदलाव का श्रेय जिन चंद नामों को दिया जा सकता है, उनमें से एक ‘पैराशूट’ भी है!
यूँ तो आज मार्केट में बहुत से तेल हैं मगर एक तेल ऐसा है जिसे आज भी हर कोई लगाना पसंद करता है. वह ख़ास तेल है ‘पैराशूट का नारियल तेल’.
जी हाँ बहुत से लोगों ने नीली बोतल में आने वाले इस तेल को अपने बालों पर ज़रूर लगाया होगा. अधिकांश आम भारतीय के घर में यह तेल एक समय में पाया जाता था. हाँ मगर इस मुकाम तक पैराशूट का पहुंचना इतना आसान नहीं था.
तो चलिए आज जानते हैं कि कैसे पैराशूट बना भारत का नंबर वन हेयर ऑइल–
तब किसी को पसंद नहीं आया था पैराशूट ऑइल…
पैराशूट का नारियल तेल बहुत पहले ही मार्केट में आ गया था. बॉम्बे ऑइल नाम की कंपनी ने इसका व्यापार शुरू किया था. उन्हें यह तेल बेचने में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. कुछ ही ऐसे लोग थे जो उस तेल को खरीदना चाहते थे.
उस समय पैराशूट का नारियल तेल 15 लीटर के टिन के डब्बे में बेचा जाता था. यही कारण था कि आम लोग इसे नहीं खरीदते थे.
1971 तक बॉम्बे ऑइल को अपने इस प्रोडक्ट के कारण नुक्सान उठाना पड़ा. हालांकि उसके बाद उस कंपनी में हर्ष मारीवाला आए.
बॉम्बे ऑइल उनका पारिवारिक व्यापार था और वह इसे सिर्फ बॉम्बे तक ही सीमित नहीं रखना चाहते थे. वह चाहते थे कि यह पूरे भारत में फैले. इसलिए उन्होंने खुद मार्केट में जाकर खरीदारों से मिलकर पैराशूट के न चलने की वजह जाननी चाही.
उन्होंने नागपुर जाकर होलसेल खरीदारों से अपने प्रोडक्ट के बारे में बात की. उन्होंने हर्ष को बताया कि पैराशूट का नारियल तेल बहुत ही अच्छा है… सब को वह पसंद भी आता है. उनकी असली परेशानी थी कि हर कोई 15 लीटर का उनका डिब्बा नहीं लेना चाहता है.
यह बात उनके दिल में घर कर गई. उन्होंने सोच लिया कि उन्हें पैराशूट को बड़े डिब्बों में नहीं बल्कि छोटे डिब्बों में बेचना पड़ेगा ताकि हर कोई उसे खरीद सके.
इसके बाद उन्होंने छोटे डिब्बे बनवाने शुरू किए ताकि आम जनता आराम से उसे खरीद सके.
एक बार जैसे ही उन्होंने यह कदम उठाया उनका प्रोडक्ट बिकने लगा. सबको लगने लगा था कि पैराशूट की निकल पड़ी… मगर अभी उनके आगे एक और बड़ी चुनौती थी.
Parachute Was Sold In 15 Liter Tin Can (Representative Pic: mouthshut/creativegaga)
चूहे खा जाते थे पैराशूट की बोतल!
1980 तक पैराशूट ऑइल टिन के छोटे डिब्बों में बेचा जाता था. यह डिब्बे कंपनी को काफी महंगे पड़ते थे.
बाजार में प्लास्टिक का चलन शुरू हो चुका था. वह टिन से सस्ता और ज्यादा टिकाऊ था. हर्ष मारीवाला ने सोचा क्यों न वह भी अपनी तेल के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल करें.
उन्होंने अपना तेल बेचने के लिए चौकोर प्लास्टिक के नीले डब्बे बनाए.
वह डब्बा देखने में काफी अच्छा लगता था. इसलिए लोगों ने उसे खरीद लिया. अपना प्रोडक्ट बेचने में हर्ष इतना खो गए थे कि उन्होंने सिर्फ उसकी सुंदरता पर ही ध्यान दिया. थोड़े समय बाद जब उन्हें मार्केट का हाल पता चला तो वह चौंक गए.
लोग उनका तेल नहीं खरीदना चाहते थे क्योंकि हर बार चूहे उस बोतल को कुतर जाया करते थे!
चूकों का ऐसा करने के पीछे कारण था नारियल तेल और प्लास्टिक की बोतल का मिश्रण. यह मिश्रण उन्हें आकर्षित करता था जिससे वह बोतल को काटने के लिए चले जाते थे.
उनकी बोतल चौकोर थी इसलिए चूहे उस पर आसानी से अपनी पकड़ बना लेते थे. कंपनी की इज्ज़त दांव पर थी इसलिए हर्ष मारीवाला को जल्द ही कुछ सोचना था. उन्होंने जल्द ही बोतल की शेप बदल कर उसे गोल बना दिया.
इस बार उन्होंने इसे कुछ इस तरह बनाया की एक बूँद तेल की भी उसमें से न गिरे. यह कितना कारगर है इसे देखने के लिए उन्होंने इस बार पहले खुद की लैब में टेस्ट किए.
उन्होंने 8-10 नई बोतल ली और चूहों से भरे एक पिंजरे में उन्हें कुछ दिनों के लिए रख दिया. कुछ दिनों बाद जब उन्होंने देखा तो कोई भी बोतल चूहों द्वारा नहीं कुतरी गई थी.
इसके बाद उन्होंने होलसेल खरीदारों को पहले टेस्ट करने के लिए इसकी थोड़ी बोतलें ही दीं. जब उन्हें कुछ नहीं हुआ तो सब ने एक बार फिर से पैराशूट का नारियल तेल खरीदना शुरू कर दिया.
पैराशूट को करीब 10 साल लग गए टिन के डिब्बों से प्लास्टिक की बोतलों में आने के लिए. प्लास्टिक के इस्तेमाल से कंपनी का काफी पैसा बच रहा था. वह सारा पैसा उन्होंने अपनी प्रमोशन में लगाया. इसका नतीजा यह हुआ कि देखते ही देखते पैराशूट एक बड़ा ब्रांड बन गया.
मार्केट में लोग उनकी कॉपी करने लगे. इसके लिए उन्होंने विदेशी सांचे से अपनी बोतल बनानी शुरू की. इसके बाद कोई भी उनकी नक़ल नहीं बना पाया.
Deepika Padukone In Parachute Oil Advertisement (Pic: klubok)
पैराशूट हेयर ऑइल को मिली ‘नई कंपनी’
कई सालों तक अपने पारिवारिक व्यवसाय में काम करने के बाद हर्ष मारीवाला ने खुद की कंपनी खोलनी चाही.
उन्होंने 1990 में मारिको लिमिटेड नामक अपनी कंपनी खोली. उन्होंने बॉम्बे ऑइल के प्रोडक्ट पैराशूट हेयर ऑइल और सफोला ऑइल दोनों को अपनी कंपनी के साथ जोड़ दिया.
उनकी इस कंपनी ने मार्केट में आते ही सबको पीछे छोड़ दिया था. कहते हैं कि हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनी को भी पैराशूट के आगे हार माननी पड़ी थी.
उनकी इस कामयाबी की वजह नीली बोतल वाला पैराशूट का नारियल तेल ही था. उसने ही मार्केट में कंपनी को बनाए रखा और आगे बढ़ता रहा.
कंपनी को 50 फीसदी के करीब पैसा सिर्फ पैराशूट हेयर ऑइल को बेचकर मिल जाया करता था. यह उनकी रीढ़ की हड्डी की तरह था. इसलिए इस तेल को पूरे भारत में बेचा जाने लगा ताकि हर कोई इसका आनंद ले सके.
Harsh Mariwala Took Parachute Coconut Oil To Next Level (Pic: entrepreneur)
सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं है ‘पैराशूट’
पैराशूट भारत में बखूबी चला है. आज भी लोग इस तेल को लगाते हैं. इतना ही नहीं यह भारत के अलावा दूसरे देशों में भी खूब चलता है.
1999 में मारिको ने भारत से बाहर अपने कदम निकाले और बांग्लादेश में पैराशूट कोकोनट ऑइल बेचना शुरू किया.
वहां के लोगों को यह नारियल तेल और मारिको की बनाई बाकी चीजें पसंद आने लगीं.
भारत की तरह ही बांग्लादेश में भी पैराशूट ने अपना राज शुरू कर दिया था. इसके बाद कंपनी ने अपने नए-नए प्रोडक्ट बनाना शुरू किया. हालांकि इन सबके बीच पैराशूट हेयर ऑइल की कीमत कभी भी कम नहीं हुई.
2006 में मारिको कंपनी ने अफ्रीकी जगहों पर भी अपने प्रोडक्ट बेचने शुरू कर दिए. 2011 तक उन्होंने पैराशूट के नए प्रोडक्ट बनाए जैसे पैराशूट एडवांस बॉडी लोशन और पैराशूट गोल्ड हेयर क्रीम.
2016 के आंकड़ों के अनुसार पैराशूट हेयर ऑइल और सफोला ऑइल से मारिको कंपनी को करीब 725 करोड़ का फायदा हुआ था. यह बताता है कि यह प्रोडक्ट आज भी कितना पसंद किया जाता है.
आज के समय में यह अफ्रीका और एशिया के करीब 25 देशों में बेचा जाता है. आज यह सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है.
Marico Started Selling Parachute In Bangladesh (Pic: adarchivebd)
बेहतरीन प्रोडक्ट बनाने का श्रेय
अपनी शुरुआत से ही मारिको कंपनी साल भर में करीब 24,000 टन नारियल तेल बनाया करती थी. आम लोगों के बीच इसकी इतनी डिमांड थी कि इसकी प्रोडक्शन लगातार बढ़ानी पड़ी.
प्रोडक्शन के साथ-साथ पैराशूट में कुछ बदलाव भी करने थे. ज़माना बदल रहा था और कई लोग सिर्फ नारियल तेल ही नहीं चाहते थे. लोगों को एक नए क्रांतिकारी प्रोडक्ट की दरकार थी. इसलिए थोड़े समय बाद ही पैराशूट अपने नए प्रोडक्ट की खोज में लगा गया.
इसके बाद कंपनी कोलकाता में बेचने के लिए पैराशूट का एक बिलकुल ही अनोखा और नया प्रोडक्ट ले आई. यह भी एक नारियल तेल ही था मगर इसकी ख़ास बात यह थी कि इसमें एंटी डैंड्रफ तत्व मिले हुए थे.
नारियल तेल में एंटी डैंड्रफ तत्व मिलाने का यह काम पहली बार किसी ने किया था. पैराशूट का यह नया प्रोडक्ट लोगों को काफी पसंद आया था. इसने कंपनी को एक नई पहचान दिलाई थी.
आज तो मारिको कंपनी के बहुत से नए प्रोडक्ट मार्केट में हैं, इसलिए पैराशूट नारियल तेल की प्रोडक्शन थोड़ी कम कर दी गई है. हालांकि इसके बाद भी आज कंपनी की 25% लागत इस तेल को बेच कर ही आती है.
भले ही आज नए-नए तरह के तेल मार्केट में हैं, मगर पैराशूट का यह तेल शायद ही कभी उनके आगे झुकेगा.
Parachute Coconut Oil Is Now One Of The Leading Hair Oil Brand (Pic: makeupera)
यह माना जा सकता है कि पैराशूट नारियल तेल अधिकांश भारतीयों के दिल में एक ख़ास जगह रखता है.
सर्दियों में इस तेल का जम जाना लाेगों को इस तेल की क्वालिटी के प्रति आश्वस्त करता है वहीं आज भी लोगों की यादें इस तेल से जुडी हैं.
पैराशूट का यह सफ़र वाकई में बहुत दिलचस्प था.
आपको पैराशूट का नारियल तेल कैसा लगता है, कमेंट बॉक्स में हमें जरूर बताएं. ऐसे ही किसी और प्रोडक्ट के बारे में भी आप हमसे चर्चा कर सकते हैं जो लम्बे समय से आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ा हुआ है.
Web Title: The Journey Of Parachute Coconut Oil, Hindi Article
Featured Image Credit: bloombergquint/fashioncutstore