साल 2007 में आई फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ के इशान अवस्थी की कहानी आज भी लोग नहीं भूले हैं. उस फिल्म में आठ साल के इशान को शब्दों को लिखने और समझने में परेशानी होती थी. इस फिल्म से कई लोग पहली बार ‘डिस्लेक्सिया’ से परिचित हुए. डिस्लेक्सिया, एक ऐसा मानसिक विकार, जिसमें इससे पीड़ित लोगों को शब्द देखने समझने में मुश्किल आती है.
इस प्रयास के लिए अामिर खान की चहुओंर तारीफ़ हुई थी.
आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया में हर पांच में से एक बच्चा डिस्लेक्सिया का शिकार है. यहां तक कि दुनिया के सबसे महान लोगों में भी डिस्लेक्सिया के लक्षण देखे गए हैं. कार्टून कैरेक्टर ‘मिक्की माउस’ के जनक वॉल्ट डिजनी इसका एक बड़ा उदाहरण थे.
हालांकि, उन्होंने इसे कभी भी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. डिस्लेक्सिक होने के बावजूद उन्होंने अपने अंदर छिपी प्रतिभा को पहचाना और अपने सपनों को साकार किया.
सिर्फ वॉल्ट डिज़नी ही नहीं, लियोनारडो डॉ विंची, अगाथा क्रिस्टी, टॉम क्रूज़, पेबलो पिकासो जैसी महान हस्तियों ने डिस्लेक्सिया को अपनी इच्छाशक्ति के दम पर हराया.
तो चलिये जानते हैं, आख़िर डिस्लेक्सिया को कैसे पहचान सकते हैं और इससे जुड़े अन्य पहलू क्या हैं…
कैसे पहचानें डिस्लेक्सिया को?
डिस्लेक्सिया एक विकार है, जिसमें व्यक्ति को भाषा को लिखने, पढ़ने और समझने में कठनाई होती है. आमतौर पर, डिस्लेक्सिक लोगों को सामान्य लोगों के मुकाबले शब्दों को समझने में पांच गुना ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. डिस्लेक्सिया के लक्षण बच्चे की स्कूली शिक्षा को दौरान ही दिखने लगते हैं. अगर कोई बच्चा अटक-अटक पढ़ता है, नये शब्दों को याद करने में उसको परेशानी होती है या फिर उसकी वर्तनी सही नहीं होती है, तो वह डिस्लेक्सिया का शिकार हो सकता है.
इसके अलावा ‘CAT’ को ‘TAC’ लिखना, शब्दों की ध्वनियों को सुनने या जोड़-तोड़ करने में कठिनाई होना, खराब लिखावट होना, नई भाषा को सीखने में परेशानी होना, जोक्स और व्यंग्य को ना समझ पाना कुछ डिस्लेक्सिया के लक्षण हो सकते हैं.
अक्सर डिस्लेक्सिया के लक्षणों को बच्चे का पढ़ाई पर ध्यान नहीं देना, पढ़ने में कमज़ोर होना, या फिर आलसी होने के कारणों के रूप में देखा जाता है. जबकि, डिस्लेक्सिया एक दिमाग संबंधी विकार है. इसमें एक डिस्लेक्सिक दिमाग किसी सामान्य व्यक्ति के दिमाग से भिन्न काम करता है. डिस्लेक्सिया का प्रभाव हर दिमाग पर अलग-अलग होता है. किसी पर ज्यादा, तो किसी पर कम.
Writing Problems in Dyslexia (Pic: understood.org)
क्यों होता है डिस्लेक्सिया?
डिस्लेक्सिया की समस्या जेनेटिक हो सकती है. अगर माता या पिता में से किसी को भी डिस्लेक्सिया है, तो बच्चे में 40-50 प्रतिशत तक लक्षण दिखाई दे सकते हैं. वहीं, अगर मां-बाप दोनों ही डिस्लेक्सिया से ग्रस्त हैं तो इस विकार के 100 प्रतिशत लक्षण बच्चे में दिखाई देते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक, अभी तक डिस्लेक्सिया के सही और स्पष्ट कारण का पता नहीं लगाया जा सका है.
दिलचस्प यह कि डिस्लेक्सिया के बारे में यह मिथक है कि यह एक बीमारी है, जबकि ऐसा नहीं है!
असल में यह एक दिमागी स्थिति है. जिसके चलते इसका कोई निश्चित या विशेष इलाज नहीं है. यह विकार किसी इंसान के साथ पूरी ज़िदगी रह सकता है. तथ्यों के मुताबिक, 35 प्रतिशत बच्चे डिस्लेक्सिया के चलते अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं.
लेकिन सही शिक्षा शैली के ज़रिये बच्चे की लिखने और पढ़ने की क्षमता को सुधारा जा सकता है. वहीं, डिस्लेक्सिया के लक्षणों को अगर कम उम्र में ही पहचानकर बच्चे का सही दिशा में मार्गदर्शन किया जाए, तो इस समस्या को समाप्त भी किया जा सकता है.
What is Dyslexia (Pic: npr.org)
डिस्लेक्सिया को हराना मुमकिन है, बशर्ते…
डिस्लेक्सिक लोगों का दिमाग आम लोगों के दिमाग से अलग तरीके से काम करता है. जिसके चलते डिस्लेक्सिक लोग किसी भी विषय के बारे में अलग ढंग से सोच पाते हैं. डिस्लेक्सिक व्यक्तियों की रचनात्मकता और कल्पनाशक्ति सामान्य लोगों से अधिक होती है. जिसके कई उदाहरण मौजूद हैं.
अभिनेता टॉम क्रूज़ के बारे में कहा जाता है कि वह दसवीं तक सही ढंग से नही पढ़ पाते थे. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मुझे ध्यान करना सीखना था. जिसके लिए मैंने अपने दिमाग में उन चित्रों को बनाना शुरु किया, जो मैं पढ़ता था.’ टॉम क्रूज़ ने अपनी डिस्लेक्सिया की कमी को अपने पेशे के बीच में नहीं आने दिया.
इसी कड़ी में मशहूर फिल्म सीरीज़ हैरी पॉटर के अभिनेता डेनियल रेडक्लिफ ने एक इंटरव्यू में अपने डिस्लेक्सिक होने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि उन्हें अपने जूतों के फीते बांधने में दिक्कत होती थी और वह पढ़ने में भी बेहद कमज़ोर थे.
चित्रकार पेबलो पिकासो को भी डिस्लेक्सिया होने के कारण अक्सर टीचर कक्षा से बाहर निकाल दिया करते थे. उस समय वे अपनी ड्राईंग बुक निकालकर चित्रकारी करने लगते थे.
महान वैज्ञानिक और चित्रकार लियोनारडो डॉ विंची और बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन डिस्लेक्सिया विकार का सामना कर चुके अन्य उदाहरण हैं.
इन महान लोगों के उदाहरण बताते हैं कि डिस्लेक्सिया भले ही एक गंभीर विकार दिखाई देता है, लेकिन इससे भी पार पाया जा सकता है. यह लोगों को भीड़ से भिन्न करती है, जिसके चलते एक नई दुनिया के बारे में सोचा जा सकता है.
जाहिर है, इससे पार पाने के लिए आपकी मशक्कत आपको एक नए मुकाम तक पहुंचा सकती है.
Abhishek Bachchan with Dyslexia (Pic: bollywoodlife)
कई फिल्मों में दिखी है ‘इसकी’ झलक
डिस्लेक्सिया की दुनिया से फिल्में भी अछूती नहीं रही हैं. साल 2007 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ में तो इस विकार को दिखाया गया है. इसमें आठ साल के इशान को डिस्लेक्सिया है, लेकिन जब आर्ट टीचर, राम शंकर निकुंभ (आमिर खान) उसे सही मार्गदर्शन देते हैं, तो उसकी ज़िदंगी बदल जाती है. सहमे और डरे से इशान में नई ऊर्जा का संचार होता है. राम निकुंभ उसे इसलिए भी समझ पाते हैं क्योकि वह खुद डिस्लेक्सिक थे. आमिर खान द्वारा निर्देशित इस फिल्म में गुरू और शिष्य के रिश्ते को भी बखूबी तरीके से दिखाया गया है.
इस फिल्म के अलावा ‘दि बिग पिक्चर: रिथिंकिंग डिस्लेक्सिया’, ‘जर्नी विद डिस्लेक्सिया’, ‘इनसाइड डिस्लेक्सिया’, ‘दॉ सीक्रेट’, ‘रीड़ मी डीफरेंटली’, ‘बिंग यू’ जैसी कई फिल्में डिस्लेक्सिया पर आधारित हैं.
ये फिल्में उन लोगों की यात्रा और अनुभवों को दिखाती है जो इस विकार से जूझ रहे हैं.
Dyslexia Issue in Film Tare Zameen Par (Pic: worldbulletin.net)
डिस्लेक्सिक लोगों को अक्सर कमज़ोर कहकर नक़ार दिया जाता है, जबकि विश्व में ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं, जिन्होंने अपने संघर्ष से डिस्लेक्सिया पर जीत हासिल की. डिस्लेक्सिया के साथ जंग मुश्किल है. लेकिन अपनी इसी कमी को अगर ताकत में बदल दिया जाए, तो यह वरदान साबित हो सकती है.
Web Title: What is Dyslexia? Hindi Article
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