हिंदी सिनेमा में अपनी अदा और ख़ूबसूरती से सबको अपना दीवाना बनाने वाली नूतन बहल की बात ही कुछ और है. अपनी ख़ूबसूरती के साथ वह एक बेहतरीन कलाकार भी थीं. वो हर फिल्म में अपनी एक्टिंग से उस किरदार में जान फूँक देती थीं.
चौदह साल की उम्र से सिनेमा जगत में वह अपने रूप और अदा की चांदनी बिखेरने लगी थीं. करीब चार दशकों के सिनेमा के सफ़र में नूतन बहल ने करीब सत्तर फ़िल्में की थीं.
नूतन के सितारे बुलंदी पर थे. उनके बारे में कहा जाता है कि वो शूटिंग के दौरान किसी से ज्यादा बात भी नहीं किया करती थीं.
उनसे जुड़ा एक किस्सा बहुत मशहूर है. दरअसल, एक बार हुआ ये कि नूतन ने भरी महफ़िल में, न आव देखा न ताव और संजीव कुमार को एक तमाचा जड़ दिया! ये मंजर देखकर सारे लोग दंग रह गए.
तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि उन्होंने संजीव कपूर जैसे दिग्गज कलाकार को बिना कुछ सोचे समझे तमाचा मार दिया.
चलिए जानते हैं, नूतन और संजीव का वो दिलचस्प किस्सा जो काफी मशहूर हुआ–
70 के दशक की बोल्ड और खूबसूरत नायिका
14 साल की उम्र में इन्होंने ‘हमारी बेटी' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की और 17 साल की कम उम्र में ही ये अपना नाम फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित करने में कामयाब हो गयीं. कुछ फ़िल्में करने के बाद ये स्विट्ज़रलैंड पढने चली गयीं. एक अच्छी अदाकारा तो ये थीं ही साथ ही, पढ़ने में भी बहुत अच्छी थीं. इन्हें फ्रेंच भाषा पढ़नी और लिखनी भी आती थी.
इनकी एक्टिंग की तारीफ जितनी की जाए उतनी कम है. लिहाज़ा, साल 2011 तक इनके नाम पांच फिल्मफेयर का रिकॉर्ड दर्ज था. इनका ये रिकॉर्ड इनकी अपनी भतीजी काजोल ने साल 2011 में तोड़ा था. इसके अलावा इन्हें अपने शानदार अभिनय के लिए 1972 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
उनकी सबसे बेहतरीन फिल्मों की बात करें, तो उसमे सीमा, तेरे घर के सामने, अनाड़ी, दिल ही तो है, मिलन, बंदिनी, छलिया आदि हैं. इनके सितारे बुलंदी पर थे. ये वैसे भी किसी भी तरह के विवाद से बचती थीं. ऐसे में जब उन्होंने ‘देवी' फिल्म में संजीव कुमार के साथ काम किया. इस दौरान उनका नाम संजीव के नाम के साथ बहुत उछाला गया. यहीं से शुरू हुई संजीव और नूतन की कहानी.
...दोस्ती को मिला अफेयर का नाम
ये किस्सा हुआ सत्तर के दशक में, जब संजीव कुमार और नूतन बहल ने 1970 में ‘देवी' फिल्म में काम किया. नूतन अपने को-स्टार्स से ज्यादा बात नहीं किया करती थीं.
वह सेट पर अपने काम से काम रखती थीं. शूटिंग के दौरान कुछ दिनों तक उन्होंने संजीव कुमार से भी ज्यादा बातचीत नहीं की, लेकिन धीरे-धीरे उन दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी. दोनों में काफी अच्छी बनने लगी. उनकी ये बढ़ती दोस्ती चर्चा का विषय बन गयी.
वैसे भी बड़े सितारे अगर छींक भी दें, तो वो एक खबर बन जाती है. फिर ये तो नूतन और संजीव के बीच प्यार की अफ़वाह थी. इसे भला हवा कैसे न मिलती.
हुआ वही, उनकी दोस्ती को लोग उनका अफेयर समझने लगे. जब इस बात की भनक नूतन को लगी, तो वो आग बबूला हो गईं.
कुछ ख़बरों की माने, तो मीडिया ने इन दोनों के बीच अफेयर की खबर को अच्छा खासा मिर्च मसाला लगा कर छापा. आए दिन, अपने बारें में इन ख़बरों को अख़बारों में पढ़कर वो परेशान हो जाती थीं.
शादीशुदा जिंदगी में आया तूफ़ान
आपको बता दें कि नूतन शादीशुदा थीं. कहते हैं कि उनके पति काफी सख्त मिज़ाज के थें. उन्होंने नूतन को कुछ शर्ते रखकर ही बॉलीवुड में काम करने की मंज़ूरी दी थी.
ऐसे में, आए दिन अपनी पत्नी के अफेयर की बात सुनकर किस पति को गुस्सा नहीं आएगा. माना जाता है कि अफेयर की बात को लेकर वो नूतन से नाराज़ रहने लगे.
दोनों पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होने लगे. नूतन के दांपत्य जीवन पर इन ख़बरों से बुरा असर पड़ने लगा था. नूतन इस बात से काफी परेशान रहने लगी. अफेयर की इस झूठी खबर से नूतन का निजी जीवन तो प्रभावित हो ही रहा था. इसके साथ ही उनकी प्रोफेशनल लाइफ भी बुरी तरह प्रभावित हो रही थी.
...जब भरी महफ़िल में जड़ा तमाचा!
नूतन की जिंदगी में खलबली मची हुई थी. अफेयर की झूठी ख़बरें आसमान में उड़ रही थीं, जो उनकी आँखों में चुभ रही थीं. ऐसे में, जब एक दिन वह फिल्म के सेट पर पहुंची, तो उन्होंने देखा कि संजीव कुमार मीडिया से कुछ बात कर रहे हैं.
उन्हें लगा कि संजीव उनके नाम का इस्तेमाल करके अपनी पब्लिसिटी कर रहे हैं. उन्हें लगा कि वो अपने नाम के साथ नूतन का नाम जोड़ कर खुद झूठी अफ़वाह फैला रहे हैं.
ये देखकर नूतन चलकर संजीव कुमार के पास आयीं और एक जोरदार चांटा संजीव के गाल पर जड़ दिया! इतना ज़ोरदार थप्पड़ खाकर संजीव सन्न रह गए. ये देखकर सभी मौजूद लोगों की आंखे फटी की फटी रह गयी.
कुछ देर के लिए हर कोई खामोश हो गया. किसी को भी नहीं समझ आया कि चंद पलों में यहाँ पर नूतन आखिर क्या कर गयीं. संजीव हैरान थे साथ ही मीडियाकर्मि भी. नूतन के उस चांटे ने पूरी जगह को शांत कर दिया था.
बहरहाल, बॉलीवुड की हर खबरों में न जाने कितनी सच्चाई होती है और न जाने कितना झूठ. ये तो अपनाआप में एक सवाल है.
वो कहते हैं न, आधी हक़ीकत और आधा फ़साना. तो यहाँ भी बात कुछ ऐसी ही लगती है. खैर, ये किस्सा अपने समय से लेकर आजतक काफी मशहूर है.
आपको ये बताते चलें, 1991 में नूतन बहल की ब्रैस्ट कैंसर से महज़ 54 साल की उम्र में मौत हो गयी. लेकिन उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में अपना नाम अमर कर दिया है. जब बॉलीवुड की मशहूर और बेहतरीन नायिका की बात चले और नूतन का नाम न लिया जाए, ऐसा संभव ही नही.
Web Title: When Nutan Bahl Slapped Sanjeev Kumar, Hindi Article
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