कैलेंडर की हर एक तारीख ऐतिहासिक महत्व रखती है. इसी कड़ी में 2 सितंबर पर नजर डालें तो इस दिन 1945 को जापान ने अपनी हार स्वीकार की, तो वहीं 1573 को अकबर ने गुजरात फ़तह किया.
इसके अलावा 1946 को 2 सितंबर के ही दिन जवाहर लाल नेहरू ने अंतरिम भारत सरकार का गठन किया था. साथ ही 1962 को सोवियत संघ क्यूबा को हथियार देने के लिए राजी हुआ था.
तो चलिए आज के दिन घटित कुछ ऐसी ही देश-विदेश की ऐतिहासिक घटनाओं पर नज़र डालते हैं-
छह साल तक चला दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ
1945, जापान के लिए विनाशकारी साल साबित हुआ. असल में द्वितीय विश्व युद्ध में लगभग 4 करोड़ लोग मारे जा चुके थे. जापान के हिरोशिमा पर अमेरिका द्वारा 2 बम गिराए गए.
हिरोशिमा पर बम गिराने के 72 घंटे बाद 9 अगस्त को जापान के ऊपर फिर बम गिराया गया. उससे ठीक एक दिन पहले रूस भी जापान के ख़िलाफ खड़ा हो गया था. इसके अलावा रूस की सेना जापान के भीतर तक दाखिल हो चुकी थी.
अब जापान के पास दूसरा चारा नहीं था. जापान बुरी तरह से बर्बाद हो चुका था!
12 अगस्त को अमेरिका ने यह घोषणा जारी किया कि जापान आत्मसमर्पण कर देता है, तो हम जापानी सम्राट पर युद्ध का मुकदमा नहीं लगाएंगे. इस घोषणा के बावजूद जापानी प्रशासन 5 दिनों तक कोई निर्णय नहीं ले पाया था.
वहीं 14 अगस्त तक जापान सरकार की कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर अमेरिका के राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने ब्रिटेन के राजदूत से जापान को एक संदेश भेजा कि अमेरिका टोक्यो पर भी परमाणु बम गिराने पर विचार कर रहा है.
यह सुनकर जापानी प्रशासन की नींद खुली. 14 अगस्त 1945 को देर रात हीरोहितो ने राजमहल में जापानी रेडियो सेवा के अधिकारियों को बुलवाया और अपना संदेश रिकार्ड करवाया.
उस रिकॉर्ड में कहा गया कि अब जापान की सरकार युद्ध लड़ने में अक्षम है ‘समय आ गया है जब हम सहन न करने योग्य बातों को सहन करें... मैं खुद अपने आंसू पीकर मित्र राष्ट्रों के घोषणापत्र (जापान के आत्मर्पण की शर्तें) के प्रस्ताव को मानने की अनुमति देता हूं.’ इस घोषणा के अगले 15 अगस्त को जापान के कई सैनिको ने आत्महत्या कर ली.
इस तरह जापान और अमेरिका के बीच का युद्ध समाप्त हुआ. 14 अगस्त की रात को आत्म समर्पण की घोषणा जापान ने कर तो दिया था, लेकिन जापान ने 2 सितंबर 1945 को इस घोषणा के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किया.
यही कारण रहा कि यह तारीख इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई!
ऑटोमैटिक टैलर मशीन (ए.टी.एम.) की शुरुआत
2 सितंबर की तारीख बैंकिंग जगत में भी क्रांतिकारी बदलाव के लिए जानी जाती है. 1969 को इसी दिन बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र पहली बार दुनिया के सामने पैसे निकालने वाली एटीएम मशीन आई.
इस ऑटोमैटिक टेलर मशीन को सबसे पहले केमिकल बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए शुरू किया था.
बताते चलें कि इस ऑटोमैटिक टेलर मशीन को बनाने के लिए कई लोग कोशिश में जुटे थे. किन्तु, कामयाबी डॉन वेटजेल को ही मिली. शुरुआती दौर में इससे सिर्फ कैश निकलता था. बाद में 1980 आते-आते इसमें कई बदलाव देखने को मिले.
इसकी मदद से अमेरिका के ज्यादातर लोग पैसे निकालने और जमा करने के लिए इसका प्रयोग करने लगे.
अंतरिम भारत सरकार का गठन दिवस
भारत की पहली स्वतंत्र सरकार आज़ादी से पहले ही बन गई थी!
सुनकर थोड़ा हैरानी होती है, लेकिन यह सच है. 2 सितंबर 1946 को जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्त्व में ने अंतरिम भारत सरकार का गठन किया गया था. इसमें भारत के आज़ादी से पहले ही भारत का मंत्रिमंडल चुन लिया गया था!
असल में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन ने भारत को स्वतंत्र करने का पूरा मन बना लिया था. फिर भी वह चाहता था कि भारत पर उसका कब्ज़ा रहे. इसलिए ब्रिटेन ने अंतरिम चुनाव करने का फैसला किया.
इसमें एक तरफ राष्ट्रीय कांग्रेस थी और दूसरी तरफ मुश्लिम लीग. चुनाव संपन्न होने के बाद फैसला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पक्ष में आया. साथ ही पंडित जवाहरलाल नेहरु को राष्ट्रपति बनाया गया. साथ ही उन्हें प्रधानमंत्री की शक्तियां भी उन्हें दी गईं.
इस सरकार में दूसरा सबसे बड़ा पद सरदार पटेल का था. इसके अलावा सिख नेता बलदेव सिंह को रक्षा मंत्रालय, राजेंद्र प्रसाद को खाद्य तथा कृषि मंत्रालय, मुस्लिम कांग्रेस के नेता अशरफ अली को रेलवे और ट्रांसपोर्ट, और बाबू जगजीवन राम को अनुसूचित जाति मंत्रालय की कमान सौपी गई थी.
इस सरकार में मुस्लिम लीग के कुछ नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में जगह दी गई थी. इनमें से मुख्य तौर पर इब्राहिम इस्माइल नाम आता है, जिन्हें चंद्रिका नगर के वाणिज्य विभाग दिया गया था. वही लियाकत अली खान को वित्त मंत्री बनाया गया था.
हालांकि, यह सरकार 1947 के बाद भंग हो गई थी.
गुजरात के विद्रोहियों का हुआ दमन
2 सितंबर 1573 ई. के दिन अकबर बादशाह ने गुजरात पर आक्रमण किया था. ऐसा माना जाता है कि अकबर गुजरात की समृद्धि को देखकर इतना ललायित था कि वह जल्द से जल्द गुजरात के खजाने तक पहुँचना चाहता था.
इसी के तहत वह गुजरात जीतने के लिए इरादे से निकल पड़ा.
यह वह दौर था जब गुजरात पर मुजफ्फर खां तृतीय का शासन था. मुजफ्फर ख़ाँ तृतीय और अकबर के बीच में लगभग डेढ़ महीने के संघर्ष चलता रहा. इस दौरान 26 फ़रवरी, 1573 ई. तक अकबर ने सूरत व अहमदाबाद को अपने अधिकार में कर लिया था. आगे वह आगरा लौट गया, लेकिन अभी भी उसकी नज़र गुजरात पर थी.
इसी बीच गुजरात में मुहम्मद हुसैन मिर्ज़ा के विद्रोह से आग बबूला होकर उसने दोबार से गुजरात की तरफ रुख किया और अंतत: 2 सितम्बर, 1573 ई. को विद्रोहियों का दमन कर दिया.
अगली कड़ी में उसने धीरे-धीरे पूरे गुजरात को अपने कब्ज़े में ले लिया था.
तो ये थीं 2 सितंबर के दिन इतिहास में घटीं कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं.
अगर आपके पास भी इस दिन से जुड़ी किसी महत्वपूर्ण घटना की जानकारी हो, तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं.
Web Title: Day In History 02 September, Hindi Article
Feature Image Credit: iKon.