जो आज वर्तमान है, वह भविष्य में इतिहास बनेगा और हो सकता है कि इस दिन घटित किस्से ऐतिहासिक बन जाएं.
ऐसे में 22 मई की तारीख में दर्ज कुछ ऐसी प्रसिद्ध घटनाओं को जानना दिलचस्प रहेगा–
अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने की मॉस्को की यात्रा!
22 मई का दिन अमेरीका की राजनीति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि आज के दिन अमेरिका देश का कोई राष्ट्रपति पहली बार मॉस्को की यात्रा पर गया था.
जी हां! 22 मई साल 1971 में आज ही के दिन अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन एक हफ्ते की यात्रा पर सोवियत संघ की राजधानी मॉस्को पहुंचे थे. हालांकि, उनसे पहले फ्रैंकलिन डी रुजलवेट रुस का दौरा कर चुके थे, लेकिन वह इतनी लंबी यात्रा पर नहीं गए थे.
राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की मॉस्को यात्रा इतिहास में इसलिए भी दर्ज है.
क्योंकि उनकी यात्रा एक हफ़्ते के लिए थी. इसके साथ ही उन्होंने मॉस्को में आयोजित समिट में रुस और अमेरिका के बीच खाई को पाटने का काम करते हुए कारोबारी रूप से हाथ आगे बढ़ाने की पेशकश की थी.
रूस में निक्सन की यह दूसरी यात्रा थी. इससे पहले वह साल 1959 में अमेरिका गए थे. दूसरी यात्रा में उन्होंने कारोबार के साथ ही तकनीकी क्षेत्र में एक साथ काम करने के लिए रूस के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया था.
सोवियत संघ के नेता लियोनिड ब्रिज़नेव और अन्य सोवियत संघ के नेताओं के साथ बात करते हुए, उन्होंने कई महत्वपूर्ण समझौते पर दस्तख़त किए थे. इनमें साल 1975 में अंतरिक्ष यात्रा पर यान भेजने के लिए संयुक्त रुप से रुस और अमेरिकी वैज्ञानिकों का काम करना और एंटीबैलिस्टिक मिसाइल को लेकर अहम समझौते हुए थे.
30 मई को रिचर्ड निक्सन अमेरिका की यात्रा से वापिस आ गए थे.
U.S. President Nixon Became The First U.S. President to Visit Moscow (Pic: pinimg)
चिली में आया दुनिया का सबसे भीषण भूकंप!
यूं तो भूकंप के झटकों से हर देश को गुज़रना पड़ा है. कई बड़े देश भूकंप का सामना कर चुके हैं, जिनमें भूकंप ने इन देशों में काफी तबाही मचाई है. मगर आपने सोचा है कि जबसे दुनिया अस्तित्व में आई तो सबसे प्रलयकारी भूकंप कहां, कब और किस देश में आया है.
अगर नहीं तो कोई बात नहीं, आज हम आपको उस भूकंप के बारे में बताएंगे, जिसे भू-वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे प्रलयकारी भूकंप करार दिया है. यह भूकंप आज ही के दिन यानि के 22 मई साल 1960 में चिली में आया था.
यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे के अनुसार इस भूकंप को 20वीं सदी का सबसे भीषण भूकंप करार दिया गया था. इस भूकंप में दो लाख से अधिक लोग बेघर हो गए थे और पांच हज़ार से अधिक लोगों की जानें चली गई थीं.
इस भूकंप की तीव्रता 9.5 दर्ज की गई थी. इससे पहले इतनी तीव्रता का भूकंप कहीं दर्ज नहीं किया गया था. भूकंप ने चिली देश में तबाही मचा कर रख दी थी.
भूकंप के बाद चिली की मुश्किलें तब और बढ़ गई थीं, जब इस देश में समुद्री तूफान आया था. प्रशांत महासागर से उठे इस तूफान ने चिली में भयंकर तबाही मचाई थी. चिली में आए भूंकप और तूफान के बाद देश में आर्थिक संकट गहरा गया था.
चिली सरकार ने देश में रेडअलर्ट घोषित कर दिया था.
कई देशों ने इस नाज़ुक मौके पर चिली को मदद पहुंचाई थी. कई माह तक चले राहत और बचाव कार्य के बाद चिली में हालात सामान्य हुए थे. भूकंप से हुए नुक्सान का आकलन किया गया तो तीन से छ: बिलियन डॉलर का नुकसान होने की बात कही गई थी. आज भी इस भूकंप को दुनिया के सबसे प्रलयकारी भूकंप की फेहरिस्त में शामिल किया जाता है.
Great Chilean Earthquake on May 22, 1960. (pic: public)
सिकंदर ने की थी ईरान फतह!
इतिहास की किताबों में सिकंदर येद्धा की काफी लड़ाईयां मशहूर हैं. माना जाता है कि सिकंदर दुनिया का एकमात्र ऐसा योद्धा था, जिसने कम उम्र में ही आधी दुनिया में अपनी जीत के झंडे लहरा दिए थे. सिकंदर को अलेक्जेंडर दी ग्रेट नाम से भी जाना जाता है.
जानकारी के लिए बता दें कि उसे दी ग्रेट का लक़ब तारीख़ से मिला था. सिकंदर ने इतने युद्ध जीते थे कि उसे दी ग्रेट नाम से जाना जाता था.
बीस वर्ष की आयु में सिकन्दर मेसिडोनिया का राजा बन गया था.अपने पिता की मौत के बाद उसने पूरा साम्राज्य अकेले संभाल लिया था.
एशिया को जितने की इच्छा पूर्ण करने के लिए विशाल सेना को लेकर निकल वह निकल पड़ा था. जानकर हैरानी होगी कि सिकंदर ने अपने बचपन से ही दुनिया फतह करने का सपना देखा था. 22 मई 334 बीसी में सिकंदर ने ईरान में ग्रनिकस की लड़ाई फतह की थी.
वहीं माना जाता है कि सिकंदर ने 33 साल की उम्र में दुनिया के नामचीन जगहों को जीत कर अपनी ताक़त का एहसास करा दिया था. हालांकि, महज़ 33 साल की उम्र में इस योद्धा की मौत हो गई थी.
बताया जाता है कि सिकंदर को युद्ध के दौरान गंभीर बीमारी ने चपेट में ले लिया था. मरने के दौरान सिंकदर ने तीन वसीयतें की थीं, जो काफी मशूहर हैं.
सिंकदर की मरने से पहले यह शर्त थी कि जब वह मरे तो उसके जनाजे को उसका ईलाज करने वाले कंधा दे, ताकि दुनिया को पता चल सके कि जब मौत आनी होती है, तो बड़े से बड़ा हकीम भी उसे रोक नहीं सकता.
दूसरी शर्त यह थी कि जिस रास्ते से मेरी अंतिम यात्रा निकले उस रास्ते में सोना, जेवरात बिछा दिए जाएं. ताकि, लोगों को यह पता चले कि सारा माल दौलत यहीं दुनिया में रह जाना है. इंसान खाली हाथ आया था और खाली हाथ जाना है.
तीसरी और अंतिम आरजू यह थी कि जब मेरी लाश को ले जाया जाने लगे तो मेरे दोनों हाथ कफन से बाहर निकाल दिए जाएं, ताकि लोगों को यह पता चल सके कि दुनिया जीतने वाला सिकंदर मरने के बाद खाली हाथ वापिस जा रहा है.
Alexander The Great Won Most of His Battle (Representative Pic: deviantart)
हाशिमपुरा हत्याकांड से दहल गया उत्तरप्रदेश!
22 मई का दिन भारत के लिए काफी कड़वीं यादें लेकर आया था. दिल को दहलाने और रूह को झकझोर देने वाला हाशिमपुरा का हत्याकांड आज के दिन ही हुआ था.
22 मई साल 1987 को हाशिमपुरा में धरती खून से लाल हो गई थी.
बता दें कि फरवरी 1986 में केंद्र सरकार ने बाबरी मस्जिद के ताले खोलने के आदेश दिए थे, जिससे पश्चिमी यूपी का महौल गर्म हो गया था.
जिसके बाद यूपी के मेरठ में दंगो की आग झुलसना शुरु हो गई थी. जहां कई लोगों की हत्या हुई. वहीं कई दुकानों और मकानों को आग के हवाले कर दिया गया.
मेरठ से उठी आग यूपी में फैल रही थी. अप्रैल से मई का महीना आते-आते कई शहरों में कर्फ्यू लगाने के हालात हो गए थे. आगे कर्फ्यू लगा भी. बाद में जब माहौल शांत नहीं होता दिखा, तो कई शहरों को सेना के हवाले कर दिया गया.
इसके बाद सेना ने दंगाईयों को काबू करने के लिए सर्च अभियान चलाकर कई लोगों को पकड़ा. सेना के ऑपरेशन के दौरान 22 मई की रात हाशिमपुरा कांड हो गया.
हापुड़ रोड पर बसे हाशिमपुरा मोहल्ले में 22 मई 1987 को पुलिस और सेना के जवानों ने मोहल्ले के बेकसुर लोगों को पुलिस के वाहन में भरा और दिल्ली रोड पर स्थित मुरादनगर गंगा नहर पर ले गए थे, जहां पुलिस ने 45 लोगों पर गोलियां बरसाने के बाद उनकी लाशों को एक-एक करके गंगा नहर में फेंका था.
गोली लगने के बाद बचे एक व्यक्ति ने संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद यह मामला खुला था. बाद में इसमें उत्तर प्रदेश के 19 पुलिस जवानों पर हत्याकांड का मुकदमा चलाया गया था.
1987 Hashimpura Massacre Case (Pic: madhyamam)
तो ये थीं 21 मई से जुड़ी दुनियाभर की चंद प्रमुख घटनाएं. आपको इनमें से कौन सी घटना सबसे ज्यादा रोचक लगी, कृपया कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताएं.
Web Title: Day In History 22 May, Hindi Article
Feature Image Credit: Sify.com