दुनियाभर में मौजूद फ्रेंच फ्राइज का हर कोई दीवाना है...
इसकी दीवानगी इस कदर है कि इसे बच्चे से लेकर बूढ़ों तक हर कोई खाना पसंद करता है. दुनियाभर में जितने भी फास्टफूड आउटलेट्स हैं, वहां फ्रेंच फ्राइज न हों ऐसी उम्मीद कर पाना थोड़ा मुश्किल है.
इनके बिना कोई भी फास्टफूड आइटम भी फीका लगता है.
गजब की बात तो यह है कि जितना दिलचस्प और मजेदार फ्रेंच फ्राइज का स्वाद है उतना ही दिलचस्प इसका इतिहास भी है.
तो आइए जानें की कैसे दुनिया को 'फ्रेंच फ्राइज़ रेसिपी' मिली-
यूरोप को अगर न मिलते आलू...
फ्रेंच फ्राइज की पूरी कहानी, आलुओं के बिना अधूरी है!
कहते हैं यदि यूरोपियन को आलू नहीं मिलता, तो शायद ही दुनिया फ्रेंच फ्राइज का मजा उठा रही होती.
1537 में गिमेनेज़ डी कुएस्ता और उनके स्पेनिश लड़ाकों ने कोलंबिया पर चढ़ाई कर दी थी, वहां उन्होंने एक गांव में लगे एक अलग प्रकार के आलू को देखा, जो आकार में काफी बड़ा था और काफी साफ था.
कोलंबिया के साथ हुई इसी लड़ाई ने यूरोप को आलू से परिचित करवाया था. आलू के प्रति दिलचस्पी के चलते ही स्पेनिश उसकी फसल को स्पेन ले आए. 16वीं सदी के अंत तक स्पेन में आलू की खेती की शुरूआत हो चुकी थी.
इसके बाद ही आलू, सर वॉल्टर राले के प्रयासों से आयरलैंड तक पहुंचा और अगले 4 दशकों में आलू पूरे यूरोप में फैल चुके थे.
बेल्जियम से मिली है फ्रेंच फ्राइज
फ्रांस का नाम जरूर फ्रेंच फ्राइज से जुड़ा हुआ है, लेकिन उसके बावजूद इसका मतलब ये नही है कि इनकी शुरूआत फ्रांस से हुई.
फ्रेंच फ्राइज की शुरूआत बेल्जियम से मानी जाती है. बेल्जियम में प्रचलित कहानियों के मुताबिक वहां की म्यूज वैली के गरीब किसान अक्सर छोटी मछलियों को फ्राइ कर खाते थे.
किन्तु, सर्दियों में पानी के जम जाने से मछलियों को खाने के लिए उप्लब्ध कर पाना मुश्किल हो गया था. मछलियों की कमी को पूरा करने का काम आलूओं ने फ्रेंच फ्राइज बनकर पूरा किया हालांकि, इसे ये नाम बेल्जियम से नहीं मिला.
बेल्जियम के बाद फ्रांस के सेनबिहिनी के डॉक्टर एंथनी ऑगस्टीन पर्मेंटे यूरोप और फ्रांस में आलू की लोकप्रियता को बढ़ावा देते हैं. वो भी उस वक्त, जब वहां ये माना जाता था कि आलू खाने से लेपर्सी जैसी बीमारी होती है.
माना जाता है कि उन्होंने आलू खाने की शुरूआत 18वीं सदी के बीच में होने वाली 7 इयर्स वॉर के समय की.
इससे पहले फ्रांसिसियों ने आलू को भोजन के रूप में कभी नहीं देखा था. 1772 में, पेरिस के चिकित्सा विभाग ने कहा आलू को मनुष्यों के खतरनाक साबित होने वाली बात को झूठा साबित कर दिया था.
जब फ्रांस ने चखा आलुओं का मजा
यद्यपि तब तक डॉक्टर एंथनी ऑगस्टीन पर्मेंटे के अस्पताल की फार्मेसी के गार्डन में आलू की खेती करने की अनुमति नहीं थी, फिर भी उन्होने वहां आलू उगाए.
फिर परमेनेट ने आलू की खेती को मंजूरी दिलाने के लिए एक भोज रखा, जिसमें केवल आलूओं से बनी चीजें थी.
वहां उन्होंने बेंजामिन फ्रैंकलिन, एंथनी, फ्रांस के राजा XVI लुई और रानी मैरी एंटीनेट को आमंत्रित किया. इस भोज के जरिए उन्होंने आलू की खेती के लिए हामी भरवा ली.
एंथनी ऑगस्टीन पर्मेंटे ने अपने गार्डन में लगाए गए आलूओं की रक्षा के लिए गार्ड को नियुक्त किया, उसने पहरेदार से कहा, अगर कोई उन्हें रिश्वत देकर आलू चुरा लेना चाहता है, तो वे उन्हें रिश्वत देने का मौका देते हैं.
इस प्रकार, आलू फ्रांस में बहुत लोकप्रिय हो गए, और 1785 में, फ्रांस में आलू का अकाल पड़ा. 17 9 5 में, फ्रांस ने बड़ी मात्रा में आलू का उत्पादन शुरू किया. उस समय फ्रेंच ने आलू पीसने और उन्हें तलना सीख लिया, तब इसका नाम 'फ्रिट्स' था.
न बेल्जियम, न फ्रांस, फिर किसकी...
अब हमारे सामने फ्रेंच फ्राइज से जुड़ा दो प्रकार के इतिहास मौजूद है.
यह भी हो सकता है कि बेल्जियम और फ्रांस दोनों में एक ही तरह के फ्रेंच फ्राइज़ खाए जाते हों. फ्रांस में आलू बहुत लोकप्रिय हो जाने से पहले, फ्रैंको-ऑस्ट्रियाई युद्ध चल रहा था.
ऐसे में यह भी हो सकता है कि, उसी समय फ्रांसीसी सैनिकों ने बेल्जियम के निवासियों के पास फ्रेंच फ्राइज़ के बारे में सीखा हो.
इस कारण फ्रांसीसी फ्राइज़ कैसे आए? यह अभी भी अज्ञात है...
खैर, जब यह संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप में फैल गया, तो यह फास्ट फूड खाने की सूची में डाल दिया गया.
बेल्जियनों का फ्रेंच फ्राइज है या फ्रांसीसियों का ये तो साफ नहीं है, लेकिन आज ये बेल्जियम समेत यूरोप के हर देश में ज्यादातर फ्रांसीसी फ्राइज़ खाए जाते है.
अलग-अलग नामों से मशहूर
यही नहीं अंग्रेजी बोलने वाले देशों में, आलू को आलू के आकार के आधार पर दो नाम कहा जाता है. कटा हुए आलू को 'फ्राइज़' कहा जाता है और थोड़ा बड़े आकार के आलू को 'चिप्स' कहा जाता है.
उत्तरी अमेरिका में जमे और स्टोर स्टोर किए हुए आलू को फ्रांसीसी फ्राइज़ कहा जाता है. वहीं खाने के अनुसार भी इसका नाम अलग-अलग है, जैसे स्टेक फ्राइज़ (मांस और आलू), करी फ्राइज़ (तला हुआ) इत्यादि.
फ्रांसीसी फ्राइज़ अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह से खाए जाते हैं. अमेरिकियों टोमैटो केचप, यूरोप में इसे म्योनीज के साथ पसंद किया जाता है, वहीं ब्रिटिश में इसे माल्ट सिरका के साथ पसंद करते हैं.
फ्रांस में आमतौर पर के इसके साथ कुछ भी नहीं खाते हैं. हालांकि, कई देशों में फ्रेंच फ्राइज को नमक के साथ खाया जाता है.
19 वीं सदी में आयरिश तो पूरी तरह से फ्रेंच फ्राइज़ पर निर्भर होने लगे थे, वो किसी भी मांस के साथ फ्रेंच फ्राइज़ खाना पसंद करते थे. बाद में 1930 के आसपास अमेरिकियों ने फ्राई किए हुए आलूओं को फ्रैंच फ्राइज़ का नाम दे दिया.
तो ये था फ्रेंच फ्राइज रेसिपी से जुड़ कुछ पहूल.
अगर आपके पास भी इससे जुड़ी कोई जानकारी है, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: History of French Fries, Hindi Article
Feature Image Credit: slimpickinskitchen