पौधों की बात की जाए तो यह मानव जीवन का आधार कहे जा सकते हैं. इन्हीं से हमें ढेरों ऐसी चीजें मिलती हैं, जिनके बिना जीवन जी पाना असंभव है.
लेकिन जैसा कि हम जानते हैं, इन पौधों में कई भिन्नता पाई जाती हैं. जिन्हें जान पाना आज भी इंसानी सोच के लिए एक पहेली बनी हुई है. कुछ इसी तरह की पहेली स्कंक कैबेज भी है. जिसे वैज्ञानिक भाषा में सिम्प्लोकेरपस फोटीडस (Symplocarpus foetidus) कहा जाता है.
यह आम तौर पर उत्तरी अमेरिका और एशिया के हिस्सों में पाया जाता है.
लेकिन क्या है इस पौधे का रहस्य, इसको जानने के लिए हमें थोड़ा गहराई से इसकी पड़ताल करनी होगी –
ठंड में भी गर्म रहते हैं पौधे
अमेरिका की बात करें तो यह पौधा केवल सर्दियों में ही उगता है, इसे ज्यादातर निचले और नमी वाले स्थानों में देखा जाता है. लेकिन आश्चर्यचकित करने वाली बात है कि जब भी इस पौधे पर बर्फ गिरती है, तो वह तुरंत ही घुल जाती है.
यहां तक कि भारी बर्फबारी के बाद भी इस पौधे वाले स्थान की बर्फ धीरे-धीरे घुलती रहती है. इस पौधे की इस क्षमता पर वैज्ञानिक भी चकित हैं कि आखिर इतनी ठंड में भी ये पौधा अपने आसपास के पर्यावरण में गर्मी कैसे पैदा कर पाता है?
इसकी जांच की गई और एक लंबे समय के बाद वैज्ञानिकों ने पाया कि धरती पर कुछ ऐसे पौधे भी पाए जाते हैं, जो अपने अंदर गर्मी को अवशोषित करके रखने की क्षमता रखते है.
स्कंक कैबेज के अलावा दो अन्य पौधे भी इसी प्रकार के क्षमतावान हैं. जिन्हें फिलोडेंड्रोन सीलोउम (Philodendron selloum) और निलुम्बो न्यूसीफेरा (Nelumbo nucifera) है.
Snow Coated Plant. (Pic: WTOP)
स्कंक कैबेज
इस सूची में सबसे पहले बात करते हैं स्कंक कैबेज की. इसे बसंत का पहला पौधा भी कहा जाता है, क्योंकि जिस समय सभी पेड़ पौधे बर्फ की चादर से ढंके होते हैं, उस समय यह पौधा अपनी गर्मी से आसपास की सारी बर्फ पिघला कर बाहर आ जाता है. यह पौधा 1 से 3 फीट तक लंबा होता है.
इसकी गर्मी को अवशोषित करने की क्षमता, इसके अंदर चलने वाली रसायनिक प्रक्रिया के कारण होती है. आपको बता दें कि इस पौधा का तापमान 15 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है. जिसका इस्तेमाल यह बर्फ को पिघलाने में करता है.
देखने में यह पौधा समतल हरे रंग का होता है, जिसके बड़े-बड़े पत्ते होते हैं.
आमतौर पर स्कंक कैबेज दो प्रकार का होता है. पहला, पूर्वी स्कंक पौधे जामुनी रंग के होते हैं, जबकि पश्चिमी स्कंक पौधों का रंग पीला होता है.
इनके पत्तों को तोड़ने व मसलने पर अजीब सी दुर्गंध आती है, यदि इस पौधे को घर के बगीचे में उगाया जाए तो इससे काफी फायदे मिलते हैं, जैसे कि इस पौधे से निकलने वाली गंध पराग पीने वाले पराग कणों को बहुत पसंद आती है. जिससे वह आपके बगीचों में लगे पौधों की ओर खींचे चले आते हैं.
इतना ही नहीं अगर आप बगीचे की सब्जियों को खराब करने वाली गिल्हरियों या रकून से परेशान हैं, तो उसमें भी यह पौधा आपके लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.
कुछ लोगों के मन में इच्छा जाग रही होगी कि पता लगाएं कि क्या ये पौधा जहरीला होता है?
आपको बता दें कि वैसे तो इस पौधे में कोई जहर नहीं होता, लेकिन ये इंसानों और पालतू जानवरों के लिए कुछ खास अच्छा भी नहीं है.
इसके पत्तों के थोड़े से सेवन से आपके मुंह में जख्म पड़ सकते हैं, इसके अलावा छोटे बच्चों द्वारा अगर इसका बड़ा हिस्सा खाया जाता है, तो उसके परिणाम और भी घातक हो सकते हैं.
बहरहाल, इस पौधे को खाने के बारे में कभी न सोचें.
Skunk Cabbage also called First Plant of Spring. (Pic:IslandWood)
फिलोडेंड्रोन बिपिन्नाटिफीडम
फिलोडेंड्रोन बिपिन्नाटिफीडम एक ऐसा पौधा है, जिसे हम आमतौर पर लोगों के घरों व ऑफिसों में देख सकते हैं.
जब यह पौधा उगता है तो शुरुआत में एकदम तना रहता है, लेकिन धीरे-धीरे इसका फैलाव और झुकाव दोनों बढ़ जाते हैं. इस पौधे में पाए जाने वाले गुणकारी तत्वों के कारण इसे कई तरह की दवाईयों में भी प्रयोग किया जाता है.
यह पौधा जिस परिवार का सदस्य बताया जाता है, उसके अधिकतर सहभागी पौधों में कैल्शियम ऑक्सलेट क्रिस्टल की भरपूर मात्रा पाई जाती है. यानी अगर आप इन पौधों को खाते हैं, तो आपके मुंह, जीभ व गले में ऐसा दर्द होगा, मानो सैकड़ों सुईयां चुभाई जा रही हों.
हालांकि पौधे के इस असर को अच्छे से पकाकर या पूरी तरह से सुखा कर खत्म किया जा सकता है. इसके बावजूद भी फिलोडेंड्रोन व इसके परिवार के अन्य पौधे खाने के लिए सुरक्षित नहीं माने जाते.
यह पौधा आमतौर पर 800 मीटर से कम ऊंचाई पर ही उगता है.
इसके भरपूर पोषण के लिए सूखा, छांया दार और समृद्ध मिट्टी वाला स्थान आदर्श माना जाता है. इस पौधे में यह क्षमता होती है कि यह अपने आसपास की भूमि को उपजाऊ बना सकता है और ऐसा यह अपने द्वारा पैदा की जाने वाली गर्मी से करता है.
इस पौधे द्वारा पैदा की जाने वाली गर्मी से परागण इसकी तरफ आकर्षित होते हैं. इस पौधे द्वारा पैदा किया जाने वाला तापमान सामान्यत: 35 डिग्री सेल्सियस होता है.
इसके तापमान में बढ़ोतरी और गिरावट इसके आसपास बहने वाली हवा की ठंडक पर निर्भर करती है. इसकी अधिक से अधिक लंबाई 6 फिट 10 इंच तक हो सकती है.
Philodendron Selloum is Decorative plant. (Pic: PlantMaster)
कमल का पौधा
सैकरेड लोटस एक बारहमासी जलीय पौधा है, जो कि उथले तालाबों, झीलों या फिर बाढ़ वाले खेतों की चिकनी मिट्टी में उगता है. यह आमतौर पर पानी की सतह से 1 से 2 मीटर की ऊंचाई पर दिख जाता है. इसे देखने पर यह पानी की सतह पर तैरता प्रतीत होता है.
इसकी अद्भुत क्षमता यह है कि ये अपनी पत्तियों पर जमा होने वाली गंदगी को खुद से साफ कर लेता है. दरअसल इसकी पत्तियों पर नैनोस्ट्रक्चर की एक सतह होती है, जोकि गंदगी को इस सतह पर टिकने नहीं देती. इसको एक दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही यह विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के स्वाद को भी बढ़ाता है.
इसके बीजों को अंकुरित होने के लिए 25 से 30 डिग्री का तापमान चाहिए होता है.
देखने में ये एक कप के आकार का दिखता है. एशिया के कुछ हिस्सों में इस पौधे को खाने में भी इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, दक्षिणी एशिया में इसकी पत्तियों को उबाल कर सब्जी की भांति खाया जाता है.
Sacred lotus is mainly used for Worship in Hindu and Buddhism. (Pic: Lewis Ginter)
इसके साथ ही इसकी एक बड़ी खासियत यह भी है कि ये अपनी आवश्यकता अनुसार खुद के लिए गर्मी पैदा कर लेता है. इस कारण सर्दियों में बर्फ से होने वाली क्षति को यह पौधा अपने अंदर पैदा की गई गर्मी से पूरा कर लेता है.
सैकरेड लोटस 30 से 35 डिग्री तक की गर्मी को अपने अंदर अवशोषित करके रखता है जिसका इस्तेमाल वह सर्दियों व बर्फबारी के समय करता है.
Web Title: How do some plants keep themselves warm?, Hindi Article
Feature Image Credit: FotoForaging