आज हज़ारों युवा एक बेहतर भविष्य की उम्मीद के साथ अपना घर, शहर और राज्य छोड़ कर दूसरी जगह की ओर कूच कर रहे हैं. हर दिन ये भीड़ प्रवासी बनकर नौकरी की तलाश में एक जगह से दूसरी जगह जाती है.
इन प्रवासियों का शहर और यहां तब कि अपने देश से दूर कूच करने का मतलब होता है, संभावनाओं की तलाश. पिछले कुछ सालों में विदेश में जाकर मोटी रकम कमाने का क्रेज़ युवाओं में काफी बढ़ा है.
ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए विदेश में नौकरी करने की चाहत युवाओं को उन्हें अपनों से दूर ले जाती है. बावजूद इसके क्या गारंटी है कि वहां जाकर हर चीज़ इच्छा अनुसार मिले?
पिछले कुछ सालों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब कई लोग विदेशों में नौकरी के लिए तो गए, लेकिन वहां गलत व्यक्ति और एजेंट के चक्कर में फंस गए. और ऐसे फंसे कि कभी बाहर ही नहीं निकल पाए.
ऐसे कई भारतीय आज भी अपने देश से बाहर विदेशों में फंसे हुए हैं. जिन्हें निकालने के लिए विदेश मंत्रालय प्रयासरत है.
ऐसे में जानना उपयोगी रहेगा कि जब कोई अपना विदेश में फंस जाए, तो उसे वापस कैसे लेकर आया जाएं–
थाना, तहसील, कोतवाली के चक्कर लगाना समय की बर्बादी!
अक्सर देखा जाता है कि जब विदेश में कोई परिचित फंस जाता है और यह सूचना परिवार को मिलती है तो वह अपने क्षेत्र के थाना, कोतवाली और तहसील में चक्कर काटकर अपना समय बर्बाद करते हैं.
यहां ये ध्यान रखना चाहिए कि जब भी कोई भारतीय व्यक्ति विदेश में फंसता है, तो यह मामला सीधे भारतीय विदेश मंत्रालय से जुड़ जाता है. पीड़ित परिवार के लोग जागरूकता के अभाव में क्षेत्रिय अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर काटते हैं, जहां सिर्फ समय की बर्बादी होती है. अगर समय रहते सूचना विदेश मंत्रालय तक पहुंच जाए, तो फंसे हुए व्यक्ति को निकाला जा सकता है.
हालांकि ऐसा नहीं है कि लोग भारतीय विदेश मंत्रालय तक नहीं पहुंचते, लेकिन जब तक वे पहुंच पाते हैं, बहुत देर हो चुकी होती है. ऐसे में उसे निकालने में कानूनी दिक्कतें भी पेश आ सकती हैं.
इस तरह लें विदेश मंत्रालय की मदद
किसी भी परिचित के विदेश में फंसे होने पर भारतीय विदेश मंत्रालय की मदद ली जानी चाहिए. लेकिन किस तरह से आप विदेश मंत्रालय तक पहुंचेंगे और किस तरह से मंत्रालय से संपर्क किया जाए, यह जानना ज़रूरी है.
बता दें कि मौजूदा समय में विदेश में फंसे होने पर किसी की मदद करने के लिए ट्विटर सबसे बड़ा हथियार है. अगर आप तक किसी परिचित, दोस्त और किसी भी व्यक्ति की विदेश में फंसे होने की सूचना आती है, तो सबसे पहले ट्वीट के माध्यम से भारत की मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इसकी सूचना दें.
हाल ही में देखने में भी आया है कि भारतीय विदेश मंत्री ने ट्विटर के माध्यम से लोगों की काफी मदद की है.
बता दें कि सुषमा स्वराज का ट्वीटर पर अधिकारिक एकाउंट @SushmaSwaraj के नाम से है. सुषमा स्वराज अपने एक बयान में खुद कह चुकी हैं कि अगर कोई भारतीय लाल ग्रह पर भी फंसा होगा तो भारतीय विदेश मंत्रालय उस तक मदद पहुंचाएगा.
सबसे पहले जो व्यक्ति विदेश में फंसा हो, उसका नाम संदेश में ज़रूर दें और पूरे मामले का विवरण संक्षिप्त में लिखें. याद रहे कि विदेश में फंसे होने वाले व्यक्ति का पासपोर्ट नंबर और हो सके तो उसका वहां का फोन नंबर भी ज़रूर उपलब्ध कराएं.
ऐसा करने पर संबंधित व्यक्ति को ढूंढने में और उस तक तत्काल मदद पहुंचने की संभावना अधिक रहती है. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो विदेश मंत्रालय को फंसे हुए व्यक्ति को ढूंढने में काफी समय लग सकता है.
हां, माता-पिता विदेश में रहने वाले बच्चों के पासपोर्ट नंबर अपने पास अवश्य रखें.
विदेश मंत्री के अलावा इन विभागों को भी दें जानकारी
किसी अपने की विदेश में फंसे होने की सूचना विदेश मंत्री को ट्वीट के माध्यम से देने के बाद, उस सूचना को आगे भी बढ़ाएं. इससे मामले का संज्ञान जल्दी और संजीदगी से लिया जा सके.
बता दें कि आमतौर पर विदेश मंत्री के पास हज़ारों की संख्या में ट्वीट पहुंचते हैं. ऐसे में विदेश मंत्री से हर ट्वीट पर जवाब मिलना या मदद मिलना संभव नहीं होता. हालांकि, इसमें कोई घबराने की बात नहीं है, बस थोड़ी समझदारी दिखाकर आप अपनी बात उच्च विदेश अधिकारियों तक पहुंचा सकते हैं.
बस इतना करना होगा, उदाहरण के तौर पर अगर आपका कोई रिश्तेदार दुबई में फंसा हुआ है तो ट्वीटर सर्च इंजन में जाकर अंग्रेजी में इंडिया इन दुबई सर्च करें. सर्च रिज़ल्ट में आपको सबसे पहले दुबई में भारतीय दूतावास का नाम मिलेगा. अपना संदेश लिखकर इस विभाग को भी ट्वीट करें और उसमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी संलग्न करें.
इसका फायदा यह होगा कि अगर आपको विदेश मंत्री से ट्वीट के माध्यम से किसी कारण के चलते जवाब नहीं मिला है, तो आपको यहां से जवाब मिलने की संभावना तो है ही.
वहीं, अगर कोई मलेशिया में फंसा है तो ट्वीटर के सर्च इंजन में अंग्रेज़ी में इंडिया इन मलेशिया सर्च करना होगा.
ट्वीट को डिलीट करने की गलती न करें
अक्सर लोग एजेंट के माध्यम से विदेशों में जाते हैं. इसके लिए एजेंट के फेर में लोग मोटी रकम खर्च करते हैं, और विदेश पहूंच जाते हैं. बावजूद इसके जो काम और शर्तें उन्हें एजेंट विदेश भेजने से पहले बताता हैं, वह सभी झूठी साबित होती हैं.
एक मोटी रकम खर्च कर विदेश पहुंचने वालों के लिए ये इतना आसान नहीं कि वह वापस देश आ जाए. ऐसे में वह एजेंट के जाल में फंसते चले जाते हैं.
अब जब भी आपको परिचित के विदेश में फंसे होने की सूचना मिले, तो संबंधित एजेंट के पास जाने और उसे धमकाने की गलती कतई न करें. ऐसा करने पर वह एजेंट खुद को बचाने के लिए विदेश में फंसे हुए व्यक्ति के साथ अन्य साथियों की मदद लेकर गलत कर सकता है.
ध्यान रहे कि विदेश मंत्रालय की मदद लेने के दौरान जो भी ट्वीट आपने किए हैं. उन सभी को आगे उस एजेंट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के दौरान इस्तेमाल किया जा सकता है.
ऐसे में भूलकर भी ऐसे ट्वीट और उनके जवाबों को डिलीट करने की कोशिश न करें.
साथ ही इनके आधार पर आप संबंधित एजेंट के खिलाफ अपने क्षेत्र के एसएसपी ऑफिस में मुकदमा दर्ज करा सकते हैं. इतना ही नहीं, ऐसा करने पर आपकी ओर से एजेंट को दी गई लाखों रुपए की रकम आप को दोबारा भी मिल सकती है.
कोशिश करें कि नौकरी करने के लिए विदेश में सीधे संबंधित कंपनी के एचआर से ही बात करें. ऐसा करने पर आप होने वाली धोखाधड़ी से बच जाते हैं. साथ ही धोखाधड़ी होने और रकम खर्च होने की संभावना न के बराबर होती है.
जीवन में परेशानियां आना लाजमी हैं. किसी अपने के विदेश में फंसे होने के दौरान संयम रखें और उसे वहां से बाहर लाने के लिए सही प्रकिया का इस्तेमाल करें.
अगर थोड़े संयम और जागरूकता के साथ काम किया जाए तो विदेश में फंसे लोगों को सकुशल निकाला जा सकता है. साथ ही ऐसी धोखाधड़ी से भी बचा जा सकता है.
अगर आपका भी कोई परिचित विदेश में फंसा है, तो तत्काल भारतीय विदेश मंत्रालय की मदद लें. इसके साथ ही आपके पास विदेश में फंसे किसी व्यक्ति की आपबीती की जानकारी है, तो हमारे साथ ज़रूर साझा करें.
Web Title: How to Get Help When Someone Gets Stuck Abroad, Hindi Article
Feature Image Credit: ibtimes