जब हम किसी महिला के बारे में सोचते हैं, तो हमारे जहन में कभी ये बात पहली बार में नहींं आती कि महिलाएं भी खूंखार अपराधी भी हो सकती है!
हालांकि, विदेश ही नहींं भारत में भी बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें बहुत खतरनाक माना जाता है. इन महिलाओं ने खुद की पहचान कुछ ऐसी बनाई कि हर कोई इन्हें देखते ही खौफ में आ जाता था.
तो चलिए आज जानते हैं भारत की ऐसी ही खतरनाक महिला क्रिमिनल के बारे में–
फूलन देवी
भारत की खतरनाक महिलाओं की जब भी बात आती है, तो फूलन देवी का नाम उसमें आना लाज़मी है. एक वक़्त कभी ऐसा भी था, जब फूलन देवी के नाम से ही लोगों के अंदर सन्नाटा पसर जाता था.
इस सब की शुरुआत हुई उत्तर प्रदेश के कानपुर से दूर एक गांव में, जहां फूलन देवी का गांव के ठाकुरों ने बलात्कार किया. इसके बाद फूलन देवी ने अपने गुनहगारों से बदला लेने की ठान ली.
कहते हैं कि उसी गांव के 22 ठाकुरों को फुलन देवी ने लाइन से खड़ा करके गोली मार दी.
इसके बाद फूलन देवी के नाम से लोग कांपने लगे. अपने जीवन काल में फूलन देवी पर कुल 48 मुकदमे चले. इसमें से 30 डकैती के थे. इस वजह से फूलन देवी को 11 साल जेल में भी काटने पड़े थे.
जेल से निकलने के 2 साल बाद ही फूलन देवी नें राजनीति में कदम रखा. उन्होंने सपा के टिक्ट पर लोक सभा का चुनाव लड़ा और लगातार 2 बार सांसद भी बनी.
फूलन देवी ने जेल से आने के बाद गुनाहों की दुनिया को छोड़ दिया था. हालांकि, उनकी दुश्मनी अभी खत्म नहींं हुई थी.
कई लोग अभी भी फूलन देवी की जान के पीछे पड़े हुए थे. इसी के चलते, 25 जुलाई 2001 को, फूलन देवी जब संसद से लौट रही थी, तब शेर सिंह राणा ने उन्हें अशोक रोड पर उनके ही निवास के बाहर गोली मार दी थी.
लेडी डॉन 'गॉडमदर संतोकबेन जडेजा'
संतोकबेन को पहली लेडी डॉन कहा जाता है. वो अपने चार बच्चो को और 102 कुख्यात अपराधियों को पालती थी.
कहते हैं कि वह एक शांत, देखभाल करने वाली और नर्म दिल वाली मां या विनम्र मध्यम वर्ग की गुजराती गृहिणी की तरह दुनिया के सामने पेश आती थी.
हालांकि, अपनी इस पहचान से अलग गुजरात के पोरबंदर में उनके नाम का आतंक चलता था. पुलिस के रिकॉर्ड बताते हैं कि लेडी डॉन संतोकबेन के गिरोह में 102 कट्टर अपराधी थे और इनका गिरोह कुटिया निर्वाचन क्षेत्र का सबसे बड़ा और सबसे निर्दयी गिरोह था.
मामला सुलझाने के लिए हत्याएं और अपहरण इनके लिए आम बात थी. ऐसे कामों को करने से पहले इनके गैंग का कोई भी व्यक्ति एक पल के लिए भी नहींं सोचता था.
यही वजह है कि संतोकबेन के गैंग पर कुल मिलाकर 525 आपराधिक मामले पंजीकृत हैं.
इस सब की शुरुआत हुई, जब संतोकबेन के पती की हत्या उनके दुश्मनों ने कर दी. हत्या के बाद संतोकबेन ने पुलिस के पास जाने से अच्छा खुद हथियार उठाना समझा.
उस दिन उठाया हुआ हथियार संतोकबेन फिर कभी छोड़ नहींं पाई. उसके बाद से वही उनकी पहचान बन गया. उसी हथियार के बल पर वो एक बार विधायक भी बन गई.
1996 में, जब गुजरात की सरकार बदली तब संतोकबेन को 16 महीनों के लिए जेल जाना पड़ा था. तब से उन पर केस चलते रहे.
इस बीच कई बार वह जेल गई मगर, हर बार वह बाहर आ जाती. वह बड़े आराम से अपने घर में रहने लगीं. हालांकि, 31 मार्च 2011 को दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मौत हो गई.
माना जाता है कि अपनी मौत से पहले उन्होंने अपने पति के सभी कातिलों को मार गिराया था.
समीरा जुमानी
अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम का नाम तो काफी प्रसिद्ध है मगर, आपने उसकी पहली पत्नी समीरा का नाम शायद न सुना हो.
समीरा इस वक्त सीबीआई की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल है. समीरा पर आरोप हैं कि जब, अबू ने भारत छोड़ा तो उसके बाद अबू सलेम का काम समीरा ने ही संभाला.
इस वक्त समीरा जुमानी अमेरिका में है. भारत में समीरा के खिलाफ नोटिस जारी हो चुका है. पुलिस के अनुसार समीरा अमेरिका नकली पासपोर्ट से गई थी, जैसे अबू सलेम गया था.
पुलिस इस कोशिश में है कि अमेरिका के सहयोग को वह समीरा को भारत हिसारत में ला सके. हालांकि, यह काम इतना भी आसान नहीं है.
हसीना पारकर
हसीना रिश्ते में दाउद की छोटी-बहन थी, लेकिन उनका दाउद की जुर्म की दुनिया से दूर-दूर तक कोई संबंध नहींं था.
1993 में हुए मुंबई बम धमाकों के बाद, जब दाउद भारत छोड़ कर भागा, तो उसे अपने धंधे के लिए मुंबई में कोई भरोसे वाला व्यक्ति चाहिए था.
दाउद के दिमाग में अपनी बहन हसीना का ख्याल आया. वहां उसने अपनी बहन को इसके लिए मनाया ही था कि दूसरी ओर दाउद के दुश्मनों में हसीना के पति को मार डाला.
इसके बाद हसीना के अंदर के आग जल पड़ी. वह आग कुछ ऐसी जली की पूरे अंडरवर्ल्ड में हसीना का नाम फैल गया. इतना ही नहींं हसीना ने मुंबई पर अपना राज जमाना भी शुरू कर दिया.
शुरुआती दिनों में हसीना का गैंग फिरौती और अपहरण जैसे गुनाहों के लिए जाना जाता था. इसके बाद वह हवाला, फिल्मों में पैसे लगाना, कत्ल जैसे हर उस काम से जुड़ गया जिसके जरिए उसे पैसा मिलता था.
हसीना बहुत ही तेजी से गैंग को आगे बढ़ाने में लगी हुई थी. कहते हैं कि हसीना किसी भी कीमत पर अपना वर्चस्व करना चाहती थी. फिर इसके लिए चाहे किसी को लूटना हो या फिर किसी को मारना हो.
माना जाता है कि, हसीना की ऊपर करीब 88 मुकदमे दर्ज थे. हालांकि, फिर भी हसीना बहुत कम ही कोर्ट की पेशी में गई.
6 जुलाई 2014 को दिल की दौरा पड़ने की वजह से हसीना की मौत हो गई. इसके साथ ही हसीना की जुर्म की कहानी हमेशा के लिए खत्म हो गई.
अंजलि माकन
ये वो नाम है जिसे पुलिस सुनकर परेशान हो गई, लेकिन कुछ कर नहींं पाई. अंजलि मकान एक कुख्यात महिला आपराधिक है, जिसने धोखाधड़ी और जालसाजी जैसे अपराध किए हैं.
अंजलि ने एक बैंक से करीब 1.5 करोड़ रूपए चुराए थे. इसके बाद से ही पुलिस को उसकी तलाश है. हालांकि, इससे पहले भी अंजलि कई ऐसे काम कर चुकी थी मगर, ये वाली चोरी बहुत बड़ी थी.
अंजलि के बारे में कहीं कोई जानकारी मौजूद नहींं है. इसलिए इस चोरी के बाद गायब होने में उसे बहुत ही आसानी हुई.
पुलिस से लेकर सीबीआई तक अंजलि को ढूंढती रही मगर, अंजलि हावा की तरह कहीं गायब हो गई. आज भी उन्हें अंजलि की तलाश है मगर, उसकी फोटो तक पुलिस के पास नहीं है.
इसलिए अंजलि को भारत की एक शातिर अपराधी माना जाता है.
ये वो महिलाएं थीं जिनके नाम का खौफ हुआ करता था. यह लिस्ट बस इतनी ही नहीं है. ऐसी और भी कई महिलाएं हैं. हालांकि, इनका नाम यहाँ इसलिए दर्ज है क्योंकि इन्होंने जुर्म की सारी हदें पार कर दी थी.
जुर्म की राह शुरुआत में बहुत मखमली लगती है मगर, वह आगे चलकर वह काँटों भरी राह बन जाती है. इन महिलाओं के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. जुर्म के कारण इनकी जिंदगी पर भी काफी असर पड़ा.
Web Title: Most Dangerous Women Criminal Of India, Hindi Article
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