यहां साल दर साल अरबपति बढ़ते जा रहे हैं.
भारत 121 अरबपतियों के साथ समृद्ध लोगों की सूची में तीसरे स्थान पर है. फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार, साल 2017 की तुलना में 2018 में 19 अरबपति और इस सूची में बढ़ गए हैं.
लेकिन भारत के सबसे अमीर लोगों की इस सूची में एक नाम ऐसा भी है, जो लगभग गुमनाम है.
कभी कभार ही इनका नाम मुख्य धारा में आता है.
इससे पहले इनका नाम इनके बेटे साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष पद से अचानक हटा देने के बाद चर्चा का विषय बना था. तब शापूरजी पालोनजी ग्रुप को जानने की इच्छा लोगों में प्रबल थी. हालांकि मामला शांत होने के बाद ये नाम फिर से गुमनाम हो गया.
मीडिया में ज्यादातर इनके नाम पर बात नहीं होती, हालांकि ये अरबपतियों के बीच एक चर्चित चेहरा हैं.
जी हां! हम बात कर रहे हैं पालोनजी मिस्त्री की. जो भारत के एक गुमनाम अरबपति माने जाते हैं.
ऐसे में आइए एक बार नजर डाल लेते हैं, इनके एकांत जीवन और अरबों के साम्राज्य 'शापूरजी पालोनजी समूह' पर –
17.8 अरब है नेटवर्थ
उम्र 89 साल, 153 साल पुराना अरबों का साम्राज्य. ये पहचान है पालोनजी मिस्त्री की. जो भारत के अरबपतियों की सूची में 5वें नंबर पर आते हैं. इसी के साथ वैश्विक अमीरों की सूची में इनका नाम 66वें नंबर पर है.
एक जून, 1929 को एक पारसी परिवार में पैदा हुए पालोनजी मिस्त्री दुनिया के सबसे अमीर आयरिश व्यक्ति भी हैं.
माना जाता है कि इनके पूर्वज वेसा, गुजरात से मुंबई जाकर बस गए थे. हालांकि, पालोनजी के पिता शापूरजी अपनी मैट्रिक भी पूरी नहीं कर पाए थे, लेकिन उन्होंने अपने बेटे पालोनजी की शिक्षा का पूरा इंतजाम किया था, और उन्हें अच्छी शिक्षा दिलाई.
पालोनजी मिस्त्री की शुरूआती पढ़ाई कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल से हुई, इसके बाद आगे की पढ़ाई इन्होंने इंपीरियल कॉलेज, लंदन से की थी.
सन 2003 में पालोनजी ने आयरलैंड की नागरिकता पाने के लिए भारत की नागरिकता छोड़ दी थी. हालांकि आज भी ये अपने मुंबई के मालाबार हिल्स पर बने आलीशान घर में रहते हैं.
पालोनजी घोड़े पालने के शौकीन माने जाते हैं. शायद इसीलिए इनके पास पूना में लगभग 200 एकड़ का स्टड फार्म है.
26 जून, 2018 को आंकी गई 19.2 बिलियन यूएस डॉलर यानी 19.2 अरब डॉलर नेटवर्थ के साथ पालोनजी मिस्त्री ‘शापूरजी पालोनजी ग्रुप’ के अध्यक्ष हैं.
शापूरजी पालोनजी ग्रुप (एसपीजी) टेक्सटाइल से लेकर रियल स्टेट, हॉस्पीटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन जैसे व्यापार से जुड़ा हुआ है.
एसपीजी समूह के अंतर्गत प्रमुख कंपनियों में शापूरजी पालोनजी इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन, ऐफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, फ़ोर्ब्स टेक्सटाइल्स, गोकक टेक्सटाइल्स, देश का अग्रणी वाटर प्यूरीफायर ब्रांड यूरेका फोर्ब्स, फोर्ब्स एंड कंपनी, शापूरजी पालोनजी कंस्ट्रक्शन मटीरियल्स ग्रुप, शापूरजी पालोनजी रियल एस्टेट और नेक्स्ट जेन आदि आती हैं.
टाटा संस में सबसे बड़ी हिस्सेदारी
मिस्त्री परिवार टाटा संस की संपत्ति में 18.4 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ, 100 अरब डॉलर राजस्व वाली लगभग 100 कंपनियों के 'टाटा समूह' का सबसे बड़ा शेयर धारक भी है.
टाटा संस के साथ इनके व्यापारिक रिश्तों की शुरूआत आज से 83 साल पहले 1935 को हुई थी. जब इन्होंने टाटा संस में 12.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखने वाली एक कंपनी को खरीद लिया.
इसी खरीद के साथ इस कंपनी के शेयर शापूरजी पालोनजी ग्रुप को हस्तांतरित कर दिए गए, जो समय के साथ बढ़ते रहे.
वर्तमान में स्टरलाइन इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन और साइरस इन्वेस्टमेंट्स दोनों के 9.2 प्रतिशत शेयर टाटा संस में हैं. इसके अलावा शापूरजी पालोनजी मिस्त्री भी खुद टाटा संस में 0.03 प्रतिशत शेयर के मालिक हैं.
माना ये भी जाता है कि पालोनजी के पिता टाटा समूह के प्लांट का कंस्ट्रक्शन किया करते थे. हालांकि टाटा समूह के पास उन्हें देने के लिए पैसे नहीं थे, तो उन्होंने अपनी कंपनी के शेयर उन्हें दे दिए.
टाटा संस में इतनी बड़ी स्टेक के कारण ही शायद पालोनजी मिस्त्री को 'दी फैंटम ऑफ बॉम्बे हाउस' भी कहा जाता है.
सन 2006 में टाटा संस के बोर्ड में साइरस मिस्त्री को लाने के लिए इन्होंने अपनी सीट छोड़ दी थी. जिसके बाद साइरस टाटा संस के साथ जुड़ गए.
हालांकि अक्टूबर 2016 में टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में अचानक हटा दिए जाने के बाद पालोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे साइरस मिस्त्री का टाटा समूह के साथ कानूनी विवाद चला.
1865 में हुई थी कंपनी की शुरूआत
आज कंस्ट्रक्शन के मामले में अग्रणी कंपनी शापूरजी पालोनजी ग्रुप की शुरूआत 1865 में लिटिलवुड पालोनजी के तौर पर हुई थी. इनका पहला प्रोजैक्ट मुंबई की गिरगांव चौपाटी में फुटपाथ बनाने का था. इसके बाद टाटा ग्रुप के लिए इस कंपनी ने ऑटोमोबाइल फैक्टरी और स्टील प्लांट का निर्माण किया.
सन 1976 में मिस्त्री की कंपनी को पहली विदेशी परियोजना के तहत ओमान के सुल्तान का महल बनाने का काम मिला था.
इसके बाद इनकी कंपनी ने घाना के राष्ट्रपति का महल भी तैयार किया.
शापूरजी पालोनजी ग्रुप वही कंपनी है, जिसने मालाबार हिल्स स्थित प्रसिद्ध जलाशय का निर्माण किया था, जिसने मुंबई की 100 से ज्यादा सालों तक पानी की जरूरतों को पूरा किया है.
साइरस के दादा शापूरजी ने अपने पिता की मौत के बाद सन 1921 में शापूरजी पालोनजी कंस्ट्रक्शन कंपनी की स्थापना की. जिसने मुंबई की प्रसिद्ध इमारतों का निर्माण किया. सन 1975 में शापूरजी का देहांत हो गया और कंपनी की पूरी जिम्मेदारी पालोनजी मिस्त्री के ऊपर आ गई.
मुंबई का बहुचर्चित होटल ताज इंटरकांटिनेंटल, भारतीय रिजर्व बैंक बिल्डि़ंग, एचएसबीसी बिल्डि़ंग और दिल्ली में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम का निर्माण भी शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने ही किया है.
इतने बड़े बिजनेस साम्राज्य के अलावा पलोनजी मिस्त्री ने 1960 की ऐतिहासिक फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' को भी फाइनेंस किया था. लेकिन इस फिल्म को बनने में 12 साल से ज्यादा समय लग गया. शायद यही कारण था कि शापूरजी पालोनजी ग्रुप फिल्मी दुनिया से बाहर निकल गया.
आज शापूरजी पालोनजी साम्राज्य यूरोप से लेकर दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण एशिया और दक्षिण अमेरिका तक फैला हुआ है. शापूरजी पालोनजी समूह की कंपनियों में लगभग 60 हजार कर्मचारी काम करते हैं.
Web Title: Pallonji Shapoorji Mistry: World’s Most Reclusive Billionaire, Hindi Artilce
Feature Image Credit: Times Now