इंद्रधनुष के बनने का कारण हम सबने अपनी स्कूल की किताबों में पड़ा ही है. इसके तहत तेज बारिश के बाद पानी के कुछ अणु वातावरण में जीवंत रहते हैं. ऐसे में जब सूर्य का प्रकाश इन अणुओं से होकर गुजरता है, तो आसमान में अलग-अलग रंगो को बिखेरता है.
अब चूंकि रंगो का बदलाव प्रकाश की दूरी पर निर्भर करता है. इस कारण हमें इन्द्रधनुष में लाल, हरा, पीला, नीला व अन्य सात रंग नजर आते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो यदि वातावरण में जल के अणुओं की पर्याप्त मात्रा हो और प्रकाश भी अनुकुल हो, तो हमे सात रंगो का इन्द्रधनुष देखने का मौका मिल सकता है.
यहां तक तो ठीक है, लेकिन कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि इन्द्रधनुष केवल एक ही तरह का होता है, जोकि सही नहीं है, क्योंकि इन्द्रधनुष के इतने प्रकार है कि उनके बारे में जानकर व उन्हें देखकर आप पूरी तरह से हैरान रह जाएंगे.
वह स्वरूप कौन से हैं आईए जानते हैं-
प्राइमरी इंद्रधनुष
यह इंद्रधनुष आमतौर पर देखा जा सकता है. इसे अधिकतर लोगों ने इसे कई बार देखा भी होगा. यह सात अलग-अलग रंगो का होता है.
यह आमतौर पर तेज बारिश के बाद दिखता है, जब सूर्य का प्रकाश वातावरण में मौजूद पानी के अणुओं में से गुजरता है, तो वह अलग-अलग रंगो को बिखेरता है, जिससे आसमान में धनुष के आकार में सात रंगो वाला इंद्रधनुष दिखता है.
Primary Rainbow (representative pics: thinglink.com)
डबल इंद्रधनुष
डबल इंद्रधनुष या यूं कहे कि एक ही समय पर दो-दो इंद्रधनुषों का आसमान में दिखना एक मनमोह लेने वाला नजारा होता है. अगर बारिश के बाद आप आसमान में एक के ऊपर-दूसरा इंद्रधनुष देखते हैं, तो वह डबल इंद्रधनुष कहलाता है.
ऐसा तब होता है, जब पानी की बूंदों से गुजरने वाला सूर्य का प्रकाश एक के बजाय दो हिस्सों में बट कर बिखर रहा हो. कई बार देखने में आता है कि इन दोनों इंद्रधनुषों के रंग एक-दूसरे से विपरीत रहते हैं.
Double Rainbow (Representative pic:Science | HowStuffWorks )
ऐलेक्स ज़ैनडर्स डार्क
ऐलेक्स ज़ैनडर्स इंद्रधनुष की श्रेणी में अलग ही स्थान रखता है. दिखने में यह डबल इंद्रधनुष के सामान ही लगता है, मगर एक चीज जो इसे अलग करती है, वह है इसका प्रकाश.
इससे निकलने वाला प्रकाश आसपास के सारे आसमान में अंधेरा फैला देता है. इस कारण इसकी खूबसूरती और भी ज्यादा उभरकर सामने आती है. यह आमतौर पर देखने को नही मिलता. इस तरह के इंद्रधनुष ज्यादातर वर्षावनों में दिखते हैं.
Alexander Dark Rainbow (Representative pic: Atmospheric Phenomena)
सुपरनुमेरेरी इंद्रधनुष
शायद आपके लिए यह नाम बिल्कुल नया हो सकता है. ऐसे में आपके सवाल लाजमी है कि यह कौन सा इंद्रधनुष है, यह कैसा दिखाई देता है, आदिय.
तो आपको बता दें कि सुपरनुमेरैरी इंद्रधनुष कुछ-कुछ डबल रेंबो की तरह दिखाई पड़ता है. बस इसमें फर्क सिर्फ इतना है कि इसके बनने की प्रक्रिया अलग-अलग आकार के पानी के अणुओँ के संयोजन पर आधारित होती है. नीचे की ओर बनने वाले सुपरनुमेरैरी इंद्रधनुष का प्रकाश अधिक रहता है, जबकि उसके ऊपर वाले का कम होता है.
Supernumerary Rainbows (representative pic: TheSciPost)
रेड इंद्रधनुष
ऐसा मौका बहुत कम लोगों को मिलता है, जब उन्हें इस अद्भुत नजारे को देखने का मौका मिले. अपने नाम की ही तरह रेड रेंबो देखने में भी बेहद दर्शनीय होता है.
वैज्ञानिक भाषा में इसे मोनोक्रोम रेंबो भी कहते हैं. इसके बनने का संयोजन ज्यादातर तेज बारिश के बाद सूर्योदय व सूर्य अस्त के समय ही होता है.
इसके बनने के कारण को अच्छे से समझने के लिए जरुरी है कि आपको पता हो कि सूर्य के प्रकाश से निकलने वाले रंगो में से नीले और हरें रंग की पहुंच सबसे कम होती है, जबकि दूसरी ओर लाल रंग की पहुंच की क्षमता सबसे अधिक है.
सूर्य उदय व अस्त के समय सूर्य के प्रकाश की पहुंच कम हो जाती है.
ऐसे में वातावरण में उपस्थित पानी के अणुओं तक केवल लाल रंग की किरणें ही पहुंच पाती हैं, जिसके कारण हमें आसमान में लाल रंग का इंद्रधनुष बना दिखता है.
Red Rainbows (Representative Pic: The Telegraph)
क्लाउड इंद्रधनुष
क्लाउड रेंबो यानि, बादलों वाला इंद्रधनुष. यह इंद्रधनुष की श्रेणी में आने वाले सभी तरह के रेंबो में से सबसे सुन्दर और आकर्षक रेंबो होता है.
यह न सिर्फ अपने आकर्षण, बल्कि आकार में भी अन्य रेंबो से अलग होता है. इसके पीछे कारण यह है कि यह बादलो के ऊपर बनता है और इसका फैलाव काफी दूर तक होता है, जो इसकी खूबसूरती को और ज्यादा बढ़ाता है.
यदि आप सोच रहें है कि भला बादलों के ऊपर इंद्रधनुष कैसे बन सकता है, तो आपको बता दें कि ऐसा उस समय होता है, जब पानी या बर्फ के बेहद छोटे कण वातावरण के साथ-साथ बादलों की सतह पर भी मौजूद होते हैं.
ऐसे में जब सूर्य का प्रकाश इन पर पड़ता है, तो यह इंद्रधनुष दिखने लगता है.
Cloud Rainbows (Representative pic: Wikipedia)
टविंड इंद्रधनुष
टविंड रेंबो एक ऐसा रेंबो होता है, जो आसानी से देखने को नही मिलता.
पहली नजर में आपको शायद यह डबल रेंबो की ही तरह लग सकता है, लेकिन यह डबल रेंबो से बिल्कुल अलग होता है. इसका आकार डबल रेंबो से एकदम अलग होता है. इसमें दो धनुष आकार के प्रतिबिंब बनते हैं, पर इन प्रतिबिंबो की शुरुआत का केंद्र एक ही होता है. यह आगे जाकर पृथक हो जाता है.
यह खास इंद्रधनुष तब बनता है, जब वातावरण में छोटे और बड़े दोनों तरह के पानी के अणु हो. इस दौरान हवा का दबाव बड़े अणुओं को चपटा कर देता है और छोटे अणु भी एक अलग आकार ले लेते हैं.
ऐसे में जब सूरज का प्रकाश इनमें से होकर गुजरता है, तो वह अलग-अलग आकार के दो इंद्रधनुष बनाता है, जोकि एक ही जगह से निकलते हैं.
Twinned Rainbows (Representative pic: Wikimedia Commons)
लूनर इंद्रधनुष
लूनर रेंबो अन्य कई नामों से भी जाना जाता है. जैसे कि, सफेद रेंबो और मून रेंबो.
यह इंद्रधनुष भी अपने आप में सबसे अलग खासियत रखता है, इसमें जो सबसे अनूठी बात है, वह है इसकी रात के समय चांद की रोशनी में बनना.
जहां एक और अन्य सभी प्रकार के रेंबो सूरज के प्रकाश में बनते है, वहीं यह लूनर रेंबो चांद से दिखाई देता है. चांद की रोशनी जब आसमान में मौजूद छोटी-छोटी बूंदो से होकर गुजरती हैं, तो वह लूनर रेंबो बनाती हैं.
हालांकि, इसका प्रतिबिंब काफी हल्का होता है, जिस कारण इसे नंगी आंखों से देख पाना मुमकिन नहीं रहता. इसे देखने के लिए हमें किसी खास यंत्र की जरुरत पड़ती है.
Reflections Magazine (representative pic: Reflections Magazine)
तो ये थे इंद्रधनुष के कुछ स्वरूप, जो आसमान में जब भी दिखाई देते हैं, इन्हें हमेशा के लिए अपनी आंखों में कैद कर लेने का मन करता है.
क्यों सही कहा न?
Web Title: Rainbow-Illustrations, Hindi Article
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