राजनीति में सबसे अहम पदों में से एक प्रधानमंत्री का पद माना जाता है.
प्रधानमंत्री के कंधों पर पूरे देश की ज़िम्मेदारी होती है. पड़ोसी देशों के साथ महत्वपूर्ण वार्ता से लेकर अपने देश हित में कड़े फैसले लेने का ज़िम्मा देश के मुखिया यानी प्रधानमंत्री को ही ऊठाना पड़ता है. ऐसे में उनकी सुरक्षा स्वतः ही खास हो जाती है.
किन्तु, क्या कभी आपने सोचा है कि देश के इतने महत्वपूर्ण पद पर काबिज़ व्यक्ति की सुरक्षा का भार किस के ऊपर होता है? आखिर सुबह से लेकर शाम तक, यहां तक की देश से लेकर विदेशी दौरों तक प्रधानमंत्री के साथ साए की तरह चलने वाले सुरक्षा कर्मी कौन होते हैं.
अगर नहीं तो आईये इस ‘स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप’ यानी SPG को जानने की कोशिश करते हैं-
इंदिरा गांधी के कत्ल के बाद पड़ी नींव
एसपीजी 1988 में वजूद में आई, जब पार्लियामेंट एक्ट के तहत इसका गठन किया गया. इसका ज़िम्मा प्रधानमंत्री को सुरक्षा प्रदान कराना था. बता दें कि 1981 से पहले प्रधानमंत्री और उनके निवास स्थान की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सिक्योरिटी डिस्ट्रिक्ट फोर्स पर थी, जो डीसीपी के अंतर्गत आती थी.
बाद में इसमें बदलाव किया गया और 1981 में भारत की खुफिया इंटेलिजेंस एजेंसी ‘आईबी’ ने ‘एसटीएफ स्पेशल टास्क फोर्स’ का गठन किया, जो घेरा बना कर प्रधानमंत्री के चारों ओर चलते थे. एसटीएफ के गार्ड प्रधानमंत्री को दिल्ली और वहां से बाहर जाने पर फूल प्रूफ सुरक्षा मुहैया कराते थे.
किन्तु, इंदिरा गांधी के कत्ल ने इस पर सवालिया निशान खड़े कर दिए.
साल 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कत्ल के बाद पूरा देश सकते में आ गया. देश के प्रधानमंत्री का कत्ल होने के बाद भारत का गृह मंत्रालय और सुरक्षा विभाग सतर्क हो गया था. इसी के साथ सुरक्षा विभाग पर प्रधानमंत्री के सुरक्षा घेरे को और मज़बूत बनाने की चुनौती सामने आ गई थी.
फिर 18 फरवरी 1985 को भारतीय गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने की ज़िम्मेदारी का बीड़ा खुद उठाने का फैसला लिया और बिल का प्रस्ताव बनाकर सदन में पेश किया.
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों पर प्रधानमंत्री के सुरक्षा घेरे को मज़बूत करने का दबाव था. मार्च 1985 में बीरबल नाथ समिति ने प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने के लिये एसपीयू, यानी स्पेशल प्रोटेक्शन यूनिट बनाने की पेशकश रखी. आगे 30 मार्च 1985 को भारत के राष्ट्रपति ने कैबिनेट सचिवालय के तहत इस बिल को पास किया.
बिल पास होने के बाद ‘एसपीयू’ में सुरक्षा गार्ड के पदों का निर्माण किया गया. बाद में इसे ‘एसपीजी’ का नाम दे दिया गया.
Special Protection Group (Representative Pic: Getty Images)
सफारी सूट, काला चश्मा और…
प्रधानमंत्री को सुरक्षा देने वाले गार्ड आमतौर पर काले सूट या ग्रे रंग के सफारी सूट में देखे जाते हैं. प्रधानमंत्री के साथ चलने वाला यह सुरक्षा घेरा एक ही रंग के ड्रेस कोड में रहता है. इसका मुख्य कारण यह होता है कि भगदड़ की स्थिति में यह सब एक दूसरे को ड्रेस कोड के माध्यम से आसानी से पहचान लेते हैं.
वहीं प्रधानमंत्री के सुरक्षा घेरे में रहने के दौरान एसपीजी के सभी गार्डो की पूरी तरह से आंखे ढकी रहती हैं. आंखों पर काला चश्मा लगाने की वजह भी बड़ी दिलच्स्प है.
असल में यह गार्ड सुरक्षा घेरे के दौरान अपनी निगाहें चारों तरफ घुमाते रहते हैं, ताकि सामने वाले को यह न पता चल सके कि शक होने पर गार्ड उसकी तरफ देख रहे हैं.
एसपीजी गार्ड के लिये भारत सरकार इंडियन आर्मी के जांबाज़ अफसरों को ही चुनती है. इसका मुख्य कारण सेना के जाबाज़ अफसर पहले से ही प्रशिक्षित होते हैं. इसी के साथ उन्हें कड़े समय में जल्द फैसले लेने का अनुभव होता है. एसपीजी गार्ड में भारतीय सेना के अलावा बीएसएफ, आईटीबीपी, एनएसजी के अनुभवी अफसर शामिल किये जाते हैं.
एसपीजी के ख़ेमे में शामिल होने के बाद हालांकि इन अफसरों को प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर अलग ट्रेनिंग दी जाती है.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा के अलावा एसपीजी पर पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा का ज़िम्मा भी होता है. वहीं एसपीजी प्रधानमंत्री के परिवार को भी कड़ी सुरक्षा प्रदान करता है. इसके साथ ही इस फोर्स को गार्ड करने के लिये एक डॉयरेक्टर की नियुक्ति की जाती है.
एसपीजी को गार्ड करने के लिये डॉयरेक्टर की नियुक्ति का फैसला मौजूदा सरकार करती है.
SPG Security of PM Narendra Modi (Pic: Hindustantimes)
आधुनिक हथियारों से होते हैं लैस
एसपीजी गार्ड की ड्यूटी, जितनी ज़िम्मेदारी वाली है, उससे कहीं अधिक उनको दिये जाने वाले खास हथियारों का ध्यान भी भारतीय खुफिया एजेंसी रखती है. एसपीजी के सभी गाडर्स ‘एफ.एन.हेर्स्टल’, ‘पी-90’ और ‘ग्लॉक पिस्तौल’ जैसे आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं.
यह हथियार आमतौर पर गाडर्स अपने सूट में ही छुपा कर रखते हैं, ताकि खतरे का आभास होने पर वह उनका प्रयोग कर सकें. खास बात तो यह है कि समय आने पर उन्हें अपने हथियारों का प्रयोग करने की आज़ादी होती है.
कई बार सामने आया है कि भारत के प्रधानमंत्री जनसभा के दौरान प्रोटोकोल तोड़ते हुये बच्चों और बुजुर्गों से मिलने भीड़ में चले जाते हैं, ऐसी स्थिति में एसपीजी गार्ड सुरक्षा को लेकर पूरे चौकस हो जाते हैं.
सबसे अहम बात यह है कि किसके द्वारा यह तय किया जाता है कि किस पद के लिये किसको कितनी सुरक्षा मिलेगी. असल में भारत की सुरक्षा श्रेणी एक्स, वाई, ज़ेड और ज़ेड प्लस में बांटी गई है.
ख़तरे के स्तर के आधार पर सुरक्षा को चार मुख्य स्तरों में बांटा गया है. वीवीआईपी सुरक्षा का फैसला इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों, गृह सचिव और गृह मंत्री सहित एक समिति द्वारा किया जाता है.
ज़ेड श्रेणी में 22 सुरक्षा गार्ड का घेरा होता है. ज़ेड श्रेणी की सुरक्षा में सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस द्वारा गार्ड संख्या बढ़ाने का अधिकार होता है. वहीं जे़ड प्लस सुरक्षा में 36 एसपीजी गार्ड का घेरा होता है.
यह गार्ड चौबीस घंटे वीवीआईपी को सुरक्षा प्रदान करते हैं.
लंबी नहीं होती इनकी ‘तैनाती’
अब चूंकि, ये अपनी ड्यूटी को लेकर बहुत ईमानदार होते हैं, इसलिए सरकार भी इनका पूरा ख्याल रखती है. साल 2016-17 के बजट में एसपीजी गार्ड को सरकार ने एक हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का बजट दिया था. वहीं एसपीजी गाडर्स द्वारा पहनी जाने वाली ड्रेस पर भी सरकार उन्हें सालाना खर्च देती है.
प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिये रखे जाने वाले एसपीजी गाडर्स की सेवायें ज़्यादा लंबी नहीं होती. कुछ समय बाद इन गाडर्स को इनके पुराने विभाग में भेज दिया जाता है और नये गार्ड्स को भर्ती किया जाता है.
एक अंग्रेज़ी अख़बार को इंटरव्यू में कई पुराने गार्ड्स ने बताया कि एसपीजी में शामिल होने के बाद जीवन बहुत आनंददायक होता है. गार्ड्स के अनुसार वीवीआईपी व्यक्ति को सुरक्षा देने के दौरान उनका जीवन भी सुखमय होता है.
वीवीआईपी के विदेशी दौरों पर जाने के दौरान, यह गार्ड उनके साथ जाते हैं. इस दौरान उन्हें बाहर घूमने के कई अवसर मिलते हैं. साथ ही उनको बेहद अच्छी सैलरी मिलती है.
SPG Security of PM Narendra Modi (Pic: Rediff.com)
इतना ही नहीं सर्विस के दौरान उनके बच्चों को उच्च स्कूलों में शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सभी जरूरी सुविधाओं का भी सरकार ख्याल रखती है. बस इनकी तैनाती ज़्यादा लंबी नहीं होती, कुछ समय बाद उन्हें अपने पुराने विभाग का रुख़ करना पड़ता है.
Web Title: SPG Security of PM Narendra Modi, Hindi Article
Feature Representative Image Credit: Insider Monkey