आज से कुछ सालों पहले तक दिल्ली अपने लाल किला और इंडिया गेट जैसी जगहों के लिए जाना जाता था.
आज दिल्ली अक्षरधाम मंदिर के लिए भी जाना जाता है!
जबसे यह मंदिर बना है इसने देश-विदेश के लोगों को अपना दीवाना बनाया हुआ है. अक्षरधाम की खूबसूरती तो तमाम लोगों ने देखी होगी पर इसकी शुरुआत से आज तक की कहानी से सब शायद वाकिफ़ नहीं होंगे. तो चलिए तस्वीरों के जरिए जानते हैं अक्षरधाम की कहानी को–
अक्षरधाम मंदिर बनाने का ख्याल योगीजी महाराज को आया था. उन्होंने ही 1968 में पहली बार सोचा था कि यमुना किनारे एक बड़ा सा मंदिर हो. (Pic: akshardham)
इसकी प्लानिंग को आगे बढ़ाया गया. बहुत थोड़ी ही सही पर मंदिर बनाने में थोड़ी बहुत प्रगति भी हुई ही थी कि तब तक योगीजी महाराज का निधन हो गया. बहरहाल, स्वामी नारायण सम्प्रदाय के योगीजी महाराज के इस ख्याल का दिया बुझा नहीं और योजना बनती चली गयी. (Pic: wahgazab)
इसके बाद योगीजी महाराज के वारिस प्रमुख स्वामी महाराज ने 1971 में योगीजी का सपना एक बार और शुरू किया. उन्होंने अपने शिष्यों को भेजा देखने के लिए कि दिल्ली में कहाँ उनका मंदिर बन सकता है (Pic: deshvidesh)
शिष्यों ने डीडीए को यह बात बताई और उन्होंने गाजियाबाद, गुडगाँव और फरीदाबाद में कुछ खाली जगह बताई. आखिर में प्रमुख स्वामी को योगीजी की ही तरह यमुना नदी के पास का इलाका ही पसंद आया. (Pic: vrindavantoday)
8 नवंबर 2000 को अक्षरधाम मंदिर बनाने का काम शुरू हो गया. इसके बाद कई सालों तक यह काम यूँ ही चलता रहा. (Pic: akshardham)
अक्षरधाम मंदिर के निर्माण ने कई बार सुर्खियाँ भी बटोरी क्योंकि यह माना जा रहा था कि इससे यमुना नदी प्रदूषित होगी. आखिर में मंदिर प्रशासन ने सरकार से क्लियरेंस ले के काम शुरू किया और बेहद तेज गति से इसे पूरा भी किया. (Pic: youthkiawaaz)
जहाँ मंदिर बनना था उस जगह की मिटटी पक्की नहीं थी इसलिए बिल्डिंग बनाने का काम थोड़ा मुश्किल था. इसके लिए जमीन पर पहले 15 फीट ऊंचाई तक पत्थर और सीमेंट डाली गई ताकि उसके ऊपर मंदिर बनाया जा सके. (Pic: wired)
साधुओं की एक टीम कंस्ट्रक्शन का सारा काम देख रही थी क्योंकि वह पहले से ही अनुभवी थे. वह सभी साधू गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर का निर्माण देख चुके थे. (Pic: gostops)
हजारों की संख्या में कारीगर और शिल्पकार अक्षरधाम को पूरा करने में लगे हुए थे (Pic: qz)
6 नवंबर 2005 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों इस मंदिर की शुरुआत हुई. इस अदभुत मंदिर को देखने पहले दिन करीब 25,000 मेहमान आए थे. (Pic: abdulkalam)
इस मंदिर के अंदर संपूर्ण भारत की प्रसिद्ध वास्तुकलाएं हैं. यहाँ स्थापित भगवान की मूर्तियाँ भी बेहद सजीव प्रतीत होती हैं. (Pic: akshardham)
अक्षरधाम में करीब 234 सजाए हुए खंबे हैं और करीब 20,000 मूर्तियाँ हैं साधू और आचार्यों की. इसके अंदर 148 असली हाथियों जितनी बड़ी मूर्तियाँ भी हैं. (Pic: redconfidential)
अक्षरधाम की असली पहचान है इसमें स्थापित स्वामीनारायण जी की मूर्ती, क्योंकि उन्हें ही यह मंदिर समर्पित है. (Pic: baps)
यहाँ पर राम-सीता, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती और लक्ष्मी-नारायण इन सबकी भी सजीव मूर्तियाँ स्थापित हैं. (Pic: akshardham)
यहाँ पर स्थापित अधिकतर मूर्तियाँ पांच धातुओं की बनी हैं, क्योंकि वह हिंदू धर्म के अनुसार शुभ माने जाते हैं (Pic: myyellowsuitcase)
अपने पहले ही दिन से अक्षरधाम एक बड़ा टूरिस्ट प्लेस बन चुका है. रोजाना बहुत बड़ी संख्या में लोग इस अदभुत मंदिर को देखने के लिए आते हैं. (Pic: rvsl)
कहते हैं कि आज दिल्ली आने वाले 70 प्रतिशत टूरिस्ट अक्षरधाम का एक चक्कर जरूर लगाते हैं. (Pic: omegaresidency)
2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान अक्षरधाम एक बहुत ही खास आकर्षण का केंद्र बना था. (Pic: amity)
कई देशों के खिलाड़ियों ने अक्षरधाम के नजारे किए थे. देश का मान बढ़ाने में भी इस मंदिर ने अपना खूब योगदान दिया (Pic: trabug)
यहाँ आने का सबसे आसन रास्ता तरीका है मेट्रो. अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन पर उतर के आप पैदल या फिर ऑटो में मंदिर तक जा सकते हैं (Pic: gpmindia)
अक्षरधाम में आने का और घूमने का कोई पैसा नहीं लगता. फ्री में आप मंगलवार से रविवार तक कभी भी यहाँ आके घूम सकते हैं. सोमवार को यह बंद रहता है. केवल एग्जिबिशन और वाटर शो के ही यहाँ आपको पैसे देने पड़ेंगे (Pic: akshardham)
अक्षरधाम का के सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है यहाँ का ‘म्यूजिकल फाउंटेन’. हर शाम सूरज ढलने के बाद यह शुरू हो जाता है. शाम 6 से 7 के बीच होता है यह प्रोग्राम. 12 साल से बड़ों के लिए 80 रूपये और इससे कम उम्र वालों के लिए 50 रूपये है इस प्रोग्राम की फीस (Pic: akshardham)
आज अक्षरधाम इतना बड़ा नाम बन चुका है कि दिल्ली की इसके जरिए पहचान होने लगी है. यह वाकई एक अदभुत और दिलकश मंदिर है.
Web Title: The Journey Of Akshardham Temple, Hindi Article
Feature Image Credit: akshardham