इंसान अपने जन्म के साथ ही संवाद करने लगता है.
अब आप कहेंगे कैसे?
अगर ध्यान दें , तो जन्म के तुरंत बाद ही बच्चा कें-कें करके रोने लगता है. वो हमें बताता है कि वो इस दुनिया में दस्तक दे चुका है. नन्हें पेट को जब भूख लगती है और फिर वो रोने लगता है, ये संवाद नहीं तो क्या है. बच्चा रोकर अपनी माँ से संवाद करता है कि मुझे भूख लगी है.
मानव सभ्यता के विकास में भाषा के विकास की अहम भूमिका है. हम पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी भाषा को सीखते हैं. ऐसे करने से हमारी भाषा न सिर्फ संरक्षित रहती है, बल्कि वो हमें एक पहचान भी देती है.
भाषा भी उतनी ही पुरानी है, जितना की मानव इतिहास. हर 10 किलोमीटर की दूरी पर आप पाएंगे की भाषा में भी बदलाव होते हैं.
तो आईए जानते हैं, कौन सी ऐसी भाषाएं हैं, जो विश्व की सबसे पुरानी भाषाएं मानी जाती है–
संस्कृत
संस्कृत भारत की सबसे पुरानी भाषा मानी जाती है. इसे भगवान की भाषा भी बोला जाता है. हमारे सारे वेद-पुराण संस्कृत में ही लिखे गए हैं.
आज भारत में इसे धार्मिक कार्यों के लिए ही इस्तेमाल में ज्यादा लाया जाता है. किन्तु, आपको जानकर हैरानी होगी, कंप्यूटर की बेसिक लैंग्वेज को संस्कृत भाषा के सिद्धांत पर ही बनाया गया है. इसके अलावा यह एक वैज्ञानिक भाषा है.
इसे अमेरिका के नासा ने अपनी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में इस्तेमाल की बात कही है. आज के कंप्यूटर युग में इसका बहुत महत्व है, क्योंकि यह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए सबसे अच्छी भाषा मानी जाती है.
यह भारत में और कई पश्चिमी देशों में आज भी यह एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाती है.
हिब्रू
भाषाओं की बात चली है, तो हेब्रू का ज़िक्र होना लाज़मी है. यह 200-400 CE में आमतौर पर बोली जाती थी, लेकिन इसके बाद यह यहूदियों द्वारा सिर्फ धार्मिक कार्यों में इस्तेमाल की जाने लगी. कहा जाता है कि यह 5000 सालों से बोली जाने वाली भाषा है.
किन्तु, 19वीं और 20वीं शताब्दी में जब जर्मनी में हिटलर ने यहूदियों का निर्ममता से दमन किया था. इसके बाद यहूदियों ने इजराइल में शरण ली थी. जो यहूदी बहुल एकमात्र देश है. ऐसे में, इस भाषा को एक बार फिर बड़े पैमाने पर बोला जाने लगा.
बल्कि, इस दौरान यह इजराइल की आधिकारिक भाषा भी बन गयी थी.
वैसे आज बोले जाने वाली मॉडर्न हिब्रू पहले बोले जाने वाली या फिर लिखित रूप से काफी अलग है. आज करीब 9 मिलियन लोग इस भाषा को बोलते हैं.
तमिल
जी बिलकुल, चौंकिए मत. तमिल भी सबसे प्राचीन भाषाओं में गिनी जाती है.
यह एक ऐसी प्राचीन भाषा है, जो आज भी प्रयोग में है. यह 78 मिलियन लोगो द्वारा बोली जाती है. भारत के तमिलनाडू के अलावा, यह श्रीलंका और सिंगापुर की भी आधिकारिक भाषा है. यह तीसरी शताब्दी से बोली जाती है.
यह और संस्कृत धार्मिक कार्यों के लिए भी इस्तेमाल होती थीं, लेकिन संस्कृत का इस्तेमाल अब सिर्फ घर में होने वाले पूजा-पाठों तक ही सीमित रह गया है. जबकि, तमिल आज भी प्रचलन में है.
फ़ारसी
ईरान, अफग़ानिस्तान और मध्य-पूर्व एशिया के कई सारे देशों में यह भाषा बोली जाती है. यह आमतौर पर पर्सियन भी कहलाती है.
इसके बोले जाने के प्रमाण 800 CE से मिलते है. तभी से यह प्रचलन में है. आज यह पूरे विश्व में 110 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाती है. यह ईरान, अफ़गानिस्तान और तज़ाकिस्तान की आधिकारिक भाषा है.
19वीं शताब्दी तक पर्सियन को लिखने के लिए पहलवी स्क्रिप्ट का प्रयोग किया जाता था, लेकिन मुस्लिमों ने जब पर्सिया पर जीत हासिल की. माना जाता है कि तभी से इसमें अरबी भाषा का भी प्रभाव पड़ा था.
चाईनीज
800 मिलियन लोग ऐसे हैं, जिनकी प्राथमिक भाषा चाईनीज है. इसकी शुरुआत 1250 ईसा पूर्व में शेंग साम्राज्य से मानी जाती है. विश्व में हर पांच में से एक इंसान चाईनीज भाषा के प्रकार को बोलता है. यह हंजी प्रणाली के आधार पर लिखी जाती है.
यह तमिल की तरह ही ऐसी भाषा है, जो अपनी उत्पत्ति से लेकर अब तक बड़े स्तर पर लोगो द्वारा इस्तेमाल की जाती है.
मेंडरिन चाइना की आधिकारिक भाषा है.
लैटिन
लैटिन न सिर्फ सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है, बल्कि इसने कई सारी भाषाओं को भी जन्म दिया है. हम अक्सर हम शब्द की उत्पत्ति के विषय में पढ़ते हैं, तो वह ऐसे ही शुरू होता है. 'यह शब्द लैटिन भाषा से निकला है. यह रोम और इटली में बोली जाती है, जोकि रोम साम्राज्य की राजनीतिक शक्ति बढ़ने के साथ इटली में भी प्रचलित हुई थी.
दिलचस्प बात यह है कि इसे भी कई भाषाओं की जननी माना जाता है.
गौरतलब हो कि लैटिन 75 ईसापूर्व से प्रचलन में है. वर्तमान की बात की जाए, तो यह आज भी पोलैंड और वेटिकन सिटी की आधिकारिक भाषा है.
ग्रीक
ग्रीक 1500 ईसापूर्व से प्रचलन में है. आज, ग्रीस और सायप्रस की कुल आबादी 13 मिलियन है.
यह ग्रीक की आधिकारिक भाषा है. ऐसा माना जाता है कि अंग्रेजी के 30 प्रतिशत शब्द प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ग्रीक से ही लिए गए हैं. यह नहीं ज्यादातर तकनीकी और वैज्ञानिक शब्दों के लिए इसका प्रयोग किया गया है.
एरिस्टोटल, सोक्रेटस और प्लेटो इन महान दर्शनशास्त्रियों ने ग्रीक भाषा में ही दुनिया को बड़े-बड़े सिद्धांत दिए हैं.
ग्रीक भाषा ही वो भाषा है जब एक समय में महान लोग इसमें पढ़ते, सोचते और लिखते थे. ऐसे में इसकी बात ही कुछ अलग है.
तो ये थी कुछ ऐसी भाषाएँ, जो बेहद पुरानी मानी जाती हैं. इस लिस्ट में और भी कई नाम हैं, जिनकी चर्चा फिर कभी...
Web Title: The Most Oldest Languages of the World, Hindi Article
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