“सूर्य से छोटा एक अंधेरा तारा दक्षिण ध्रुव की ओर से पृथ्वी की ओर आ रहा है जो अक्टूबर में पृथ्वी से टकरा जाएगा और इस विनाशकारी टकराव के कारण दुनिया खत्म हो जाएगी”… ये बात पिछले साल यानी 2017 की है जब ‘प्लानेट एक्स – द 2017 अराइवल’ पुस्तक के लेखक डेविड मीडे ने अपनी किताब में दुनिया के अंत की बात कही थी.
इन्होंने सर्वनाश का समर्थन इस तर्क से किया कि 40 ज्वालामुखी लगातार बढ़ रहे हैं और भूकंपों में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने दावा किया था कि सौर तूफान लगातार आकार और तीव्रता में बढ़ते जा रहे हैं और पृथ्वी की सतह पर सिंकहोल और दरारें दिखाई दे रही हैं. वहीं नासा ने कहा था कि ये सभी बातें कहानियां हैं और इंटरनेट का धोखा मात्र है.
हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ और जीवन अपने ढर्रे पर जारी है, लेकिन क्या भविष्य में ऐसी कोई खगोलीय घटना दुनिया के अंत का कारण बन सकती है?
सोचिए क्या हो अगर कोई ग्रह पृथ्वी को निगल ले. आप सोकर उठें और अचानक ही आसमान में अंधेरा छा जाए और धीरे-धीरे सारी पृथ्वी आपकी नजरों के सामने उसके अंदर समा जाए. यह कोई कल्पना नहीं भविष्य में ऐसा संभव हो सकता है. ऐसी कई खगोलीय घटनाएं अंतरिक्ष में होती रही हैं. आइए पृथ्वी के लिए हानिकारक खगोलीय घटनाओं के बारे में और जानें…
कई बार ग्रहों को निगल जाते हैं तारे!
अभी हाल ही में ऐसी ही एक घटना नासा ने अपने कैमरे में कैद की है. जिसमें एक विशाल तारा अपने पास मौजूद एक के बाद एक तीन ग्रहों को निगल गया. देखते ही देखते इन तीनों ग्रहों का अस्तित्व दो महीने के अंदर ही खत्म हो गया.
वी 828 नामक ये तारा पृथ्वी से 20 हजार प्रकाश वर्ष दूर है. एक रिसर्च के मुताबिक सन 2000 में ये तारा अचानक बहुत तेज चमकने लगा. उस समय इसकी तेज रौशनी सूरज से छह लाख गुना ज्यादा थी.
यह तारा बेहद ही खतरनाक माना जा रहा है. अगर यह एक साथ तीन ग्रहों को खत्म कर सकता है तो धरती के लिए भी यह एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. अभी पक्का तो नहीं है कि इससे हमें कोई खतरा है, मगर भविष्य में शायद यह एक बड़ी मुसीबत बन सकता है.
ब्लैक होल कर सकता है दुनिया में अँधेरा!
पृथ्वी से 26,000 प्रकाश वर्ष दूर हमारी आकाश गंगा मंदाकिनी के केंद्र में एक विशाल ब्लैक होल है जो सूरज से 4,00,000 गुना बड़ा है. ये धीरे-धीरे ग्रहों, तारों और पिंडो को निगल रहा है. लिसेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने दावे में कहा था कि ‘सैजिटेरीयस-ए’ नामक ये ब्लैक होल हर दिन ब्रह्मांड में तैरती चीजों को निगलता रहा है. ये अपने सामने आने वाले गैस और धूल से बने क्षुद्र ग्रहों को तोड़ देता है और फिर उन्हें अपने अंदर निगल लेता है.
वैज्ञानिकों के अनुसार आकाश गंगा का केंद्र बहुत अधिक ऊर्जा वाला स्थान होता है इसलिए बहुत कम दायरे में गतिशील कुछ ग्रह ही वहां बन सकते हैं. हालांकि संभावना ये जताई जाती रही है कि ये ब्लैक होल ब्रह्मांड में सौर मंडल के पुनर्निर्माण में सहायक होते हैं.
विश्व के महान अंतरिक्ष विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग के अनुसार ब्रह्मांड की रचना बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार हुई है, जिसमें एक विशाल विस्फोट के बाद सौर-मंडल के तमाम ग्रह अस्तित्व में आए.
ब्लैक होल आज भी इंसानों के लिए एक बहुत बड़ी चर्चा का विषय है. अभी तक तो यह बस एक खतरे के रूप में जाना जाता है, लेकिन क्या पता इसके भी कई फायदे हों.
अभी सिर्फ धारणाएं हैं, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह ब्लैक होल जिनसे हमें खतरा है… यही भविष्य में हमारे काम आएँगे. कई वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्लैक होल के जरिए हम समय को मात दे सकते हैं और ‘टाइम ट्रेवल‘ कर सकते हैं.
Scientist Used To Believe That Black Hole Can Be Use For Time Travel (Representative Pic: baltana)
सूर्य की अग्नि में जलेगी धरती!
हाइड्रोजन-हिलियम गैसों से भरा एक आग का विशाल गोला सूर्य हमारे सौरमंडल के केंद्र में स्थित एक बड़ा तारा है. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि जो सूर्य हमें आज बहुत से फायदे दे रहा है वही एक दिन हमारी बर्बादी का कारण बन सकता है. नासा ने दावा किया था कि सूर्य में पृथ्वी से भी बड़े आकार का करीब 1 लाख 20 किलोमीटर चौड़ा एक छेद हो गया है. इससे आसपास के कई उपग्रह नष्ट हो सकते हैं. वैज्ञानिकों ने माना कि इस छेद से उठे सौर तूफान से आग की लपटें उठ सकती हैं, जो पृथ्वी समेत पूरे ब्रह्मांड के लिए खतरनाक है.
भविष्य में हो सकता है कि सूर्य की हाइड्रोजन गैस खत्म हो जाएगी और हिलियम जलने से सूर्य लगातार बड़ा और ज्यादा गर्म होगा. अंदाजा लगाया जा रहा है कि करीब पौने दाे अरब साल बाद सूर्य से निकलने वाली गर्मी और विकिरण धरती पर मौजूद जीवन को जलाने लगेगी, समुद्र सूख जाएंगे और धरती लावे में तब्दील हो जाएगी.
Sun Can Be A Reason Of Earth End (Representative Pic: businessinsider)
क्षुद्रग्रह और उल्का पिंड से होगी मौत की बारिश!
आज वैज्ञानिक पृथ्वी को क्षुद्रग्रह और उल्का पिंड की टक्कर से बचाने के लिए उल्लेखनीय प्रगति कर रहे हैं. वैज्ञानिक पृथ्वी के पास से गुजरने वाले उल्का पिंड पर बारीक नजर रखते हैं. एक छोटा उल्का पिंड का टुकड़ा भी धरती के लिए हानिकारक हो सकता है, लेकिन न तो वैज्ञानिक और न ही उनकी तकनीकें पृथ्वी को बाहरी हमलों से बचाने में सक्षम हैं!
साल 2013 में रूस के एक इलाके में एक उल्का पिंड आके गिरा था जिसने यह बता दिया कि आखिर धरती को क्यों उनसे डरना चाहिए. करीब 10 टन वजनी और 49 फीट बड़ा यह उल्का पिंड 33,000 मील प्रति घंटा की रफ़्तार से धरती की ओर बढ़ा. जब यह जमीन से टकराया तो इससे निकालने वाला दबाव किसी न्यूक्लियर बम की तरह था!
यह बड़ी ही तेजी से फैला और शहर में लोगों की खिड़कियों को इसने चकनाचूर कर दिया. करीब 1,100 लोग इस हादसे में घायल हुआ वह भी इसलिए क्योंकि यह शहर में नहीं गिरा था. अगर यही किसी शहर में गिरता तो शायद हालात गंभीर हो जाते.
यह उल्का पिंड भले ही अक्सर धरती के आस-पास से गुजर जाया करते हैं, लेकिन अगर यह धरती पर आके गिर गए तो सर्वनाश हो सकता है.
Asteroid Hit Can Destroy Earth (Pic: businessinsider)
धरती के बाहर भी है जीवन…
हर साल कोई न कोई धरती के खात्मे की बात करता ही रहता है. कोई नई भविष्यवाणी होती है जिसमें कहा जाता है कि धरती का अंतिम दिन नजदीक है. ऐसी धारणाएं हर बार सामने आती हैं, लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं है. अभी तो नहीं पर भविष्य में धरती खत्म हो सकती है. यही कारण है कि अब वैज्ञानिक धरती का एक दूसरा विकल्प ढूंढ रहे हैं. इस कड़ी में माना जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने तीन ग्रह ऐसे ढूंढे हैं जहां इंसान रह सकते हैं. यह ऐसे ग्रह हैं जहां तापमान न तो बहुत ज्यादा गर्म है और न ही बहुत ज्यादा ठंडा. यहाँ पर पानी होने का अनुमान भी लगाया जा रहा है.
उम्मीद की जा रही है कि अगर धरती जैसा को और ग्रह मिल जाता है तो आपातकाल के समय में वह ग्रह ही मानव का अस्तित्व बचाएंगे.
Scientist Are Trying To Find Planets Like Earth For Living (Representative Pic: backalleyastronomy)
तो यह हैं वह कारण जिनसे धरती का खात्मा हो सकता है. अभी तक तो इन चीजों से धरती को कोई खास खतरा नहीं है पर यह भविष्य में यह चिंता का कारण बन सकती हैं.
Web Title: These Incidents From Space Can End Earth, Hindi Article
Feature Image Credit: wbgames