बरसात का मौसम किसे पसंद नहींं!
शहरों की छतों पर चढ़कर बरसात का नज़ारा क्या खूब दिखता है. छतों पर पानी रोककर उसमें नाव तैराने का तो मजा ही कुछ और है. जहाँ एक ओर बच्चों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता. वहीं बड़े भी मौसम का लुत्फ उठाने में पीछे नहींं रहते.
अब क्या करें, बारिश का मौसम है ही कुछ ख़ास. रिमझिम-रिमझिम बारिश में पकोड़े और भुट्टों का स्वाद तो, जैसे चार गुना बढ़ जाता है. खाने-पीने की चीजों से लेकर मौसम सब काफी अच्छा लगता है.
यही कारण है कि बारिश के मौसम का लुत्फ़ उठाने के चक्कर में हम कई बार ये भूल जाते हैं कि इस मौसम में हमें खास ख्याल रखने की जरूरत होती है.
क्यों आईए जानते हैं-
खाने का रखें खास ख्याल, क्योंकि...
इस मौसम में खाने का स्वाद बढ़ जाता है और गरमा-गरम चीज़ें खाने का भी मन करता है. अब बात की खाने की आती है, तो भला संकोच कौन करे. इसी चक्कर में हम कई बार कुछ ऐसा खा लेते हैं कि हमारा पाचन तंत्र बिगड़ जाता है.
असल में इस मौसम में किसी भी इन्फेक्शन को पैर पसारने में मदद मिलती है.
ऐसे में स्वाभाविक है कि बीमारियों की चपेट में आने के अवसर बढ़ जाते हैं. जिस बारिश का पानी हमें बड़ा लुभाता है. उसी बारिश के पानी से कई सारी पैदा होने वाली बीमारियाँ हमें बीमार कर देती हैं.
इसीलिए जरुरत है साफ़ पानी की. अब चाहे आप उबाल कर पिए या फिर फ़िल्टर करके. किन्तु, याद रहें! साफ़ पानी ही ले. क्योंकि आपकी सेहत बहुत अनमोल है.
पानी के अलावा अगर आपसे पूछा जाए कि स्ट्रीट फ़ूड में क्या पसंद है, तो उसकी लिस्ट बहुत बड़ी होगी. इसमें मोमोज, चाट, गोलगप्पे, फ्रेंच फ्राइज जैसे कई नाम मौजूद होंगे.
पर, खबरदार हो जाइए. इस मौसम में इन सब चीजों को खाना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसके साथ ही कच्ची सब्जियों यानी सलाद के ज्यादा सेवन से भी बचें. वैसे भी खाने की हज़ार चीजें मौजूद हैं. कुछ दिन उनका लुत्फ़ उठाए!
ज्यादा पैदल चलने से परहेज करें
बारिश के मौसम में मजा आने का एक कारण, तो पानी में छप-छप करके चलने का है.
किन्तु, जितना हो सके इस मौसम में पैदल चलने से बचना चाहिए. वह इसलिए क्योंकि बारिश के पानी में ज्यादा देर पैदल चलने से पैरों और नाखूनों में फंगस लगने का खतरा बढ़ जाता है.
इसके अलावा, इस दौरान वायरल बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
ऐसे में इस मौसम में नंगे पांव चलने से बचना अच्छा माना जाता है.
अगर आप बाहर जाते हैं, तो चप्पल या जूतें ज़रुर पहनें. इसके अलावा, बाहर से आकर अपने गीले जूते और जुराबों को निकाल कर उन्हें धुल दें. ऐसा करने से फंगस से बचा जा सकता है.
जमा न होने दें बरसात का पानी
बरसो रे मेघा-मेघा, बरसो रे मेघा-मेघा ये गाना तो आपने ज़रुर सुना होगा!
बरसात अपने साथ जितनी ख़ुशियाँ लाती है. जाते वक़्त उतनी ही बीमारियाँ भी दे जाती है. इसमे डेंगू, मलेरिया फ़ैलाने वाले मच्छर बरसात के पानी में पनप कर खतरनाक बीमारियाँ फैलाते हैं.
ऐसे में ये बेहद ज़रूरी है कि आप अपने घर के आसपास बिल्कुल पानी जमा न होने दें.
क्योंकि जगह-जगह पानी जमा होने से उनमें मच्छर पैदा होते हैं, जिनसे चिकनगुनिया जैसी बीमारी का भी खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, ज़रुरी है कि समय रहते ही इन मच्छरों का उपाय कर दिया जाए.
वो कहते हैं न इलाज़ से बेहतर है बचाव!
आप अपने घर में मौजूद फर्नीचर पर केरोसिन या अन्य तेल का छिड़काव कर सकते हैं. ये फफूंदी लगने से रोकता है. समय-समय पर कूलर के पानी को भी बदल दें. उसमें कीटनाशक दवाइयों का छिडकाव भी करते रहें.
ऐसी कुछ सावधानियों को बरतकर आप अपना और अपने परिवार का ख्याल रख सकते हैं.
डायबिटीज और अस्थमा के मरीज क्या करें!
बरसात में डायबिटीज के मरीजों को खास ख्याल रखने की ज़रूरत होती है.
खासकर उन्हें अपने पैरों की देखभाल करनी चाहिए. वह इस बात का ध्यान भी रखें कि गीली मिट्टी में नंगे पांव न चलें, क्योंकि इस मौसम में मिट्टी में ज्यादा बैक्टीरिया होना, उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है.
डायबिटीज के शिकार लोगों के पांव में अक्सर दर्द की शिकायत रहती है. ऐसे में, आप सोने से पहले पैर के तलवों में तिल के तेल से मालिश करें.
अस्थमा से ग्रसित लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने चेहरे पर गन्दा हाथ न लगाएं. क्योंकि इस मौसम में वायरस और बैक्टीरिया ज्यादा बढ़ जाते हैं. उन्हें इस मौसम में दिन में सोने से भी बचना चाहिए.
हां, अगर आप बारिश में जानकर या मजबूरी में गीले हो गए, तो घर जाकर नहाना न भूलें.
यहां बरसात के मौसम में होने वाले दुष्प्रभावों की चर्चा करने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आप उसका आनंद लेना भूल जाएं. बस इसके लिए अगर आपको थोड़ी सी सावधानियां बरतने की जरूरत पड़ती है, तो इसमें हर्ज क्या है.
वैसे भी हेल्थ से बढ़कर थोड़ी न कुछ है...
क्य़ो सही कहा न?
Web Title: Things to keep in mind this monsoon, Hindi Article
Feature Image Credit: salonspa