दुनिया का कोई भी स्थान क्यों न हो, उसका एक इतिहास जरुर होता है. यानि उस स्थान से जुड़ी कोई घटना, किस्सा या कुछ और. यह इतिहास अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी…
ज्यादातर देखने में आता है कि जिस किसी स्थान से ऐसी बुरी घटनाएं वास्ता रखती हैं, जोकि निरंतर व एक सामान सी होती हैं. उसे लेकर लोगों की अलग ही मानसिकता बन जाती है.
यूं तो दुनिया में ऐसी ढेरों जगहें हैं, मगर आज जिस जगह के बारे में हम बात कर रहे हैं वह कोई प्राचीन इमारत या कोई खंडर नहीं है.
यह तो आधुनिक समय का एयरपोर्ट है, जो कि नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है.
इसका नाम त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है.
यह हवाई अड्डा अपने बुरे हादसों के लिए दुनिया भर में बदनाम है. हवाई जहाजों के लिए, तो यह हवाई अड्डा काल माना जाता है!
तो चलिए देर न करते हुए जानते हैं कि आखिर क्यों इतना बदनाम है यह एयरपोर्ट–
यूएस बांगला प्लेन क्रैश (2018)
यह मामला इसी वर्ष के मार्च माह का है. 12 मार्च को काठमाण्डु के त्रिभुवन हवाई अड्डे पर यू-एस बांगला एयरलाइंस का प्लेन कैश हो गया!
इस हादसे में विमान में सवार 71 लोगों में से 49 लोगों की मौत हो गई…
इस हादसे को लेकर दुनिया भर के लोगों ने शोक प्रकट किया. हालांकि इस मामले पर एयरपोर्ट अथारिटी ने बताया कि प्लेन क्रैश के लिए जहाज का पायलट ही जिम्मेवार था क्योंकि उसने ए.टी.सी द्वारा दिए ऑर्डर का पालन नहीं किया.
जहाज की लैंडिंग से पहले पायलट को सूचित किया गया था कि हवाई अड्डे पर लैंडिंग के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. इसलिए वह कुछ समय इंतजार कर ले, मगर पायलट ने उनकी बात नहीं सुनी और जहाज को लैंड करवा दिया.
नतीजतन यह हादसा हुआ और 49 लोगों की जान चली गई. इस हादसे में 14 नेपाली यात्री भी मारे गए, जो कि ढाका नेपाल ट्रैवल एजेंसी की ओर से ट्रेनिंग के लिए भेजे गए थे.
Dozens Dead After US-Bangla Plane Crash At Nepal’s Kathmandu Airport (Pic: MarketWatch)
तारा एयर प्लेन क्रैश (2016)
यह दुर्घटना 24 फरवरी 2016 को नेपाल के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में घटी थी, जब तारा एयरलाइंस का एक जहाज 20 यात्रियों और 3 कर्मचारियों के साथ पोखरा से चलकर नेपाल होता हुआ जोमसोम जा रहा था.
हालांकि रास्ते में नेपाल के उत्तरी पहाड़ी क्षेत्र में पहुंच कर वह दुर्घटना का शिकार हो गया!
इस हादसे में जहाज में मौजूद सभी 23 लोग मारे गए. हादसे के बाद जब सुरक्षा दस्ता मौके पर पहुंचा, तो उन्होंने घटना स्थल से करीब 19 शवों को बरामद किया.
वहीं दूसरी ओर बाद में मिले अन्य 4 शव पूरी तरह से जल कर खाक हो चुके थे. इस मामले से जुड़ी शुरुआती जांच में पता चला कि हादसे का कारण धुंध हो सकती है.
इस हादसे पर तारा एयर के प्रवक्ता ने बताया कि मरने वाले यात्रियों में 2 विदेशी, 1 चाइनीज और 1 कुवैती था जबकि अन्य स्थानीय लोग थे.
Tara Air Crash at Nepal, Number Of Person Who Died That Day Ss 23. (Pic: YouTube)
तुर्की एयरलाइंस प्लेन क्रैश (2015)
तीसरी घटना साल 2015 के मार्च माह की है, जब तुर्की एयरलाइंस की फलाइट टी.के 726 त्रिभुवन हवाई अड्डे पर लैंड होते समय दुर्घटना का शिकार हो गई…यह फलाइट इस्तांबुल से चल कर नेपाल आ रही थी. इस दौरान हवाई अड्डे पर लैंड करते समय अचानक हवाई जहाज जमीन पर फिसल गया और अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे के समय विमान में 224 यात्री सवार थे.
हालांकि भाग्यवश किसी भी यात्री को कोई गंभीर चोट नहीं आई और सभी को सही सलामत विमान से उतार लिया गया. इस मामले की जांच में बताया गया कि दुर्घटना का कारण भारी धुंध थी. लैंडिंग के समय अचानक से ट्रैक पर घनी धुंध छट गई और पायलट को ट्रैक का सही अंदाजा नहीं लगा. इसकी वजह से यह हादसा हुआ. इस घटना के बाद नेपाल के इस अंतर्राष्ट्रिय एयरपोर्ट को पूरे दिन के लिए बंद कर दिया गया था.
Turkish Plane Crash Due To Heavy Fog (Pic: badopokeronline.blogspot.com)
सीता एयरलाइंस प्लेन क्रैश (2012)
28 सितंबर 2012. यह दिन भी कुछ ऐसा था कि काठमाण्डु का त्रिभुवन एयरपोर्ट सुर्खियों में छाया हुआ था. इसका कारण था कि एयरपोर्ट से टेक ऑफ किया एक जहाज क्रैश हो गया, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई. मरने वालो में 16 यात्री और 3 जहाज के कर्मचारी थे. हादसे के बारे में बताया गया कि सीता एयरलाइंस का डोरनेर एयरक्राफ्ट 9 एन. ए.एच.ए- डी 228 ने जैसे ही त्रिभुवन अड्डे से उड़ान भरी, तो अचानक से उसके इंजन में आग लग गई.
इसके चलते जहाज ज्यादा समय तक हवा में नहीं रह पाया और मनहरा नदी के निकट स्थित क्षेत्र कोटेश्वर में गिर गया. इस मामले पर त्रिभुवन एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने कहा कि शायद टेक ऑफ के बाद कोई पक्षी प्लेन के इंजन से टकरा गया होगा, जिस कारण उसमें आग लग गई.
मारे गए लोगों में से 13 लोग भारतीय श्रद्धालु थे, जो कि तिब्बत बॉर्डर के निकट स्थित प्रसिद्ध मुक्तिधाम मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे थे.
Sita Airlines Plane Crash Just After Take Off From Kathmandu Airport (Pic: Quartz)
पाकिस्तान प्लेन क्रैश (1992)
28 सितंबर 1992 में हुआ यह हादसा आज तक के सबसे बड़े हवाई हादसों में जाना जाता है. इस हादसे में विमान में सवार 167 लोगों में से कोई भी बच नहीं पाया था. हादसे का कारण तेज बारिश के दौरान गिरी आसमानी बिजली थी, जिसने हवाई जहाज को बुरी तरह से क्षति पहुंचाई.
इस दौरान जब जहाज काठमाण्डु एयरपोर्ट पर उतरा तो दुर्घटना का शिकार हो गया. यह जहाज कराची से चला था. इस दुर्घटना पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताया कि मरने वालो में 148 यात्री 12 क्रू मेंबर, 4 एयर गार्ड और तीन इंजिनियर थे.
हादसे के कुछ समय बाद पाकिस्तान एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से हादसे में मारे गए यात्रियों की सूची जारी की गई जिसमें बताया गया कि मरने वाले यात्रियों में 12 पाकिस्तानी, 35 ब्रिटेन, 38 स्पैनिश, 29 नेपाली, 13 डच, 10 इटालियन, 3 अमेरिकन, 2 स्विस, 2 कैनेडियन, 2 बांग्लादेशी, 1 जर्मन और 1 एक जापानी यात्री था. जांच में पता चला था कि जहाज अपनी समान्य उचांई से 450 मीटर नीचे उड़ रहा था.
One Of The Big Plane Crash Incident, Where 167 People Was Died (Representative Pic: Financial Tribune)
बहरहाल यह थे नेपाल के काठमाण्डु एयरपोर्ट से जुड़े कुछ दर्दनाक हादसे.
हादसों के कारण कई लोग इस एयरपोर्ट को शापित मानते हैं, तो कई इसे किस्मत का खेल कहते हैं. हालांकि देखा जाए, तो इन सभी हादसों के पीछे वाजिब वजह थी.
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Web Title: Tribhuvan Airport: This Place Is World Famous For Plane Crashes, Hindi Article
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