किसी भी इंसान के लिए कोई न कोई वस्तु, या फिर किसी का साथ उसके जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसी के साथ ही कुछ लोगों के जीवन में कोई न कोई नंबर बहुत ही लकी और खास होता है.
किन्तु, जब इसी खास नंबर का वास्ता उसके धर्म से जुड़ जाए, तब इस नंबर का महत्व और भी बढ़ जाता है.
ठीक इसी तरह 786 नंबर है. यह जहां एक तरफ इस्लाम धर्म के मानने वालों के लिए उनकी आस्था से जुड़ा हुआ है, वहीं दूसरी तरफ यह कई इंसानों के भाग्य से भी रिश्ता बनाने में सफल रहा है.
वहीं 786 नंबर का हमारी भारतीय फिल्मों से भी पुराना नाता रहा है. खासकर बॉलीवुड सुपरस्टार अमिताभ बच्चन से इसका रिश्ता और भी गहरा है.
ऐसे में इस नंबर से जुड़े पहलुओं को जानना दिलचस्प रहेगा-
इस्लाम धर्म में इन तीन अंकों (786) का महत्व
786 मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अंक माना जाता है. ज्यादातर मुसलमानों के बीच एक ऐसी धारणा बनी है कि 786 का इस्तेमाल हम अरबी के शब्द ‘बिस्मिल्लाह हिर्रहमाननिर रहीम’ के स्थान पर कर सकते हैं.
इस शब्द का उर्दू अनुवाद है ‘शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम पर, जो निहायत ही मेहरबान और रहमदिल वाला है’.
इस्लाम धर्म में इस शब्द का महत्व बहुत ही अधिक है. क्योंकि मुस्लिम धर्म के लोग कोई भी काम शुरू करने से पहले बिस्मिल्लाह का इस्तेमाल करते हैं. इनका मानना है कि ऐसा करने से हर काम आसान और पूरा हो जाता है.
शायद यही वजह है कि इस अरबी शब्द के स्थान पर ज्यादातर लोग 786 अंक का इस्तेमाल करते हैं.
अलग-अलग हैं इस्लामिक विद्वानों के मत!
इन तीन अंकों का इस्तेमाल हिंदुस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान, और म्यांमार खासकर सिर्फ एशियाई देशों में ज्यादा किया जाता है. लेकिन इस नंबर का इस्लाम से किस तरह का रिश्ता है या नहीं भी इस पर लोगों की अलग-अलग राय है.
कुछ लोगों का मानना है कि ‘बिस्मिल्लाह हिर्रहमाननिर रहीम’ को अगर अरबी के अलिफ़ और बे (अल्फाबेट) के सिक्वेंस में अंकों का इस्तेमाल किया जाए और फिर उन अंको को एक साथ जोड़ने पर टोटल नंबर 786 आता है.
इसीलिए 786 नंबर का इस्तेमाल बिस्मिल्लाह की जगह पर किया जाता है.
लेकिन इस्लामिक धर्म गुरुओं की बात करें तो 786 का अभी तक कोई सही व्याख्यान सामने नहीं आया है. और न ही इस नंबर का ज़िक्र कुरान में किया गया है. इस तरह इनके लिहाज़ से 786 नंबर का इस्लाम धर्म से कोई वास्ता नहीं है.
महज यह एक अवधारणा है.
हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि ‘बिस्मिल्लाह हिर्रहमाननिर रहीम’ को किसी कागज या इश्तेहार में लिखने पर उसकी बेदबी होती है. क्योंकि अक्सर मुस्लिम समुदाय कोई भी प्रचार के लिए बिस्मिलाह का प्रयोग करना चाहता है.
किन्तु, प्रचार के बाद उस पोस्टर या पम्पलेट को ज़मीन या कूड़ों में फेंक दिया जाता है, इसीलिए बिस्मिल्लाह की जगह पर उसका नंबर 786 इस्तेमाल करते हैं. ताकि, इस महत्वपूर्ण शब्द का उनकी आस्था के हिसाब से प्रयोग भी कर लिया जाए
साथ ही इस अरबी शब्द का सम्मान भी.
इन सभी तर्कों और मतों के बावजूद 786 नंबर इस्लाम धर्म के अनुयायिओं में एक आस्था के रूप में प्रचलित है और कुछ मुस्लिमों के लिए ये अंक बड़ा बरकत वाला माना जाता है.
भगवान श्री कृष्ण से भी है 786 का रिश्ता
786 का जितना गहरा रिश्ता इस्लाम धर्म से है, उतना ही हिन्दू धर्म से भी है!
हिन्दू धर्म में 786 का सबसे गहरा रिश्ता भगवान श्री कृष्ण से है. हम सब इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि भगवान कृष्ण बांसुरी को बजाया करते थे. उनकी बासुंरी की आवाज़ ने न जाने कितने को अपना भक्त बना लिया था.
इसी कड़ी में कहा जाता है कि जब कृष्ण जी बांसुरी को बजाते थे, तो वे उसके सात सुरों अर्थात सात छिद्रों को अपने दोनों हाथों की तीन-तीन उँगलियों का इस्तेमाल करते थे. इस तरह 7 नंबर का संबंध उनकी बांसुरी से निकली सुरों से, 6 का रिश्ता उनकी उँगलियों के इस्तेमाल से है. इसी के साथ ही भगवान श्री कृष्ण देवकी की आठवीं औलाद थे, तो इनका ताल्लुक 8 नंबर से भी है.
इस तरह 786 नंबर को भगवान श्री कृष्ण जी से भी जोड़कर देखा जाता है.
इसी के साथ हिन्दू धर्म में ॐ शब्द बड़ा ही शुभ माना जाता है. अगर इस शब्द की बनावट पर गौर करें तो 786 नंबर ॐ शब्द से भी संबध रखता है. अगर आप 786 को हिंदी के अंकों ७८६ में लिखें, तो आप इसकी आकृति पर गौर से ध्यान दें.
ऐसे में आप देखेंगे कि यह ॐ शब्द की बनावट से मेल खाता हुआ दिखेगा
इस बात का विश्लेषण प्रसिद्ध शोधकर्ता राफेल पताई ने अपनी किताब ‘द जीविस माइंड’ में किया है कि 786 की हिंदी आकृति पर गौर किया जाए तो यह संस्कृत के ॐ शब्द से मिलता हुआ दिखाई देगा.
इस लिहाज से 786 शब्द का रिश्ता मुस्लिम और हिन्दू दोनों के लिए शुभ माना जाता है.
एक तरफ मुस्लिम जहां इसको बरकत वाला नंबर मानते हुए इसका इस्तेमाल करते है, वहीं हिन्दू भी इस नंबर को शुभ मानते हैं. इसी के साथ ही इस नंबर का क्रेज लोगों के दिलों दिमाग पर छाया रहता है.
786 नंबर को अपने पास रखने की दीवानगी
786 नंबर का रिश्ता धर्मों से जुड़ा होने की वजह से कई लोगों का लकी नंबर भी माना जाता है.
एक तरफ जहां बच्चे 786 नंबर की नोटों को अपने पास इकठ्ठा करते हुए नज़र आते हैं, वहीं दूसरी तरफ नौजवानों में भी 786 गाड़ी का प्लेट नंबर पाने की होड़ मची रहती है. खासकर मुस्लिम नौजवानों में 786 का गाड़ी नंबर बहुत ही प्रचलित है, जिसके लिए वे कई बार अधिक रूपये भी खर्चा करते हैं.
इसी के साथ कई लोगों में अपने सिम कार्ड में भी 786 नंबर पाने की चाहत होती है.
खासकर मोबाइल नंबर के लास्ट 3 अंकों में. इस नंबर की मांग को देखते हुए कई नेटवर्क कंपनियों ने इस खास नंबर को मोबाइल नंबर की दस डिजिट में जगह भी दी. इसके लिए इन कंपनियों ने लोगों से अधिक रेट में सिम कार्ड को बेचा.
यहां तक कि आईडिया कंपनी ने 786 के स्टार्टिंग नंबर का सिम अपने ग्राहकों के लिए मार्केट में लेकर आई.
786 नंबर का बॉलीवुड से भी गहरा रिश्ता
ठीक इसी तरह 786 नंबर का बॉलीवुड से भी गहरा रिश्ता है. इस नंबर का इस्तेमाल कई बॉलीवुड फिल्मों में भी किया गया है. फिर चाहे वो अक्षय कुमार की फिल्म का नाम ‘खिलाड़ी 786’ हो या फिर अमिताभ बच्चन की फिल्म में इसका प्रयोग.
बिग बी की फिल्म ‘दीवार’ में उनके द्वारा निभाए गए किरदार में 786 नंबर को बड़ी अच्छी तरह फिल्माया गया.
इस फिल्म में 786 नंबर को बड़ा ही शुभ और लकी दिखाया गया है. फिल्म के शॉट में अमिताभ को गोली लगती है, मगर उनकी जेब में 786 नंबर का बिल्ला रखे होने की वजह से उनकी जान बच जाती है.
बाद में फिल्म के अंत में इस बिल्ले के गिरने से इनकी गोली लगने से मौत हो जाती है. इसी के साथ अमिताभ बच्चन की फिल्म कुली में भी इस नंबर का इस्तेमाल किया गया. अमिताभ अपने वास्तविक जीवन में भी इस नंबर को शुभ मानते हैं!
तो ये थी 786 नंबर से जुड़ी कुछ रोचक बातें.
अगर आप भी इस खास नंबर से जुड़ी कुछ बातों के बारे में जानकारी रखते हैं, तो कृपया कमेंट बॉक्स में हमें ज़रूर बताएं.
Web Title: Importance of 786 Number, Hindi Article
Feature Image Credit: styleprer