उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे -वैसे विभिन्न राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने चुनावी समीकरण को साधने की रफ़्तार तेज करती जा रही हैं. अभी हाल ही में सपा और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन ने यूपी में विपक्षी पार्टियों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं, तो इसका श्रेय भी ‘प्रियंका गाँधी’ और ‘डिम्पल यादव’ को ही दिया जा रहा है. इन दोनों के साथ-साथ आखिर और कौन महिलाएं हैं जो उत्तर प्रदेश के चुनाव में अपनी स्टार प्रेजेंस से सबका ध्यान खींचने वाली हैं? आइये देखें हैं …
प्रियंका गाँधी
इन्हें कांग्रेस पार्टी का ‘ट्रम्प कार्ड’ भी कहा जाता है. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है, जिसमें प्रियंका गांधी का नाम प्रमुख रूप से से शामिल है. वैसे अब तक इस चर्चित राजनीतिक हस्ती को पर्दे के पीछे से ही राजनीति करने वाली नेता के रूप में जाना जाता था, किन्तु इस बार वह खुलकर सामने आ रही हैं. कांग्रेस पार्टी की हालत बेशक कितनी भी ख़राब हो, किन्तु प्रियंका गाँधी को मीडिया लगातार कवरेज देगी, इस बात में दो राय नहीं! कारण स्पष्ट है कि हमेशा से ही प्रियंका की तुलना उनकी दादी, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से की जाती रही है. इसके साथ देश के सबसे पुराने राजनीतिक परिवार से नाता रखने वाली प्रियंका गांधी का व्यक्तित्व काफी आकर्षक है, तो मॉडर्न कपड़ों के साथ, खासकर चुनाव के समय उनकी खादी और सिल्क की साड़ियों की भी खासी चर्चा होती है. अब तक वो राहुल और सोनिया गाँधी के लिए अमेठी और रायबरेली में ही सभाएं करती रही हैं, किन्तु अबकी बार उत्तर प्रदेश के दुसरे हिस्सों में भी उनकी सभाएं होंगी तो कांग्रेस की जनसभा में भारी भीड़ जुटना तय माना जा रहा है.
Star Women Campaigner in UP Election 2017 (Pic: tvindialive.in)
डिम्पल यादव
राजनीति की दुनिया में पिछले तीन चार महीनों से हलचल मचाने वाले उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार की बहु एवं यूपी के सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव भी खासी चर्चा में हैं. यादव वोटर्स के बीच डिम्पल की छवि एक आदर्श बहु के रूप में है, तो हालिया दिनों में अखिलेश यादव की परछाईं की तरह उन्हें देखा जा रहा है. दोनों पति पत्नी की केमिस्ट्री कुछ ऐसी है कि अगर एक सभा में दोनों साथ पहुँच जाएँ तो फिर भीड़ के जोश का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है. हालाँकि उन्हें माइक पर बहुत कम ही देखा गया है, किन्तु इस बार सपा के चुनाव प्रचार में वह स्टार कैंपेनर के तौर पर उतर रही हैं. जाहिर है, खूब जमेगा रंग जब … … !!
स्मृति ईरानी
टेलीविजन की दुनिया से आईं स्मृति किसी परिचय की मोहताज नहीं है. अगर बात केंद्र सरकार की करें तो उसके सर्वाधिक चर्चित मंत्रियों में ईरानी का नाम शामिल रहा है. पिछले कुछ दिनों तक यूपी सीएम के भाजपा उम्मीदवार के तौर पर उनके नाम की घोषणा का अनुमान लगाया जा रहा था और अगर भाजपा सत्ता में आयी तो वह ‘अंडरडॉग’ साबित भी हो सकती हैं. 2003 में राजनीतिक जीवन शुरू करने वालीं स्मृति 2011 में गुजरात से राज्य सभा सांसद बनीं तो 2014 के आम चुनाव में अमेठी से चुनाव लड़कर पूरे देश में चर्चित हो गयीं. राजनीति से पहले एकता कपूर के सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहु थी’ की संस्कारी बहु की लोकप्रियता का आलम कुछ यूं है कि जब वह स्टेज पर दहाड़ती हैं, तो विपक्षियों की बोलती बंद हो जाती है. अपनी बोल्डनेस, दमदार आवाज़, आकर्षक व्यक्तित्व और जुझारूपन की वजह से उन्हें अमेठी में चुनाव हारने के बावजूद भी मानव संसाधन विकास मंत्री का हाई प्रोफाइल ओहदा प्राप्त हुआ. भाजपा के स्टार प्रचारकों में स्मृति ईरानी का नाम पहले ही शामिल है. स्मृति की जो सबसे बड़ी खूबी है, वह यह है कि उन्हें पता होता है कि जनता में कैसे जोश भरना है!
Star Women Campaigner in UP Election 2017 (Creative: Team Roar)
अनुप्रिया पटेल
भाजपा से गठजोड कर 2014 में मिर्जापुर संसदीय सीट से सांसद बनीं अपना दल की अनुप्रिया पटेल फिलहाल नरेन्द्र मोदी मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री हैं. उत्तर प्रदेश की जातिगत राजनीति में कुर्मी बिरादरी का अहम रोल है और इस बिरादरी में अनुप्रिया पटेल का ख़ासा प्रभाव माना जाता है. इनके पिता और अपना दल के संस्थापक दिवंगत सोनेलाल पटेल के उत्तराधिकारी के तौर पर वोटर्स इन्हें ही देखते हैं. भाजपा को भी इस महिला की अहमियत भली भांति पता है और आने वाले चुनाव में वह इसका इस्तेमाल करना चाहेगी. अनुप्रिया को अपना दल का प्रगतिवादी चेहरा माना जाता है, इसलिए पार्टी विवाद में कार्यकर्ताओं ने अनुप्रिया का साथ देते हुए इनकी माँ कृष्णा पटेल को ही पार्टी से बाहर निकाल दिया था. युवा अनुप्रिया की छवि काफी लुभावनी हैं और उन्हें एक ‘भीड़ जुटाऊ’ नेता के तौर पर देखा जाता है.
Star Women Campaigner in UP Election 2017 (Creative: Youtube)
बसपा सुप्रीमो मायावती
वो कहते है न कि ‘नया नौ दिन, पुराना सौ दिन’, तो इसी तर्ज पर बसपा सुप्रीमो मायावती को देखा जा सकता है. ऊपर की सभी महिलाओं से इनका कद काफी बड़ा है तो यूपी जैसे बड़े राज्य की चार-चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. हालाँकि, माया और विवाद का सम्बन्ध चोली-दामन का रहा है, फिर भी इस महिला ने ऐसा मुक़ाम हासिल किया, जैसा इतिहास में कम ही देखने को मिलता है. बसपा की सुप्रीमो मायावती बहनजी के नाम से मशहूर हैं और उनका अपने समर्थकों में इतना जबरदस्त क्रेज़ है कि उनकी रैलियों में लोग धुप और बरसात की परवाह किये बिना घन्टो, भूखे प्यासे डटें रहते हैं. अपने समर्थकों और दलितों के लिए मायावती किसी देवी से कम नहीं हैं और उनकी लोकप्रियता ‘कालजयी’ है. उनकी पार्टी से स्टार प्रचारक के रूप में वह सबसे बड़ा चेहरा हैं और उनकी पार्टी को बहुमत मिलने की सूरत में मुख्यमंत्री पद की दावेदार भी!
Web Title: Star Women Campaigner in UP Election 2017
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