फीफा वर्ल्ड कप जब से शुरू हुआ है, तब से इसमें कई अनोखे रिकॉर्ड बने हैं. लेकिन इसके साथ ही यह टूर्नामेंट कंट्रोवर्सी से भी दूर नहीं रहा है.
डिएगो माराडोना से लेकर 2018 के विश्व कप का आयोजन रूस को देने तक, फीफा विश्व कप हमेशा विवादों से घिरा रहा है.
तो आईए हम फीफा से जुड़े ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण विवादों को जानते हैं-
डिएगो माराडोना का 'हैंड ऑफ गॉड'
1986 के फीफा विश्वकप सेमिफाईनल में अर्जेंटीना के जाने-माने खिलाड़ी डिएगो माराडोना ने इंग्लैंड के खिलाफ एक विवादित गोल किया. यह गोल हैंड ऑफ़ गॉड के नाम से मशहूर हुआ.
असल में इस मैच से चार साल पहले इंग्लैण्ड और अर्जेंटीना के बीच एक युद्ध हुआ था. इसलिए इस मैच को पूरे विश्व में बड़े ध्यान से देखा जा रहा था. मैदान में भी माहौल बहुत गर्म था.
इस मैच में दोनों टीमें किसी भी कीमत पर एक दूसरे को हराना चाहती थीं. मैच शुरू हुआ तो पहला गोल अर्जेंटीना की तरफ से माराडोना ने कर दिया.
असल में ऐसा प्रतीत हुआ कि फुटबाल को माराडोना ने अपने सर की सहायता से गोल पोस्ट में डाला है. लेकिन असल में उन्होंने यह गोल अपने बाएँ हाथ से किया था. रेफरी इसको पकड़ नहीं पाए थे.
मैच के बाद जब माराडोना से इस गोल के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि यह गोल थोड़ा उनके सर से और थोड़ा भगवान के हाथ की मदद से किया गया.
आगे इस गोल के पांच मिनट के बाद माराडोना ने एक ऐसा गोल किया, जिसे शदी का सबसे अच्छा गोल कहा जाता है. इस गोल के बाद ‘हैंड ऑफ़ गॉड’ पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई. इस मैच में अर्जेंटीना को जीत हासिल हुई.
दक्षिण कोरिया की मैच फिक्सिंग
यह विवाद 2002 के वर्ल्ड कप के दौरान हुआ. इस वर्ल्ड कप का आयोजन दक्षिण कोरिया में हुआ था. इस वर्ल्ड कप में दक्षिण कोरिया की टीम ने आशाओं से कहीं अधिक अच्छा प्रदर्शन किया. इसलिए कई फ़ुटबाल विशेषज्ञों को शक हुआ कि कोरिया की टीम ने मैच फिक्स किए हैं.
अंतिम 16 के राउंड में दक्षिण कोरिया की टीम इटली के सामने थी. इस बीच इटली के एक खिलाड़ी ने गोल किया तो इक्वाडोर के रेफरी बायरन मरीनो ने इसे निरस्त कर दिया. आगे दक्षिण कोरिया यह मैच 2- 1 से जीत गई.
वहीं अगले राउंड में दक्षिण कोरिया का सामना स्पेन से था. इस मैच में मिश्र के रेफरी ने स्पेन के दो गोलों को निरस्त कर दिया. मैच फिर पेनल्टी शूटआउट में पहुंचा तो दक्षिण कोरिया ने यह मुकाबला 5- 3 से जीत लिया.
यहाँ इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए कि इस प्रतियोगिता के ख़त्म होते ही इन दोनों ने रेफरी ने संन्यास ले लिया.
शेख ने निरस्त करवाया फ़्रांस का गोल
यह विवाद 1982 के विश्व कप से जुड़ा हुआ है. मैच फ़्रांस और कुवैत के बीच खेला गया था. फ़्रांस ने कुवैत के खिलाफ गोल किया. लेकिन गोल होने के बाद कुवैत के खिलाड़ियों ने कहा कि फ़्रांस के खिलाड़ी ने गोल तब किया है, जब रेफरी ने सीटी बजा दी थी.
उन्होंने आगे कहा कि सीटी बजने के बाद हमने खेलना बंद कर दिया था, इसलिए फ़्रांस का यह गोल रद्द किया जाए. कुवैती दर्शक भी अपनी टीम का पुरजोर समर्थन कर रहे थे. लेकिन रेफरी नहीं माना. इसी बीच कुवैत के राष्ट्रपति शेख फहाद मैदान पर आ गए.
उन्होंने भी इस गोल के खिलाफ प्रतिवाद किया तो रेफरी को इस गोल को निरस्त करना पड़ा. आगे फ़्रांस ने एक और गोल किया और मुकाबला जीत लिया.
सैंटियागो की लड़ाई
जैसा की हेडिंग से पता चल रहा है, इस मैच में सचमुच की लड़ाई हुई. यह 1962 के विश्व कप की कहानी है. इस मैच में चिली और इटली आमने-सामने थे. इस लड़ाई का गोल से कोई संबंध नहीं था.
असल में मैच से पहले इटली के एक पत्रकार ने सैंटियागो को कूड़े का ढेर बोला था. इसको लेकर चिली की टीम काफी नाराज थी.
मैच शुरू हुआ तो 12 वें सेकंड में ही पहला फ़ाउल हो गया. मैच के बारहवें मिनट में जोर्जिओ फेर्रिनी को रेफरी ने मैदान से बाहर जाने का निर्णय सुनाया. लेकिन फेर्रिनी ने बाहर जाने से मना कर दिया.
इसके बाद मैदान पर पुलिस आई और फेर्रिनी को बाहर ले गई. मैच आगे बढ़ा तो इटली और चिली के खिलाड़ियों के बीच समय- समय पर हाथापाई हुई.
इस हाथापाई में खिलाडियों ने एक दूसरे पर अपने सर से वार किया. एक खिलाड़ी की नाक भी टूट गई. कई खिलाड़ियों ने एक दूसरे पर थूका भी.
इस पूरे मैच में पुलिस को तीन बार मैदान पर आना पड़ा. आगे चिली ने यह मैच 2-0 से जीता. इस मैच का हासिल यह हुआ कि फ़ुटबाल में रेड और येल्लो कार्ड चलन में आए.
जोफ हर्स्ट का विवादित गोल
यह विवाद 1966 के विश्व कप से जुड़ा है. यह विश्व कप इंग्लैंड में हुआ था. फाइनल मैच में इंग्लैण्ड के सामने पश्चिमी जर्मनी की टीम थी. फुल टाइम तक दोनों टीम 2-2 की बराबरी पर थीं.
अतिरिक्त समय में जब मैच पहुंचा तो 11 वें मिनट में इंग्लैंड के जोफ हर्स्ट ने गोल की तरफ शॉट मारा. बोल गोल के ऊपरी हिस्से से टकराकर नीचे गिर गई और गोलकीपर ने उसे पकड़ लिया. विवाद यहीं से शुरू हुआ.
पहले तो रेफरी ने इसे गोल नहीं माना. लेकिन अंग्रेजी खिलाड़ियों के प्रतिवाद करने पर रेफरी ने मैदान पर उपस्थित लाइनमैन्स से सलाह- मशविरा किया. उन्होंने रेफरी को बताया कि बाल गोल-लाइन को पार कर गई थी. इसके बाद रेफरी ने इसे गोल करार दिया.
बाद में फुटेज देखने के बाद विशेषज्ञों ने पाया कि यह गोल नहीं था. आगे हर्स्ट ने एक और गोल किया और अपनी टीम को 4-2 से विश्व कप का विजेता बनाया.
तो ये थीं फीफा विश्व कप से जुड़ीं कुछ विवादित घटनाएं.
अगर आपके पास भी ऐसी किसी विवादित घटना की जानकारी हो तो हमें कमेन्ट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: How Much Do You Know About These Football Controversies, Hindi Article
Feature Image Credit: Extra