गोलकीपर फुटबॉल का वो खिलाड़ी होता है, जिसे अक्सर सबसे कम पहचाना जाता है. हालांकि, उसके बिना फुटबॉल का पूरा खेल ही अधूरा होता है.
अकसर लोगों के पसंदीदा फुटबॉल खिलाड़ी गोल करने वाले होते हैं. इसमें रोनाल्डो और मेस्सी का नाम सबसे ऊपर आता है.
हालांकि, वह ये भूल जाते हैं कि फुटबॉल में सिर्फ गोल करने वाले ही नहींं गोल रोकने वाले भी होते हैं. गोलकीपर से छूटा हुआ एक गोल पूरे गेम को बदल सकता है.
यही कारण है कि फुटबॉल में गोलकीपर एक बहुत ही महत्वपूर्ण खिलाड़ी होता है. तो चलिए, क्यों न आज जाने फुटबॉल जगत के सबसे सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों के बारे में.
वही गोलकीपर जिनके आगे बड़े-बड़े स्ट्राइकरों का भी पसीना निकल जाता है–
गिआनलुइगी बुफोन (इटली)
बुफोन के खिलाफ खेल चुके खिलाड़ी उनके लिए कहते हैं कि उनके खेल में कोई भी कमी खोजना असंभव है.
बुफोन ने नवंबर 1995 में पर्मा के लिए अपनी पहली शुरुआत की. वह जूनियर टीम का हिस्सा थे, जिसने यूईएफए यू-21 चैंपियनशिप जीती.
1997 में उन्होंने खुद को अपने क्लब के नियमित स्टार्टर के रूप में स्थापित किया. बुफोन फुटबॉल में अपने बेहतर एथलेटिक प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं.
मूल रूप से वह एक मिडफील्डर थे मगर, 11 साल की उम्र में उन्होंने खुद को एक गोलकीपर में बदल दिया. आज बुफोन इटली की नेशनल टीम का हिस्सा हैं.
जब यह गोल पोस्ट पर होते हैं, तो कोई भी आसानी से गोल नहींं कर पाता है. पल भर में ही बुफोन कूदकर बॉल को गोल होने से रोक देते हैं.
अपनी इसी कला के लिए आज यह दुनिया भर में मशहूर हैं. यही कारण है कि इनका नाम सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर के लिए लिया जाता है.
लेव यासीन (रूस)
'बैलोन डी ओर' पुरस्कार जीतने वाले एकमात्र गोलकीपर हैं लेव यासीन. बैलोन डी ओर एक ऐसा खिताब है जिसे यूरोप में सबसे अच्छे फुटबॉल खिलाड़ी को दिया जाता है.
यह हमेशा ही फुटबॉल में गोल करने वाले को दिया जाता था मगर लेव की बदौलत यह एक गोलकीपर को भी मिला.
लेव न यह कारनामा अपने अत्यंत ही बढ़िया खेल के द्वारा कर दिखाया. एक फुटबॉल स्टार बनने से पहले, 1 949-1950 तक लेव याशिन बहुत सफल खिलाड़ी नहींं थे.
अपने शुरूआती दिनों में उन्होंने एक कारखाने में काम किया. ये बाद है सन 1943 की. उसके बाद यासीन ने पहले तो आइस हॉकी खेलना शुरू किया, लेकिन उस में भी वो सफल नहींं हुए.
उनकी किसमत तो फुटबॉल में थी. उन्होनें मास्को की लोकल टीम से पहले फुटबॉल खेलना शुरू किया. वो सारा दिन फैक्टरी में काम करते और उसके बाद सीधे मैदान में जाकर फुटबॉल की प्रैक्टिस करते.
इसके बाद उनकी मेहनत रंग लाई और अपने क्लब डायनेमो मास्को के साथ, लेव याशिन यूएसएसआर (1954, 1955, 1957, 1959 और 1963) के पांच बार के चैंपियन बने, और यूएसएसआर के फुटबॉल कप के तीन बार विजेता बने.
कहते हैं कि जिस तरह से वह गोल होने से बचाते थे, वैसा कोई और नहींं कर सकता था. यही कारण है कि, आज भी उन्हें सबसे बेहतर गोलकीपर में गिना जाता है.
पीटर सचमिचेल (इंग्लैंड)
पीटर सचमिचेल एक पेशेवर फुटबॉल गोलकीपर थे. उन्हें 1992 और 1993 में वर्ल्ड का बेस्ट गोलकीपर भी चुना गया था. अपने पूरे जीवन में पीटर ने बहुत कुछ जीता, सिवाए वर्ल्ड कप के.
इंग्लिश क्लब मैनचेस्टर यूनाइटेड में उनके सबसे सफल वर्षों के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है. उन्हें 1999 के यूईएफए चैंपियंस लीग में कप्तान भी बनाया गया था, जिसमें उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया.
जब उन्होंने फुटबॉल खेलना शुरू किया, तो वह 1984 और 1987 के बीच कई क्लब के साथ खेले. इस दौरान उन्होंने कई बड़े टूर्नामेंट भी अपने नाम किए.
1989 में उन्होंने डेनिस कप जीता और 1991 में उन्होंने डेनिस सुपर लीग भी जीती. इसके बाद वह £505,000 में खरीद लिए गए और मैनचेस्टर यूनाइटेड चले गए.
पीटर सचमिचेल ने मैनचेस्टर यूनाइटेड के साथ आठ साल बिताए और प्रीमियर लीग जीतने में उनकी मदद की.
वह कई साल तक मैनचेस्टर यूनाइटेड से खेलते हुए उनके गोल बचाते रहे. उन्होंने अपने करियर में इतना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया कि, आज भी उनका नाम हर किसी की जबान पर है.
डिनो जॉफ (इटली)
डिनो जॉफ वो व्यक्ती हैं, जिन्होंने 40 साल की उम्र में 1982 के टूर्नामेंट में इटली को जीत दिलाए थी. 40 साल की उम्र को अक्सर फुटबॉल में रिटायरमेंट की उम्र माना जाता है.
हालाँकि, उस उम्र में भी उन्होंने साबित कर दिया कि वह एक अच्छे नहीं बल्कि एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं. इटली में डिनो जॉफ सिर्फ एक आम गोलकीपर के तौर पर नहींं थे.
वह जाने जाते थे एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में जिसने इतिहास रच दिया. उनके खेल के सामने कभी भी उनकी उम्र आड़े नहीं आई.
गॉर्डन बैंक्स (इंग्लैंड)
इंग्लैंड ने पिछले कुछ वर्षों में गोलकीपिंग किंवदंतियों की एक लंबी लाइन बनाई है. उनमें से सबसे अच्छे गॉर्डन बैंक्स थे. शेफील्ड में पैदा हुए, वह 1955 में अंशकालिक समर्थक के रूप में तीसरे डिवीजन साइड चेस्टरफील्ड में शामिल किए गए.
चार वर्षों के बाद, बैंक्स बड़े कार्यों के लिए तैयार थे और 1959 में लीसेस्टर सिटी में £7000 के लिए शामिल हो गए.
इसके बाद उन्होंने टीम में रहते हुए कई महत्वपूर्ण मौकों पर उनकी मदद की. कहते हैं कि इनकी बदौलत ही कई बार टीम हारने से बची.
1963 में एक और एफए कप फाइनल हारने के बाद, गॉर्डन अंततः लीग कप में विजेता पदक लेने में कामयाब हुए. गॉर्डन अब तक इंग्लैंड टीम में थे और अपना नाम विश्वव्यापी बनाना शुरू कर दिया था.
इतिहास में केवल यही महानतम गोलकीपर नहींं हैं. इनके अलावा भी बहुत सारे गोलकीपर हैं, जिनका नाम विश्व भर में प्रसिद्ध है. हालांकि, यह कुछ ऐसे गोलकीपर हैं, जिन्होंने दुनिया को अपने खेल से हैरान कर दिया.
आप भी किसी ऐसे गोलकीपर के बारे में जानते है तो हमें जरूर बताए...
Web Title: Best Goalkeeper In Football World, Hindi Article
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