फुटबॉल एक ऐसा खेल है, जिसकी सुंदरता से हर कोई वाकिफ है. आप अगर फुटबॉल को प्यार करते हैं, तो इस से ज्यादा किसी खेल में फैंस का उत्साह देखने को नहीं मिलता. मैच के दौरान धड़कनों का तेज हो जाना तो आम बात है.
फुटबॉल वर्ल्ड कप के इतिहास में आखिरी 5 मिनट में किए गए गोल के दम पर अपनी पसंदीदा टीम को विश्व विजेता बनकर देखने से अच्छा अहसास हो ही नहीं सकता.
तो आईए जानते हैं कि वह मौके कौन से रहे, जब यह इतिहास रचा गया-
एंड्रियासब्रेम (जर्मनी) –85वां मिनट
अर्जेंटीना बनाम जर्मनी, 1990 वर्ल्ड कप (फाइनल). 1990 फीफा वर्ल्ड कप में जर्मनी और अर्जेंटीना के बीच रोम के मैदान पर खेला गया खिताबी मुकाबला वर्ल्ड के इतिहास का सबसे रोमांचक मुकाबला जाना जाता है. उस वक्त लगातार दो वर्ल्ड कप में ऐसा पहली बार हुआ था कि फाइनल में जर्मनी और अर्जेंटीना ने अपनी जगह बनाई थी.
इस वर्ल्ड कप में पूरे टूर्नामेंट के दौरान जर्मनी का प्रदर्शन शानदार रहा था. टीम अपने स्टार खिलाड़ियों लोथर मैटहॉस,जर्गन क्विंसमैन, रूडी वोलरऔर एंड्रियास ब्रेमके अंडर लगातार विजयी रही. तो वहीं उस समय की चैम्पियन टीम अर्जेंटीना ने ग्रुप स्टेज के मैचों में धीमी शुरुआत की, लेकिन जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ा.
उनका प्रदर्शन भी निखरता चला गया. आगे सेमीफाइनल में अर्जेंटीना ने इटली को हराकर फाइनल में प्रवेश किया.
फाइनल मुकाबला कुछ यूं रहा कि खेल के 84वें मिनट तक दोनों टीमें गोल रहित थी, लेकिन जैसे फिर वो एक लम्हा आया जर्मनी बाजी मार गई. जी हां! जब मैच के खत्म होने में महज 5 मिनट का समय बचा था, तब जर्मनी के स्ट्राइकर एंड्रियास ब्रेम ने (85वें मिनट में) टीम कि जिम्मेदारी लेते हुए पेनाल्टी शुटआउट में एक शानदार गोल दागा.
इसके साथ ही जर्मनी वर्ल्ड चैम्पियन बना!
डेनिसबर्गकैम्प (नीदरलैंड्स)– 90वां मिनट
नीदरलैंड्सबनाम अर्जेंटीना, 1998 वर्ल्ड कप (क्वार्टरफाइनल). इतिहास गवाह है, दुनिया के सबसे महान खिलाड़ियों में असंभव दिखने वाले काम को आसान बनाने की क्षमता होती है. एक ऐसे ही असंभव दिखने वाले काम को बेहद सुंदरता से संभव कर दिखाया नीदरलैंड्स के स्टार फुटबॉलर डेनिस बर्गकैम्प ने. डेनिस बर्गकैम्प का नाम उन खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल है, जिन्होंने वर्ल्ड के मैंचों के दौरान आखिरी समय में अद्भुत गोल दागकर अपनी टीम की नैया जीत के साथ का पार किया है.
बर्गकैम्प को क्लब मैचों में उनके शानदार प्रदर्शन के अलावा 1998 फीफा वर्ल्ड के क्वार्टरफाइनल मुकाबले में अपनी टीम को जीत दिलाने वाले शानदारा गोल के कारण भी जाना जाता है. 1998 फीफा वर्ल्ड कप के दौरान अर्जेंटीना के खिलाफ खेले गए क्वॉटर फाइनल मुकाबले में उनके 90वें मिनट में दागे गए गोल ने नीदरलैंड्स को चैम्पियन बना डाला.
डेनिसबर्गकैम्प के फुटबॉल करियर की बात करें, तो उन्होंने आखिरीगेम 2006 का चैंपियंस लीग फाइनल था. इसमें वे अपनी टीम आर्सनल को बार्सिलोना से 2-1 से हारने से नहीं बचा सके. मैच के फर्स्ट हाफ में गोलकीपर जेन लेहमन को रेड कार्ड दिखा दिया गया था. इससे मैनेजर आर्सेन वेंगर के पास सिर्फ 2 ही सब्स्टिट्यूशंस बचे थे.
मैच के 84वें मिनट में उन्होंने होज़े एंटोनियो रेयेस को भेजा, लेकिन वे भी आर्सनल को हार से नहीं बचा पाए.
फैबियो ग्रोसो (इटली) – (119वां मिनट)
इटली बनाम जर्मनी, 2006 फीफा वर्ल्ड कप (सेमीफाइनल). 2006 फीफा वर्ल्ड कप जर्मनी में हुआ. इटली के कोच मार्सेलियो लिपी की टीम को टूर्नामेंट शुरू होने से पहले खिताब की दौड़ में शामिल नहीं माना जा रहा था. मगर इटली ने अपने मजबूत डिफेंस और मिडफिल्ड पर जबर्दस्त पकड़ से अपने आलोचकों को चुप करा दिया.
उस दौरान वर्ल्ड कप में इटली और जर्मनी का मुकाबला कुल 5 बार हुआ था, जिसमें इटली जर्मनी से कभी नहीं हारी. क्योंकि 5 में 3 मुकाबले इटली के नाम रहे थे, जबकि 2 मुकाबले टाई पर खत्म हुए थे.
2006 फीफा वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मुकाबला रोमांचक दौर पर था, क्योंकि निर्धारित समय तक कोई भी टीम गोल नहीं दाग पाई, लेकिन अतिरिक्त टाइम में इटली ने दो गोल दागे. इस मुकाबले में फैबियो ग्रोसो जीत के हीरो रहे जिन्होंने, मैच के 119वें मिनट में शानदार गोल दागकर इटली को फाइनल मुकाबले में पहुंचाया.
एन्ड्रेस इनिएस्टा (स्पेन) – 116वां मिनट
स्पेन बनाम नीदरलैंड्स, 2006 फीफा वर्ल्ड कप (फाइनल). स्पेन के 34 वर्षीय फुटबॉलर एंड्रेस इनिएस्टा तीन बार वर्ल्डकप (2006, 2010, 2014) में अपनी टीम का बागडोर संभाल चुके हैं. हालांकि, इस दौरान उनकी तरफ सिर्फ दो गोल ही निकले, लेकिन उन गोल की गिनती इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई.
एन्ड्रेस इनिएस्टा भी नीदरलैंड के खिलाफ एक निर्णायक गोल के साथ 2010 के विश्व कप अफ्रीका में स्पेनिश राष्ट्रीय टीम को खिताब जीताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हाल ही में स्पेनिश क्लब बार्सिलोना को छोड़कर जापानी क्लब विसेल कोबे से जुडऩे वाले इनिएस्टा का यह आखिरी वर्ल्डकप है.
पिछले वर्ल्डकप में चैंपियन स्पेनिश टीम नीदरलैंड्स और चिली से हारकर ग्रुप मुकाबलों में ही बाहर हो गई थी. इनिएस्टा पहले ही कह चुके हैं कि यह उनका आखिरी वर्ल्डकप होगा.
ऐसे में वो रूस में खेले जा रहे मौजूदा वर्ल्ड कप में अपनी टीम को ट्रॉफी दिलाने की कोशिश करेंगे.
मारियो गोत्जे (जर्मनी) – 113वां मिनट
जर्मनी बनाम अर्जेंटीना, 2014 फीफा वर्ल्ड कप (फाइनल)! 2014 का वर्ल्डकप किताब जर्मनी के नाम रहा, लेकिन उनकी जीत से ज्यादा अर्जेंटीना के सुपरस्टार लियोन मेसी के सपने के लिए जाना जाता है. इसे जर्मन टीम ने तोड़ दिया था.
विश्व कप का फाइनल जर्मनी और अर्जेटीना के बीच था.
हालांकि, इस बात से भी इंकार नहीं है कि जर्मनी के खिलाड़ी मारियो गोत्जे ने मैच के अतिरिक्त समय (113वें मिनट) में जो गोल दागा था. वो मेसी के सपने से बड़ा साबित हुआ. मोत्जे के इस गोल की बदौलत जर्मनी ने अपना चौथा खिताब हासिल किया.
जर्मनी ने 24 साल बाद ट्रॉफी अपने नाम की थी.
इससे पहले उसने 1990 में यह खिताब जीता था और इस जीत के लिए जर्मनी मारियो गोत्जे का हमेशा शुक्रगूजार रहेगा.
तो ये थे कुछ ऐसे मौके, जब आखिरी 5 मिनट में गोल दागकर अलग-अलग टीमों ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करवाया.
अगर आप भी ऐसे किसी गोल के बारे में जानते हैं तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: Fifa Worldcup History: Last Moment, Top Five Goals, Hindi Article
Feature image Credit: gamemedia