अगर आपको 80 के दशक के बेस्ट क्रिकेट प्लेयर्स की सूची बनाने कि लिए कहा जाए, तो आप उसमें सुनील गावस्कर, रवि शास्त्री जैसे कई नामों को जगह देंगे. किन्तु अगर आपसे कहा जाए कि किसी एक खिलाड़ी का नाम बताइए जिसने अकेले दम पर भारत को 1983 का विश्वकप जिताया, तो आपकी जुबान पर शायद सिर्फ कपिल देव का ही नाम होगा.
खास बात यह कि उन्होंने उस दौर में भारत को विश्वकप जितवाया, जब भारतीय क्रिकेट टीम विश्व क्रिकेट में अपना आधार मजबूत करने में लगी हुई थी. यूं तो कपिल देव को आपने खबरिया चैनलों समेत खेल के मैदान में अक्सर बोलते देखा होगा, पर चूंकि उन्हें क्रिकेट को अलविदा कहे हुए एक लंबा समय हो गया है, ऐसे में उनके जीवन की झलकियों को तस्वीरों में देखना दिलचस्प रहेगा–
कपिल देव का जन्म 06 जनवरी, 1959 को पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ. उनके पिता राम लाल निखांज एक ठेकेदार और माता राज कुमारी गृहणी थीं. कपिल के जन्म से पहले वह मूलतः रावलपिंडी में रहती थीं, किन्तु 1947 में विभाजन के दौरान वह भारत आ गए थे. (Pic: ESPNcricinfo)
थोड़े बड़े हुए तो उनके पिता जी ने उनका दाखिला डीएवी स्कूल में करा दिया, जहां से उन्होंने शुरुआती शिक्षा ग्रहण की. बाद में शिमला के सेंट एडवर्ड के स्कूल से उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा. (Pic: Timesnow)
कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही क्रिकेट में खासी दिलचस्पी थी, इसलिए उन्होंने छात्र जीवन से ही खेलना शुरु कर दिया था. कड़ी मेहनत और हुनर के चलते वह जल्द ही हरियाणा की तरफ से घरेलू क्रिकेट टीम में बतौर ऑल राउन्डर चयनित हो गए. (Pic: Daily.Social)
घरेलू क्रिकेट में कपिल देव का प्रदर्शन शानदार रहा तो भारतीय क्रिकेट की मुख्य टीम में उन्हें जगह मिल गई. इसी क्रम में 1 अक्टूबर, 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ उन्हें अपने करियर का पहला एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला. (Pic: India )
हालांकि, वह इस मैच में कुछ खास कर नहीं पाये थे. बावजूद इसके उन्हें इसी महीने पाकिस्तान के खिलाफ ही अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट मैच भी खिला दिया गया. (Pic: Mad…)
कपिल देव ने भारत की ओर से बल्लेबाजी करते हुए कुल 225 वनडे मैच खेले. इन मैचों में उन्होंने कुल 3783 रन बनाए. इस दौरान उनकी स्ट्राइक रेट 95.07 रही. वहीं टेस्ट क्रिकेट में कपिल ने भारत के लिए 131 मैच खेले. इनमें 31.05 की औसत से उन्होंने 5248 रन जोड़े. (Pic: ESPNcricinfo)
दूसरी तरफ उनकी गेंदबाजी के प्रदर्शन को देखें तो 225 वनडे मैचों में उन्होंने 253 विकेट लिए, वहीं उनके नाम टेस्ट में 434 विकेट दर्ज हैं, जो कई साल तक वर्ल्ड रिकॉर्ड रहा. उनके बाद जवागल श्रीनाथ, ज़हीर ख़ान और आशीष नेहरा जैसे गेंदबाज़ भी इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाए. (Pic: Thequint)
वह कितने महान खिलाड़ी थे, इसको इसी बात से समझा जा सकता है कि भारत ने उनकी ही कप्तानी में 1983 क्रिकेट विश्व कप जीता था, वह भी उस समय की नामी वेस्टइंडीज टीम को हराकर. (Pic:Bcci)
विश्वकप जीतने के बाद कपिल देव की ख्याति किसी बड़े स्टार से कम नहीं थी. उस समय की तात्कालिक प्रधानमंत्री रहीं इंदिरा गांधी समेत कई बड़े लोगों ने उनका सम्मान किया. (Pic: Khelnama)
1982 में उन्हें पद्मश्री, 1991 में पद्म भूषण और 2002 उन्हें विस्डेन भारतीय क्रिकेटर ऑफ सेंचुरी जैसे भारत के बड़े सम्मानों से सम्मानित किया गया. 1994 में कपिल देव ने क्रिकेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया. (Pic: Photodivision)
बाद में 1999 में उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम का कोच चुना गया. बतौर कोच वह असरदार नहीं रहे, तो उन्होंने इससे किनारा कर लिया. फिलहाल वह बतौर कमेंट्रेटर टीवी पर नज़र आते हैं. (Pic: Rediff Pages)
क्रिकेट करियर के बीच में ही कपिल के जीवन में रोमी भाटिया ने कदम रखा, जिनसे उन्होंने 1980 में शादी कर ली. उनसे उन्हें एक बेटी हुई, जिसका नाम अमिया है. (Pic: StarsUnfolded)
कपिल देव ‘इकबाल’ और ‘मुझसे शादी करोगी’ जैसी फिल्मों में अभिनय करते देखे गए. इसके अलावा कपिल देव पर फिक्सिंग का आरोप भी लगा, जोकि उनके पूर्व टीममेट मनोज प्रभाकर ने ही लगाए थे. हालांकि, कोर्ट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. (Pic: Thequint)
कुल मिलाकर क्रिकेट के लिए कपिल देव एक ऐसा नाम थे, जिन्होंने हर एक चुनौती को गले लगाया. फिर चाहे बात गेंदबाजी की हो, बल्लेबाजी की हो, या फिर फील्डिंग की, हर क्षेत्र में उन्होंने आगे बढ़कर खुद को प्रमाणित किया और अपने खेल से क्रिकेट इतिहास के पन्ने में अपना नाम दर्ज कराया.
Web Title: Greatest Cricketing All-Rounder Kapil Dev, Photo Story
Feature Image Credit: Yahoocricket