‘जरा सोचिए कोई खिलाड़ी 295 के स्कोर पर बैटिंग कर रहा हो और उसका सीनियर खिलाड़ी कहे कि जरा ध्यान से, तुम तेहरे शतक के एकदम करीब हो…
ऐसे में आमतौर पर कोई भी खिलाड़ी क्या करेगा?
निश्चित तौर पर ध्यान से खेलने की कोशिश करेगा, ताकि वह इतिहास बना सके!
किन्तु, ऐसे नाजुक मौके पर कोई खिलाड़ी अगर यह कहे कि पाजी मैंने सोच लिया है, इस गेंद पर मैं छक्का मारूंगा, परिणाम चाहे जो हो… तो सीनियर खिलाड़ी के रिएक्शन की कल्पना सहज ही की जा सकती है.
आखिर हैरान होने वाली बात ही है!
पर यह सच है… भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा एक खिलाड़ी हुआ, जिसने आक्रामक बल्लेबाजी को एक नया आयाम दिया. वह खिलाड़ी कोई और नहीं ‘नजफगढ़ के नवाब’ वीरेंद्र सहवाग हैं.
यूं तो उन्होंने अपने करियर में कई सारी यादगार पारिया खेलीं, लेकिन अगर उनमें से किसी एक की बात करनी हो, तो निश्चित तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई उनकी 309 रन की वह पारी याद आती है, जिसने उन्हें मुल्तान का सुल्तान बनाया.
तो आईये जानने की कोशिश करते हैं कि 2004 को मुल्तान के मैदान पर किस तरह वीरू पाकिस्तानी गेंदबाजों पर क़हर बन टूट पड़े थे–
‘आकाश’ के साथ शुरुआत
2004 में, भारत ने पाकिस्तान का दौरा किया. एक लंबे अंतराल के बाद पाकिस्तान टीम अपने होम ग्राउंड पर भारत के साथ खेल रही थी.
मुल्तान में तीन मैचों की श्रृंखला के पहले टेस्ट मैच का मौका था. सारा मैदान दर्शकोंं से भरा पड़ा था. टी.वी. पर भी एक बड़ी संख्या में लोग इस मैच का मजा लेने के लिए बैठे थे.
खेल शुरु होने से पहले टॉस के लिए सिक्का उछाला गया. भारत ने टॉस जीत लिया था. सब चाहते थे कि भारत पहले बल्लेबाजी करे क्योंंकि पिच बैटिंग के अनुकूल थी. राहुल द्रविड़ ने निराश न करते हुए पहले बल्लेबाजी करने का ही फैसला किया. आकाश चोपड़ा के साथ वीरेंद्र सहवाग ओपनिंग करने के लिए उतरे तो सारा मैदान वीरु-वीरु के शोर से गूंज उठा. वीरु ने मुस्कुराते हुए दर्शकों का अभिवादन किया.
Virender Sehwag and Rahul Dravid (Pic: cricket.yahoo)
फिर आया ‘तूफान’
मैच शुरु होते ही सहवाग ने अपना खेल दिखाना शुरु कर दिया. देखते ही देखते उन्होंने चौकों की झड़ी लगा दी. लग ही नहीं रहा था कि वह टेस्ट मैच खेल रहे थे. पहला विकेट गिरने के पहले टीम इंडिया के स्कोर बोर्ड पर करीबन 160 रन लग चुके थे. भारतीय ओपनर्स द्वारा भारत के लिए यह एक अच्छी शुरुआत थी.
हालांकि, बीच में पाकिस्तान ने जल्दी-जल्दी दो विकेट लेकर कुछ देर के लिए भारत को थोड़ा बैकफुट पर जरूर धकेला, किन्तु वह सहवाग के तूफान को नहीं रोक पाए.
रही सही कसर सचिन ने आकर पूरी कर दी. सचिन-सहवाग दोनों ने मिलकर पाकिस्तान के गेंदबाजी आक्रमण के प्रति कोई दया नहीं दिखायी. दोनों ने तीसरे विकेट के लिए एक बड़ी साझेदारी की.
पाकिस्तान के गेंदबाजोंं की पिटाई करते हुए सहवाग बिल्कुल बेखौफ नज़र आ रहे थे, पर सच तो यह था कि वह अपने चयन को लेकर चिंतित थे. असल में इस दौरे से पहले के प्रदर्शन से वह खुश नहीं थे. वह लगातार चार एकदिवसीय मैचों में एक भी रन नहीं बना पाये थे.
इस लिहाज से उनके दिमाग में था कि अगर वह इस मैच में बड़ा स्कोर नहीं करते तो, हो सकता है कि चयनकर्ता उन्हें आगे के लिए ड्रॉप कर दें!
खैर, इन सबसे पार पाते हुए सहवाग ने पहली पारी के पहले दिन में ही 228 रन ठोक दिये.
Sehwag Hit Six (Pic: withaneagle)
…और फिर नाम मिला ‘मुल्तान के सुल्तान’
अगले दिन का खेल शुरु हुआ तो पाकिस्तानी गेंदबाजों ने सोचा कि सहवाग को जल्दी आउट कर लिया जाये. इसके लिए उन्होंने अपने सारे धुरंधर गेंदबाजोंं को लगा दिया.
पर सहवाग कहां रुकने वाले थे!
उनके बल्ले से लगातार रन निकलते रहे. गजब तो तब हो गया, जब वह 280 के निजी स्कोर पर पहुंच गये.
तेंदुलकर ने उनके पास जाकर कहा, वीरु ‘क्या आप जानते हैं कि यदि आप दो और रन बनाते हैं तो आप किसी भारतीय द्वारा सबसे ज्यादा स्कोर करने वाले लक्ष्मण का रिकॉर्ड तोड़ देंगे?’ आपको ध्यान से खेलने की जरूरत है.
सहवाग ने मुस्कुराते हुए कहा, ओके पाजी!
खैर, सहवाग को करना तो अपने ही मन का था. उन्होंंने अगली ही गेंद में स्लिप और कीपर के बीच में शॉट लगा दिया, जो बाउंड्री पर जा लगा.
आगे भी सहवाग का बल्ला यूं ही चलता रहा और वह अपने तिहरे शतक के बिल्कुल नजदीक पहुंच गये. वह इतिहास रचने से महज 5 रन पीछे थे.
सचिन ने उनके पास जाकर फिर से धैर्य से बैंटिंग करने को कहा, तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि पाजी यह गेंद धीमी आये या तेज… जो भी हो मैं बाहर निकलूंगा और छः रन के लिए जाऊंगा!
सचिन ने कहा, वीरु तुम पागल हो!
सहवाग ने ऐसा ही किया और बाहर निकलते हुए छक्के के साथ अपना तिहरा शतक पूरा किया.
हालाँकि, इसके बाद वह सिर्फ 9 रन ही जोड़ पाये और इस तरह से उन्होंने 309 रन का निजी स्कोर कर अपने नाम एक नया कीर्तिमान रच लिया और… तब से ही मुल्तान के सुल्तान के रूप में विख्यात हुए.
Sehwag became’Multan Ka Sultan’ (Pic: alloutcricket)
इस मैच में उनके साथ बैटिंग कर रहे सचिन भी 194 रन के साथ नाबाद रहे और भारत ने 675 रनों का विशाल स्कोर बनाया.
बाद में पाकिस्तान की बल्लेबाजी लाइन ने भारतीय गेंदबाजी की कमर तोड़ने की कोशिश की, लेकिन वह 407 रनों तक ही पहुंच सके. भारत को 268 रन की बढ़त मिली तो, उन्होंंने पाकिस्तान को फॉलो-ऑन खिला दिया.
यह मैच लगभग भारत जीत चुका था, फिर भी पाकिस्तान ने अपना दम खम दिखाया और पूरी जान लगा दी. हालांकि, वह अब मैच जीतने नहीं बल्कि, मैच को ड्रा कराने के लिए खेल रहे थे. एक पल के लिए लग रहा था कि वह सफल हो जायेंगे, किन्तु, अनिल कुंबले ने उनके इरादों पर पानी फेर दिया. उन्होंने छः विकेट लेकर मैच भारत के नाम कर दिया.
पाकिस्तान पूरी कोशिशों के बावजूद दूसरी पारी में 216 रनों तक ही पहुंच सका. इस तरह भारत ने इस मुकाबले को एक पारी और 52 रन से जीत लिया. बाद में 2-1 से इस श्रृंखला पर भी भारत का कब्जा रहा.
जाहिर तौर पर वीरेंदर सहवाग के फौलादी इरादों ने न केवल उन्हें ‘मुल्तान का सुल्तान’ बनाया, बल्कि भारत को एक महत्वपूर्ण सीरिज में जीत भी दिलाई, वह भी प्रतिद्वंदी के मैदान पर ही!
Web Title: How Sehwag became’Multan Ka Sultan’, Hindi Article
Featured Image Credit: scoopwhoop