हाल फिलहाल एक ऐसी खबर सुनने को मिली, जो लम्बे समय तक सुकून देने वाली है.
जी, हां! यहां बात हो रही है अंडर-19 विश्व कप में भारत के शानदार जीत की. यह जीत इस मायने में ज्यादा खास इसलिए है, क्योंकि भारत इस जीत के साथ सबसे ज्यादा चार बार विश्व कप जीतने वाली टीम बन चुकी है.
निश्चित तौर पर इस टीम को यहां तक पहुंचाने का श्रेय राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन को जाता है. एक ओर जहां लोग उनकी तारीफ करते दिख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बीसीसीआई ने तो उन्हें पचास लाख रुपये की इनाम राशि देने की घोषणा कर दी है.
पर चूंकि, टीम की विजय पताका मैदान पर खेलने वाले खिलाड़ियों ने ही फहराई है, इसलिए भारतीय क्रिकेट के इन नए पौधों को जानना सामयिक रहेगा–
पृथ्वी शॉ
अंडर-19 विश्व कप 2018 टीम इंडिया के लिए अगुवाई करने वाले पृथ्वी शॉ मुंबई से आते हैं. वह पहली बार सुर्खियों में तब आए, जब मुंबई स्थित हरिस शील्ड एलिट डिवीजन के एक मैच में उन्होंने 546 रनों की रिकॉर्ड पारी खेली.
दिलचस्प बात तो यह है कि इस समय वह महज 14 साल के थे. इस उम्र में ऐसे प्रदर्शन के कारण उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की जाने लगी थी. बाद में जल्द ही वह पहले टीम इंडिया की जूनियर टीम का हिस्सा बने, फिर कप्तान.
इसी कड़ी में शाह की अगुवाई में जब जूनियर टीम इंडिया अपना 2018 का विश्व कप खेलने पहुंची, तो उनसे बहुत उम्मीदें की जा रही थी.
वह इन उम्मीदों पर खरे उतरे.
इस प्रतियोगिता में टीम इंडिया का एक भी मैच न हारना इसको प्रमाणित करता है.
अंडर-19 विश्व कप में उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन की बात करें तो शाह ने पहले ही मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 94 रन की शानदार पारी खेली. आगे भी उनका बल्ला चलता रहा और उन्होंने सिलसिलेवार 57, 40, 40 रन बनाए.
फाइनल मुकाबले में भी अपना जलवा दिखाते हुए उन्होंने टीम के लिए 29 रन जोड़े. बैटिंग के अलावा फिल्डिंग में भी उनका दबदबा रहा. स्लिप्स में खड़े होकर उन्होंने कई शानदार कैच पकड़े. यही नहीं पूरी प्रतियोगिता में उन्होंने टीम को एकजुट रखा.
नतीजा यह रहा कि अंडर-19 विश्व कप-2018 पर भारत का कब्जा हो गया.
Prithvi Shaw with Rahul (Pic: Mumbai Mirror)
शुभमन गिल
शुभमन गिल पंजाब के फिरोजपुर के निवासी हैं.
इस टूर्नामेंट से पहले शुभमन पंजाब की रणजी टीम का हिस्सा रहे. उन्होंने शुरुआत में अपने खेले गए दो रणजी मैचों में 61.25 की औसत से 245 रन बनाकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. 245 के उनके स्कोर में एक शतक भी शामिल था.
इसके बाद वह जब अंडर -19 टीम का हिस्सा बने तो उन्होंने 2017 में इंग्लैंड का दौरा किया. इसमें शुभमन ने पांच मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 92.66 के औसत से 278 रन ठोककर बता दिया कि उन्हें टीम में क्यों चुना गया था.
उनका बल्ला हाल ही में खत्म हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में विरोधी गेंदबाजों पर जमकर बरसा. इस टूर्नामेंट में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 63, ज़िम्बाब्वे के खिलाफ नाबाद 90, बांग्लादेश के खिलाफ 86 और पाकिस्तान के खिलाफ शानदार 102 रन की शतकीय पारी खेलते हुए लोगों को अपना दीवाना बना दिया.
बस अंतिम ही मैच ऐसा रहा, जिसमें उन्होंने 50 से कम रन बनाए. इसमें वह 31 रन के निजी स्कोर पर आउट हो गए थे. इस तरह उन्होंने टूर्नामेंट में कुल 372 रन बनाए. बताते चलें कि वह इस वर्ल्ड कप के मैन-ऑफ़-द-सीरीज़ भी घोषित किए गए.
शुभमन के इस प्रदर्शन का फायदा उन्हें आईपीएल में मिलेगा. केकेआर ने उन्हें खरीद रखा है और इस आईपीएल में उन पर काफ़ी नज़रें जमी होंगी.
Shubman Gill (Pic: Dinamani)
मनजोत कालरा
मनजोत कालरा दिल्ली के हैं. वह पहली बार उस समय सुर्खियों में आए, जब उन्होंने अंडर -19 टीम की ओर से खेलते हुए 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ एक मैच के दौरान शतक ठोक दिया. यही नहीं वह उसी साल कूच बिहार अंडर-19 ट्रॉफी में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे.
उन्होंने उस टूर्नामेंट में कुल आठ खेलों में 742 रन बनाए थे.
इस लिहाज से उनसे अंडर-19 विश्व कप में भी खासी उम्मीदें थी, जिस पर वह खरे उतरे. अंतिम मुकाबले में आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेंचुरी मारकर वह जीत के हीरो बन गए. इससे पूर्व, पहले मैच में भी उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों की धुनाई करते हुए 86 रनों की पारी खेली थी. पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने कुल 187 रन बनाए.
जिस तरह की वह लय में नज़र आ रहे हैं, उसको देखते हुए आईपीएल में उन्हें खासी मदद मिलेगी, इस बात में दो राय नहीं!
दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन पर भरोसा दिखाते हुए इस सत्र-2018 में उन्हें अपनी टीम का हिस्सा बनाया है.
Manjot Kalra (Pic: Hindustan )
अभिषेक शर्मा
शर्मा पंजाब के अमृतसर में पैदा हुए अभिषेक, अंडर-19 टीम के एक अनुभवी खिलाड़ी बताए जाते हैं. बताते चलें कि वह अंडर-19 विश्वकप से पहले एशिया कप में टीम की कप्तानी कर चुके हैं. वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी खिलाड़ी हैं. बाएं हाथ के बल्लेबाज़ी के साथ-साथ उनके पास गेंजबाजी का हुनर भी है.
अंडर-16 के लिए खेलते हुए उन्होंने विजय मर्चेंट ट्रॉफी-2016 के संस्करण में सर्वाधिक विकेट चटकाए थे. इसी के दम पर वह 2017 में पंजाब रणजी ट्राफी टीम में शामिल किए गए. इंग्लैंड दौरे के दौरान अभिषेक ने अच्छा प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 98 रन बनाए और चार मैचों में सात विकेट लिए.
इस टूर्नामेंट में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा. हालांकि, अंतिम मुकाबले में उनको बैटिंग का मौका नहीं मिला. असल में उनके साथी मनजोत कालरा और हार्विक देसाई ने 38.5 ओवर में ही मैच भारत के नाम कर दिया था.
Abhishek Sharma with Anil kumble (Pic: StarsUnfolded)
हार्विक देसाई
हार्विक देसाई सौराष्ट्र के हैं.
26 फरवरी 2017 को उन्होंने अपना प्रथम श्रेणी मैच खेला. इस विश्व कप में वह जूनियर टीम इंडिया के साथ बतौर विकेट कीपर खेले. उनके प्रदर्शन की बात करें, तो उनका प्रदर्शन औसत ही रहा, किन्तु आखिरी मैच में उन्होंने महत्वपूर्ण पारी खेली.
शुभमन गिल और पृथ्वी शाह के आउट होने के बाद उन्होंने अपने साथी मनजोत कालरा के साथ आखिरी वक्त तक बल्लेबाजी की. अपनी इस पारी में उन्होंने 61 गेंदों का सामना करते हुए 77.05 की औसत से 47 रनों का योगदान दिया.
Harvik Desai leaps after taking a cat (Pic: ESPNcricinfo)
कमलेश नगरकोटि
कमलेश नगरकोटी राजस्थान की मिट्टी से आते हैं. उन्हें इस टूर्नामेंट की खोज कहा जा सकता है. 150 किमी प्रति घंटे वाली तेज रफ्तार गेंद से उन्होंने लोगों को अपना मुरीद बनाया. विरोधी टीम के बल्लेबाज उनके सामने इस टूर्नामेंट में फीके नज़र आए. स्पीड के साथ-साथ उनके पास तेजी के साथ-साथ अच्छी स्विंग और यॉर्कर भी है.
यही वजह है कि वह डेथ ओवर में खासे प्रभावी रहे. इस टूर्नामेंट में उन्होंने जबर्दस्त गेंदबाजी करते हुए 5 मैच में 9 विकेट अपने नाम किए.
अब चूंकि, आईपीएल नजदीक है और केकेआर ने उन पर दांव लगाया है, इसलिए देखना दिलचस्प होगा कि वह वहां कितने असरदार साबित होते हैं.
Kamlesh Nagarkoti (Pic: Himalayan)
शिवम मावी
शिवम मावी उत्तर प्रदेश के नोएडा से आते हैं.
वह शुरुआती ओवर में ही सफलता दिलाने के लिए मशहूर हैं. मावी की 140 किमी प्रति घंटा की रफ्तार वाली तेज गेंदों के सामने विरोधी बल्लेबाज घुटने टेकते दिखे. टूर्नामेंट में शिवम का जलवा रहा. इस वर्ल्ड कप में उन्होंने 9 विकेट उड़ाए. दिलचस्प बात यह है कि पाकिस्तान के खिलाफ इन्हें सिर्फ 4 ओवर फेंकने को मिले थे, उसमें से तीन मेडन थे.
वर्ल्ड कप के बाद वह केकेआर की तरफ से आईपीएल में अपना जलवा दिखाएंगे. केकेआर ने इन्हें तीन करोड़ रुपए की भारी भरकम राशि में खरीदा है. उम्मीद है कि शिवम की शिरकत से केकेआर की गेंदबादी को बल मिलेगा.
Shivam Mavi (Pic: ESPNcricinfo)
रियान पराग
रियान पराग असम से खेलते हैं. वह महज अभी 16 साल के हैं.
नवम्बर 2017 में उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया. अंडर-19 विश्व कप की बात की जाए तो इस टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन औसत रहा, किन्तु वह टीम के संतुलित प्लेयर थे. पाकिस्तान के खिलाफ वह काफी घातक दिखे.
गेंदबाजी करते हुए उन्होंने 2 विकेट चटकाकर टीम को मजबूती प्रदान की. गेंद और बल्ले दोनों से उन्होंने टीम को अपना योगदान दिया. बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने जहां, 18 रन बनाए, वहीं गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट अपने नाम दर्ज कराए.
Riyan Parag (Pic: NorthEastIndia.com)
इशान पोरेल
ईशान का पूरा नाम ईशान चंद्रनाथ पोरेल है. वह बेस्ट बंगाल के हूघली के रहने वाले हैं. इस टूर्नामेंट में उन्हें टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक माना गया. वह एक तेज गेंदबाज हैं. नवंबर 2017 में रणजी ट्रॉफी में उन्होंने अपने करियर की पहली सीरीज खेलते हुए पांच पारियों में 13 विकेट लिए थे.
इसके बाद से ही वह चयनकर्ताओं की नज़र में आ गए थे. बाद में कुछ और मौकों पर उनका प्रदर्शन ऐसा ही रहा, तो उन्हें अंडर-19 वर्ल्ड टीम का हिस्सा बनने का मौका मिला. इस मौके को उन्होंने खूब भुनाया और संतोषजनक प्रदर्शन किया.
इस टूर्नामेंट में उन्होंने 10 विकेट चटकाए.
Ishan Porel (Pic: indianexpress.com)
अनुकूल रॉय
अनुकूल रॉय बिहार के समस्तीपुर जिले के एक गांव से आते हैं. 2008 में उन्हें सबसे पहले वीनू मांकड़ ट्रॉफी में बिहार क्रिकेट टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला. इसके बाद वह झारखंड के अंडर-16 टीम का सदस्य बने और बाद में अंडर-19 का हिस्सा बने.
इस टूर्नामेंट में वह एक स्टार खिलाड़ी बनकर उभरे हैं. बल्ले और गेंद दोनों से उन्होंने प्रभावित किया. विशेष रूप से पाकिस्तान के खिलाफ 33 और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 28 रन बनाकर उन्होंने अपने बल्ले का हुनर दिखाया.
वहीं भारत की तरफ से सबसे ज्यादा 14 विकेट लेने वाले खिलाड़ी भी बने.
Anukul Roy (Pic: India.com)
शिव सिंह
शिव सिंह, अनुकूल रॉय की ही तरह बाएं हाथ के स्पिनर हैं, वह उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के हैं. उनके कंधों पर स्पिन डिपार्टमेंट की अगुवाई करने की ज़िम्मेदारी थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया. इस टूर्नामेंट में उन्होंने 4 विकेट चटकाए.
Shiv Singh (Pic: Zimbio)
ये तो थे फाइनल में खेलने वाले सितारे, किन्तु इनके अलावा भी कई और युवा टीम के साथ इस टूर्नामेंट का हिस्सा रहे, जिनके योगदान को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता.
इन युवाओं में हरियाणा के हिमांशु राना, मध्य प्रदेश के अरशदीप सिंह व आरयन जुयल, विदर्भ के आदित्य ठाकरे और पंकज यादव का नाम आता है.
आप इन युवा खिलाड़ियों के योगदान को किस प्रकार देखते हैं, अवश्य बताएं!
Web Title: ICC Under-19 2008 World Cup winning Players, Hindi Article
Feature Image Credit:DNA India