क्रिकेट पंसदीदा लोगों के लिए आईपीएल किसी महोत्सव से कम नहीं है. इस फॉर्मेट में वह सबकुछ है, जो एक दर्शक को चाहिए!
जैसा कि सबको मालूम है कि आईपीएल में विभिन्न फ्रेंचाइस हैं. ये अपनी टीमों के लिए अलग-अलग खिलाड़ियों को पैसे देकर कॉन्ट्रैक्ट पर रखती हैं. बदले में खिलाड़ी उनके लिए जी जान लगा देते हैं. बताते चलें कि खिलाड़ियों का नीलामी मूल्य उनके रिकॉर्ड और वर्तमान के प्रदर्शन के आधार पर तय होता है. मतलब, जो जितना अच्छा प्रदर्शन करता है, उस पर उतना ही ज्यादा पैसा बरसता है.
किन्तु, ज्यादातार देखा गया है कि महंगे दामों पर बिकने के बावजूद कई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं. इस आईपीएल सीजन में भी कई ऐसे बड़े नाम हुए, जो अपने नाम के मुताबिक खेल नहीं दिखा पाए, जबकि उन पर दूसरों की तुलना में जमकर पैसा बरसा.
तो आईए जानते हैं कि वह मंहगे खिलाड़ी कौन रहे, जो सुपर फ्लॉप साबित हुए.
बेन स्टोक्स
इस सूची में पहला नाम है बेन स्टोक्स का!
वही बेन स्टोक्स, जिन्होंने पिछले तीन-चार वर्षों में क्रिकेट जगत में अपना अलग ही नाम स्थापित किया है. टी ट्वेंटी फॉर्मेट के लिए तो वे सबसे उपयुक्त माने जाते हैं. कारण यह है कि न केवल वे धुंआधार बल्लेबाजी करते हैं, बल्कि डेथ ओवरों में किफायती गेंदबाजी करके विकेट भी चटका देते हैं. अब बचती है फील्डिंग, उसमें भी वह किसी से कम नहीं है!
पिछले वर्ष के आईपीएल सीजन में उन्होंने इसे प्रमाणित भी किया. वर्ष 2017 के आईपील में उन्होंने राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स की तरफ से खेलते हुए 12 मैचों में 316 रन बनाए. इनका स्ट्राइक रेट 142 का रहा और इन्होंने एक नाबाद शतकीय पारी भी खेली थी. वहीं गेंदबाजी में भी इन्होंने 12 विकेट चटकाए. इस दौरान इनका इकॉनमी रेट 7.18 रहा, जोकि टी ट्वेंटी के हिसाब से बहुत अच्छा माना जाएगा.
हालांकि, 26 वर्षीय स्टोक्स इस बार कुछ खास नहीं कर पाए. इस बार के आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें साढ़े बारह करोड़ रूपए में ख़रीदा था. रॉयल्स के तरफ से खेले गए 13 मैचों में स्टोक्स केवल 196 रन बना पाए. इस दौरान उनका औसत केवल 16 का रहा और उनके बल्ले से केवल 13 चौके और 6 छक्के निकले. वहीं गेंदबाजी में भी वे केवल 8 विकेट ही निकाल पाए. इस दौरान उनका इकॉनमी रेट भी बढ़कर 8.18 हो गया.
इस तरह इस बार वे अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन करने में असफल रहे. अगर अच्छा प्रदर्शन करते तो शायद उनकी टीम की कहानी कुछ और होती.
जयदेव उनादकट
बेन स्टोक्स की तरह जयदेव उनादकट का नाम क्रिकेट जगत में उतना विख्यात नहीं था और ना ही ये स्टोक्स की तरह कोई आलराउंडर हैं. ये तो मध्यम गति के बाएँ हाथ के गेंदबाज हैं. अपनी गेंदबाजी से ही 2017 के आईपीएल में असाधारण प्रदर्शन करते हुए जयदेव ने सबको अचंभित कर दिया.
2017 के आईपीएल में 12 मैचों में जयदेव ने 24 विकेट झटके. इस दौरान इनका इकॉनमी रेट 7.02 रहा. वहीं इनका बेस्ट 5/30 रहा. बाए हाथ से फेंकी गई इनकी स्लोवर कटर गेंदे बड़े-बड़े बल्लेबाजों को चकमा देती रहीं. इसी प्रदर्शन के आधार पर उन्हें निधास ट्राफी के लिए चयनित किया गया. इसमें भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया और 4 मैचों में 7 विकेट झटके.
इस प्रदर्शन को देखते हुए ही राजस्थान रॉयल्स ने इस बार इन्हें साढ़े ग्यारह करोड़ में खरीदा, लेकिन ये उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन करने में नाकामयाब रहे. कुल खेले गए 15 मैचों में ये केवल 11 विकेट ही झटक पाए और 9.65 के इकॉनमी रेट से 486 रन लुटाए.
मनीष पाण्डेय
डेविड वार्नर के आईपीएल से बाहर हो जाने के बाद मनीष पाण्डेय से उनकी टीम को बहुत उम्मीदें थीं. आखिर हो भी क्यों ना! इन्होंने बीते कुछ वक्त में लगातार अच्छा प्रदर्शन जो किया है. बात चाहें आईपीएल की हो या फिर अन्तर्राष्ट्रीय मैचों की, इनका बल्ला जमकर बोला है.
इसी उम्मीद में सनराइजर्स हैदरबाद ने इन्हें ग्यारह करोड़ रूपए में ख़रीदा था, लेकिन ये भी अपने मूल्य के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए. कुल खेले गए 15 मैचों में ये केवल 284 रन बना पाए. इस दौरान इनका औसत केवल 25 का रहा और स्ट्राइक रेट भी गिरकर 115 का हो गया.
वहीं पिछले आईपीएल में इन्होंने 386 रन बनाए थे.
ग्लेन मैक्सवेल
कहते हैं कि मैक्सवेल का बल्ला अगर चल जाए, तो विश्व का अच्छे से अच्छा गेंदबाज भी पानी मांग जाता है. खासकर टी ट्वेंटी फॉर्मेट में तो मैक्सवेल ने गेंदबाजों के दिलों में अपनी अलग ही दहशत बनाई हुई है. चौके-छक्के तो उनके बल्ले से बड़ी आसानी से निकलते हैं.
इसके अलावा ये ठीक-ठाक गेंदबाजी भी कर लेते हैं और फील्डिंग में तो खैर ये माहिर हैं हीं. इनकी इन्हीं बातों को देखकर हर टीम इन्हें अपने खेमे में देखना चाहती है. इस बार दिल्ली डेयरडेविल्स ने इन्हें नौ करोड़ रूपए में ख़रीदा.
इस आईपीएल के ठीक पहले हुई बिग बैश लीग में मैक्सवेल ने धुआंधार बल्लेबाजी की थी. उन्होंने मेलबर्न स्टार्स की तरफ से खेलते हुए 9 मैचों में 299 रन बनाए. इस प्रदर्शन को देखते हुए लग रहा था कि ये दिल्ली की टीम को काफी फयदा पहुचाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं.
जैसे-जैसे दिल्ली का प्रदर्शन गिरता गया, वैसे-वैसे मैक्सवेल की फॉर्म भी गिरती गई. इन्होंने इस बार 12 मैच खेले और केवल 169 रन बनाए. इस दौरान इनका औसत भी केवल 14 का रहा और गेंदबाजी में भी ये केवल 5 विकेट झटक पाए.
रवीन्द्र जडेजा
रवीन्द्र जडेजा जडेजा पिछले कुछ समय से अपनी खराब फॉर्म से जूझते रहे हैं. इस कारण उन्हें राष्ट्रीय टीम में भी अपनी जगह खोनी पड़ी. इसे देखकर लग नहीं रहा था कि चेन्नई सुपरकिंग्स जडेजा को अपने साथ रखेगी, लेकिन टीम ने जडेजा के पुराने रिकॉर्ड को देखते हुए उनपर भरोसा जताया. यही कारण रहा कि उन्हें सात करोड़ रूपए में अपनी टीम में रखा. उम्मीद थी कि जडेजा अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
किन्तु, इन सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया. कुल खेले 16 मैचों में ये केवल 89 रन ही बना पाए. इस दौरान इनका औसत केवल 17 का रहा. इनका स्ट्राइक रेट भी केवल 120 का रहा. जडेजा का जैसा कद है, उस हिसाब से इस प्रदर्शन को बहुत ही मामूली कहा जाएगा.
वहीँ गेंदबाजी में भी ये कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए. इस आईपीएल में ये केवल 11 विकेट ही झटक पाए.
रॉबिन उथ्प्पा
रॉबिन उथ्प्पा अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है. इसके अलावा वह विकेटों के पीछे भी अपनी टीम को मजबूत करते हैं. यानी कि बतौर विकेटकीपर हिट रहते है. यही कारण है कि आईपीएल शुरू होती ही दूसरी टीमों की उन पर नज़र रहती है.
इस सीजन को ले लीजिए राजस्थान रॉयल्स और मुंबई इंडियंस ने लास्ट तक कोशिश की, कि वह उनकी टीम का हिस्सा बन जाए. किन्तु, आखिरकार 6.40 करोड़ की कीमत देकर उन्हें अपना बना लिया. उम्मीद जातई जा रही थी कि वह केकेआर के लिए मजबूत कड़ी बनेगें, पर ऐसा हुआ नहीं.(
इस सीजन में उन्होंने 16 मैच खेल, जिनमें महज 22 की अवसत से वह सिर्फ 351 ही जोड़ पाए, जो कम से कम उथ्प्पा को तो शोभा नहीं देता!
तो ये थे वे खिलाड़ी, जिन्हें इस बार के आईपीएल में बड़ी रकम मिली, लेकिन वे उसके अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाए.
अगर आपके पास भी ऐसा कोई नाम, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं.
Web Title: IPL 2018: Most Expensive Players Who Didn’t Perform Well, Hindi Article
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